चना ज़ोर गरम से लेकर कच्चा बादाम तक।
चना ज़ोर गरम से लेकर कच्चा बादाम तक-
जॉनी वाकर साहब पर फ़िल्माये गीत ‘तेल मालिश’ से लेकर संजीव कुमार जी पर फ़िल्माये गीत ‘आया रे खिलौने वाला‘ तक… क्रांति फ़िल्म के ‘चना ज़ोर गरम’ से लेकर फ़िल्म डांस-डांस के गीत ‘हलवा वाला आ गया’ तक… ऐक्ट्रेस रेखा पर फ़िल्माये ‘बबुआ खाता जा एक पान’ से लेकर ऐश्वर्या रॉय के ‘निम्बुड़ा निम्बुड़ा’ गीत तक.. न जाने कितने ही ऐसे गीत बने और मशहूर हुए, जिनमें किसी न किसी सामान के बेचने या खरीदने की बात की गयी।
हालिया वायरल हुआ कच्चा बादाम गीत पर ग़ौर करें तो इसके तार भी कहीं न कहीं इसी कड़ी से जुड़े हैं। हालांकि यह गीत फ़िल्मी न होते हुए भी जिस तरह से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ यह चौकाने वाली बात है।
मज़े की बात कि बंगाली भाषा के इस गीत को बंगाली नहीं जानने वाले भी दिलचस्पी से सुन रहे हैं और उनपे रील्स बना रहे हैं, जिनमें आम लोगों से लेकर सेलिब्रिटी और विदेशी लोग तक शामिल हैं।
आज के आर्टिकल में हम जानेंगे इस गीत को गाकर मशहूर होने वाले भुबन बादायकर के बारे में और साथ ही चर्चा करेंगे इस दिलचस्प विषय पर कि ऐसे गीत पहले फ़िल्मों में आये तब पॉपुलर हुए या पहले से पॉपुलर थे इसलिए फ़िल्मों में इन्हें लिया गया।
पहले मुर्गी आयी या अंडा-
दोस्तों यह बड़ा ही दिलचस्प विषय है कि ये गीत पहले से मशहूर थे या फ़िल्मों में आने के बाद हुए। आज भी छोटे शहरों, कस्बों और ग्रामीण इलाकों में किसी भी वस्तु को बेचने के लिये गीत संगीत का सहारा लेना एक आम बात है। अक्सर ऐसी जगहों पर फेरी लगाने वाली ठेला गाड़ियों पर गाना बजते हुए और मोहल्लों में घूम घूम कर चना ज़ोर गरम बेचने वालों को गीत गाते हुए देखा जा सकता है। कच्चा बादाम गीत का जन्म भी ऐसे ही हुआ है जिसके बारे में हम आगे पूरी डिटेल में बात करेंगे।
गाँव-गाँव, मोहल्ले-मोहल्ले घूम कर गाते हुए सामान बेचने का यह तरीक़ा महज कुछ दशकों पुरानी बात नहीं है, दरअसल ऐसा प्राचीन समय से होता आ रहा है, जब कुछ भी बेचने के लिये गीतों का सहारा लिया जाता था, इससे लोगों का मनोरंजन भी हो जाता था और विक्रेता के पास ख़रीदार ख़ुद ही आकर्षित होकर चले जाते थे। जिन्होंने भी रामलीला या नौटंकी देखी होगी उन्हें ऐसे दृश्य ज़रूर याद होंगे, जिनमें कोई सामान बेचने वाला कैरेक्टर गीत गाते हुए ही स्टेज़ पर एन्ट्री लेता था।
जब फ़िल्मों का निर्माण होना शुरू हुआ तो कहानी के हिसाब से ऐसे चरित्रों को उभारने के लिये भी फ़िल्मों में ख़ास तौर पर ऐसे गीत रखे जाने लगे। पुरानी हिंदी फ़िल्मों में ऐसे ढेरों गीत देखने को मिल ही जाते थे, हालांकि इनमें से कुछ पारंपरिक होते थे और कुछ नये भी बनाये जाते थे।
अजय देवगन, ऐश्वर्या राय और सलमान खान की वर्ष 1999 में रिलीज़ हुई फिल्म हम दिल दे चुके सनम का मशहूर ‘निम्बूड़ा निम्बूड़ा’ गीत जब मशहूर हुआ तो काफी लोगों ने कहा कि यह चोरी किया हुआ गीत है।
दरअसल निम्बूड़ा गीत राजस्थान का एक पारंपरिक लोक गीत है, जिसे सबसे पहले राजस्थान में मंगनियार समुदाय के लोग गाया करते थे बाद में इसे वहाँ की शादियों से लेकर लोकगीतों के कार्यक्रमों में भी गाया जाने लगा। इंटरनेट पर इस लोकगीत के ढेरों नये पुराने वर्ज़न आपको मिल जायेंगे।
फ़िल्म के मेकर संजय लीला भंसाली ने इस लोकगीत पर आधारित एक गीत को अपनी फ़िल्म में थोड़े बदलाव के साथ बनाकर इस्तेमाल किया जो सफल भी हो गया। दोस्तों जल्द ही बॉलीवुड की किसी फ़िल्म में कच्चा बादाम गीत भी देखने को मिल जाये तो यह कोई हैरत की बात नहीं होगी।
कहाँ से आया कच्चा बादाम गीत-
‘काचा बादाम’ गीत से चर्चित हुए भुबन बादायकर जो कि मूंगफली बेचने का काम करते थे, आज सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो चूके हैं और आज इनके वीडियो कई मिलियन लोगों तक पहुँच चुके हैं, जिसे लोग बार-बार देख रहे हैं।
दोस्तों भुबन के मशहूर होने का किस्सा बेहद दिलचस्प है। दरअसल जैसा कि सोशल मीडिया पर किसी वीडियो के वायरल होने पे होता है वैसा ही कुछ भुबन के साथ भी हो गया। भुवन के गाये गीत ‘काचा बादाम’ का वीडियो रिकॉर्ड कर किसी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया और मज़ाक मज़ाक में बना यह वीडियो देखते ही देखते वायरल भी हो गया।
अपने इंटरव्यू में भुबन बताते हैं कि वे मूंगफली बेचने के लिए पड़ोसी राज्य झारखंड भी जाते रहते थे और मूंगफली बेचने के अलावा लोगों का मनोरंजन करने के लिए गाना भी गाया करते थे। वे पैसे के साथ-साथ घर के टूटे-फूटे सामान, पायल और घर की टूटी-फूटी चीज़ों के बदले में भी मूंगफली बेचा करते थे।
भुबन ने अपनी विक्री बढ़ाने के लिए अपने गाने को बंगाल के लोकप्रिय बाउल लोक धुन पर गाया करते थे, जो लोगों को ख़ूब पसंद आया करता था। भुबन रोज़ाना मोटर साइकिल पर मूंगफली से भरा झोला टांगकर घर से निकलते और ‘कच्चा बादाम’ वाला गाना गाते हुए गांव-गांव फेरी लगाते। लोग उनसे मूंगफली भी खरीदा करते और बार-बार उनसे यह गीत भी सुनते।
इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में भुबन ने बताया था कि एक बार एक आदमी आया और उनके गाने की तारीफ की और उनका वीडियो बना लिया। भुबन ने बताया कि उन्होंने उस आदमी का नाम भी नहीं पूछा क्योंकि वो अपने काम में लगे हुए थे। भुबन ने यह भी बताया कि सोशल मीडिया पर उनका यह गाना हिट होने से उनकी मूंगफली की बिक्री और भी बढ़ गई थी।
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इंटरनेट सेंसेशन से सेलिब्रिटी बनने का सफर-
दोस्तों भुबन बादायकर आज इंटरनेट सेंसेशन बन चुके हैं और आज अपने क्षेत्र में किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं हैं। इनका वीडियो इतना ज़्यादा वायरल हो चुका है कि सैकड़ों लोगों आज भी उनके पोस्ट को रिक्रिएट कर रहे हैं और आये दिन सोशल मीडिया पर कच्चा बादाम गाने पर बने रील्स वायरल हो रहे हैं।
भुबन जिस गाने को गाते हुए मूंगफली बेचा करते थे, उसके बोल हैं, ”बादाम बादाम दादा काचा बादाम, आमार काछे नाइतो बूबू वाजा बादाम, आमार काछे पाबे सुधु वाजा बादाम”।
हालांकि इस गाने के बोल भले ही बंगाली में हों, लेकिन हर भाषा के लोग इस गाने को बेहद पसंद कर रहे हैं और आम आदमी से लेकर मशहूर सेलिब्रिटी और विदेशी लोग भी इस गीत पर वीडियो बनाकर पोस्ट कर रहे हैं। कुछ हफ्तों पहले कच्चा बादाम पर दक्षिण कोरिया की एक मां-बेटी की जोड़ी ने भी डांस किया जो ख़ूब वायरल हुआ।
दोस्तों भूबन का यह गाना आज इतना मशहूर हो चुका है कि सोशल मीडिया पर ‘कच्चा बादाम डांस चैलेंज’ ही शुरू हो गया। इन दिनों पूरा इंस्टाग्राम ही ‘कच्चा बादाम’ से छाया हुआ है। हालांकि कुछ महीनों पहले तक भुबन को बिल्कुल पता तक नहीं था कि उनका गाना इतना वायरल हो चुका था और काचा बादाम गाने पर देश ही नहीं विदेश के लोग भी रील्स बना रहे हैं। लेकिन इस बीच इसका एक रैप वर्जन भी रिलीज़ हुआ जो कि जम के वायरल हो रहा है।
इस रिमिक्स रैप वर्जन को रैप सिंगर और कम्पोज़र रोनी ने तैयार किया है जिसे अब तक 80 मिलियन से भी ज़्यादा लोग देख चुके हैं। इसमें रैप के साथ-साथ उनके गाने का भी इस्तेमाल किया गया है जिसमें ख़ुद भुबन भी गाते और नाचते नज़र आ रहे हैं। ख़बरों के मुताबिक भुबन के इस गाने की पॉपुलरिटी से प्रभावित होकर सौरभ गांगुली के क्विज़ शो के एक एपिसोड में भी फीचर किया गया है।
जीते थे ग़रीबी और ख़ौफ़ भरी ज़िन्दगी-
दोस्तों आज भुबन बादायकर की आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर हो चुकी है लेकिन कुछ समय पहले तक उनकी माली हालत ठीक नहीं थी। एक यूट्यूब चैनल को उन्होंने अपने बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि वे पश्चिम बंगाल में बीरभूम जिले के दुबराजपुर प्रखंड में स्थित कुरलजुरी गांव के रहने वाले हैं।
भुबन के परिवार में उनकी पत्नी, 2 बेटे और 1 बेटी को मिलाकर कुल 5 सदस्य हैं। भुबन ने यह भी बताया था कि वे हर दिन अलग-अलग गांवों में बादाम बेचने जाते थे और बादाम बेचकर प्रतिदिन 200-250 रुपये कमाते थे। पिछले 10 वर्षों से वे ऐसे ही बादाम बेच रहे थे।
एक बार भुबन ने चैनल आजतक से बातचीत में कहा था कि, ‘मैं चाहता हूं कि लोगों को मेरे गाने के बारे में पता चले और सरकार मेरे और मेरे परिवार के रहने के लिए कोई स्थाई व्यवस्था कर दे।
मैं अपने परिवार को अच्छा खाना खिलाना चाहता हूं, उनके लिए सुंदर कपड़ों की व्यवस्था करना चाहता हूं।’ भुबन ने लोगों से आर्थिक सहायता के लिये सोशल मीडिया पर अपनी फोटो के साथ अपना मोबाइल नंबर भी पोस्ट किया था।
दोस्तों भुबन पहले इस बात से काफी दुखी थे कि उनके गाने को इंस्टाग्राम, फेसबुक और अन्य इंटरनेट नेटवर्किंग प्लेटफार्म पर शेयर तो किये गये लेकिन बदले में उन्हें कुछ भी नहीं मिला। उन्होंने इस बात की शिकायत दर्ज करने के लिए पुलिस से भी संपर्क किया था। मीडिया से बात करते हुए तब भुबन ने कहा था, “मैं गांव का एक साधारण आदमी हूं।
मैं चाहता हूं कि पुलिस मुझे गाने के लिए श्रेय और मुनाफा दिलाने में मदद करे। कई लोगों ने मुझे पुलिस के पास आने के खिलाफ़ इस बात की चेतावनी भी दी थी कि कोई मुझे नुकसान पहुंचा सकता है।” भुबन ने तब कहा था कि वह डरे हुए हैं क्योंकि इतने सारे लोग उनका गाना रिकाॅर्ड करने आते रहते हैं। भुबन तो तब इतना डरे हुए थे कि उन्होंने थाने जाते समय हेलमेट पहन रखा था।
दोस्तों आज भुबन अपनी ग़रीबी और तक़लीफ़ भरी ज़िन्दगी से बाहर निकल चुके हैं और मूंगफली बेचने का काम छोड़कर शोज़ करने लगे हैं और उनके नये-नये वीडियोज़ भी इंटरनेट पर देखने को मिल रहे हैं जिनमें वे पहले से बेहतर नज़र आने लगे हैं।
नारद टी वी भुबन बादायकर के उज्जवल भविष्य की कामना करता है और उम्मीद करता है कि जल्द ही उनका गीत बड़े परदे पर भी देखने को मिलेगा। इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय कमेंट्स के ज़रिये ज़रूर बतायें।
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