बॉलीवुड के वो एक्टर जिन्होंने अपने मोटापे से बनाई अपनी अलग पहचान।
कुछ चेहरे ऐसे होते हैं जिन्हें देख के ही दिल ख़ुश हो जाता है और उस वक़्त ऐसा महसूस होता है जैसे आज का दिन बन गया हो। हिंदी फिल्म व टेलीविज़न की दुनियाँ में भी कुछ ऐसे ऐक्टर्स हुये, जिन्होंने न सिर्फ अपनी ऐक्टिंग और अपने हाव भाव से हमें हँसाया है बल्कि उनकी पर्सनैलिटी भी कुछ ऐसी होती है, जिसे देखकर ही मज़ा आ जाता है और उनके होने से उस फ़िल्म या उस शो का माहौल ख़ुशनुमा सा हो जाता है।
90 के दशक में तो ऐसे ऐक्टर्स लगभग हर फ़िल्म का हिस्सा हुआ करते थे ख़ासतौर पर अगर दोस्तों का कोई ग्रुप हो तो एक ऐसी पर्सनैलिटी का दोस्त ज़रूर दिखाया जाता था। गोल-मटोल और अपने चुलबुलेपन से दर्शकों को हँसाने वाले ऐसे ऐक्टर्स को उनके चेहरे से तो लोग पहचानते हैं लेकिन उनके बारे में लोगों को ज़्यादा जानकारी नहीं है यहाँ तक कि उन ऐक्टर्स के नाम से भी लोग अन्जान हैं।
सलीम ख़ान-
सबसे पहले हम शुरुआत करते हैं ऐक्टर ‘सलीम ख़ान डिंग डॉंग‘ से। दोस्तों आपने दीवाना फ़िल्म का यह गीत तो सुना ही होगा ‘कोई न कोई चाहिए प्यार करने वाला‘ , और हीरो फिल्म का ‘डिंग डॉंग आज की शाम प्यार के नाम ‘, इन गानों में आपने एक भारी भरकम और गोलू मोलू से ऐक्टर पर भी ज़रूर ग़ौर किया होगा जो बाइक पर स्टंट करते और दोस्तों के बीच मस्ती करता दिखाई देता है।
20 सितम्बर 1965 को मुंबई के एक संपन्न परिवार में जन्मे ‘सलीम ख़ान डिंग डॉंग‘ का पूरा नाम सलीम युसुफ़ ख़ान है। इनके पिता महमूद इस्माइल ख़ान एक इनकम टैक्स ऑफिसर हुआ करते थे।
सलीम अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। मुंबई में ही पले बढ़े सलीम ने सेंट एंड्रयूज़ कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। दोस्तों सलीम को स्पोर्ट्स बाइक का इतना जुनून थे कि उन्होंने एक बाइक रेसर और स्टंट मैन बनने का ही मन बना लिया।
80 के दशक में कई बार सलीम महाराष्ट्र में होने वाले बाइक रेस के विजेता बने। बाइक रेस और स्टंट में माहिर होने की वज़ह से ही उन्हें फ़िल्मों में भी काम मिला था।
बताया जाता है कि मुंबई में ही बाइक पर स्टंट करते हुए एक दिन इन पर सुभाष घई की नज़र पड़ी, उन दिनों वे फिल्म हीरो की तैयारी में जुटे हुए थे।
सलीम की पर्सनैलिटी और बाइक पर मस्ती करते देख उन्होंने सलीम को अपनी फिल्म ऑफर कर दी। 1983 में रिलीज़ हुई फिल्म हीरो के बाद सलीम 1985 में देव आनंद की फिल्म ‘हम नौजवान‘ में नज़र आये और मज़े की बात ये कि इस फिल्म में उनके कैरेक्टर का नाम था ‘सलीम डिंग डांग‘।
बस इसी के बाद सलीम फिल्म इंडस्ट्री में सलीम ख़ान डिंग डॉंग के नाम से मशहूर हो गये। 80 और 90 के दशक में बनने वाली दर्जनों फिल्मों में सलीम ने काम किया जिनमें बागी, फूल और कांटे, नरसिंहा, विश्वात्मा, जो जीता वही सिकंदर, एक लड़का एक लड़की, जिगर, दीवाना, करन अर्जुन, दीवाना मस्ताना, गुलाम, प्यार तो होना ही था, चोरी चोरी और पार्टनर आदि ।
सलीम ख़ान की पत्नी का नाम शाहिदा ख़ान है जिनसे वर्ष 1982 में इनकी शादी हुई थी। सलीम ख़ान 5 संतानों के पिता भी बने। दोस्तों जिस भारी भरकम पर्सनैलिटी ने उन्हें पहचान दिलाई वही बाद में उनके लिये मुसीबत बन गयी।
सलीम अंदर ही अंदर बीमार रहने लगे और वर्ष 2011 में एक दिन अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। वर्ष 2007 में आयी पार्टनर उनकी आख़िरी फिल्म साबित हुई।
देवेन भोजानी-
अगले जो कॉमेडियन ऐक्टर हैं उनका नाम है देवेन भोजानी जो न सिर्फ़ एक कमाल के ऐक्टर हैं बल्कि एक डायरेक्टर भी हैं।
25 नवंबर 1969 को मुंबई के एक गुजराती परिवार में जन्मे देवेन मुंबई में ही पले बढ़े हैं। कॉमर्स से ग्रेजुएट देवेन ने आगे चलकर दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में फिल्म डायरेक्शन का भी कोर्स किया।
हालांकि तब तक वे ऐक्टर बन चुके थे और गुजराती थिएटर में करने के साथ-साथ देवेन वर्ष 1987 में प्रसारित होने वाले धारावाहिक मालगुडी डेज़ के ज़रिये टेलीविज़न डेब्यू भी कर चुके थे। देवेन ने ढेरों सफल टीवी शोज़ में काम किया है जिनमें साराभाई बनाम साराभाई, ऑफिस ऑफिस, खिचड़ी, मिसेज तेंदुलकर आदि प्रमुख हैं।
ऐक्टिंग के अलावा, देवेन ने टीवी धारावाहिक साराभाई बनाम साराभाई और टीवी धारावाहिक ‘बा बहू और बेबी‘ के ज़रिये डायरेक्शन में भी सफलता हासिल की है साथ ही वर्ष 2017 में उन्होंने फिल्म कमांडो 2: द ब्लैक मनी ट्रेल का भी निर्देशन किया है।
देवेन को साराभाई बनाम साराभाई के डायरेक्शन के लिये ढेरों अवाॅर्ड भी मिल चुके हैं। देवेन की पत्नी का नाम है जागृति भोजानी और इनकी दो बेटियाँ हैं।
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दोस्तों अगले जिस ऐक्टर का हम नाम बताने वाले हैं उनको आपने हाल के कुछ सालों में भी लोगों को गुदगुदाते देखा है और बतौर ऐक्टर वे आज भी सक्रिय हैं।
उनका नाम है मनोज पाहवा।
1 सितंबर 1963 को दिल्ली के एक पंजाबी परिवार में जन्मे मनोज ने अपनी एक्टिंग करियर की शुरुआत 80 के दशक में प्रसारित होने वाले धारावाहिक हमलोग से की थी। बाद में वे 90 के दशक में प्रसारित होने वाले शांति जैसे कुछ धारावाहिकों में भी नज़र आये।
फिल्मों में मनोज की शुरुआत हुई वर्ष 1996 में रिलीज़ हुई फिल्म इस रात की सुबह नहीं से। उसके बाद वे फिल्म तेरे मेरे सपने सहित 50 से भी ज़्यादा फिल्मों में नज़र आये साथ ही उन्होंने दर्जनभर से ज़्यादा टीवी शोज़ में भी काम किया।
टीवी शो ऑफिस ऑफिस में मनोज द्वारा निभाये किरदार भाटिया को लोग आज भी याद करते हैं। धमाल , सिंह इज़ किंग , दबंग 2 , जॉली एलएलबी , मुल्क और आर्टिकल 15 जैसी ढेरों फिल्में में काम कर मनोज ने अपनी एक अलग पहचान बनायी है।
मनोज ने ऐक्ट्रेस सीमा भार्गव से शादी की है, जिन्होंने उनके साथ टीवी शो हम लोग, में काम भी किया है। मनोज और सीमा की दो संतानें हैं।
कवि कुमार आजाद-
अगले जिस कलाकार का हम ज़िक्र करने वाले हैं कभी वे लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुके टीवी शो तारक मेहता के बेहद ख़ास किरदार हुआ करते थे।
दोस्तों इस शो के किरदार डॉक्टर हंसराज हाथी को भला कौन भूल सकता है।
इस किरदार से अपनी पहचान बनाने वाले ऐक्टर कवि कुमार आजाद का जन्म 7 जुलाई 1972, को बिहार के सासाराम स्थित गौरक्षणी में हुआ था।
दोस्तों कवि कुमार को एक्टिंग का शौक बचपन से ही था और वह इस इंडस्ट्री में पहचान बनाना चाहते थे। कवि कुमार जी को कविताएं लिखने का भी बेहद शौक था। अपने शरीर का वज़न बढ़ने के बाद भी उनका एक्टिंग के प्रति जुनून बरकरार रहा। हालांकि घर में इसकी इजाज़त उन्हें नहीं मिली इसलिए एक दिन आजाद भागकर मुंबई आ गए।
चूंकि जेब में न पैसे थे न कोई काम इसलिए मजबूरन उन्हें कई रातें फुटपाथ पर गुजारनी पड़ीं। संघर्ष करते करते धीरे-धीरे उन्हें फिल्मों और टीवी शो में छोटा-मोटा रोल मिलने लगा।
उस दौरान कवि कुमार आजाद मेला और फंटूश जैसी दर्जन भर फिल्मों सहित कई टीवी शोज़ में काम किया। उसके बाद वर्ष 2009 में उन्हें मौका मिला धारावाहिक ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा‘ में जिससे इन्हें एक पुख्ता पहचान मिली।
बताया जाता है कि मशहूर कॉमेडियन टुनटुन जी एक बार बिहार के सासाराम गई थीं तो उन्होंने कवि कुमार को देखते ही भविष्यवाणी कर दी थी कि एक दिन वे ज़रूर एक्टर बनेंगे।
वर्ष 2018 में कवि कुमार के जन्म दिन के दो दिन बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ गयी और 9 जुलाई 2018 को मुम्बई में उनका निधन हो गया। दोस्तों कवि कुमार आज़ाद बेहद ज़िन्दादिल इंसान थे। अपने आख़िरी ट्वीट में उन्होंने लिखा था- ”किसी ने कहा है, कल हो ना हो, मैं कहता हूं, पल हो ना हो, हर लम्हा जियो.”
हरपाल ठाकुर-
दोस्तों अगले जिस ऐक्टर के बारे में हम बताने वाले उनके और कवि कुमार के बीच अक्सर लोगों में कन्फ्यूजन रहती है, उनका नाम है हरपाल ठाकुर।
हालांकि इंटरनेट पर उनको हरपाल सिंह भी बताया जाता है साथ ही इनके द्वारा की गई कई फिल्मों में इनकी जगह कवि कुमार जी का नाम भी लिख दिया गया है।
वर्ष 1993 में फिल्म बाज़ीगर और ज़ी टीवी पर प्रसारित धारावाहिक बनेगी अपनी बात से ऐक्टिंग की दुनियाँ में कदम रखने वाले हरपाल ने एक के बाद एक कई फिल्मों में दर्शकों को गुदगुदाने का काम किया है जिनमें खिलाड़ी, राजा, बादशाह, झूठ बोले कौवा काटे और प्यार किया तो डरना क्या आदि नाम शामिल हैं।
हिंदी फिल्मों के अलावा हरपाल ने कुछ पंजाबी फिल्मों और कई धारावाहिकों में भी काम किया है। वर्ष 2000 आते आते हरपाल हिंदी फिल्मों और लाइमलाइट से दूर होते चले गये और एक गुमनामी की ज़िन्दगी जीने लगे बाद में कुछ सोशल मीडिया के ज़रिये यह पता चला कि वर्ष 2004 में ही किडनी फेल हो जाने से इनकी मृत्यु हो गयी थी।
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