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Worst ending to glorious career of Martin Guptill

कहते हैं कि दुनियां (World) में हर चीज़ पहली (Frist) बार ही होती है। चाहे कोई खोज (Search) हो, कोई पढ़ाई हो, कुछ भी हो, कभी न कभी तो उसको पहली बार किसी ने किया ही होगा। और जो भी उस काम को पहली बार करे, उसको एक लम्बे (Long) समय तक याद रखा जाता है। बचपन में आपने स्कूल में भी देखा होगा, कि क्लास में जो टॉप करता है , उसका औरा अलग ही होता है,उसकी वैल्यू अलग ही होती है।ऐसा ही कुछ हुआ था 2015 वर्ल्ड (World) कप (Cup) में, जब न्यूज़ीलैंड (New zealand) से एक 28 साल (Year) के एक लड़के ने क्वार्टर (Quarter) फ़ाइनल (Final) जैसे बड़े मैच में 237 रनों की विशाल पारी (Turn) खेली थी। और साथ ही वर्ल्ड (World) कप के एक मुकाबले में सबसे बड़ी पारी खेलने का भी रिकॉर्ड (Record) बना दिया। अब डबल (Double) सेंचुरी (Century) बनाना तो अपने आप में ही एक करिश्मा है। और वर्ल्ड कप में तो वैसे भी एक महान (Great) बात। ऐसे खिलाड़ी को तो खुब सर आंखो पर बिठाना चाहिए।लेकिन किसने सोचा (Think) था कि आज उस बन्दे को उसी दोहरे शतक (Century) की सजा मिलेगी,न्यूज़ीलैंड की टीम में तो दूर, सेंट्रल (Central) कॉन्ट्रैक्ट (Contract) तक से बेदखल कर दिया जाएगा। ये बंदा था न्यूज़ीलैंड का लेजेंड (Legend) और धाकड़ ओपनर मार्टिन गुप्टिल। जिसका करियर (Career) वैसे तो काफ़ी ऊंचाइयों पर गया। मगर उससे कहीं ज्यादा दर्दनाक (Painful) उसका डाउनफॉल (Downfall) हुआ। आज 2023 के वर्ल्ड कप में उसे इस कद्र इग्नोर (Ignore) किया गया जिसने उसका करियर (Career) ही खत्म कर दिया।आज हम हमारे सीरीज लेजेंड्स (Legends) स्नब के नए पोस्ट में आपको बताएंगे कि एक बड़े मैच विनर को कैसे न्यूज़ीलैंड ने दूध से मक्खी की तरह निकाल फेंका।

Martin Guptill

तो 2015 का वर्ल्ड कप वो दौर (Round) था जिसने मार्टिन गुप्टिल को एक सुपरस्टार (Superstar)  बना दिया था। जहां 9 मैचों में 68 के तगड़े ऐवरेज और 105 के बेमिसाल (incomparable) स्ट्राइक रेट से 547 रन बनाकर ये बंदा टॉप स्कोरर (scorer) था। जिस दौरान वो मौका भी आया था जब 237 रनों की पारी खेल गुप्टिल (Guptill) ओडीआई में डबल सेंचुरी मारने वाले सिर्फ पांचवे (fifth) और न्यूज़ीलैंड के पहले बैट्समैन भी बने थे। सिर्फ 163 बॉल में बनाई उनकी ये अब दुनियाभर (Whole world) में ये बात तो लगभग (About) सब मान ही चुके थे कि ये बंदा राज करेगा। और अगले कुछ टाइम तक गुप्टिल (Guptill) ने खूब तबाही (Destruction) मचा दी थी। एक के बाद एक रिकॉर्ड्स भी बना डाले थे। 17 बॉल में न्यूज़ीलैंड (new zealand) के लिए ओडीआई (ODI) में सबसे तेज़ हाफ सेंचुरी। न्यूजीलैंड के लिए ये बंदा ट्रैंड सेटर था जो कि हर साल कोई न कोई यादगार (memorable) जानदार शानदार (Fabulous) परफॉर्मेंस (Performance) देता ही जाता। चाहे ओडीआई (ODI) हो या टी 20, गुप्टिल की गिनती वाइट (White) बॉल (Ball) में दुनिया (World) के टॉप (Top) क्रिकेटर्स (Cricketers) और जबरदस्त ओपनर्स (Openers) में होने लगी थी। और जब भी न्यूजीलैंड क्रिकेट (Cricket) ने कोई महान (Great) काम किए, कई महान चेस किए, टी 20 में हाई स्कोर (Score) बनाए, या ओडीआई (ODI) वर्ल्ड कप के फाइनल (Final) में जगह बनाई, गुप्टिल हमेशा ही उस हिस्टोरिकल (Historical) टीम का पार्ट (Part) होते। वो चाहे 2017 हो, जब ऑस्ट्रेलिया (Australia) न्यूजीलैंड के बीच टी 20 खेला जा रहा था, जहां कंगारुओं (Australia) ने रिकॉर्ड (Record) चेस (Chess) का कारनामा कर दिखाया था। मैच के फर्स्ट (Fast) हाफ में गुप्टिल ने ही समा बांध दिया था। जिन्होंने महज 54 बॉल (Ball) में 6 चौके (Fours) और 9 गगनचुंबी छक्के (Sixes) जड़ 106 रनों (Runs) की लाजवाब (Excellent) पारी खेली थी।

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जिसके दम पर न्यूजीलैंड (New Zealand)  ने 243 का अपना टी 20 का हाईएस्ट (Hightest) स्कोर बना डाला था। 2017 में ही साऊथ (South) अफ्रीका (Africa) के खिलाफ़ ओडीआई (ODI) में 280 का वो यादगार (Memorable) चेस (Chess), जिसमें 15 चौकों और 11 लंबे छक्कों की बदौलत 180 रन (Run) तो गुप्टिल के ही थे। इसी दिन गुप्टिल ने एक नया रिकॉर्ड (Record) खड़ा किया। ओडीआई (ODI) क्रिकेट में 180+ स्कोर (Score) सबसे ज्यादा 3 बार बनाने वाले वे एक बार फिर पहले बैट्समैन (Batsman) बने। न्यूजीलैंड (New Zealand) क्रिकेट के इतिहास (History) में टी 20 के पहले और दुनिया (World) के तीसरे लीडिंग (Leading) रन स्कोरर (Scorer) हैं गुप्टिल। साथ ही ओडीआई में भी रॉस (Ross) टेलर (Trailor) और स्टीफन (Stephen) फ्लेमिंग (Fleming) के बाद गुप्टिल का ही नंबर (Number) आता है। न्यूजीलैंड  ने जितने भी अच्छे लम्हे (Moments) देखे, उसका भी इंपोर्टेंट (Important) हिस्सा (Part) थे गुप्टिल। हां माना पीछले कुछ टाइम (Time) से उनका फॉर्म (Form) उस तरह का नहीं रहा जो 2015–17 वाले उनके पीक (Peak) में हुआ करता। लेकिन ज़रूरी तो नहीं कि रोज़ (Daily) ही बंदा सेंचुरी (Century) पे सेंचुरी मारेगा। कभी न कभी तो फॉर्म (Form) बनता बिगड़ता रहेगा। लेकिन इसका मतलब (Means) ये तो नहीं कि आप अपने यंग (Young) प्लेअर (Players)  को खिलाने के चक्कर में एक बड़े मैच (Match) विनर (Winner) को भुल जायेंगे। 2022 के टी 20 वर्ल्ड (World) कप (Cup) से ठीक पहले ट्राई (Try) सीरीज (Series) तक वो टीम (Team) का हिस्सा (Part) थे,लेकिन फिर फिन (Fan) एलेन (Alone) को खिलाने के चक्कर में उन्हें बेंच (Batch) पर बिठा दिया गया। पूरा वर्ल्ड (World) कप (Cup) उन्हें एक भी मैच (Match) नहीं खिलाया। और वर्ल्ड कप के बाद टीम (Team) से ही छुट्टी (Holiday) कर दी। हालात बद से बत्तर तो तब हो गए जब इस महान (Great) बल्लेबाज (Batsman) को न्यूजीलैंड के सैंट्रल (Central) कॉन्ट्रैक्ट (Contract) से भी निकाल दिया गया। उपर से उनके कप्तान (Captain) केन विलियमसन का वो बेतुका स्टेटमेंट (Statement) कि वो रिटायर (Retirement) तो नहीं हुए, मगर हम उन्हें मिस (Miss) करेंगे।

 

अरे भाई, रिटायर (Retire) होने के अलावा कोई और चारा छोड़ा है क्या आपने उनके सामने। एक तो फ्रेंचाइजी (Franchise) क्रिकेट में उन्हें मौके (Chance) नहीं मिलते, टैस्ट (Test) उनको आप वैसे नहीं खिला रहे। चलो टी 20 से भी छुट्टी, वो भी उस प्लेयर की, जिससे ज्यादा रन सिर्फ विराट और रोहित के हैं, चलो एक हद तक समझ आती है, आप नई टीम (Team) बना रहे हैं, तगड़े इंटेंट (Instent) वाली,लेकिन कम से कम ओडीआई (ODI) में तो गुप्टिल को रख सकते थे। एक ओपनर (Opener) डेवोन कोनवे हैं, जो एंकर (Anchor) के साथ साथ एग्रेसिव (Aggressive) भी खेल सकते हैं। लेकिन फिन एलेन ज्यादातर लप्पे मारते हैं, कैमियो (Cameo) ही खेलते हैं,टी 20 तक तो ये ठीक है। 20–25 के कैमियो तो ट्रेंट बोल्ट भी खेल सकते हैं। मगर ओडीआई (ODI) में आपको गेम (Game) चलाने वाला ओपनर (Opener) चाहिए। जो कि एक प्लेटफॉर्म (Platform) सेट (Set) करके आखिरी (Last) में विस्फोट (Explode) कर सके। बड़ी पारियां खेल सके। और जब वो ओपनर (Opnear) 41 के ओडीआई ऐवरेज (Average) वाला हो,आपके देश (Country) में ओडीआई (ODI) का 3rd हाईएस्ट (Highest) रन (Run) गेटर हो तो इससे बड़ा बोनस (Bonus) किसी टीम के लिए क्या होगा। वो गुप्टिल से बेहतर कौन कर सकता था भला। बड़े शतक (Century) लगाने वाली स्किल (Skills) गुप्टिल से अच्छा इस टीम में किसी के पास नहीं। टेलर वैसे ही रिटायर (Retire) हो गए। मैक्कुलम जैसा ओपनर (Opnear) तो आपके पास है ही नहीं अब (Now)।

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विलियमसन वैसे ही अपनी नी इंजरी (Injuy) से अभी भी स्ट्रगल (Struggle) कर रहे हैं। ऐसे में इस मोड़ पर न्यूजीलैंड को जरूरत (Need) थी उन्हें बैक करने की। हर हाल में 2023 वर्ल्ड कप टीम में खिलाने की। अब इसके पीछे एक लॉजिक (Logic) ये भी है, कि अब चावल पुरी तरह पक (Cook) चूके है।देखिए इंडियन (Indian) टीम जो 2003 में जिस युवा जहीर खान ने पहले ओवर (Over) में रायता फैलाया था, उसी एक्सपीरियंस (Experience) कलाकार ने 2011 में 3 लगातार मैडेन डालकर अपने शानदार स्पैल (spell) से मैच (Match) बना दिया था। भुल जाइए गुप्टिल ने क्या चोक किया, 2011 वर्ल्ड कप में क्या गलती की।अब वे बेहद एक्सपीरियंसड और मंझे हुए प्लेयर बन चुके थे। वो पहले भी कई बार इंडिया वर्ल्ड कप और काफ़ी क्रिकेट (Cricket) खेल चूके है। कन्वे का वैसे भी ये पहला वर्ल्ड कप है।और जिस विल यंग को आपने टीम में लिया है। उन्होंने तो ज़्यादा इंटरनेशनल (International) क्रिकेट वैसे भी नहीं खेला।हमारा मानना तो यही है कि गुप्टिल के साथ ये ज्यादती होनी ही नहीं चाहिए थी। ओडीआई ( ODI) के लिए वे आज भी बढ़िया है, बंदा खेल जायेगा।

13000 से भी ज्यादा इंटरनैशनल रन बनाने वाले इस लेजेंड (Legend) को इतने गलत तरीके से ट्रीट (Treat) करना उचित (Appropriate) नहीं। पिछले साल के टी 20 वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड ये गलती कर चूका है और मुंह की खा चूका है। इस बार उनके पास मौका था अपनी गलती सुधारने का। अपने सबसे इंपैक्टफुल (impactful) खिलाड़ी को टीम (Team) में शामिल (Join) करने का। लेकिन कितने दुख की बात है कि इस बार भी 2023 के वर्ल्ड कप में इस गलती को दोहराया (repeated) गया, उन्हे टीम में चुनना तो दूर, न चुनने का कारण (Reason) और उनका जिक्र (Mention) तक नहीं किया गया। उसने इस लेजेंड (Legend) के कैरियर (Career) की ईस कद्र सेड एंडिंग की, जिसकी किसी ने उम्मीद (Hope) भी नहीं की होगी, और न ही कोई क्रिकेटर (cricketer)  ऐसा अंत चाहेगा। वो भी तब,जब आपने अपने देश (Country) के लिए इतना कुछ किया हो। हर फार्मेट (Format) में इतने कीर्तिमान (Records) बनाए हों, अपनी एक लेगेसी (Legacy) सैट (Set) की हो। जहां 100 बनाने मुश्किल थे, वहां 200 बनाए इस दिग्गज (Exam)  ने। उसके बावजूद ऐसा सल्लूक। अनबेलिवेबल (unbelievable)।।

ऐसा नहीं है कि गुप्टिल खत्म हो चुके हैं। परफोर्मेंस (performance) उनका अभी भी दमदार था। हाल ही में हुई सीपीएल (CPL) में उनका शतक (Century) एक वेक अप कॉल था उन सेलेक्टर्स (Selectors) के लिए, जिन्होंने गप्पी को टीम से लात मारकर बाहर कर दिया। ये सबसे बेस्ट (Best) समय हो सकता था गुप्टिल के लिए, न्यूज़ीलैण्ड क्रिकेट के लिए, क्योंकि इस बार 2023 के वर्ल्ड कप में वे 2011 और 16 के सब कॉन्टिनेंट (Continent) में खेलने वाले एक्सपीरिएंस (Experience) के साथ आते वे। जो ओपनिंग (Opening) मामूली सी लग रही है, उसे एक्स्ट्रा (Extra) आर्डिनरी बनाते,कुछ कमाल कर दिखाते। जिस आधी न्यूज़ीलैण्ड स्क्वॉड (Squad) का ये पहला वर्ल्ड कप था, उसे अपने एक्सपीरियंस (Experience) से ये और वैल्यू (Vale) भी देते। और अपनी फिल्डिंग (Fielding) से इस टीम के स्किल्स (Skills) में 4 चांद और भी लगाते। 2019 का वो गुप्टिल का विनाशकारी थ्रो (Throw) हम इंडियंस तो कभी नहीं भूल पाएंगे, जिसने धौनी को आउट (Out) कर करोड़ों दिल तोड़ दिए थे।लेकिन पता नहीं क्यों, गुप्टिल के अपने ही बोर्ड वाले उन्हें भूल गए,इन चिकने घड़ों पर न जाने कोई असर क्यों नहीं पड़ा। उन्हें कोई कम्बैक (Comeback) क्यों नहीं कराया गया। अभी भी ये मिस्ट्री (Mystery) है।पूरा करियर उन्हें वैसे भी अंडररेट (Underrate) किया गया।लेकिन जब इस लीजेंड को एक विदाई देने का मौका था,एक आखिरी वर्ल्ड कप में, तो भी उनकी कदर नहीं की गई।

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और इतिहास (History) गवा है, जिस क्रिकेट बोर्ड (Board) ने अपने मैच विनर्स (Winners) को डुबोया है, आज नहीं तो कल, उसका भी डाउनफॉल (Downfall)  हुआ है। वेस्टइंडीज ने भी ये गलती डेरेन सैमी के साथ की थी, रिजल्ट्स (Results) आप देख ही रहे हैं।अगर आप सैमी के साथ हुई ज्यादती पर पोस्ट चाहते हैं तो कमेंट में डैरेन सैमी लिख दीजिएगा। हम समझ जाएंगे। लेकिन अब न्यूजीलैंड ने भी गुप्टिल को साइलेंट गुड बाय देकर अपनी कब्र खुद ही खोद ली है, जिसमें आज नहीं तो कल इनका गिरना तय है। वैसे तो मैं यही दुआ करूंगा कि इनका वेस्टइंडीज (west indies) वाला हाल न हो, मगर क्या कसूर था गुप्टिल का,आज तक पता नहीं चला। अब जो क्राइम (Crime)  न्यूजीलैंड क्रिकेट ने किया है, उससे ये टीम मुंह की खाना ही डिजर्व करती है। बाकि 100 बात की 1 बात तो ये है कि गुप्टिल का करियर (Career) अब द ऐंड (End) हो चुका है,अब दोबारा वे कभी भी हमें ब्लैक जर्सी (Jersey) में खेलते नज़र नहीं आयेंगे।एक्सेप्ट (Accept) करना मुश्किल है, मगर क्या करें, यही सच है। कोई माने या न माने, आपने बहुत कुछ दिया न्यूज़ीलैण्ड क्रिकेट को, जो कम से कम हम तो कभी नहीं भूलेंगे। थैंक यू गुप्टिल।।

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