दोस्तों भारतीय क्रिकेट टीम में, सीमित ओवरों में चौथे स्थान पर किस खिलाड़ी को खिलाया जाए…! यह समस्या कोई नई नहीं है। बीते कुछ वर्षों में ना जाने कितने बल्लेबाजों के साथ चौथे स्थान का परीक्षण किया गया, परंतु आज भी समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।
जहां महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह जैसे दिग्गज बल्लेबाजों को चौथे स्थान के प्रयोग में शामिल किया गया। वहीं ऋषभ पंत, के एल राहुल और श्रेयस अय्यर जैसे युवा प्रतिभावान बल्लेबाजों को भी इस चौथे नंबर की कसौटी से गुज़ारा गया। लेकिन इतने प्रयोगों के बावजूद भी परिणाम या तो क्षणिक रहे या निष्फल।
और इसी सिलसिले में आज हम आपसे बात करने जा रहे हैं ,चौथे नंबर के प्रयोग में शामिल रहे एक ऐसे भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी की जिसने निरंतर शानदार प्रदर्शन से भारतीय क्रिकेट टीम में चौथा स्थान सीमेंट कर लिया था। लेकिन फिर भी चयनकर्ताओं द्वारा उसे टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और वजह रही उस खिलाड़ी का 3D ना होना।
जी हां दोस्तों आज हम आपसे बात करने वाले हैं अंबाती तिरुपति रायडू की।
दोस्तों वैसे तो इस 35 वर्षीय भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी का करियर बेशक अपने आखिरी लम्हों में है। परंतु अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बिताए गए रायडू द्वारा अभी तक के 8 साल किसी रोलर कोस्टर राइड से कम नहीं है।
हम आपको यह भी बताएंगे 2019 विश्वकप टीम में चयनित ना होने पर कैसे रायडू ने गुस्से में आकर क्रिकेट के सभी प्रारूपों से अपने सन्यास का ऐलान कर दिया।
और साथ ही आयरलैंड क्रिकेट टीम से, रायडू को आए कैप्टंसी ऑफर का वर्णन भी हम इस पोस्ट में करेंगे।
अंबाती तिरुपति रायडू का शुरुआती जीवन-
दोस्तों तो अंबाती रायडू का सफर शुरू होता है 23 सितंबर साल 1985 से जब उनका जन्म आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में हुआ। बचपन में रायडू के अंदर छिपी बेहतरीन क्रिकेटिंग कला को उनके पिता Sambasiva Rao ने पहचाना, और जब रायडू तीसरी कक्षा में थे तभी से उनके पिता ने उनका दाखिला क्रिकेट एकेडमी में करवा दिया।
रायडू के कोच विजय पाॅल जो कि एक हैदराबाद के पूर्व क्रिकेटर थे उन्होंने अपने दिए एक इंटरव्यू में बताया कि कैसे रायडू के पिता उन्हें स्कूटर पर एकेडमी लाया करते थे और मैदान से दूर खड़े होकर घंटों अपने बेटे के हुनर को निहारा करते। और पिता के सपनों और अरमानों को लेकर रायडू भी जी जान से मैदान पर पसीना बहाया करते।
रायडू ने अपनी स्कूलिंग श्री रामकृष्णा विद्यालय से पूरी की और अपने स्कूल क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन के चलते रायडू हैदराबाद की यूथ टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे जहां से सही मायनों में अंबाती रायडू के क्रिकेटिंग करियर की शुरुआत हुई।
अंबाती तिरुपति रायडू का क्रिकेट में शुरूआत-
हैदराबाद की यूथ टीम में खेलते हुए अंबाती रायडू ने अंडर 15 और अंडर 19 स्तरीय क्रिकेट खेलना जारी रखा। और इसी यूथ टीम में बेहतरीन क्रिकेट प्रदर्शन के चलते अंबाती रायडू का चयन साल 2000 में आयोजित हुए ACC India’s under 15 tournament में हो गया।
इस टूर्नामेंट में अंबाती रायडू लीडिंग रन स्कोरर रहे और फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के चलते उन्हें मैन ऑफ द मैच के अवार्ड से भी नवाजा गया। लगातार कई age group स्तरों पर कामयाबी पाने के बाद आखिरकार प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अंबाती रायडू का डेब्यू हैदराबाद की टीम से साल 2002 रणजी सीजन में हो ही गया।
अपने पहले रणजी मैच में हैदराबाद के लिए नंबर चार पर बल्लेबाजी करते हुए रायडू ने मात्र 33 रन ही बनाए। और अपने इस प्रदर्शन के बाद पूरे सीजन में रायडू टीम में जगह बनाने में नाकामयाब रहे।
हालांकि साल 2002 के अंत में रायडू के अंदर क्रिकेट की बेहतरीन प्रतिभा को देखते हुए उन्हें भारतीय अंडर 17 टीम का कप्तान नियुक्त कर दिया गया। और अंडर 17 टीम में खेलते हुए ही रायडू का प्रमोशन इंग्लैंड दौरे के लिए अंडर-19 टीम में कर दिया गया, रायडू ने इस दौरे पर बतौर ओपनर खेलते हुए अपने हुनर का जौहर समूचे विश्व को दिखाया, इस दौरे पर अंबाती रायडू भारत की तरफ से हाईएस्ट रन गैटर रहे और अपने इसी प्रदर्शन के बलबूते रायडू 2002-03 रणजी ट्रॉफी में हैदराबाद की टीम में फिर से जगह बनाने में कामयाब रहे।
बल्लेबाज के तौर पर रायडू का ये रणजी सीजन बेमिसाल रहा इस पूरे सीजन में अंबाती रायडू ने 698 रन धुआंधार 69.80 की एवरेज से जड़े। और इसी सीजन में खेलते हुए अंबाती रायडू ने आंध्र प्रदेश के खिलाफ 159 गेंदों पर 210 रन ठोके जो कि रणजी ट्रॉफी के इतिहास में किसी युवा बल्लेबाज के द्वारा बनाए गए सबसे अधिक रन है।
2003 में रणजी ट्रॉफी के प्रदर्शन के प्रभाव से अंबाती रायडू को साल 2004 के आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम का कप्तान घोषित किया गया। हालांकि इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम का कारवां सेमीफाइनल तक ही सीमित होकर रह गया परंतु इस टूर्नामेंट में की गई अंबाती रायडू द्वारा कप्तानी बहुत ही सराहनीय रही।
अंबाती रायडू मैदान पर किए जा रहे अपने क्रिकेट प्रदर्शनों से लगातार सुर्खियां बटोर रहे थे अब तक रायडू मीडिया और अखबारों के कॉलमों में एक जाने पहचाने युवा भारतीय क्रिकेट सितारे के रूप में उभर चुके थे।
लेकिन अब हम आपके सामने रणजी सीजन 2005-06 से जुड़ा एक ऐसा वाकया साझा करेंगे जब रायडू के over aggression से भारतीय घरेलू क्रिकेट पर एक बड़ा धब्बा लगते लगते बचा था दरअसल हुआ यूं रायडू आंध्र प्रदेश की टीम से 2005 रणजी सीजन उनकी भूतपूर्व टीम हैदराबाद के खिलाफ खेल रहे थे।
हैदराबाद के प्लेयर अर्जुन यादव से मैदान पर रायडू की कुछ कहासुनी हुई और बात इतनी आगे बढ़ गई कि अर्जुन यादव ने Stumps उखाड़कर रायडू पर हमला बोल दिया लेकिन मैदान पर खड़े अंपायरों और साथी खिलाड़ियों की बदौलत यह झगड़ा ज्यादा तूल नहीं पकड़ पाया लेकिन इस झगड़े के बाद मीडिया में तरह-तरह की खबरें चलाएंगे जिससे भारतीय क्रिकेट में अंबाती रायडू की छवि को भारी नुकसान हुआ।
अब हम आपके सामने अंबाती रायडू से जुड़े एक और विवाद को साझा करेंगे यह घटना साल 2007 में हुई इंडियन क्रिकेट लीग की है। बीसीसीआई की तरफ से किसी भी भारतीय घरेलू क्रिकेटर द्वारा इस लीग में शामिल होना प्रतिबंधित था। लेकिन अंबाती रायडू ने बीसीसीआई के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए इस लीग में भाग लिया जिस पर तुरंत कार्यवाही करते हुए बीसीसीआई ने रायडू पर प्रतिबंध लगा दिया हालांकि साल 2009 में अंबाती रायडू पर लगाए गए प्रतिबंध को BCCI द्वारा वापस ले लिया गया।
घरेलू क्रिकेट में अंबाती रायडू के विवाद और शानदार प्रदर्शन लगातार गतिमान होते रहे। इस बीच अंबाती रायडू का दो बार टीम इंडिया में सिलेक्शन भी हुआ लेकिन दोनों ही बार रायडू प्लेइंग इलेवन में जगह बना पाने में नाकामयाब रहे लेकिन साल 2013 में महेंद्र सिंह धोनी के इंजर्ड हो जाने के बाद अंबाती रायडू के जीवन में वह मौका भी आया जब रायडू अपनी प्रतिभा को अंतरराष्ट्रीय मैदान पर बिखेरने में सक्षम रहे।
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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अंबाती रायडू-
अपने डेब्यू एकदिवसीय मैच में अंबाती रायडू ने वेस्टइंडीज के खिलाफ नाबाद 63 रन बनाए और डेब्यू पर अर्ध शतक जड़ने वाले 12वे भारतीय बल्लेबाज बन गए। और यह मैच अंबाती रायडू और कप्तान कोहली की साझेदारी के बदौलत भारत जीतने में कामयाब रहा।
अपने डेब्यू एकदिवसीय मैच में अर्धशतक जड़ने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अंबाती रायडू का आत्मविश्वास और भी मजबूत हो गया जिसके परिणाम स्वरुप भारतीय एकदिवसीय टीम में रायडू का प्रदर्शन निरंतर अच्छा होता चला गया और रायडू साल 2015 के विश्वकप में भारतीय टीम की ओर से जगह बनाने में कामयाब रहे।
लेकिन विश्व कप जैसे महा मंच पर चयनित होने के बावजूद भी रायडू एक भी मैच में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं रहे। हालांकि विश्व कप के तुरंत बाद हुए जिंबाब्वे टूर पर रायडू ने अपने प्रदर्शन से विश्व कप में ना खिलाए जाने का गुस्सा निकाला जिंबाब्वे के खिलाफ पहले ही मैच में अंबाती रायडू ने धमाकेदार अंदाज से 124 रन जड़ डाले और इस मैच में रायडू अपने नाम मैन ऑफ द मैच का अवार्ड करने में भी कामयाब रहे।
जिंबाब्वे टूर की कामयाबी के बाद भी अंबाती रायडू टीम में अपने स्थायित्व को निर्धारित नहीं कर पाए और भारतीय टीम से अंदर बाहर होने का सिलसिला जारी रहा।
अंबाती रायडू के क्रिकेटिंग करियर के दृष्टिकोण से साल 2018 उनके लिए बहुत कामयाब रहा आईपीएल 2018 में मिली सफलता के बाद भारतीय टीम में रायडू की वापसी हुई और भारतीय टीम में चौथा स्थान रायडू ने निरंतर बेहतरीन प्रदर्शन के चलते पक्का कर लिया लेकिन विश्व कप 2019 की टीम के चयन के साथ एक बार फिर अंबाती रायडू को दरकिनार कर दिया गया चयनकर्ताओं द्वारा वजह दी गई “अंबाती रायडू टीम के लिए उपयोगी बल्लेबाज नहीं है हमें विजय शंकर जैसे Three dimensional प्लेयर्स की आवश्यकता है।”
चयनकर्ताओं के इस फैसले से भारतीय क्रिकेट विशेषज्ञ जगत आश्चर्यचकित था कई पूर्व भारतीय खिलाड़ियों ने खुलकर रायडू का समर्थन किया मीडिया में भी रायडू के पक्ष में खबरें चलाई गई सोशल मीडिया में अंबाती रायडू के प्रशंसकों ने चयनकर्ताओं का विरोध करते हुए रायडू को 3डी प्लेयर की उपाधि दे डाली।
बरहाल रायडू अपने क्रिकेट करियर में मची इस उथल-पुथल से बहुत परेशान रहे और 2 जुलाई 2019 को रायडू ने गुस्से में आकर क्रिकेट से अपने संन्यास का ऐलान कर दिया।
भारतीय क्रिकेट टीम से संन्यास लेने के बाद अंबाती रायडू को आयरलैंड क्रिकेट बोर्ड से आयरलैंड क्रिकेट टीम का कप्तान बनने का न्योता भेजा गया परंतु रायडू द्वारा यह प्रस्ताव स्वीकृत नहीं किया गया। और फिर 29 अगस्त 2019 को उन्होंने अपने रिटायरमेंट के डिसीजन को वापस ले लिया।
अंबाती रायडू का क्रिकेट करियर-
अंबाती रायडू 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए अपने आखिरी एकदिवसीय मैच के बाद अभी तक टीम इंडिया में वापसी नहीं कर पाए हैं। और अगर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अंबाती रायडू के अभी तक के सफर को आंकड़ों की भाषा में बयां किया जाए तो वह कुछ इस प्रकार है रायडू ने 55 ओडीआई व 6 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया जिनमें उनके रन क्रमशाह 1694 और 42 रहे। वही रायडू के नाम अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैचों में तीन शतक भी शामिल रहे।
अब अगर बात करें अंबाती रायडू के आईपीएल आंकड़ों की तो आईपीएल में रायडू ने कुल मिलाकर 166 मैच खेले जिनमें उनके रन 29.6 की औसत से 3795 रहे। 2010 से शुरू हुए अपने आईपीएल सफर में रायडू मुंबई और चेन्नई जैसी बड़ी टीमों का हिस्सा रहे और वर्तमान में वे चेन्नई सुपर किंग्स के स्क्वाड का हिस्सा है।
अंबाती रायडू का विवादों के जुड़ने का सिलसिला-
घरेलू क्रिकेट के विवादों के साथ-साथ आईपीएल में भी अंबाती रायडू के नाम के आगे विवादों के जुड़ने का सिलसिला जारी रहा, साल 2012 में आरसीबी बनाम मुंबई इंडियंस के हुए एक मैच में बेंगलुरु के हर्षल पटेल और मुंबई के अंबाती रायडू के बीच जोरदार भिड़ंत देखने को मिली दोनों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई लेकिन मैदान पर मौजूद विराट कोहली ने इस झगड़े को बढ़ने से रोक लिया।
रायडू के नाम अगला आईपीएल विवाद जुड़ता है साल 2016 के आईपीएल मैच से जिसमें अंबाती रायडू अपने ही साथी खिलाड़ी हरभजन सिंह से उलझ गए थे जिसका बीज बचाव मैदान पर खड़े बाकी मुंबई इंडियंस के प्लेयरो ने किया।
अंबाती रायडू का ब्यक्तिगत जीवन –
अब अगर रायडू के निजी जीवन से जुड़ी कुछ जानकारियां आपके साथ साझा की जाए तो अंबाती रायडू की शादी उनकी कॉलेज फ्रेंड Chennupalli Vidya से हुई जिससे उनको एक बेटी भी है। तो यह था अंबाती रायडू के द्वारा तय किए गया अभी तक का अपना सफर । साथ ही आपको यह भी जान लेना चाहिए अंबाती रायडू वर्तमान में आंध्र प्रदेश की टीम में बतौर बल्लेबाज शामिल है और भारतीय टीम की जर्सी एक बार फिर पहनने की कोशिश में जी-जान से लगे हुए हैं।
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