बप्पी लहरी संगीत और सोने के पुजारी।


बप्पी लहरी (Bappi Lahiri): सदा के लिए सो गये संगीत और सोने का पुजारी।
बॉलीवुड सिंगर और म्युजिक डॉयरेक्टर बप्पी लहरी का मंगलवार 15 फरवरी को 69 साल की उम्र में निधन (Music Director Bappi Lahiri Death) हो गया। ‘डिस्को किंग’ बप्पी दा ने 48 साल तक इंडस्ट्री पर राज किया और 500 से ज्यादा फिल्मों में 5,000 से ज्यादा गाने कंपोज (Bappi Lahiri composition) किए और गाए भी थे। हिंदी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, गुजराती, मराठी, पंजाबी, उड़िया, भोजपुरी, आसामी भाषाओं के साथ-साथ बप्पी लहरी ने बांग्लादेश की फिल्मों और अंग्रेजी गानों को भी कंपोज किया था। वर्ष 1986 में उन्होंने मात्र एक साल में 33 फिल्मों के लिए 180 गाने रिकॉर्ड किए थे। इस उपलब्धि के लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Bappi Lahiri World Record) में भी दर्ज हुआ था।

लता जी के जाने का लगा था गहरा सदमा।
बप्पी दा के निधन से ठीक 10 दिन पहले 6 फरवरी को स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने 92 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया था और उस दिन बप्पी दा ने भी सोशल मीडिया पर लता दीदी के साथ की अपने बचपन की एक यादगार फोटो शेयर कर उन्हें श्रद्धांजलि (Bappi Da Tribute to Lata Mangeshkar) दी थी और उसके कैप्शन में लिखा था, “मां”। उस फोटो में नन्हे बप्पी दा लता दीदी की गोद में बैठे नजर आ रहे हैं। उनकी यह फोटो (Bappi Lata Photo) अब सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हो रही है। जब बप्पी लहरी को लता जी के निधन की खबर मिली थी तो वे ख़ुद बहुत बीमार थे, लेकिन अपनी ‘मां’ के जाने का ग़म बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। लता जी के जाने से बप्पी दा बुरी तरह टूट गए थे।

लता जी को साक्षात् सरस्वती मानते थे बप्पी दा।
बप्पी लता जी को ‘मां’ कहने के साथ-साथ उन्हें साक्षात मां सरस्वती भी मानते थे। लता मंगेशकर के निधन (Lata Mangeshkar Death) से दुखी बप्पी लहरी खुद को संभाल नहीं पा रहे थे। वे बुरी तरह टूट गये थे। उन्होंने रोते हुए बताया था, “कई लोग कहते हैं कि वह माता सरस्वती का अवतार थीं। मैं कहता हूं कि वह साक्षात सरस्वती माता थीं। उनको मैं हजार प्रणाम करता हूं। उनके जाने पर मैंने एक बार फिर मां को खो दिया है।”
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बप्पी दा और लता जी रिश्ता था बहुत गहरा।
बप्पी दा के जन्म से पहले से ही लता जी का उनके परिवार के साथ रिश्ता (Lata Bappi Relation) रहा था। दरअसल लता मंगेशकर ने बप्पी लहरी के पिता अपरेश लहरी (Music Director Apresh Lahiri) के लिए गाना गाया था। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था, “जब मैं बच्चा था, तब मैं उनकी गोद में रहा हूं।” एक पुराने इंटरव्यू में बप्पी लहरी (Old Interview of Bappi Lahiri) ने बताया था कि लता मंगेशकर के सपोर्ट के बिना वे कुछ भी नहीं कर पाते। उन्होंने कहा था, “मैं 4 साल का था तब कोलकाता के ईडन गार्डन (Eden Garden) इलाके में जहां हम रहते थे, लताजी ने घर आकर मुझे आशीर्वाद दिया। मेरे पास अभी भी उनकी गोद में बैठे हुए मेरी एक फोटो है। उन्होंने मेरे पिता अपरेश लहरी के लिए कई बांग्ला गाने गाए, जो कोलकाता के जाने-माने संगीतकार थे। तब से उन्होंने मुझे सपोर्ट किया है। मेरी पहली कंपोजिशन (Bappi Lahiri’s 1st song) एक बंगाली फिल्म ‘दादू’ के लिए थी, जिसे उन्होंने गाया था। अगर उन्होंने तब मेरे लिए गाना नहीं गाया होता, तो मैं कॉम्पिटिशन में आ ही नहीं पाता। लता मंगेशकर जैसा फिर कभी कोई नहीं होगा।” बप्पी लहरी ने ये भी बताया था, “मेरा पहली बड़ी हिट फ़िल्म ‘जख्मी’ (Zakhmi old movie) थी। उसमें लताजी ने ‘अभी अभी थी दुश्मनी’ और ‘आओ तुम्हे चांद पे ले जाएं’ गाया था। दोनों गाने बहुत बड़े हिट साबित हुए थे।”

लता जी माँ की तरह बप्पी दा का ध्यान रखती थीं।
लता मंगेशकर और बप्पी दा एक-दूजे के लिए मां-बेटे से कम नहीं थे। एक इंटरव्यू में बप्पी दा ने बताया था, “पिछले साल जब मुझे कोरोना हुआ था, तो मैं ब्रीच कैंडी (Breach candy Hospital) अस्पताल में 14 दिनों के लिए था। मां ने मेरी पत्नी को रोज फोन किया था। वे रोज शाम 7 बजे फोन कर मेरा हाल पूछती थीं। यहां तक कि जब मैं अस्पताल से घर आया तो भी वे बेहद चिंतित थीं, खासकर मेरी आवाज को लेकर। 27 नवंबर 2021 को उन्होंने मुझे अपने आशीर्वाद के साथ एक खूबसूरत चिट्ठी और तोहफा भेजा था। यह एक चांदी की राम-लक्ष्मण-हनुमान की मूर्ति थी। मेरी वाइफ के लिए एक साड़ी भी भेजी थी। वे मुझे अपना बेटा मानती थीं। मुझे तब से जानती हैं, जब मैं 2 साल का था। वे कोलकाता में हमारे घर आया करती थीं।”
3 वर्ष की आयु में ही बजाने लगे थे तबला।
एक बार जब बप्पी दा कपिल शर्मा के शो (The Kapil Sharma Show) में बतौर गेस्ट पहुँचे थे तब उन्होंने अपनी जिंदगी से जुड़े ढेरों किस्सों को साझा किया था। उस शो कौ दौरान बप्पी दा ने बताया था कि उन्होंने महज 3 साल की उम्र में ही ख़ुद ही तबला बजाना शुरु कर दिया था और सीखना भी शुरू कर दिया था। बप्पी दा ने महज 11 वर्ष की छोटी सी उम्र में ही गाने भी कंपोज करना शुरु कर दिया था। हिंदी फ़िल्मों में संगीत देने के लिये बप्पी दा महज 19 साल की उम्र में ही कोलकाता से मुंबई आ गए थे। मुंबई आने के बाद डायरेक्टर शोमू मुखर्जी ने अपनी फ़िल्म नन्हा शिकारी (Nanha Shikari) के लिए बप्पी लहरी को मौका दिया।
इनसे प्रभावित होकर पहनने लगे थे गहने।
बप्पी दा अपने डिस्को संगीत (Disco Music) के लिए तो जाने जाते ही थे साथ ही उनका गोल्ड के प्रति जुनून भी बहुत मशहूर था। हर वक़्त गले में ढेर सारी मोटी-मोटी चेन, हाथों में भारी भरकम कड़े और कई अंगुठियों में नज़र आने वाले बप्पी लहरी को अपने आभूषण बहुत ही प्रिय थे। चेन के अलावा बप्पी लहरी के पास सोने के ब्रेसलेट और अंगुठियों का भी जबरदस्त कलेक्शन था। बप्पी लहरी इन गहनों को ख़ुद के लिये लकी (Gold was Lucky for Bappi) भी मानते थे। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि जबसे उन्होंने गोल्ड पहनना शुरू किया था उनके गाने हिट होने लगे। इसलिए उनके लिए उनके जीवन में सोना खासकर गले में पहनी जाने वाली सोने की चेन बहुत खास होती थी। दरअसल बप्पी हॉलीवुड के सेलिब्रिटी एलविस प्रेस्ली (Elvish Presley) से बहुत प्रभावित थे जो कि सोने की चेन पहना करते थे और बप्पी भी यही सोचा करते थे कि अगर कभी सफल हुआ तो वो ऐसे ही सोना पहनेंगे। इसके अलावा वे एक कड़ा भी पहनते थे जो उनकी माँ ने गुरुद्वारे से लाकर दिया था। वो उस कड़े को बहुत लकी (Bappi’s Lucky Kada) मानते थे।
हर गहनों के थे अलग नाम।
बप्पी दा ने अपनी सभी सोने की चेन के नाम (Bappi’s Gold Name) भी रख रखे थे। बप्पी की भगवान में बहुत आस्था थी इसलिये उन्होंने अपनी हर चेन के नाम भी भगवान के नाम पर थे। जो बप्पी दा ने स्वयं ही रखे थे। उनकी चेन का नाम गणपति बप्पा, हरे कृष्णा, बालाजी, जय मां दुर्गा जैसे नाम थे। बप्पी लहरी ने एक बार खुद एक साक्षात्कार में बताया था कि उन्हें पहली चेन जो उनकी मां से उन्हें गिफ्ट की उसका नाम हरे कृष्णा चेन था। उनकी पत्नी ने जो उन्हें चेन दी वो गणपति बप्पा गोल्ड चेन थी।
माइकल जैक्सन भी फैन थे बप्पी दा के।
कपिल शर्मा के शो में बप्पी दा ने एक और किस्सा बताया था कि किस तरह उनकी मुलाक़ात माइकल जैक्सन (Mikel Jackson) से हुई और उन्हें पता चला कि वे भी बप्पी दा के गाने पसंद करते हैं। एक बार एक इवेंट के दौरान माइकल जैक्सन से उनकी मुलाकात हुई थी, तब माइकल जैक्सन के गले में भगवान गणेश का लॉकेट देखकर बप्पी दा ने तारीफ कर दी थी। इसके बाद उन्होंने जब माइकल जैक्सन को बताया कि वह डिस्को डांसर (Disco Dancer Movie) के कंपोजर हैं तो माइकल ने कहा कि उन्हें बप्पी का जिम्मी-जिम्मी (Jimi Jimi Song) गाना बहुत पसंद है।

जब लेने वाले थे म्यूजिक इंडस्ट्री से सन्यास ।
बप्पी दा किशोर दा के बहुत करीब थे और उनके जाने के बाद उन्होंने संगीत छोड़ने (Bappi Left Music) तक का मन बना लिया था। एक इंटरव्यू में बप्पी ने बताया था, ‘किशोर दा को मैं ‘किशोर मामा’ कहता था, उनके साथ बहुत सारी फिल्मों में गाने गाए, लेकिन उनकी मृत्यु (Kishor Da Death) के बाद मुझे लगा की मुझे म्यूजिक का काम बंद कर देना चाहिए। 1987 में किशोर दा के जाने के बाद काम में बिल्कुल भी मन नहीं लगता था। फिर डैडी ने मुझे कहा कि किशोर मामा का आशीर्वाद तुम्हारे साथ हमेशा रहेगा, काम मत छोड़ो। तब 1991 में शब्बीर कुमार ने मेरा गाना ‘गोरी हैं कलाइयां’ गाया और वो सुपरहिट हुआ। फिर कुमार सानू ने ‘जिंदगी एक जुआ’ में मेरे लिए गाना गाया।’
बप्पी दा को भले ही डिस्को गानों से याद किया जाता है लेकिन उन्होंने एक से बढ़कर एक रोमांटिक और मीठे गाने भी बनाये हैं। आओ तुम्हें चाँद पे ले जायें और किसी नज़र को तेरा जैसे सैकड़ों गाने हैं जिन्हें उन्होंने कम्पोज किया। उन्हीं का कम्पोज किया गीत ‘कभी अलविदा ना कहना’ आज उनके जाने के बाद हर कोई गुनगुना रहा है और उन्हें याद कर रहा है। बप्पी दा को नारद टीवी को ओर से एक विनम्र श्रद्धांजलि।
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