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दीपक चहर: कभी ग्रैग चैपल ने कहा था ” क्रिकेट तुम्हारे बस की बात नहीं “

भारत ने नई सदी में अपनी इमेज के बिल्कुल विपरीत जाकर शुरू से ही विश्व क्रिकेट को एक से बढ़कर एक तेज गेंदबाजों का तोहफा दिया है और यह सिलसिला अब भी जारी है जिसमें आए साल एक नया गेंदबाज जुड़ता चला जा रहा है फिर भले ही वो आईपीएल के जरिए हो या फिर डोमेस्टिक क्रिकेट के माध्यम से ही क्यों ना हो।

इस कड़ी में आज से कुछ साल पहले आगरा के एक लड़के का नाम भी जुड़ा था जिसे आज पुरी दुनिया दीपक चहर के नाम से जानती है।

Deepak Chahar and His Famil
दीपक चहर का परिवार

दीपक चहर का जन्म और शिक्षा-

7 अगस्त साल 1992 को उत्तरप्रदेश के आगरा शहर में पिता लोकेन्द्र चहर और मां पुष्पा चहर के जाट परिवार में एक बेटे का जन्म हुआ जिसका नाम दीपक चहर रखा गया था।

दीपक की बहन का नाम मालती चाहर है जिन्होंने मोडलिंग को अपना करियर बनाया और इनके अलावा दीपक चहर के भाई का नाम राहुल चाहर है जो अपने भाई की ही तरह क्रिकेट से जुड़े हुए हैं।

दीपक के पिता भारतीय वायुसेना में काम करते थे और इसलिए उनकी पोस्टिंग समय समय पर अलग अलग स्थानों में हुआ करती थी और यही कारण है कि दीप का ज्यादातर समय शुरू से राजस्थान में ही गुजरा है।

आगरा से अपनी पढ़ाई करने वाले दीपक चहर के पिता का तबादला जब राजस्थान के गंगानगर जिले में हुआ तो यहां से दस साल की छोटी उम्र में ही दीपक को क्रिकेट के खेल से प्यार हो गया था।

दीपक चहर पढ़ाई लिखाई में अच्छे थे लेकिन जब से उन्होंने क्रिकेट देखना और खेलना शुरू किया तब से दीपक ने अपना पुरा ध्यान इसी खेल में लगाना शुरू कर दिया था।

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Deepak Chahar IPL NaaradTV
दीपक चहर

दीपक चहर का क्रिकेट में शुरूआत-

इस मामले में दीपक के पिता ने अपने बेटे का पुरा साथ दिया और अपने घर के बाहर ही दो अलग-अलग पीच तैयार कर दी थी जिस पर दीपक चहर हर शाम बैटिंग और बोलिंग की प्रैक्टिस किया करते थे।

कुछ समय दीपक की तैयारी ऐसे ही घर पर चलती रही लेकिन फिर जब उनके पिता को यह महसूस हुआ कि उनके बेटे को अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट तक पहुंचने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले कोच और कोचिंग सेंटर की जरूरत है तो उन्होंने जयपुर की एक क्रिकेट एकेडमी में उनका दाखिला करवा दिया जहां दीपक ने अपनी गेंदबाजी पर अधिक ध्यान देना शुरू किया।

यहां से दीपक चहर को भारतीय क्रिकेट टीम तक ले जाने का सपना देख रहे उनके पिता साल 2006 में वायु सेना से रिटायर हो गए और अपने बेटे का दाखिला हनुमानगढ की एक क्रिकेट एकेडमी में करवा दिया, जहां वो अपने बेटे को रोज स्कूटर से छोड़ने जाते थे।

यहां दीपक चाहर को नवेन्दु त्यागी की कोचिंग में अपने हुनर पर काम करने का मौका मिला जिससे दीपक चहर अब आगे बढ़ने के लिए बिल्कुल तैयार हो गए थे। लेकिन फिर आया साल 2008 जहां एक सैटबेक दीपक का इंतजार कर रहा था।

दरअसल उस समय राजस्थान भारत की अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के कोच रह चुके ग्रेग चैपल को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन एकेडमी का डायरेक्टर बनाया गया था और उनको राजस्थान की डोमेस्टिक टीम को मजबूत बनाने का काम दिया गया था।

यहां दीपक से चैपल की मुलाकात हुई और दीपक के खेल में चैपल को ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया जिसके चलते वो चाहर को अपनी टीम में शामिल कर सके और इसलिए चैपल ने दीपक को बाहर कर दिया था और उन्हें क्रिकेट छोड़ने तक की सलाह भी दे दी थी।

राजस्थान की टीम के लिए चैपल ने पचास लड़कों का चयन किया था जिसमें खुद को बाहर देखना दीपक के लिए बहुत बड़ा धक्का था लेकिन उन्होंने यहां हार मानने की बजाय अपने प्रदर्शन पर काम करना जारी रखा।

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दीपक चहर

दीपक चहर का राजस्थान की डोमेस्टिक टीम में चयन-

दीपक चहर ने इस दौरान अपने कोच के साथ मिलकर बहुत मेहनत की और एक साल बाद फिर वहीं जा पहुंचे जहां से उन्हें निकाल दिया गया था, इस बार दीपक चहर की मेहनत रंग लाई और उन्हें राजस्थान की डोमेस्टिक टीम में शामिल कर लिया गया।

चाहर ने अपना लिस्ट ए करियर विदर्भा के खिलाफ खेलते हुए शुरू किया और अपने पहले मैच में 61 रन देकर दो विकेट लिए।

लेकिन इसके बाद चाहर की गेंदबाजी का असली जादु साल 2010 के नवम्बर महीने में देखने को मिला जब इस गेंदबाज ने अपना फस्ट क्लास डेब्यू किया, यहां गेंदबाजी करते हुए चाहर ने दस रन देकर हैदराबाद के आठ बल्लेबाजों को पवेलियन लौटा दिया था जिसके चलते हैदराबाद की टीम इक्कीस के स्कोर पर ही आलआउट हो गई थी, यह स्कोर आज भी डोमेस्टिक क्रिकेट में किसी भी टीम का सबसे छोटा स्कोर है।

आगे चाहर ने गोवा के खिलाफ खेलते हुए पहली पारी में चार विकेट अपने नाम किए और इस तरह दीपक चहर ने अपने पहले छः मैचों में तीस विकेट अपने नाम कर सभी क्रिकेट पंडितों को अपनी तरफ आकर्षित कर लिया था।

लेकिन 2011 से दीपक चाहर को अलग रोगो और इंजरीज से गुजरना पड़ा और यह सिलसिला साल 2014 तक चलता रहा।

इस बीच दीपक चहर ने बहुत कम मैचों में हिस्सा लिया था और अपनी जिंदगी के उस दौर की बात करते हुए बताते हैं कि इंजरीज के कारण वो अपने पहले सीजन की बेहतरीन शुरुआत को आगे नहीं बढ़ा पाए थे जो सबसे जरूरी होता है।

आईपीएल की नई टीम राइजिंग पुणे सुपरजाईंटस में चयन-अपने पहले सीजन के दौरान दीपक के शानदार प्रदर्शन ने राजस्थान की टीम को पहली बार रणजी ट्रॉफी जिताने में अहम भूमिका निभाई और यह बात दीपक के लिए बहुत मददगार साबित हुई, दीपक चाहर को आईपीएल की नई टीम राइजिंग पुणे सुपरजाईंटस ने खरीद लिया और इस तरह दीपक की जिंदगी का एक नया अध्याय शुरू हो गया।

यहां दीपक चहर को मैदान पर उतरने के बहुत कम मौके मिले लेकिन उनके प्रदर्शन ने धोनी को खुश कर दिया था और यही वजह रही कि जब साल 2018 में चेन्नई सुपरकिंग्स ने फिर से आईपीएल में कदम रखा तो दीपक चहर उसमें शामिल थे।

चेन्नई की तरफ से खेलते हुए दीपक चाहर ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा जहां महेंद्र सिंह धोनी का उन्हें भरपूर साथ मिला, धोनी ने चाहर को अपनी टीम की तरफ से गेंदबाजी की शुरुआत करने का मौका दिया जिसे दीपक चहर ने दोनों हाथों से कबूल कर लिया।

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दीपक चहर
दीपक चाहर का भारतीय टीम में चयन-

आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन का नतीजा भी चाहर को उसी साल 8 जुलाई के दिन मिल गया जब आगरा का यह लड़का पहली बार भारत की निली जर्सी में मैदान पर उतरा, इस दिन दीपक चहर को इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला टी20 मैच खेलने का मौका मिला जिसमें दीपक को एक विकेट मिला था।

आगे उसी साल 25 सितंबर के दिन दीपक चहर को एशिया कप के दौरान अफगानिस्तान के खिलाफ अपना पहला वनडे मैच खेलने का मौका भी मिल गया था।

अब तक दीपक चहर का डोमेस्टिक करियर और उसके बाद आईपीएल सीजन भी शानदार रहे थे, रणजी ट्रॉफी में राजस्थान की तरफ से खेलते हुए चैम्पियन बने चाहर ने अपने शानदार प्रदर्शन से चेन्नई सुपरकिंग्स को भी साल 2018 में चैम्पियन बना दिया था लेकिन अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में इस खिलाड़ी की गेंदों का जादू नजर नहीं आ रहा था।

दीपक चाहर अपने शुरुआती अन्तर्राष्ट्रीय करियर के दौरान कई बार टीम से अंदर बाहर होते रहे और फिर आया साल 2019 का आईपीएल जिसमें दीपक ने एक बार फिर अपनी गेंदबाजी से सबको अपना मुरीद बना लिया था।

साल 2019 दीपक के लिए नई खुशियां लेकर आया, आईपीएल में बाईस विकेट लिए जिसके बाद अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इस दीपक ने अपनी रौशनी को बहुत आगे बढ़ाना शुरू किया।

वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज के आखिरी मैच में दीपक को खेलने का मौका मिला जिसमें दीपक ने तीन विकेट लिए जिसके चलते इन्हें मैन ऑफ द मैच का अवार्ड दिया गया था।

इस शानदार प्रदर्शन के चलते दीपक को बांग्लादेश के खिलाफ खेलने वाली भारतीय टीम में भी शामिल कर लिया गया, तीन मैचों की टी20 सीरीज के पहले दो मैचों के बाद सीरीज बराबरी पर आ गई थी और तीसरा मैच नागपुर में खेला जाने वाला था।

इस‌ मैच ने दीपक चाहर के करियर को पुरी तरह से बदलकर रख दिया था, नागपुर की पीच पर दीपक ने सात रन देकर छह विकेट अपने नाम किए जिसमें एक हैट्रिक भी शामिल थी और इस तरह उनका यह स्पैल टी20 क्रिकेट इतिहास के ‌सबसे शानदार गेंदबाजी प्रदर्शनों में दर्ज हो गया था।

इस मैच में चाहर टी20 क्रिकेट में हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज भी बन गए थे और इस मैच के कुछ ही समय बाद डोमेस्टिक क्रिकेट में भी चाहर ने हैट्रिक लेकर सबको चौंका दिया था।

लेकिन इतने शानदार प्रदर्शन के बावजूद भी दीपक चाहर की परेशानियां खत्म नहीं हुई थी, दीपक चाहर को अब भी भारतीय टीम में अपनी जगह के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था लेकिन इन सबके बीच जब भी इन्हें मौका मिला दीपक ने उसे दोनों हाथों से लपका और शानदार प्रदर्शन किया।

अगले दो सालों में कुछ मौके ऐसे भी आये जब दीपक चाहर ने बल्लेबाजी करते हुए भी अपनी टीम को जीत दिलाई थी, इस लिस्ट में धवन की कप्तानी में श्रीलंका के खिलाफ दीपक के बल्ले से निकली 69 रनों की वो अविस्मरणीय पारी भी शामिल जिसके दम पर भारत को एक असम्भव नजर आने वाली जीत मिल पाई थी।

इस प्रदर्शन के बाद दीपक चाहर की जगह आने वाले टी20 वर्ल्ड कप में पक्की नजर आ रही थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और दीपक को स्टैंड बाय प्लेयर तक ही खुद को सीमित रखना पड़ा।

इसके बाद 23 जनवरी साल 2022 के दिन दीपक चाहर ने एक बार फिर अपना आलराउंड प्रदर्शन सबके सामने रखते हुए अफ्रीकी टीम के खिलाफ अपने वनडे करियर का दुसरा अर्धशतक लगाया, उनकी यह पारी दीपक की बल्लेबाजी क्षमता को पुरी तरह से साबित करती है।

दीपक चाहर ने इसके बाद भी गेंदबाजी से लगातार भारत को सहयोग दिया और उनके हर प्रदर्शन का फल हाल ही में ख़त्म हुए मेगा आक्शन में इन्हें बखूबी मिला, चेन्नई सुपरकिंग्स ने अपने चहेते गेंदबाज को अपनी तरफ शामिल करने के लिए चौदह करोड़ जैसी बड़ी रकम खर्च की और दीपक को मेगा आक्शन का सबसे महंगा गेंदबाज बना दिया था।

एक स्विंग गेंदबाज और नीचले क्रम के उपयोगी बल्लेबाज के रूप में दीपक चाहर का अब तक का सफर शानदार रहा है, लेकिन इस बेहतरीन सफर के बावजूद भी दीपक के मन में अपने देश की तरफ से टेस्ट क्रिकेट ना खेल पाने की कसक मौजूद है।

अपने अब तक के अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर में चाहर ने सात वनडे मैच और 19 टी20 मैच खेले हैं जिनमें इनकी विकेटों का आंकड़ा क्रमश दस और चौबीस है।

Deepak chahar and his Family
दीपक चहर का परिवार
दीपक चाहर का ब्यक्तिगत जीवन-

बात करें इनकी निजी जिंदगी के बारे में तो दीपक चाहर ने साल 2021 में एक मैच के बाद अपनी गर्लफ्रेंड जया भारद्वाज को प्रपोज किया था।

इसी उम्मीद के साथ कि चाहर हमें टेस्ट क्रिकेट में खेलते हुए भी नजर आए और उनका प्रदर्शन बेहतर से बेहतरीन होता जाये।

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