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Rajpal Yadav:छोटे क़द के बड़े अभिनेता जिनके अभिनय का क़द नायकों से भी ऊँचा है

Rajpal Yadav Biography in Hindi अभिनेता राजपाल यादव की जीवनी

जॉनी वाकर (Johnny Walker) से लेकर जॉनी लीवर (Johnny Lever) तक । महमूद (Mehmood) से लेकर विजयराज (Vijay Raaz) तक, फ़िल्मी दुनियाँ में एक से बढ़कर एक ऐक्टर हुये, जिन्होंने अपनी बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों का दिल जीत लिया। उन्हीं ऐक्टर्स में से एक हैं, अपनी मेहनत और लगन के दमपर अपना एक अलग मुकाम बनाने वाले ऐक्टर ‘राजपाल यादव'(Rajpal Yadav) जिनके द्वारा निभाया हर किरदार यादगार बन गया, चाहे वो कॉमेडी (Comedy) हो या कैरेक्टर रोल।

भला कौन भूल सकता है फ़िल्म ‘मुझसे शादी करोगी'(Mujhse Shaadi Karogi) में राजपाल द्वारा निभाये पंडित और गैंग लीडर के डबल रोल को। भला कौन भूल सकता है ‘फिर हेरा फेरी’ (Phir Hera Pheri) के पप्पू और ‘भूल भुलैया’ (Bhool Bhulaiyaa) के छोटे पंडित  को। भला कौन भूल सकता है  ‘भागम भाग’ (Bhagam Bhag) के लंदन वाले एक टैक्सी ड्राइवर और ‘चुप चुपके’ (Chup Chup Ke) फ़िल्म के नौकर बंदया को। भला कौन भूल सकता है फ़िल्म ‘ढोल'(Dhol) के मारू और ‘खट्टा मीठा’ (Khatta Meetha) के रंगीला को।

थिएटर, टीवी और सिनेमा, हर माध्यम में अपनी एक्टिंग का हुनर दिखाने वाले राजपाल यादव के जीवन व फ़िल्म करियर से जुड़ी कहानियाँ बेहद ही रोचक और संघर्षों से भरी हैं। आज हम उन्हीं कहानियों पर चर्चा करने वाले हैं ।

 

rajpal yadav upcoming movie bhool bhulaiya 2
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पारिवारिक पृष्ठभूमि, बचपन व शिक्षा (Rajpal Yadav Family And Education )

राजपाल यादव का बचपन बेहद गरीबी में गुजरा था। उनके परिवार में किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि राजपाल आगे चलकर ऐक्टर बनेंगे और हिंदी फिल्मों का इतना बड़ा नाम बन जायेंगे। छः भाईयों में से एक राजपाल यादव का जन्म 16 मार्च 1971 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के कुंडरा नामक गांव के एक साधारण परिवार में हुआ है।

उनके पिता नौरंग सिंह यादव जी एक किसान हैं और मां गोदावरी जी एक गृहणी हैं। राजपाल के पिताजी बताते हैं कि राजपाल बचपन से ही खुश दिल थे और पढ़ाई में भी तेज़ थे।राजपाल ने 8वीं तक की पढ़ाई अपने गांव के स्कूल से ही की थी। उनके पिता बताते हैं कि

राजपाल को पढ़ाते समय उनका कोई सपना नहीं था। उन्हें पढ़कर क्या बनना है, यह उसी पर छोड़ दिया था। चूँकि राजपाल पढ़ाई में होनहार थे इसलिए सबको यही लगता था कि वे या तो मास्टर बनेंगे या डॉक्टर।

rajpal yadav father naurangi yadav
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राजपाल कुल 6 भाई हैं जिनके नाम हैं श्रीपाल यादव, चंद्रपाल यादव, इंद्रपाल यादव, राजेश यादव और सत्यपाल यादव। दैनिक भास्कर से हुई बातचीत में अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए राजपाल ने बताया था कि

“उस समय गांव में एक भी पक्‍का घर नहीं था, मैं दोस्‍तों के साथ गडढ़ों में भरे गंदे पानी में खेलता था।

राजपाल ने ये भी बताया था कि एक बार स्‍कूल का होमवर्क पूरा न करने की वज़ह से उनके टीचर जगदीश श्रीवास्तव ने एक पतली लकड़ी से उनकी पिटाई भी की थी। जिसके बारे में पता चलने पर कुछ दिन बाद उनके पिता स्‍कूल पहुंचे और प्रिंसिपल से ये कहा कि

अगर राजपाल अपनी मेहनत से परीक्षा में पास होता है तो ठीक, नहीं तो इसे पास न करना। क्योंकि अगर ये पढ़ना चाहता है तभी आगे पढ़ायेंगे वरना हम खेती-बारी करके फालतू पैसे खर्च नहीं कर सकते।

हालांकि, इसके बाद उनके पिता ने गांव से दूर शहर के सरदार पटेल स्‍कूल में उनका एडमिशन करवा दिया। राजपाल बताते हैं कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद उनके पिता उन्हें पढ़ा-लिखाकर बड़ा इंसान बनाना चाहते थे।

दोस्तों राजपाल शहर स्‍कूल जाने के लिए ट्रक की सवारी किया करते थे। अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि एक बार वे शहर से घर लौट रहे थे, साथ में उनके बड़े भाई श्रीपाल यादव भी थे लेकिन उस दिन देर हो जाने पर उन्हें कोई सवारी ही नहीं मिल रही थी। राजपाल बताते हैं कि “उस दिन मैं 65 किलोमीटर साइकिल चलाकर घर पहुंचा था। वो दिन आज भी मुझे याद है।”

rajpal yadav brother and family
rajpal yadav brother and family

जब चस्का लगा लॉटरी का-
राजपाल बताते हैं कि एक दिन उनके पास बिल्‍कुल पैसे नहीं थे और जेब खाली थी लेकिन उनके बड़े भाई के पास एक रुपया था। अचानक स्‍टेशन के पास से गुज़रते समय उनकी नज़र वहाँ बिक रही लाॅटरी पर पड़ी उन्होंने अपने भाई से एक रुपया लेकर एक लॉटरी का टिकट खरीद लिया, जिस पर उनके भाई ने उन्हें काफी डाँट लगायी।

लेकिन मज़े की बात कि दूसरे दिन जब वे स्कूल के लिए शहर आये और लाॅटरी वाले के पास गये तो पता चला कि उनका 65 रुपए का इनाम भी निकल आया है। उन्होंने उस 65 रुपए में से 10 रुपए के टिकट फिर खरीद लिए और 5 रुपए अपने पास रखकर 50 रुपए अपने बड़े भाई को दे दिए। राजपाल बताते हैं कि “5 रुपए जेब में आने के बाद मैं खुद को राजा समझ रहा था। लेकिन भाई ने कहा, आज के बाद लाॅटरी नहीं खरीदना।”

 

अभिनय की ओर रुझान, संघर्ष और शुरुआत-
शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद राजपाल ने आगे की पढ़ाई के लिए शाहजहांपुर में ऐडमिशन ले लिया जहाँ पढ़ाई के साथ-साथ वे स्कूल कॉलेज के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेने लगे और ग्रेजुएशन तक आते-आते राजपाल का झुकाव पूरी तरह से अभिनय की तरफ हो गया।

उन्होंने शाहजहांपुर के ही ‘कोरोनेशन थिएटर’ नाम के एक थिएटर ग्रुप को जॉइन कर लिया। कम लोगों को ही पता होगा कि हाईस्कूल पास करते ही राजपाल को शाहजहांपुर ऑर्डिनेंस कपड़ा फैक्ट्री में अप्रेंटिस करने का मौका मिल गया था, जहाँ दो साल तक अप्रेंटिस करने के बाद आज भी राजपाल यादव इस कपड़ा फैक्ट्री के अवैतनिक कर्मचारी हैं।

ख़ैर बात चल रही थी राजपाल के शुरुआती थियेटर ग्रुप की, एक बार राजपाल ने अपने ग्रुप के साथ ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ नाम का एक नाटक किया, जिसमें उनकी ख़ूब तारीफ़ हुई, तब उन्हें यह अहसास हो गया कि वो ऐक्टिंग फील्ड के लिए ही बने हैं। साल 1992 में ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद राजपाल यादव ने लखनऊ के भारतेंदू नाट्य अकादमी में दाखिला लिया और उसी वर्ष उन्हें दूरदर्शन पर प्रसारित संस्कृत धारावाहिक स्वप्नवास्वदत्तम में एक विदूषक का कॉमेडी रोल करने को भी मिल गया।

भारतेन्दु नाट्य अकादमी से 2 साल तक एक्टिंग की बारीकियां समझने के बाद, राजपाल ने साल 1994 में दिल्ली स्थित नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में भी दाखिले के लिए आवेदन कर दिया और मज़े की बात कि उन्हें वहाँ दाखिला मिल भी गया। एनएसडी में तीन साल की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद राजपाल फ़िल्मों में काम करने के इरादे से साल 1997 में मुंबई जा पहुँचे, जहाँ उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा।

राजपाल अपनी फोटो लेकर फिल्म डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स के ऑफिसों के चक्कर लगाते लेकिन काम नहीं मिलता। कई बार तो ऐसा भी होता कि उनका मज़ाक उड़ाकर उन्हें भगा भी दिया जाता। ख़ैर शाम होती, वापस लौटते और अगले दिन फिर निकल पड़ते।

अपने स्ट्रगल के दिनों को याद करते हुए एक इंटरव्यू में राजपाल यादव ने कहा था कि,

जब आप मुंबई आते हैं तो एक अनजान शहर मिलता है। जहां आप कई लोगों के साथ ऑटो शेयर कर अपने गंतव्य तक पहुँचते हैं और जब आपके पास पैसे नहीं होते तो आप पैदल ही निकल पड़ते हैं।’

बहरहाल राजपाल की मेहनत रंग लाई और लंबे संघर्ष के बाद उन्हें दूरदर्शन के धारावाहिक ‘मुंगेरी के भाई नौरंगीलाल’ में मुख्य भूमिका के लिये चुन लिया गया, जो कि दूरदर्शन के ही एक बेहद लोकप्रिय शो “मुंगेरीलाल के हसीन सपने” का सीक्वेल था जिसे डायरेक्टर प्रकाश झा ने बनाया था।

साल 1999 में प्रसारित इस मशहूर धारावाहिक से राजपाल भी मशहूर हो गये। इस धारावाहिक की सफलता का आलम ये था कि राजपाल जहां भी जाते थे लोग इन्हें राजपाल यादव नहीं बल्कि नौरंगी लाल कहकर पुकारते थे। दोस्तों बड़ी दिलचस्प बात है कि राजपाल के पिताजी का नाम नौरंग है और राजपाल उनके लाल यानि बेटे हैं। कहीं उनके किरदार का नाम नौरंगी लाल इसीलिए तो नहीं रखा गया था?

राजपाल यादव का फ़िल्मी करियर (Rajpal Yadavs Film Career) 

राजपाल यादव ने फिल्मों में अपने करियर की शुरूआत वर्ष 1999 में ही आई फिल्म ‘दिल क्या करे’ में एक छोटी सी भूमिका से की थी। इसके बाद वे मस्त और शूल जैसी फ़िल्मों में भी छोटे-छोटे रोल में नज़र आये, जिसे सबने ख़ूब पसंद भी किया। फिल्म शूल में राजपाल का काम देखकर राम गोपाल वर्मा इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने राजपाल को अपनी आगामी फिल्म ‘जंगल’ में एक निगेटिव रोल दे दिया, जो कि सुपरहिट साबित हुई।

साल 2000 में रिलीज़ हुई इस फ़िल्म ने राजपाल को एक नयी पहचान तो दिलाई ही साथ ही उनके द्वारा निभाये सिप्पा के किरदार के लिये उन्हें बेस्ट नेगेटिव रोल के स्क्रीन अवार्ड से सम्मानित भी किया गया।फिल्म ‘जंगल’ के बाद राजपाल यादव ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और इसके बाद चांदनी बार, कंपनी और मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं जैसी फिल्मों में दमदार किरदारों में नज़र आये। नायिका प्रधान फ़िल्म ‘मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं’ में तो राजपाल का रोल लीड ऐक्टर के बराबर ही था जिसके के लिए उन्हें यश भारती अवार्ड से सम्मानित भी किया था।

दोस्तों राजपाल ने हर किस्म के रोल किये हैं लेकिन उन्हें असल पहचान बतौर कॉमेडियन ही मिली। उनकी फ़िल्मों की बात करें तो प्यार तूने क्या किया, रोड, हंगामा, कल हो न हो, गर्व, टार्जन, वास्तुशास्त्र, मैंने प्यार क्यूं किया, मालामाल वीकली, फिर हेराफेरी, भागमभाग, पार्टनर, भूलभुलैया, दे दनादन, खट्टा-मीठा, कृष 3 और जुडवा-2, वक्त: द रेस अगेंस्ट टाइम, चुप चुप के, गरम मसाला, ढोल, कुली नंबर वन और हंगामा 2 आदि दर्जनों नाम शामिल हैं। 150 से भी अधिक फ़िल्मों में काम कर चुके राजपाल ने ढेरों विज्ञापनों में भी काम किया है। जिसमें ऐश्वर्या राय के साथ किया कोक का विज्ञापन बहुत मशहूर हुआ था। इसके अलावा राजपाल ने तमिल फ़िल्म ‘शिवाजी द बॉस’ के हिंदी डबिंग में ऐक्टर विवेक के लिये अपनी आवाज़ भी डब की है।

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rajpal yadav debut film dil kya kare
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राजपाल यादव की डिफरेंट फ़िल्में-
दोस्तों ‘मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूँ’ के अलावा भी राजपाल यादव ने कुछ और फिल्म में लीड रोल निभाये थे जिनमें लेडीज टेलर, रामा रामा क्या है ड्रामा, कुश्ती, मिर्च, ‘मैं मेरी पत्नी और वो’, बांके की क्रेज़ी बारात। हालांकि लीड रोल वाली ये फिल्में चर्चित ज़रूर हुईं लेकिन बॉक्स ऑफिस पर सफल न हो सकीं। ख़ैर ये वो फ़िल्में जिनके बारे में काफी हद तक लोग जानते हैं लेकिन आज हम राजपाल की उन दो फ़िल्मों के बारे में बतायेंगे जिनके बारे में कम लोगों को ही पता होगा।

इन फ़िल्मों में राजपाल बहुत ही सीरियस किरदारों में नज़र आये थे। पहली फ़िल्म है वर्ष 2014 में, आयी हॉलीवुड की फिल्म “Bhopal: A Prayer for Rain”  जो कि वर्ष 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी पर आधारित थी। हालांकि समीक्षकों द्वारा सराही जाने के बावजूद यह बेहतरीन फ़िल्म बॉक्स ऑफ़िस पर सफल न हो सकी, लेकिन राजपाल अपनी इस फ़िल्म से संतुष्ट हैं।राजपाल के प्रशंसकों को यह फ़िल्म एक बार ज़रूर देखनी चाहिए।

दूसरी फ़िल्म है अंडर ट्रायल, इस फिल्म में राजपाल ने  सागर हुसैन नाम के एक ऐसे व्यक्ति का रोल किया है जो जेल में बंद है और उस पर अपनी ही तीन बेटियों से बार-बार रेप करने और एक बेटी के मर्डर का आरोप है। जेल से लेकर बाहरी दुनिया तक सब उससे नफ़रत करते हैं और बेगुनाह होने के बावज़ूद भी उसे बस अपनी मौत की सज़ा का इंतजार है। बिना कुछ बोले भी अपनी बेहतरीन ऐक्टिंग से हर सीन में राजपाल ने जान डाल दी है।

Rajpal Yadav Undertrial
Rajpal Yadav Undertrial

जल्द ही राजपाल यादव पर्दे पर एक ऐसे रोल में दिखाई देने वाले हैं जिसमें वो पहले कभी नज़र नहीं आए। दरअसल राजपाल यादव म्यूजिक कंपोजर से डायरेक्टर बने पलाश मुच्छल की पहली फिल्म ‘अर्ध’ में एक ट्रांसजेंडर का किरदार निभाने वाले हैं। इस फिल्म का फर्स्ट लुक भी सामने आ गया है जिसमें राजपाल यादव एक औरत के गेटअप में नज़र आ रहे हैं। इसके अलावा राजपाल हैली चार्ली, टाइम टू डांस, भूल भुलैया 2 जैसी और भी ढेरों फिल्मों में नज़र आने वाले हैं। राजपाल कहते हैं कि हर दो महीने में उनकी एक फिल्म देखने को मिलती रहेगी।

ओटीटी और स्टैण्ड अप कॉमेडी से है परहेज-
लॉकडाउन के दौरान ‘कुली नंबर 1’ और ‘हंगामा 2’ में नज़र आये थे जो ओटीटी पर ही रिलीज हुई हैं। बावज़ूद इसके राजपाल ओटीटी के शोज़ से दूर ही रहते हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि,

ओटीटी का ट्रेंड काफी चल रहा है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि मैं इसमें फिट हो सकता हूं। कुछ सालों से जिस तरह की वेब सीरीज आ रही हैं, मैं उनसे बिल्कुल भी रिलेट नहीं करता। मुझे गाली देना बिल्कुल पसंद नहीं, लेकिन यही इन दिनों वेब सीरीज में चल रहा है। मुझे बिना गालियों के ही तालियां मिली है अपने काम के लिए।’मैं वो चीजें कभी नहीं करता जिन्हें मैं रियल लाइफ में पसंद नहीं करता। मैं गलत बातें बोलकर कमाई नहीं करना चाहता और शुक्र है कि ऐसा मैं नहीं करता। मैं बहुत खुशनसीब हूं कि 2 दशक के बाद भी लोग मुझे देखकर बोर नहीं हुए हैं. मैं इसका पूरा क्रेडिट अपने फैंस को देना चाहता हूं जिन्होंने मेरे अंदर के एक्टर को जिंदा रखा है।”

स्टैंड अप शो को लेकर राजपाल कहते हैं कि , “मेरे कई डायलॉग अमर हो गए हैं और मैं चाहूं तो उनके बलबूते स्टैंड अप शो करके बहुत पैसे कमा सकता हूं, लेकिन मैं जिस अभिनय स्कूल से आता हूं, उसमें अपने हुनर को ऐसे बेचकर पैसे कमाने की इजाज़त नहीं।”

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22 साल काम करने के बाद बदला नाम-
दोस्तों 2 साल पहले राजपाल ने अपना नाम बदल लिया है। अपने इस नए नाम में उन्होंने अपने पिता का नाम भी शामिल किया है और राजपाल यादव से अब राजपाल नौरंग यादव बन गये हैं। उम्र के 50वें पड़ाव पर और 22 वर्ष का फ़िल्मी करियर होने के बाद  नाम बदलने की वज़ह पर राजपाल बताते हैं कि,

‘इसकी कोई खास वज़ह नहीं। मेरे पिता का नाम हमेशा से मेरे पासपोर्ट पर रहा है, बस इसीलिए अब यह स्क्रीन पर भी नजर आएगा। राजपाल ने साथ साथ यह भी बताया कि “उनकी ये बातें आनेवाली फिल्म ‘Father On Sale’ से मिलती-जुलती हैं, जिसमें वह खुद नजर आनेवाले हैं।” राजपाल कहते हैं कि मेरे पिता का नाम नौरंग है, इसका मतलब दुनिया के 9 कलर्स हैं। मुझे ऐसा लगता है कि मैंने नया जीवन शुरू किया है और इस बार अपने पिता के आशीर्वाद के साथ। मैं बेहद खुश हूं कि लोग इसके बारे में बात कर रहे हैं। मेरे पिता के नाम को काफी सारा फेम मिल गया है.” उन्होंने यह भी कहा कि किसी ने मेरे पिता का नाम इतने समय में इतना नहीं लिया होगा जितना पिछले कुछ दिनों में।

 

विवाद और अफ़वाह-
वर्ष 2013 में, दिल्ली के एक कारोबारी ने राजपाल यादव के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। उनपर 5 करोड़ रुपए गबन करने का आरोप था। जिसके तहत दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें 10 दिनों तक जेल भी भेज दिया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने अपने प्रोडक्शन की फ़िल्म ‘अता पता लापता’ के सिलसिले में फ़िल्म के एक फ़ाइनेंसर के साथ पांच करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है।

10 दिन की जेल को वो आंखे खोल देने वाला अनुभव बताते हैं। राजपाल कहते हैं, “हालांकि जेल प्रशासन और क़ैदियों ने मुझे बहुत प्यार दिया, लेकिन भगवान ना करे कि किसी को जेल जाना पड़े।” दोस्तों राजपाल जेल के दौरान का एक बेहद दिलचस्प किस्सा भी अक्सर बताते हैं। दरअसल बाहर आने से पहले जेल प्रशासन ने उनके लिए एक ऑर्केस्ट्रा प्रोग्राम का आयोजन किया था और जैसे ही वे स्टेज पर चढ़े, सभी क़ैदी चिल्लाने लगे, राजपाल जी आपके साथ बिताया समय हम नहीं भूलेंगे, आप फिर से यहां आइएगा।”

राजपाल बताते हैं कि जेल के जीवन से बुरा कुछ नहीं होता. उनका कहना है कि भारत की जेलें बेहद गंदी और अव्यवस्थित होती हैं। इन घटनाओं के बारे में राजपाल यादव कहते हैं कि इसी का नाम ज़िंदगी है क्योंकि यहां बहुत अच्छा और बहुत बुरा, दोनों तरह का तजुर्बा इंसान को मिलता रहता है। राजपाल यादव कहते हैं कि उनका परिवार हमेशा उनके मुश्किल वक्त में उनके साथ पूरी मजबूती से खड़ा रहता है। यही वजह है कि बुरे वक्त में भी ये कभी नहीं टूटे।

राजपाल अपनी कामयाबी का सारा श्रेय अपने परिवार को ही देते हैं।
साल 2015 में, सोशल मीडिया पर एक अफवाह उड़ी थी कि राजपाल का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। लेकिन जब हर कोई उन्हें श्रद्धांजलि देने लगा तब ख़ुद राजपाल यादव को सामने आकर इन खबरों का खंडन करना पड़ा।

 

जब राजनीति में आने का बनाया मन-
वर्ष 2016 में राजपाल यादव ने लखनऊ में सर्व संभाव पार्टी के नाम से एक नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था। साथ ही यूपी विधानसभा चुनाव में सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा भी किया था।उस दौरान उन्होंने ये भी कहा था कि वह अपनी पार्टी के जरिए लोगों की सेवा करना चाहते हैं और वे किसी विवाद की नहीं, संवाद की राजनीति करने आए हैं।

 

सफलता के बाद भी बदले नहीं-
दोस्तों नाम, प्रतिष्ठा और पैसा कमाने के बाद भी राजपाल कामे व्यवहार में कभी कोई बदलाव नहीं आया वे आज भी पहले जैसे ही हैं। उनके पिता कहते हैं कि “गांव में आकर वह भूल जाता है कि वह स्टार है और तमाम लोगों से पहले जैसा ही मिलता है।”  राजपाल यादव ने अपने गांव कुंडरा में एक महादेव मंदिर का निर्माण कराया है। वर्ष 2019 में बने इस मंदिर को बनवाने का सपना राजपाल यादव ने 15 साल पहले देखा था और इसे पूरा करने के लिए उन्होंने कुछ सालों पहले गांव को गोद लेकर मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कर दिया था।

 

निजी जीवन-
राजपाल यादव की निजी की बात करें तो उन्होंने दो बार शादियाँ की हैं। उनकी पहली पत्नी का नाम करुणा था जिनसे राजपाल की एक बेटी है, जिनका नाम ज्योति है। दरअसल ज्योति के जन्म के वक्त ही उनकी मां का देहांत हो गया था। 19 नवंबर, 2017 को राजपाल ने अपने गांव कुंडरा में एक बैंकर संदीप यादव से अपनी बेटी ज्योति की शादी भी कर दी। संदीप इटावा के रहने वाले हैं और आगरा स्थित एक सहकारी बैंक में कैशियर की जॉब करते हैं।

राजपाल ने दूसरी शादी साल 2003 में की। दोस्तों राजपाल की उनकी पत्नी राधा से मुलाक़ात और उनकी लव स्टोरी भी बेहद दिलचस्प है। दरअसल राधा उनके जीवन में तब आयीं थी जब राजपाल ने अपनी अकेली ज़िन्दगी को काटने के लिये ख़ुद को पूरी तरह से फ़िल्मों में व्यस्त कर लिया था। राजपाल बताते हैं कि, साल 2002 में वो फिल्म ‘द हीरो: लव स्टोरी ऑफ स्पाय’ की शूटिंग के लिए कनाडा गए थे। वहीं एक कॉमन फ्रेंड ऐक्टर प्रवीण डबास ने राधा से उनकी मुलाकात कराई थी।

rajpal yadav wife radha yadav
rajpal yadav wife radha yadav

कनाडा के कैलगरी शहर में कॉफी शॉप पर हुई इस पहली मुलाक़ात में उन्होंने अपनी पर्सनल लाइफ की बातें भी एक-दूसरे से शेयर की थीं। राजपाल ने राधा के साथ वहां 10 दिन गुजारे और इसी बीच दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया। 10 दिन बाद राजपाल जब वापस इंडिया आ गए तो फोन के ज़रिये एक-दूसरे से जुड़े रहे। राजपाल बताते हैं कि हम काफी देर फोन पर बातचीत करते थे और इस दौरान मेरा काफी लंबा-चौड़ा फोन का बिल आया था।

चूँकि मामला सीरियस था इसलिए 10 महीने बाद राधा इंडिया शिफ्ट हो गयीं। एक इंटरव्यू के दौरान राधा ने बताया था, ‘मैं जब पहली बार मुंबई पहुंची, तब राजपाल मुझे अपने घर लेकर गए थे और उन्होंने मुझे सरप्राइज देने के लिए घर का इंटीरियर उसी होटल की तरह कराया था, जैसा कनाडा के होटल में था, जहां हम पहली बार मिले थे।’ इसके बाद कुछ ही दिनों में 10 जून, 2003 को दोनों ने शादी कर ली। राजपाल यादव और राधा की 2 बेटियाँ हैं जिनके नाम मोनी  और हनी हैं।

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Prabhath Shanker

Bollywood Content Writer For Naarad TV

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