महिमा चौधरी: फिल्म परदेश की वो मासूम लड़की |
भारतीय सिनेमा अनगिनत किस्से, कहानियों और कई वाक़ियात से भरे एक युग को खुद में समेटे हुए है।
जहां हर कोई कुछ बड़ा करने और बड़ा बनने के लिए आता है।
इनमें से कुछ लोग जहां इस आसमान का ध्रुव तारा बनकर हमेशा चमकते रहते हैं तो वहीं कुछ लोग इस चमकती दुनिया में लाखों तारों के बीच ही दबकर रह जाते हैं जिन्हें समय की मांग और नये लोगों की जरूरत एक पल में आसमान से तोड़कर जमींदोज कर सकती हैं।
आज हम बात करने वाले बॉलीवुड की खूबसूरत अभिनेत्री महिमा चौधरी के बारे में।
13 सितंबर 1973 को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग शहर की वादियों के बीच एक जाट पिता और नेपाली मां के घर जन्मी महिमा चौधरी का असली नाम रितु चौधरी है।
महिमा चौधरी ने अपनी पढ़ाई दार्जिलिंग की लोरेटो कोलेज से पुरी की थी, जिसके बाद इनका रुख मोडलिंग की तरफ बढ़ने लगा जिसके चलते इन्होंने कई टीवी एड्स में भी काम किया।
अपने ऐड फिल्म करियर में महिमा चौधरी का सबसे फेमस एड पेप्सी के लिए था जिसमें इन्होंने आमिर खान और ऐश्वर्या राय के साथ काम किया था।
महिमा चौधरी ने अपने मोडलिंग करियर के दौरान मिस इंडिया प्रतियोगिता में भी भाग लिया था जिसके चलते वो इस दुनिया में एक बड़ा नाम बन गई थी।
मोडलिंग के बाद महिमा चौधरी ने एक म्यूजिक चैनल के लिए वीजे के तौर पर भी काम किया था।
इसी बीच महिमा चौधरी को फिल्म निर्माता विधु विनोद चोपड़ा ने अपनी फिल्म करीब में काम करने का ओफर दिया जिसे महिमा चौधरी ने एक्सेप्ट भी कर लिया था।
फिल्म करीब के लिए जिस समय रिहर्सल का दौर चल रहा था उसी दौरान सुभाष घई की नजर महिमा चौधरी पर पड़ी जो उस समय अपनी अगली फिल्म परदेश पर काम कर रहे थे।
सुभाष घई ने महिमा चौधरी को मिलने के लिए बुलाया लेकिन महिमा चौधरी कुछ दिनों तक उनसे मिलने नहीं गई क्योंकि सुभाष घई अपनी फिल्म परदेश के लिए लगभग 3000 नये चेहरों का ओडीशन ले रहे थे जिसमें उस समय के सबसे खूबसूरत चेहरों के नाम भी शामिल थे।
और ऐसे में खुद का सलेक्शन महिमा चौधरी को मुश्किल लग रहा था।
कुछ समय तक इस फिल्म को टालने के बाद भी जब इन्हें सुभाष घई की तरफ से बुलावे आते रहे तो इन्होंने एक बार मिलने का मन बनाया और सुभाष घई के आफीस चली गई।
कुछ देर तक विचार विमर्श करने के बाद महिमा चौधरी को फिल्म परदेश के लिए साइन कर लिया गया और इस तरह 3000 लोगों की भीड़ में से निकला वो चेहरा जिसने 90’s के दौर में सभी को अपना दीवाना बना दिया था।
दूसरी तरफ फिल्म करीब में महिमा चौधरी की जगह बोबी दयोल के अपोजिट शबाना रजा नाम की एक नई लड़की को सलेक्ट कर लिया गया जो आज अभिनेता मनोज वाजपेई की पत्नी हैं।
8 अगस्त 1997 को फिल्म परदेश सिनेमा घरों में रिलीज हुई जिसके बाद महिमा चौधरी का नाम हर किसी की जुबान पर चढ़ गया था, गंगा के किरदार की मासूमियत ने हर किसीको इनका दीवाना बना दिया था।
और इसी दीवानगी के चलते महिमा चौधरी को साल 1998 में परदेश फिल्म के लिए बेस्ट डेब्यूटेंट का अवार्ड भी दिया गया।
महिमा चौधरी को स्टारडम से रुबरु करवाने का श्रेय जहां सुभाष घई को दिया जाता है तो वहीं रितु चौधरी को महिमा चौधरी भी सुभाष घई ने ही बनाया था।
दरअसल फिल्म परदेश पर काम करने के दौरान सुभाष घई ने महिमा चौधरी को m से शुरू होने वाला कोई नाम रखने को कहा क्योंकि सुभाष घई की पिछली लगभग सभी अभिनेत्रियों के नाम इसी अक्षर से शुरु होते हैं जैसे माधुरी दीक्षित, मीनाक्षी शेषाद्रि और मनीषा कोइराला।
और इसी वजह से सुभाष घई इस अक्षर को कहीं ना कहीं खुद के लिए लकी मानने लगे थे,यही कारण था कि रितु चौधरी के नाम से मुम्बई आने वाली एक लड़की को पहचान महिमा चौधरी के नाम से मिली।
फिल्म परदेश के हिट हो जाने के बाद महिमा चौधरी के पास कई फिल्मों के ओफर आए जिनमें से कुछ फिल्मों को उन्होंने साइन किया और कुछ फिल्मों को रिजेक्ट भी करना पड़ा जिसमें से एक बड़ा नाम फिल्म सत्या का भी है जिसने मनोज वाजपेई को स्टार बना दिया था।
साल 1999 में महिमा चौधरी ने फिल्म दिल क्या करे में काम किया था जो अजय देवगन और काजोल की शादी के बाद साथ में पहली फिल्म थी।
इस फिल्म की शूटिंग के दौरान जब एक दिन महिमा चौधरी बैंगलोर में अपने घर से स्टुडियो जाने के लिए निकली तो रास्ते में इनकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया और इन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
यह एक्सीडेंट इतना भयानक था कि अस्पताल में जब इनकी सर्जरी हुई तो लगभग 67 शीशे के टुकड़ों को इनके चेहरे से निकाला गया था।
इनके पुरे चेहरे पर जगह जगह टांके लगे हुए थे जिसके चलते इन्हें किसी भी तरह की लाइट से दूर रहने को कहा गया था और इसी कारण महिमा चौधरी ने कई दिनों तक आईने में अपना चेहरा भी नहीं देखा था।
कुछ दिनों तक घर में रहने के बाद महिमा चौधरी ने दिल क्या करे और प्यार कोई खेल नहीं जैसी फिल्मों की शूटिंग पुरी की लेकिन अब उनके चेहरे की वो चमक कहीं ना कहीं खत्म हो गई थी जिसने पहली ही फिल्म से माधुरी दीक्षित और ऐश्वर्या राय बच्चन जैसी अभिनेत्रियों के बीच अपनी जगह बना ली थी।
इसके बाद महिमा चौधरी को धड़कन और बागबान जैसी बड़ी फिल्मों में भी काम करने का मौका मिला लेकिन इन दोनों ही फिल्मों में महिमा चौधरी का रोल एक गेस्ट एपीरियंस से बढ़कर कुछ भी नहीं था।
इनके अलावा महिमा चौधरी ने दाग दी फायर फिल्म में भी काम किया जिसमें इनके डबल रोल थे।
धड़कन फिल्म के लिए बेस्ट सुपोर्टिंग एक्ट्रेस का नोमीनेशन मिलने के बाद महिमा चौधरी को फिल्म कुरुक्षेत्र में संजय दत्त के साथ और खिलाड़ी 420 में अक्षय कुमार के साथ काम करने का मौका मिला था।
साल 2001 में महिमा चौधरी लज्जा जैसी फिल्म में भी नजर आई जो फैमेनिजम जैसे बड़े मुद्दे पर आधारित थी जिसमें महिमा चौधरी के द्वारा निभाए गए मैथिली के किरदार को बहुत पसंद किया गया था।
इसी बीच ये खबर भी आई कि महिमा चौधरी टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस को डेट कर रही है लेकिन कुछ ही समय बाद महिमा चौधरी को लिएंडर पेस और रेहा पिलाई की नजदीकीयो के बारे में पता चला तो महिमा चौधरी लिएंडर पेस से अलग हो गई।
इसके बाद ये तेरा घर ये मेरा घर, दिल है तुम्हारा और ओम जय जगदीश जैसी फिल्मों में काम करने के बाद महिमा चौधरी ने साल 2006 में एक आर्किटेक्ट बोबी मुखर्जी से शादी कर ली।
इस शादी से महिमा चौधरी को एक बेटी हुई जिसका नाम अरियाना रखा गया।
अलग अलग तरह की फिल्में और अलग अलग किरदार निभाने के बाद भी महिमा चौधरी को वैसा करियर नहीं मिल पाया जिसकी उम्मीद परदेश जैसी फिल्म करने के बाद हर कलाकार करता है।
शादी के बाद महिमा चौधरी ने कुड़ियों का है जमाना और गुमनाम दी मिस्ट्री जैसी फिल्मों में भी काम किया लेकिन कोई भी फिल्म बोक्स ओफीस पर कमाल नहीं कर पाई।
साल 2015 में महिमा चौधरी स्विस बैंक में अपने अकाउंट की खबरों के चलते काफी सुर्खियों में रही थी।
इसके अलावा बात करें अगर इनके फिल्मी करियर से जुड़े विवादों की तो अपने पहले डायरेक्टर सुभाष घई के साथ इनके सम्बन्ध फिल्म परदेश के बाद बिगड़ गए थे।
दरअसल महिमा चौधरी ने फिल्म परदेश के लिए जो कोन्ट्रेक्ट साइन किया था उसमें एक क्लोज के अनुसार महिमा चौधरी को अगले पांच सालों तक अपनी हर फिल्म के लिए मिलने वाली फीस का 30 पर्सेंट सुभाष घई को देना था जो मुक्ता आर्ट्स में काम करने वाले हर कलाकार के लिए एक जरूरी शर्त होती थी।
लेकिन महिमा चौधरी इस क्लोज को पूरा नहीं कर पाई जिसके चलते इन पर केस दर्ज होने की बात भी सामने आई लेकिन कुछ समय बाद महिमा चौधरी ने सुभाष घई से मिलकर इस मामले को शांत करवा दिया।
महिमा चौधरी ने 2013 में अपने पति से तलाक ले लिया था जिसके बाद इन्होंने अपनी बेटी की परवरिश अकेले ही की थी और आज महिमा चौधरी अपनी बेटी के साथ खुशहाल जिंदगी बीता रही है।