दोस्तों अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट इतिहास के लंबे सफर में एक बड़ा अरसा कुछ ऐसे गेंदबाजों के साथ गुजरा है जिसमें लगभग हर क्रिकेट टीम के पास अपने कुछ ऐसे घातक गेंदबाज हुआ करते थे जो किसी भी बैटिंग लाइनअप को आतंकित करने में सक्षम थे, उनकी भयानक तेज गेंदबाजी बड़े बड़े बल्लेबाजों पर कहर की तरह थी।
लेकिन समय के साथ वो दौर गुजर गया और देखते ही देखते क्रिकेट सिर्फ बल्लेबाजों का खेल बनकर ही रह गया।
लेकिन अब इंग्लिश क्रिकेटर जोफ्रा आर्चर ने अपनी गेंदबाजी से एक बार फिर उसी दौर को वापस लाने की उम्मीद बढ़ाई है जिसमें लोग मैच गेंदबाजों के लिए देखते थे।
जोफ्रा आर्चर का शुरुआती जीवन-
1 अप्रैल साल 1995 को बारबाडोज के ब्रिजटाउन शहर में पिता फ्रेंक आर्चर और मां जोयल आर्चर के घर उनके बेटे जोफ्रा आर्चर का जन्म हुआ था। जोफ्रा आर्चर के पिता का सम्बन्ध इंग्लैंड से था और उनकी मां बारबाडोस से सम्बन्ध रखती है।
जोफ्रा आर्चर की स्कूली शिक्षा ब्रिजटाउन की हिल्डा प्राइमरी स्कूल से हुई जिसके बाद आर्चर ने लंदन की डलविच कोलेज में अपना दाखिला ले लिया था।
आर्चर के मन में खेलों को लेकर एक अलग ही तरह का प्यार बचपन से ही था, अपने स्कूली दिनों के दौरान आर्चर ने हाई जंप और क्रिकेट जैसे खेलों में कई टुर्नामेंट्स में हिस्सा लिया था और बहुत से अवार्ड भी अपने नाम किए थे।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आज अपनी पेस से दुनिया भर के बल्लेबाजों को आतंकित करने वाले आर्चर के जीवन में क्रिकेट की शुरुआत स्पिन गेंदबाज के तौर हुई थी।
आर्चर की मां ने इनके जन्म के कुछ ही समय बाद दुसरा विवाह कर लिया था और आर्चर के सौतेले पिता पैट्रिक वैर ही वो इंसान थे जिन्होंने सबसे पहले जोफ्रा आर्चर के अंदर छुपी प्रतिभा को पहचाना था।
दरअसल आर्चर के सौतेले पिता क्रिकेट के खेल में खुद भी बहुत अच्छे थे और वो अपने बेटे को शुरू से ही हर शाम क्रिकेट के खेल की प्रैक्टिस करवाया करते थे, एक शाम जब जोफ्रा आर्चर अपने पिता को गेंद डाल रहे थे तब लगातार चार गेंदों पर वो बल्ला भी नहीं लगा पाये थे और तब आर्चर के पिता ने अपने बेटे से कहा था कि अब मुझे नहीं लगता कि मैं तुम्हारी गेंदों को कभी खेल पाऊंगा।
समय के साथ साथ जैसे जैसे आर्चर की प्रतिभा पंख फैलाने लगी तब उनका दाखिला पिकविक क्रिकेट क्लब में करवा दिया गया था।
जोफ्रा आर्चर का क्रिकेट में शुरूआत-
पिकविक क्रिकेट क्लब में जोफ्रा आर्चर लगातार कुछ सेशन तक प्रैक्टिस करने के बाद शाम को भी अपने पिता के साथ एक्स्ट्रा प्रैक्टिस करने के लिए आ जाते थे और यहां वो गेंदबाजी के साथ बल्लेबाजी और फिल्डिंग की प्रैक्टिस भी किया करते थे।
आर्चर के सौतेले पिता ने आर्चर के लिए अपने घर के पास ही एक पीच भी तैयार कर दी थी, इस तरह आर्चर को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए पुरी तरह से तैयार किया जा रहा था।
कई बड़े तेज गेंदबाजों का घर माने जाने वाले बारबाडोस में जोफ्रा आर्चर विकेट कीपिंग से लेकर ओपनिंग बल्लेबाजी और स्पिन गेंदबाजी करते आ रहे थे लेकिन वेस्टइंडीज के लिए जब आर्चर ने अडंर नाइनटीन टुर्नामेंट खेलना शुरू किया तब तक आर्चर खुद को एक अच्छा खासा तेज गेंदबाज बना चुके थे।
जोफ्रा आर्चर ने वेस्टइंडीज की तरफ से अंडर नाईनटीन टीम में खेलते हुए अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन फिर एक चोट के कारण उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा था जिसके बाद वेस्टइंडीज क्रिकेट ने इस खिलाड़ी की तरफ देखना बंद सा कर दिया था।
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जोफ्रा आर्चर का क्रिकेट में वापसी-
ऐसे में आर्चर अपनी बारी का इंतजार करते हुए कुछ अलग काम करने का भी मन बनाने लगे थे, कहते हैं कि एक समय तो ऐसा भी आया था जब आर्चर एग्रीकल्चर के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के बारे में सोचने लगे थे।
साल 2013 में टीम से बाहर होने के बाद आर्चर की जिंदगी में एक बड़ा मोड़ तब आया जब उनकी मुलाकात बारबाडोस में ही जन्में एक इंग्लिश क्रिकेटर क्रिस जोर्डन से हुई थी।
दरअसल क्रिस जोर्डन का जन्म भी बारबाडोस में ही हुआ था लेकिन किन्हीं कारणों के चलते वो इंग्लैंड की तरफ से अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने लगे थे, साल 2015 में क्रिस जोर्डन प्रोफेशनल क्रिकेट खेलने के लिए बारबाडोस आये हुए थे और यहां उनकी मुलाकात आर्चर से हुई थी।
एक दिन क्रिस आर्चर और उनके साथी खिलाड़ी शे होप जो अब वेस्टइंडीज की अंतरराष्ट्रीय टीम का हिस्सा है वो क्रिकेट खेल रहे थे और तब विकेटों के पीछे से होप ने जोर्डन को कहा था कि आर्चर की गेंदों से बचकर रहना ये बहुत तेज गेंदबाजी करता है।
जोर्डन पर इन बातों का कोई असर नहीं हुआ लेकिन जब आर्चर ने गेंद फेंकी तब जोर्डन आर्चर में छिपे टैलेंट को पहचान गए और वापस इंग्लैंड पहुंचकर ससेक्स से आर्चर को अपनी टीम में शामिल करने के लिए कहा।
अपने पिता के कारण आर्चर के पास इंग्लैंड का पासपोर्ट था और इस तरह आर्चर का आगाज इंग्लैंड क्रिकेट में हो गया था।
आर्चर का फस्ट क्लास डेब्यू जुलाई साल 2016 में ससेक्स की तरफ से पाकिस्तान के खिलाफ खेलते हुए किया था और इसके एक महीने बाद ही आर्चर को लिस्ट ए क्रिकेट में ग्लूस्टरशायर की तरफ से पर्दापण करने का मौका मिल गया था।
आर्चर हर तरह से अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन इंग्लैंड की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में शामिल होने का रास्ता आर्चर के लिए अभी भी बहुत लम्बा था क्योंकि इंग्लैंड क्रिकेट के एक नियम के मुताबिक किसी खिलाड़ी को टीम में शामिल होने के लिए इंग्लैंड में सात साल नागरिक के रूप में रहना जरूरी होता है।
लेकिन फिर इंग्लैंड क्रिकेट की तरफ से अपने नियमों में बदलाव करते हुए नागरिकता की समय सीमा तीन साल कर दी गई थी और तब से आर्चर का साल 2019 में होने वाले वर्ल्डकप की इंग्लैंड टीम में शामिल होने की अटकलें लगाई जाने लगी थी।
दुसरी तरफ आर्चर का अच्छा प्रदर्शन जारी था, साल 2018 में आर्चर ने बिग बैस लीग और पाकिस्तान प्रीमियर लीग में अपना पर्दापण किया था।
आईपीएल-
आर्चर के क्रिकेट करियर में लीग क्रिकेट में उनके प्रदर्शन को देखते हुए साल 2018 में इन्हें आईपीएल में भी राजस्थान की टीम में शामिल कर लिया गया था, यह आर्चर की शानदार गेंदबाजी का कारण था जिसके चलते उन्हें राजस्थान रॉयल्स ने सात करोड़ की बड़ी रकम देकर अपनी तरफ शामिल किया था।
22 अप्रैल साल 2018 को आईपीएल में मुम्बई इंडियंस के खिलाफ अपना पहला मैच खेल रहे आर्चर ने तीन बल्लेबाजों को आउट किया था और मैन ऑफ द मैच अवार्ड अपने नाम किया था।
साल 2018 के टी20 ब्लास्ट सीजन का फाइनल मुकाबला खेल रहे आर्चर ने शानदार हैट्रिक अपने नाम की थी और यहां से यह बात लगभग तय हो गई थी कि यह खिलाड़ी अगले साल इंग्लैंड की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में अपना स्थान बना लेगा।
3 मई साल 2019 वह दिन रहा जब हर स्टेज पर अपने प्रदर्शन से छाप छोड़ने के बाद आर्चर को इंग्लैंड के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम की तरफ से अपना पहला मैच खेलने का मौका मिला था, इस दिन आर्चर ने आयरलैंड के खिलाफ खेलते हुए वनडे क्रिकेट में अपना डेब्यू किया जिसके दो दिन बाद ही आर्चर को पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला टी20 मैच खेलने का मौका भी मिल गया था।
इतना सब होने के बाद अब इंतजार वर्ल्डकप के लिए इंग्लैंड टीम की घोषणा होने का था जिसमें आर्चर का स्थान पक्का रंग रहा था लेकिन वर्ल्डकप के लिए घोषित हुए इंग्लैंड के प्रारम्भिक स्क्वायड में आर्चर का नाम नहीं था और इस बात ने सबको चौंका दिया था।
लेकिन इसके बाद जब 21 मई के दिन इंग्लैंड का फाइनल स्क्वायड आया तो उसमें आर्चर आखिरी खिलाड़ी के रूप में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे थे।
आर्चर ने इस वर्ल्डकप में इंग्लैंड की तरफ से ज्ञर मैच में हिस्सा लिया और यहां इस खिलाड़ी की बोडीलाईन और पेस गेंदबाजी का कहर बखूबी देखने को मिला था जहां आर्चर की गेंद पर आस्ट्रेलिया के बल्लेबाज एलेक्स कैरी को लगी चोट ने सबको दहला दिया था।
फाइनल में आर्चर ने इंग्लैंड की तरफ से सुपरओवर डाला और अपनी कसी हुई गेंदबाजी के दम पर इंग्लैंड को पहली बार वनडे क्रिकेट का विश्व विजेता बना दिया था।
इस वर्ल्डकप के बाद आर्चर की डेथ गेंदबाजी की प्रशंसा करते हुए आईसीसी ने आर्चर को अपनी वर्ल्डकप टीम में भी शामिल किया था।
जुलाई 2019 को इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने आर्चर को अपनी ऐशेज टीम में भी शामिल किया लेकिन आर्चर इंजरी के कारण पहला टेस्ट मैच नहीं खेल पाए थे, दुसरे मैच में आर्चर ने टेस्ट क्रिकेट में अपना डेब्यू किया और पहली विकेट के रूप में कैमरोन बेनक्राफ्ट को आउट कर अपने करियर का शानदार आगाज किया था।
तीसरे एशेज टेस्ट मैच के पहले दिन आर्चर की लीथल तेज गेंदबाजी का भयानक रुप देखने को मिला जब इस खिलाड़ी ने 45 रन देकर छह विकेट अपने नाम किए थे और आस्ट्रेलियाई टीम को 179 के स्कोर पर आउट कर दिया था।
इस ऐशेज सीरीज के लोर्डस टेस्ट मैच में स्टीव स्मिथ और आर्चर की देखने लायक जंग देखने को मिली थी जिसमें आर्चर ने अपनी बोडीलाईन गेंदबाजी से सबको चौंका दिया था।
इस जबरदस्त जंग के दौरान एक गेंद स्मिथ की गर्दन पर जाकर लगी और स्मिथ इसके बाद रिकवर नहीं कर पाये थे और उन्हें बाहर जाना पड़ा था,लोर्डस टेस्ट में आस्ट्रेलिया जब दुसरी बार खेलने उतरी तो टेस्ट क्रिकेट इतिहास में पहली बार ऐसा कुछ देखने को मिला था
जब बीच मैच में किसी बल्लेबाज की जगह दुसरे किसी बल्लेबाज को खेलने उतरना पड़ा था और इसकी वजह भी आर्चर की वो गेंद ही थी जिसके बाद स्मिथ खुद को संभाल नहीं पाए थे और दुसरी पारी में खेलने नहीं आ पाये थे।
दुसरी पारी में उनकी जगह लाबुशाने आये लेकिन आर्चर की तेज गेंदों से वो भी खुद को नहीं बचा पाए, इस मैच में आर्चर ने अपनी गेंदबाजी से आस्ट्रेलिया के कई बड़े बल्लेबाजों को परेशान किया था
और इस मैच के दौरान जब उनकी गेंद पर स्मिथ खड़े नहीं हो पा रहे थे तब आर्चर का हंसता चेहरा कैमरे में कैद हो गया था, जिसके बाद शोएब अख्तर जैसे कई क्रिकेट दिग्गजों के मुंह से उन्हें काफी क्रिटिसिजम भी झेलना पड़ा था।
लेकिन फिर आर्चर का एक पुराना ट्वीट अचानक सोशल मीडिया पर वायरल होने लगता है जिसमें उन्होंने साल 2013 में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी बल्लेबाजों को उनके सामने आने से पहले दो दो हैल्मेट तैयार रखने की हिदायत दी थी।
साल 2013 में उनका यह कहना और उसके बाद विश्व क्रिकेट के कई बल्लेबाजों के हेल्मेट पर गेंद मारकर परेशान करने वाले सिलसिले को देखते हुए लोग आर्चर को भविष्य वक्ता भी कहने लगे थे और ये बातें अगले आईपीएल सीजन के दौरान और भी ज्यादा होने लगी थी जब ऐसे ही कुछ ट्वीट्स वायरल हो गए थे।
खैर 2019 की ऐशेज टेस्ट सीरज के बाद इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने आर्चर को अपना सेंट्रल कोंट्रेक्ट थमा दिया था जिसके बाद अगला साल भी आर्चर के लिए शानदार रहा था।
साल 2020 में राजस्थान रॉयल्स के खराब प्रदर्शन के बावजूद भी आर्चर को उनकी गेंदबाजी के चलते सीजन का मोस्ट वेल्यू बल प्लेयर घोषित किया गया और उसके बाद इसी साल आर्चर को विज्डन क्रिकेटर आफ द ईयर भी चुना गया था।
आगे वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान बायोसिक्योरिटी प्रोटोकॉल तोड़ने के जुर्म में आर्चर को सजा से भी गुजरना पड़ा था और उन्हें सीरीज के दुसरे टेस्ट से बाहर कर दिया गया था साथ ही उन पर जुर्माना भी लगाया गया था।
दिसम्बर 2021 में आर्चर को अपनी एल्बो इंजरी के कारण दो ओप्रेशन करवाने पड़े जिसके चलते अब आर्चर इंग्लैंड टीम से बाहर चल रहे हैं और यह समय और भी लंबा हो सकता है, खबर यह भी आ रही है कि आर्चर इस साल के आईपीएल सीजन में भी नजर नहीं आएंगे।
जोफ्रा आर्चर का खेल प्रदर्शन और आकड़े-
बात करें आर्चर के अब तक के अंतराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की तो इस खिलाड़ी ने अभी तक तेरह टेस्ट, सत्रह वनडे और बारह टी20 मैच खेले हैं जिनमें इनकी विकेटों का आंकड़ा क्रमश 42, 30 और 14 है।
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