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Govinda : के जीवन का अर्श से फर्श तक का सफर

Govinda Journey
Govinda Life Journey

Govinda : गोविंदा बॉलीवुड में ऐसे कम ही ऐक्टर हुए हैं जिन्हें बच्चे से लेकर बूढ़े तक, चाहे वो मेल हों या फीमेल, सभी पसंद करते हैं। ऐसे ऐक्टर ऑल राउंडर होते हैं जो हँसा भी सकते हैं, रुला भी सकते हैं। अपने डांस से थिरका भी सकते हैं और ऐक्शन से दहला भी सकते हैं। बॉलीवुड के एक ऐसे ही ऑल राउंडर ऐक्टर हैं गोविंदा जो 80s से लेकर अब तक दर्शकों के दिलों पे राज कर रहे हैं। बेशक़ आजकल उनकी फ़िल्में कम आ रही हैं लेकिन उनकी पॉपुलैरिटी में कोई भी कमी नहीं आयी है। आज भी जब वे किसी टीवी शो में गेस्ट बनके पहुँचते हैं तो उस एपिसोड की टीआरपी हाई चली जाती है। 4 दशकों से दर्शकों के दिलों पे अपना जादू कायम रखने वाले गोविंदा की लाइफ और करियर की जर्नी काफी स्ट्रगल भरी रही है जो कहीं न कहीं हर किसी को इंस्पायर भी करती है।

नमस्कार

Naarad Tv
Govinda Childhood Image

चाइल्डहुड-
कॉमर्स से ग्रेजुएट गोविंदा छह भाई बहनों में सबसे छोटे है और बचपन में उन्हें प्यार से चीची बुलाया जाता था। गोविंदा के पिता अरूण कुमार आहुजा 40 और पचास के दशक में बतौर ऐक्टर फ़िल्मों में काम करते थे, वहीं गोविंदा की माँ निर्मला आहुजा उस दौर की पॉपुलर क्लासिकल सिंगर थीं। उन्होंने कुछ फ़िल्मों में सिंगिंग के साथ-साथ ऐक्टिंग भी की थी। हालांकि गोविंदा के पैरेंट्स फ़िल्मों में थे इसलिए गोविंदा को आसानी से फ़िल्में मिल गयीं अगर आप ये सोच रहे हैं तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।

दरअसल 50 के दशक में ही गोविंदा के पिता ने एक फिल्म प्रोड्यूस की थी जिसमें उन्हें इतना घाटा हुआ था कि उन्होंने फ़िल्मी दुनिया को अलविदा कह दिया था साथ ही मुंबई के एकदम आऊटर इलाके में जाकर बस गये थे और एक गुमनाम ज़िदगी जीने लगे थे। विरार नाम की उस जगह पे ही पले-बढ़े और जब गोविन्दा बड़े हुए तो उनके पिता ने उन्हें फिल्मों में करियर बनाने की सलाह दी। जिसके बाद गोविंदा ने काफी स्ट्रगल किया और साल 1986 में आयी फ़िल्म इल्जाम के साथ अपने करियर की शुरुआत की। गोविन्दा का काम लोगों को इतना पसंद आया कि अपनी दूसरी फिल्म लव 86 की शुटिंग पूरी होने तक उन्होंने लगभग 40 और फिल्में साइन कर लीं थीं। तब से लेकर अब तक वह 175 से भी अधिक फिल्मों में नज़र आ चुके हैं।

डेडीकेशन-
गोविन्दा न सिर्फ एक नेचुरल ऐक्टर हैं बल्कि एक बेहतरीन डांसर भी हैं और अपनी परफेक्ट कॉमिक टाइमिंग के लिये भी जाने जाते हैं। सीरियस, रोमांटिक, ऐक्शन और कॉमेडी हर तरह की फ़िल्मों में डिफरेंट रोल कर चुके गोविन्दा ने अपने करियर में डबल रोल के अलावा, फिल्म हद कर दी आपने में छह रोल में भी नज़र आ चुके हैं।

बताया जाता है कि गोविंदा शूटिंग पे अक्सर बहुत देर से पहुंचते थे, जिसके कारण उनके को-ऐक्टर और डायरेक्टर प्रोड्यूसर उनसे परेशान हो जाते थे।हालांकि गोविन्दा की एक ख़ासियत यह भी थी कि वे सेट पे भले ही लेट पहुँचते थे लेकिन अपने काम को बख़ूबी अंजाम पहुँचाते थे। गोविन्दा के डेडीकेशन से जुड़ा एक किस्सा भी बड़ा पॉपुलर हुआ था, दरअसल फिल्म खुद्दार की शूटिंग के दौरान गोविंदा की कार का भयंकर एक्सीडेंट हो गया था जिसमें उन्हें गंभीर चोटें भी लग गई थी।

लेकिन सिर पर गहरी चोट लगने और खून बहने के बावजूद उन्होंने शूटिंग रद्द नहीं की। हालांकि इस बात के बारे में जब फिल्म के क्रू को पता चला था तो उन्होंने शूटिंग कैंसिल कर दी थी लेकिन गोविंदा डॉक्टर को दिखाने के बाद आधी रात को ही सेट पर पहुंच गए और अपने सीन को भी पूरा किया।

सक्सेसफुल करियर-
दोस्तों पिछले कुछ सालों में गोविंदा की फिल्में कम ही आईं हैं जो कुछ ख़ास कमाल नहीं दिखा पाईं। जबकि एक दौर था जब गोविंदा (Govinda) बॉलीवुड के सबसे बड़े और सफल स्टार थे। 90s में तो उनका जलवा देखते ही बनता था। आँखें, राजा बाबू, दूल्हे राजा, हीरो नं 1, कुली नंबर 1 जैसी दर्जनों ब्लाकबस्टर फ़िल्में देने वाले गोविंदा के पास फिल्मों की लाइन लगी रहती थी। कामयाबी का दूसरा नाम कहे जाने वाले गोविन्दा को उस दौरान कई ऐसी फिल्में भी ऑफर हुईं थीं, जिन्हें उन्होंने रिजेक्ट कर दिया, बाद में वो फिल्में सुपरहिट भी हुईं थीं। हॉलीवुड फिल्म अवतार समेत कई ऐसी फिल्में हैं जिनके ऑफर को गोविंदा ने मना कर दिया था जो बाद में ब्लॉकबस्टर साबित हुईं।

गोविंदा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि चांदनी में ऋषि कपूर का रोल उन्हें ऑफ़र हुआ था, लेकिन फ़िल्म में वह कैरेक्टर काफी देर के लिए विकलांग दिखाया जाना था, इसलिए उन्होंने इनकार कर दिया था। इसके अलावा सुभाष घई की सुपरहिट फिल्म ‘ताल’ में अनिल कपूर का रोल और संजय लीला भंसाली की फ़िल्म ‘देवदास’ में चुन्नी बाबू का रोल भी पहले गोविंदा को ही ऑफर किया गया था। डायरेक्टर अनिल शर्मा ने भी अपनी फ़िल्म गदर की स्क्रिप्ट पहले गोविंदा को ही सुनाई थी, लेकिन गोविंदा ने उन्हें भी मना कर दिया था।

दरअसल गोविंदा की इमेज उन दिनों रोमांटिक और कॉमेडी फ़िल्मों के लिये एकदम फिट बैठती थी इसलिए वे कोई रिस्क नहीं लेना चाहते थे। गोविंदा ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें जेम्स कैमरॉन की वर्ल्ड वाइड ब्लॉकबस्टर फ़िल्म ‘अवतार’ ऑफ़र हुई थी। लेकिन उन्होंने यह कहते हुए फिल्म करने से मना कर दिया कि वह इतने दिनों तक अपने  शरीर पर पेंट नहीं लगाना चाहते हैं। हालांकि उन्होंने पहले ही बता दिया था कि यह फ़िल्म ब्लाकबस्टर होगी और इसको बनने में काफी वक्त लगेगा। गोविंदा ने यह भी बताया कि फ़िल्म का टाइटल भी उन्होंने ही दिया था।

बिग मिस्टेक्स ऑफ गोविन्दा (Govinda)   
दोस्तों एक समय था जब गोविंदा और डेविड धवन की जोड़ी ने कई सुपरहिट फ़िल्में दीं थीं, लेकिन दोनों के झगडे के बाद डेविड धवन ने उस वक़्त सलमान खान और संजय दत्त को फिल्में देनी शुरू कर दी थीं और गोविंदा के करियर में गिरावट आने लग गई थी। अपने कामयाबी के दौरान ही गोविन्दा से एक ऐसी मिस्टेक भी हुई थी जिससे न सिर्फ उन्हें बदनामी मिली बल्कि उनकी इमेज पे भी काफी बैड इफेक्ट पड़ा था। दरअसल फिल्म ‘मनी है तो हनी है’ के सेट पर गोविंदा ने अपनी फ़िल्म की शूटिंग देखने आये एक दर्शक को चाटा मार दिया था।

इस ख़बर को मीडिया ने जंगल की आग की तरह फैला दिया था और हर तरफ से गोविन्दा को बुराई सुननी पड़ी थी। हालांकि इस मामले में बताया गया कि वह लड़का लगातार गोविन्दा को देखकर हँसे जा रहा था जैसे गोविन्दा कोई जोकर हों। शूटिंग के दौरान बार बार उसका यूँ गोविन्दा को हँस हँस कर दखना गोविन्दा को असहज कर रहा था, जिसका नतीज़ा ये हुआ कि उन्होंने संतोष राय नाम के उस दर्शक को एक थप्पड़ लगा दिया। हालांकि संतोष पर यह भी आरोप लगा था कि वह फिल्म के क्रू में शामिल लड़कियों से बदतमीजी कर रहा था और गोविंदा के रिक्वेस्ट करने के बाद भी वहां से नहीं जा रहा था।

बाद में संतोष राय ने चांटे को लेकर गोविन्दा के ख़िलाफ़ एक केस मुंबई हाई कोर्ट में और बाद में सुप्रीम कोर्ट में भी दायर किया। जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने गोविंदा को अपने किये पर माफी मांगने को कहा। मीडिया में इस मुद्दे को ख़ूब उछाला गया जिससे गोविन्दा की काफी छीछालेदर हुई थी। उस दौरान यह भी कहा गया कि गोविंदा का करियर ठीक नहीं चल रहा था और उनकी फिल्में लगातार फ्लाप हो रही थीं जिसकी वज़ह से वो चिड़चिड़े से हो गये थे और इसी कारण वे बात बात पर नाराज़ हो जाया करते थे।

एंट्री इन पॉलिटिक्स- 
साल 2000 के आस- पास गोविन्दा की बहुत सी फिल्में फ्लॉप हो गईं। जिसके बाद उन्होंने साल 2004 में लोकसभा चुनाव लड़कर पॉलिटिक्स में जाने का मन बनाया। मज़े की बात कि उन्होंने अपने पहले ही इलेक्शन में बीजेपी के बड़े लीडर को हरा दिया। हालांकि इलेक्शन जीतने के बाद वो राजनीति में ज़्यादा दिनों तक ऐक्टिव नहीं रह पाए। सांसद के तौर पर गोविंदा को काफी बदनामी झेलनी पड़ी थी।

उन पर इल्जाम लगे कि वह अपने एरिया के लोगों से मिलते ही नहीं और उनकी प्रॉब्लम्स को भी नजरअंदाज़ करते हैं। आख़िरकार हार मानकर साल 2008 में उन्होंने पॉलिटिक्स छोड़ दी लेकिन बॉलीवुड से दूरी का गोविंदा के एक्टिंग करियर पर बुरा असर पड़ा और उनका फिल्मी करियर का ग्राफ काफी नीचे गिर गया। गोविंदा को इस बात का दुख अभी भी है कि अगर वो पॉलिटिक्स में नहीं आते तो शायद आज भी उनका जलवा बरकरार रहता।

दोस्तों कभी नंबर वन कहे जाने वाले ऐक्टर  गोविंदा के करियर में एक समय ऐसा भी आया था जब एक भी ढंग की फ़िल्म उनकी झोली में नहीं थी। हालांकि साल 2017 की फिल्म, ‘आ गया हीरो ‘ से गोविन्दा ने कमबैक की कोशिश की, लेकिन फिल्म बुरी तरह फ्लॉप रही थी। इसके बाद गोविंदा ने सलमान खान के साथ फ़िल्म पार्टनर में काम किया जो हिट साबित हुई यह फ़िल्म गोविंदा के मूड की ही थी जो उन्हें काफी सालों बाद मिली थी हालांकि इसके बाद उन्हें कोई भी मन मुताबिक फ़िल्म न मिल सकी।

गोविंदा ने अपने एक इंटरव्यू में कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके फ़िल्मों की रिलीज़ को रोककर उनके करियर को बर्बाद करने की कोशिश की गई। गोविंदा ने बताया कि बॉलीवुड के नेपोटिज्म का शिकार वो भी हुए हैं और उन्हें फिल्में मिलनी भी बंद हो गई थी। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि उनके खिलाफ इंडस्ट्री में षडयंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि, “पिछले 14-15 सालों में मैंने फ़िल्मों में अपने पैसे लगाए हैं और 16 करोड़ रुपए गवां दिए हैं। इंडस्ट्री के कुछ लोगों द्वारा मेरे साथ बुरा व्यवहार किया गया। मेरी फ़िल्मों को थियेटर नहीं मिला और उन लोगों ने मेरे करियर को बर्बाद करने की कोशिश की, जो कि मैंने होने नहीं दिया। अब मैं अपने करियर को फिर से शुरू करने के लिए तैयार हूं।

‘’ गोविंदा का कहना है कि उन्हें अपना करियर बनाने में दशकों लगे हैं और कई लोगों ने उनका नाम खराब करने की कोशिश की है। कई फिल्में करने से मना करने को लेकर भी भी गोविंदा ने बताया कि, “आजकल ये नई अफ़वाह फैलाई जा रही है। सच बात तो ये है कि मुझे ऐसी फिल्में देकर लोग मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं जो मुझे पसंद ही न आए, जैसे सेक्स और हिंसा वाली फिल्में। मुझे ये भी पता है कि एक ऑफिस में बातचीत चल रही है कि गोविंदा को 15 सीन्स और दो गाने दिए जाएं, बाद में केवल एक गाने में काम दिया जाए और उसे भगवान दादा बना दिया जाए। उसके बाद उसे जूनियर आर्टिस्ट बना दिया जाए।”

अवाॅर्ड की बात करें तो गोविंदा अब तक बारह बार फिल्मफेयर के लिए नॉमिनेट हो चुके हैं। वह एक स्पेशल फिल्मफेयर अवार्ड के अलावा बेस्ट कॉमेडियन केटेगरी में एक फिल्मफेयर और चार बार ज़ी सिने अवार्ड हासिल कर चुके हैं।

हाल ही में यूट्यूब पर अपने डांस वीडियो में नज़र आये गोविन्दा अपने डांस के अलावा अपनी गायकी का जलवा भी बिखेर रहे हैं। हालांकि गोविन्दा पहले भी शोला और शबनम, आंखें और हसीना मान जाएगी जैसी फिल्मों के ज़रिये कई बार अपने इस हुनर का परिचय दे चुके हैं। कुछ सालों पहले गोविन्दा ने एक म्यूजिक एल्बम ‘गोरी तेरे नैना’ से भी अपनी गायकी का जादू बिखेरा था और इस एल्बम के सभी सॉन्ग को फैंस ने खूब पसंद भी किया था। बहरहाल गोविन्दा आज भी काफी फिट नज़र आते हैं उनके डांस को देखकर कहीं से भी ये नहीं लगता कि उनमें कोई कमी आई है। हाल ही में जब गोविंदा जीटीवी के ‘डांस इंडिया डांस सुपर मॉम्स’ रिएलिटी शो में बतौर जज नजर आए थे तो इस शो को हाईएस्ट टीआरपी मिली थी।
हाल ही में मीडिया से बात करते हुए फ़िल्म मेकर रोहित शेट्टी ने कहा है कि, “लगातार दस साल तक उस इंसान ने सिर्फ ब्लॉक बस्टर्स दिए। गोविंदा और डेविड धवन ने मिलकर शोला और शबनम, आंखें, राजा बाबू, जोड़ी नंबर वन और हसीना मान जाएगी जैसी बैक-टू-बैक हिट फिल्में दी। मुझे नहीं लगता कि उन्हें उनका सही हक मिल पाया, वरना वो सबसे बड़े सुपरस्टार होते। अब सोशल मीडिया है, एक चलती है तो सब चिल्लाते हैं। उन्होंने दस साल तक लगातार हिट्स दिए हैं।” बहरहाल गोविंदा के खाते में अब भी कुछ फिल्में हैं और दर्शकों को आज भी उनकी फ़िल्मों का इंतज़ार रहता है।

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