Why Kangana Ranaut Movies Are Getting Flop
कंगना रानौत बतौर लीड (Lead) हीरोइन (Heroine) एक बार फिर असफल (Unsuccessful) साबित हुई हैं | उनकी हालिया रिलीज (Release) तेजस (Tejas) भी बॉक्स (box) ऑफिस (Office) पर डिजास्टर (Disaster) साबित हुई है | देखा जाये ये उनके लिए कोई नई बात नहीं है | साल 2015 में आई तनु वेड्स मनु रिटर्न्स उनकी आखिरी सफल (Success) फिल्म थी | उसके बाद तो उन्होंने फ्लॉप (Flop) फिल्मों की ऐसी झड़ी लगाई है कि उनके फैन्स (Fans) और वो खुद हैरान हैं | तनु वेड्स मनु रिटर्न्स के बाद से अब तक कंगना (Kanana) फिल्म तेजस को मिलाकर दस फ्लॉप (Flop) फ़िल्में (Films) दे चुकी हैं | कंगना बॉलीवुड (Bollywood) की उन चुनिन्दा (Choose) एक्ट्रेस में शुमार हैं जो अकेले दम पर फिल्म को हिट (Hit) कराने का माद्दा रखती हैं | लेकिन पिछले कुछ सालों में उनकी इस काबिलियत (Ability) पर प्रश्न (Question) चिन्ह (Mark) जरूर लगा है | आज के इस पोस्ट में हम जानने समझने की कोशिश करेंगे कंगना की असफलता (Failure) के पीछे की तमाम वजहों (Reasons) को | तो बने रहिये हमारे साथ इस पोस्ट के आखिर तक |
1. ख़राब स्क्रिप्ट
अगर हम कंगना के फ़िल्मी (Filmy) कैरियर (Career) पर नजर डालें तो उनके लिए साल 2014 में रिलीज (Release) हुई फिल्म क्वीन (Queen) उनके कैरियर (Career) का अहम पड़ाव साबित हुआ | ये वो फिल्म थी जो पूरी तरह से कंगना के कन्धों पर टिकी हुई थी | फिल्म हिट (Hit) रही और कंगना बॉलीवुड (Bollywood) की क्वीन (Queen) कही जाने लगीं | इसी फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट (Best) एक्ट्रेस (Actress) का पहला नेशनल (National) फिल्म (Film) अवार्ड (Award) भी मिला | लेकिन असली गड़बड़ भी इसी फिल्म से शुरू हुई | असल में अब तक कंगना को ये लगने लगा था कि वो अपने दम पर कोई भी फिल्म हिट (Hit) करा सकती हैं | वो हीरो प्रधान बॉलीवुड (Bollywood) के बने बनाये ढर्रे को तोडना चाहती थीं | इसका नतीजा (Outcome) ये हुआ कि वो उन फिल्मों (Films) को तवज्जो देने लगीं जिसमें हीरो (Hero) से ज्यादा इम्पोर्टेन्ट (Important) रोल (Role) हीरोइन (Heroine) का होता था | क्वीन के बाद रिलीज (Release) हुई उनकी फ़िल्में रिवाल्वर (Revolver) रानी, सिमरन (Simran), जजमेंटल है क्या, पंगा, थलाइवी, धाकड़, चन्द्रमुखी 2 और तेजस इस बात की गवाह हैं | बॉलीवुड के ढर्रे को बदलने की उनकी कोशिश (Effort) उन पर ही भारी पड़ गई | असल में खराबी उनकी सोच या उनकी कोशिश में नहीं बल्कि फिल्मों (Films) की उनकी चॉइस (Choice) में रही | वो फ़िल्में तो अपनी पसंद की करती रहीं लेकिन उन्होंने फिल्मों की स्क्रिप्ट (Script) पर उतना ध्यान नहीं दिया जितना देना चाहिए था | क्वीन की सफलता (Success) के बाद जब वो ‘रिवाल्वर रानी’ और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स के बाद I Love NY जैसी फिल्म करती हैं तो हैरानी जरूर होती है |
ऐसा नहीं है कि उनका चयन (Choice) हमेशा ही गलत रहा हो | उन्होंने पंगा और थलाइवी जैसी फ़िल्में भी कीं | और ऐसा भी नहीं कि ये फ़िल्में बहुत ही ख़राब रही हों लेकिन ये फ़िल्में स्क्रिप्ट (Script) और डायरेक्शन (Direction) के स्तर (Level) पर वो स्तर नहीं छू सकीं जो उसे बेहतर फिल्म में तब्दील कर सके | कुछ यही हाल फिल्म तेजस (Tejas) का भी हुआ है | तेजस एक बेहतरीन सब्जेक्ट (Subject) पर बनी फिल्म होने के बावजूद कोई बज्ज़ (Buzz) नहीं बना सकी | उसका नतीजा ये हुआ कि लोग थियेटर (Theatre) तक गये ही नहीं | और कंगना की फिल्मों की फेहरिस्त में एक और डिजास्टर (Disaster) फिल्म का नाम जुड़ गया | हालाँकि कहीं न कहीं कंगना भी एक अदद हिट (Hit) के लिए हाथ पैर मारती दिख रही हैं | शायद तभी थालाईवी के बाद उन्होंने एक बार फिर चन्द्रमुखी 2 से साउथ (South) का रुख किया लेकिन अफ़सोस इसका भी वही हश्र हुआ जो उनकी पिछली तमाम फिल्मों का हुआ था |
2. विवाद
कंगना को केवल बॉलीवुड क्वीन ही नहीं बल्कि controversy क्वीन (Queen) भी कहा जाता है | बॉलीवुड से इतर वो राजनीतिक (Political) मुद्दों (Issues) पर भी अपनी राय (Opinion) बेबाकी से रखने के लिए जानी जाती है | और अक्सर ही अपने बयानों (Statements) से वो विवादों (Controversy) में पड़ती रही हैं | और इसमें कोई दोराय नहीं राजनीति (Politic) से जुड़ा व्यक्ति एक ही पक्ष को खुश रख सकता है | एक के खुश (Happy) होने का मतलब है दूसरे की नाराजगी मोल लेना | शायद कंगना ये नहीं समझ सकीं और इसका इसका नतीजा ये हुआ कि एक ख़ास वर्ग उनसे नाराज और बहुत दूर जाता रहा | और इसी वर्ग ने उनकी फिल्मों से दूरी बना ली | कहना गलत न होगा कि अक्षय कुमार की लगातार असफलता (Flaiure) के पीछे भी कहीं न कहीं यही वजह जिम्मेदार (Responsible) है | जबकि अक्षय के मुकाबले कंगना कहीं ज्यादा मुखर हैं |
कंगना अपनी बात रखते हुए सीमायें भी पार कर जाती हैं | उनका ऐसा ही बयान (Statements) आया था जब उन्होंने 1947 में मिली आजादी (Freedom) को भीख बता डाला था | एक जिम्मेदार नागरिक (Citizen) से ऐसे बयानों (Statements) की उम्मीद (Hope) नहीं की जाती | खास तौर से जब आप ऐसी फील्ड (Fields) में हैं जहाँ जनता (Public) ही जनार्दन है | एक कलाकार (Artist) बिना दर्शक (Audience) कुछ नहीं | ऐसे में वो अपने दर्शकों को ही नाराज करने का जोखिम नहीं ले सकता |
वहीं बॉलीवुड में उनके विवादों (Controversy) की लम्बी लिस्ट (List) है | ऋतिक रोशन, करण जौहर, अलिया भट्ट, तापसी पन्नू, दिलजीत दोसांझ, आदित्य पंचोली अध्ययन सुमन इस लिस्ट के हिस्से भर हैं | इन विवादों का नतीजा ये हुआ कि बॉलीवुड (Bollywood) में लोग इनके साथ काम करने से कतराने लगे | बड़े प्रोडक्शन (Production) हाउस (House) उन्हें अपने साथ नहीं जोड़ना चाहते | यही वजह (Reason) है कि उनकी फिल्मों का बजट (Budget) भी कम ही रहता है | जिसका असर फिल्म के प्रमोशन (Promotion) पर पड़ता है | तमाम फ़िल्मी पंडित ख़राब प्रमोशन (Promotion) को भी तेजस के असफल (Flaiure) होने की वजह बताते हैं | अपनी साफगोई और लोगों पर जब तब आरोप (Blame) लगाने की आदत (Habit) के चलते कंगना ने न सिर्फ बॉलीवुड के अंदर लोगों को नाराज किया बल्कि दर्शक (Audience) वर्ग भी नाराज हुआ | जिसका नतीजा अब उन्हें भुगतना पड़ रहा है |
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3. घमंड/ बडबोलापन/ मौकापरस्त
कंगना जिस तरह से हर एक के साथ पंगे लेती रहती हैं उससे उनकी इमेज (Image) एक घमंडी, मतलबी, और मौका परस्त महिला के (Women) रूप में बन चुकी है | वो हमेशा खुद को एक बेचारी, मजबूर दिखाने की कोशिश करती हैं | उनकी माने तो उन्हें छोड़कर सब बेवकूफ (Idot) हैं | दुनिया (World) में एकमात्र समझदार वही हैं | हो सकता है उनके साथ गलत हुआ हो लेकिन हमेशा विक्टिम (Victim) कार्ड खेलना भी कहाँ तक सही है | शुरू शुरू में तो लोगों ने उनका साथ भी दिया लेकिन जब उनके आरोप (Blame) लगातार बढ़ते रहे तो लोगों को भी कहीं न कहीं एहसास (Feelings) हो गया कि शायद ये रुकने वालों में नहीं हैं | अगर हम गौर (Notice) करें तो समाज में भी लोग ऐसे व्यक्ति के साथ रहना कतई पसंद (Like) नहीं करते जो हमेशा दूसरों की शिकायत (Controversy) करता रहता हो या फिर हमेशा खुद को सताया हुआ दिखाने की कोशिश करता हो | हो सकता है ऐसा व्यक्ति शुरू शुरू में लोगों की सहानुभूति (Sympathy) हासिल कर ले लेकिन जल्द ही लोग उसे भांप लेते हैं और उससे कन्नी काटना शुरू कर देते हैं | बॉलीवुड में शायद ही कोई ऐसा हो जिससे कंगना (Kangana) की बनती हो उलटे इनकी तो सबसे ठनी हुई है |
फिल्म इंडस्ट्री (Industry) बहुत बड़ी है | इसमें जरूर कुछ लोग ख़राब होंगे लेकिन फिल्म इंडस्ट्री (Industry) ही क्यों कोई भी ऐसी इंडस्ट्री (Industry) नहीं जहाँ केवल और केवल अच्छे ही लोग हों | तो क्या लोग केवल शिकायतों (Complains) का रोना ही रोते रहें | लोग अब मान चुके हैं कि वो जानबुझकर विवादों (Controversy) में बनी रहना चाहती हैं | हो सकता है वो लाइम (Lime) लाइट (Light) में बने रहने एक लिए ऐसा करती हों | तभी तो वो उन मुद्दों (Issues) पर भी गैर जिम्मेदाराना (Responsible) बयान (Statements) देने से नहीं हिचकती जिनसे उनका दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं है | फिर चाहे वो आजादी (Freedom) वाला बयान हो या फिर महात्मा (Mahatma) गाँधी (Gandhi) को लेकर दिया गया बयान |
4. मेल लीड फिल्म्स
हिंदी दर्शक (Audience) अभी भी ऐसी फिल्मों (Films) के लिए पूरी तरह तैयार नहीं दीखता जिनमें मुख्य (Main) किरदार (Character) हीरोइन (Heroine) का हो | लोगों के दिलो दिमाग में फिल्मों का एक सांचा फिट है | जिसे सांचे के हिसाब में हीरो मुख्य किरदार तो हीरोइन बस लटके झटके दिखाने और नाच गाने (Songs) के लिए होती है | कंगना ने भले ही इस सांचे को तोड़ने की कोशिश की हो | लेकिन दशकों (Audience) से बनी जमी जमाई पकी पकाई सोच (Think) बदलना इतना भी आसान (Easy) नहीं है | जब धाकड़ और तेजस (Tejas) जैसी फिल्मों में कंगना एक्शन (Action) करती हैं तो शायद दर्शकों (Audience) को प्रभावित (Affected) नहीं कर पातीं | उसके पीछे बड़ी वजह है कि दर्शक (Audience) अभी मानसिक (Mentally) रूप से इसके लिए तैयार (Ready) नहीं है | हालाँकि ये भी सच (Truth) है कि एक्शन (Action) फिल्मों के लिए जरूरी तकनीक (Technique) का भी इन फिल्मों में घोर अभाव नजर आता है |
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5. राजनीति की तरफ झुकाव
कंगना पिछले काफी समय से पॉलिटिकल (Political) स्टेटमेंट देती रही हैं | भले वो सीधे न होकर इन डायरेक्ट (Direct) रहे हों लेकिन उन्हें समझने के लिए अलग से दिमाग (Mind) लगाने की जरूरत नहीं है | जब वो असली आजादी साल 2014 के बाद मिलने की बात कहती हैं तो उनका झुकाव साफ़ समझा जा सकता है | हाल ही में उन्होंने एक सवाल (Question) के जवाब (Answer) में कहा जिसमें उन्होंने अगले साल (Year) होने वाले लोकसभा चुनाव (Election) लड़ने का भी इशारा किया | उन्होंने कहा कि अगर भगवान (God) श्रीकृष्ण की कृपा रही तो वो लोकसभा चुनाव जरूर लड़ेंगी | राजनीति एक ऐसी फील्ड (Field) है जहाँ आप एक को खुश करेंगे तो दूसरा आपसे नाराज होगा ही | एक कलाकार या तो फ़िल्में कर सकता है या फिर राजनीति (Politic) | एक लीड (Lead) हीरो या हीरोइन के लिए दोनों करना शायद दुनिया (World) का सबसे मुश्किल काम है | क्योंकि एक कलाकार (Artist) के फैन्स (Fans) राजनीति से इतर होते हैं |
यहाँ पर अमिताभ बच्चन का एक किस्सा शेयर (Share) करना बेहद जरूरी (Important) है | अक्सर लोग सोचते (Think) हैं कि उन्होंने पॉलिटिक्स (Politics) क्यों छोड़ी | बच्चन साहब ने एक बार अपनी ब्लॉग (Blog) में इस बारे में लिखा था | उन्होंने लिखा कि एक बार जब वो कांग्रेस (Congress) के लिए चुनाव प्रचार (Promotion) करने असम गये तब उनका हेलीकॉप्टर (Helicopter) गलत जगह पर उतर गया | असल में वहां पर विपक्ष की रैली (Rally) थी | वहीं पर एक छात्र (Student) ने उन्हें एक लेटर दिया | उस लेटर में जो लिखा था उसने अमिताभ को झकझोर (Shake) कर रख दिया | उसमे लिखा था कि वो बच्चन साहब का बहुत बड़ा फैन (Fan) है | लेकिन पॉलिटिक्स (Politics) में वो विपक्षी (Opposition) पार्टी (Party) के साथ है | उसने बच्चन साहब से वो स्टेट (State) छोड़ देने की गुहार भी लगाई | उसने कहा कि उसके लिए दो विकल्पों (Options) में से एक को चुनना बहुत मुश्किल साबित हो रहा है |
कंगना इस बात से सीख (Learning) ले सकती हैं | इसमें कोई दोराय नहीं कि उन्होंने कई कमाल के किरदार (Character) निभाकर अपनी अलग फैन (Fan) फालोविंग (Following) बनाई है लेकिन उनकी अपनी हरकतों (Antics) की वजह से ही उसमें लगातार कमी (Less) आई है | अगर वो पॉलिटिक्स (Politics) में आती हैं तो इसका बुरा असर फैन (Fan) फालोविंग (Following) पर पड़ना तय है | ऐसा मुमकिन (Possible) है कि कंगना को अपना फ़िल्मी कैरियर (Career) डांवाडोल होता नजर आ रहा हो जिसके चलते उन्होंने भूमिका (Role) बनानी शुरू की हो | वैसे उनकी बेबाकी बयानबाजी उन्हें पॉलिटिक्स (Politics) के लिए परफेक्ट (Perfect) बनाती है | पोलिटिकल पार्टीज (Parties) को हमेशा ही ऐसे ही लोगों की तलाश रहती है | फिर कंगना की कुछ पकड तो है ही |
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6. सच्चाई स्वीकार नहीं
तेजस के शुरुआती कमजोर कलेक्शन (Collection) के बाद कंगना एक विडियो के जरिये लोगों से अपनी फिल्म (Films) को देखने की अपील (Appel) करती नजर आईं | लेकिन अभी भी वो सच्चाई स्वीकार (Accept) करने के बजाय अजीबो गरीब वजहों का हवाला देती नजर आईं | वो फिल्म के कमजोर (Weak) कलेक्शन के पीछे covid को वजह बताती हैं | लेकिन वो भूल जाती हैं कि इसी साल पठान, ग़दर 2 और जवान (Jawan) जैसी फिल्मों ने कमाई (Earnings) के नए रिकॉर्ड (Record) बनाये हैं | इतना ही नहीं वो कहती हैं कि उरी, मैरीकाम, नीरजा जैसी फ़िल्में पसंद करने वाले इसे भी जरूर पसंद (Like) करेंगे | वो ये भी कहती दिख रही हैं कि जिन्होंने भी फिल्म (Films) को देखा है वो खूब सराहना (Appreciate) कर रहे हैं | चीजें कैसे बैक (Back) फायर (Fire) करती हैं इसे इससे समझिये कि कंगना के इस विडियो पर प्रकाश राज ने इन्हें ट्रोल (Troll) कर दिया | उन्होंने लिखा कि ‘इंडिया को अभी 2014 में ही आजादी (Freedom) मिली है | प्लीज वेट करो संख्या बढ़ जाएगी….’
कंगना की अगली फिल्म इमरजेंसी (Emergency) 24 नवम्बर को रिलीज (Release) हो रही है | इस फिल्म से कंगना और उनके फैन्स (Fans) को खासी उम्मीदें (Hope) होंगीं | इस फिल्म में वो इंदिरा गाँधी का रोल (Role) प्ले (Play) कर रही हैं | ये फिल्म उनके भविष्य (Future) का फैसला भी कर सकती है |
इसमें कोई दोराय नहीं कि कंगना रानौत एक बेहद काबिल एक्ट्रेस (Actress) हैं | एक्टिंग के लिए चार बार मिले नेशनल (National) अवार्ड (Award) इसके गवाह हैं | लेकिन अगर वो अपनी एनर्जी (Energy) सही जगह पर लगायें तो रिजल्ट (Result) और बेहतर होंगे |
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