किताबों में जब भी क्रिकेट इतिहास की बात होती है। तो, एक कोने में ‘जेंटलमेंस गेम’ ज़रूर लिखा होता है। क्योंकि, 5 दिनों तक खेले जाने वाले इस खेल में, बल्लेबाज़ का काम होता है खेल को धीमा कर गेंदबाज़ को परेशान करना। जबकि, गेंदबाज़ का काम होता है बल्लेबाज़ की एकाग्रता भंग कर विकेट प्राप्त करना। बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ के ये काम बस धैर्य के साथ ही मुमकिन हैं।
लेकिन, गुज़रते वक़्त के साथ क्रिकेट खेलने का अंदाज़ बदला है। पहले वनडे और अब टी-20 क्रिकेट के आने से, सिर्फ़ खेल नहीं खिलाड़ी भी आक्रमक हो गये हैं। ऐसे में मैदान पर खिलाड़ी एक दूसरे पर हावी होना चाहते हैं। जिसके चलते ‘जेंटलमैन गेम’ में भी जंग का माहौल बन जाता है। इंग्लैंड और भारत सिरीज़ भी एक ऐसा ही मुक़ाबला रहती है। जहाँ खिलाड़ी अपने विरोधी खिलाड़ी से आगे निकलना चाहते हैं
और अपनी टीम का झण्डा बुलन्द करना चाहते हैं। इस चाहत के साथ ही 4 अगस्त को पहले टेस्ट से भारत इंग्लैंड में अपने अभियान की शुरुआत करेगा और इतिहास रचने की ओर कूँच करेगा। इस ऐतिहासिक सिरीज़ से पहले नारद टी.वी. ख़ास आपके लिये इंग्लैंड और भारत क्रिकेट इतिहास के ऐसे 5 मौके लेकर आया है। जब इन दोनों टीमों के खिलाड़ी अपनी भावनाओं पर क़ाबू नहीं रख पाये और विवाद का हिस्सा बनें।
#1:- सचिन तेंदुलकर और नासिर हुसैन
दोस्तों, सचिन और नासिर के बीच छिड़ी ये जंग ना तो ज़ुबानी थी और ना ही प्रत्यक्ष। लेकिन, फिर भी ये झड़प इतिहास के पन्नों में दर्ज है। बात 2001 बैंगलोर टेस्ट की है। ये वो दौर था जब सचिन अकेले पूरी टीम के बराबर गिने जाते थे। उस मैच में भी तेंदुलकर शानदार टच में नज़र आ-रहे थे और अपने शतक की ओर बढ़ रहे थे।
तभी इंग्लैंड के बायें हाथ के स्पिनर ऐश्ले जाइल्स ने सचिन के बैट से दूर लेग स्टंप्स पर बॉल फेंकना शुरू किया। जब नासिर को अंदाज़ा हुआ कि इस तरह की गेंदबाज़ी से सचिन परेशान हो रहे हैं। तो उन्होंने अन्य स्पिनरों को भी इस लाइन पर ही गेंद डालने को कहा। इंग्लिश गेंदबाज़ों की इस हरकत से गुस्साए तेंदुलकर ने एक गेंद पर आगे बढ़कर शॉट खेलने की कोशिश की और 90 रन बनाकर स्टंप आउट हो गये।
सचिन ने अपने क्रिकेट कैरियर में 200 टेस्ट की 329 पारियों में बल्लेबाज़ी की। लेकिन, ये इकलौता ऐसा मौका था जब वो टेस्ट में स्टंप आउट हुये हों। मैच के बाद नासिर हुसैन की चौतरफ़ा आलोचना हुई। उन्हें खेल भावना को ठेस पहुंचाने के लिये दोषी भी माना गया। यहाँ तक कि इस मैच के बाद आईसीसी ने नियमों में भी बदलाव किये। लेकिन, नासिर हुसैन को अपनी इस हरकत पर कोई अफ़सोस नहीं है।
उन्होंने हाल में ही एक अख़बार से बात करते हुये कहा “हाँ! मैने ही जाइल्स को लेग स्टंप के बाहर गेंद डालने को कहा था। सचिन का विकेट लेने के लिये मैं किसी भी हद से गुज़रने को तैयार था”। हालाँकि, इसके बाद सचिन के ख़िलाफ़ इस तरह की कोई स्ट्रेटेजी नहीं चली। लेकिन, सचिन के स्टम्प आउट होने कारण ये घटना इतिहास में दर्ज हो गयी।
#2:- सौरव गांगुली और एंड्रू फ्लिंटॉफ
एक ओर उभरती हुई टीम का जोशीला कप्तान हो और दूसरी ओर निडर ऑलराउंडर हो। तो, क्रिकेट की पिच को दंगल बनते देर नहीं लगती है। 21वीं सदी की शुरुआत में इंग्लैंड बनाम भारत मुक़ाबले में 70% दर्शक तो सिर्फ़ गांगुली और फ्लिंटॉफ की जंग देखने आते थे। एक ऐसी जंग जिसकी शुरुआत नाटकीय अंदाज़ में हुई थी। साल 2001 में इंग्लैंड ने वानखेड़े वनडे में रोमांचक जीत हासिल की।
फ्लिंटॉफ ने शर्ट उतारकर जीत का जश्न मनाया। जिसके जवाब में साल 2002 नेटवेस्ट ट्रॉफी फाइनल में इंग्लैंड के विरुद्ध जीत के बाद गांगुली ने लॉर्ड्स की बालकनी में शर्ट उतारी। इस मैच के बाद फ्लिंटॉफ और गांगुली एक दूसरे पर हावी होने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे। एक ऐसा ही मौका था साल 2002 का नॉटिंघम टेस्ट। जब गाँगुली 99 रन बनाकर डेब्यूटेंट स्टीव हर्मिशन की गेंद पर आउट हुये।
तो, बाथरूम के लिये ड्रेसिंग रूम जाने वाले फ्लिंटॉफ पानी की बोतलें लेकर मैदान में भागकर आये और गांगुली के साथ गाली गलौच (अभद्र भाषा प्रयोग) करने लगे। हालाँकि, बात ज़्यादा नहीं बढ़ी और गांगुली चुप-चाप पविलियन चले गये। लेकिन, फ्लिंटॉफ की इस हरकत के लिये आज भी उनका मज़ाक उड़ाया जाता है।
#3:- ज़हीर खान और केविन पीटरसन
एक शांत खिलाड़ी को छेड़ना कितना नुकसान पहुंचा सकता है। साल 2007 में ज़हीर और केविन पीटरसन के बीच हुई बहस इसकी सबसे अच्छी मिसाल है। नॉटिंघम टेस्ट में जब भारत का स्कोर 464 पर 6 था। तो, ज़हीर खान क्रीज़ पर बल्लेबाज़ी के लिये आये। ज़हीर की एकाग्रता भंग करने के लिये इंग्लिश खिलाड़ियों ने पिच पर जेली बीन यानि टॉफ़ी फेंकी।
पिच पर जेली बीन की संख्या बढ़ती देख गुस्साये ज़हीर स्लिप में खड़े केविन पीटरसन की ओर बल्ला लेकर चल पड़े। ज़हीर और पीटरसन के बीच बहस को अम्पायरों ने रोका। मगर, बेइज़्ज़त करने वाली इस घटना ने ज़हीर को बेहतर खेल के लिये प्रेरित किया और ज़हीर ने दूसरी पारी में 5 विकेट लेकर भारत को मैच जितवा दिया। इस घटना को याद करते हुए ज़हीर ने कहा “मुझे नहीं पता वो बीन्स कहाँ से आयी थी।
पीटरसन मुझे देख के मुस्कुरा रहा था। इसलिये, मैं उसकी तरफ़ गया”। मैच के बाद इंग्लिश कप्तान वॉन ने अपने खिलाड़ियों की इस हरकत को मज़ाक बोलकर माफ़ी माँगी। लेकिन, पुराने खिलाड़ियों से लेकर अख़बारों तक सब ने इंग्लिश खिलाड़ियों की इस हरकत की निंदा की।
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#4:- युवराज सिंह और एंड्रू फ़्लिंटॉफ़
2007 टी-20 विश्व कप में युवराज द्वारा एक ओवर में मारे गए 6 छक्के भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सुनहरे लम्हों में से एक है। इस करिश्माई कारनामे की शुरुआत ब्रॉड के ओवर से पहले युवराज और फ़्लिंटॉफ़ के बीच बहस से हुई थी। दरअसल, भारतीय बल्लेबाज़ी के दौरान फ़्लिंटॉफ़ के एक ओवर में युवराज ने उनकी शानदार गेंदों पर भी चौक्के लगा दिये।
गुस्साये फ़्लिंटॉफ़ ने युवराज से कहा “मैं तेरा गला काट दूँगा।” जवाब में युवराज ने बल्ला दिखाते हुए कहा “मेरे हाथ में बल्ला है और तुझे पता है कि मैं इससे कहाँ मारूँगा।” फ़्लिंटॉफ़-युवराज की बढ़ती बहस को धोनी और अम्पायरों ने मिलकर रोका। लेकिन, इस सब से गुस्साये युवराज ने अपनी सारी भड़ास ब्रॉड पर निकाली और इतिहास रचते हुये 6 छक्के मार दिये।
इस तरह इंग्लैंड और भारत के खिलाड़ियों के बीच हुई बहस ने क्रिकेट इतिहास को अटूट रिकॉर्ड दे दिया
#5:- रविंद्र जडेजा और जेम्स एंडरसन
ये भारत बनाम इंग्लैंड मुक़ाबलों का सबसे बड़ा विवाद है। क्योंकि, ये मैदान से निकलकर आईसीसी ऑफिस तक पहुंच गया था। दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड इस मुद्दे पर एक दूसरे के आमने-सामने थे। बात 2014 में भारत के इंग्लैंड दौरे की है। एक बार फिर नॉटिंघम का ट्रेंट ब्रिज खिलाड़ियों के बदतमीज़ी का गवाह बना।
दरअसल, मैच के दौरान भारतीय टीम ने शिकायत की, कि दूसरे दिन लंच के समय पविलियन जाते वक़्त एंडरसन ने जडेजा के साथ धक्का-मुक्की की। जवाब में इंग्लैंड टीम ने जडेजा पर आरोपों की झड़ी लगा दी। मैदान पर भी माहौल गर्म नज़र आ-रहा था। उसके बाद ऐसे मौकों पर शांत रहने वाले धोनी के बयान ने आग में घी का काम किया।
धोनी ने कहा “वहाँ कुछ ऐसा हुआ था। जो बताया नहीं जा सकता है”। फिर क्या था! आईसीसी ने कमिशन बैठाई और मामले की जाँच हुई। क़रीब 1 महीने तक मैदान में और मैदान के बाहर आरोप लगते रहे। हालाँकि, आख़िर में दोनों पक्ष निर्दोष साबित हुये। लेकिन, इस घटना ने दोनों खिलाड़ियों की मानसिकता पर असर किया। जिसकी बात करते हुए एंडरसन ने कहा था “रविंद्र जडेजा वाली घटना के बाद मैं एक अलग तरह का गेंदबाज़ बन गया था।”
दोस्तों, ये थे इंग्लैंड बनाम भारत क्रिकेट इतिहास के 5 ऐसे विवाद जिसके चलते खिलाड़ियों के खेल से ज़्यादा उनके व्यवहार का ज़िक्र हुआ। इस उम्मीद के साथ कि इस साल खिलाड़ियों का प्रदर्शन सुर्ख़ियों में रहे |
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