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एजाज पटेल: इतिहास रचने वाला भारतीय लड़का।

दोस्तों क्रिकेट इतिहास में ऐसे बहुत से बड़े खिलाड़ी हुए हैं जिनका जन्म भारत की धरती पर हुआ था लेकिन उन्होंने अपनी चमक क्रिकेट के मैदान पर किसी दुसरे देश की तरफ से खेलते हुए दिखाई थी।

एजाज पटेल कैसे भारतीय मूल का यह कीवी खिलाड़ी आज लगभग हर क्रिकेट प्रेमी का पसंदीदा खिलाड़ी बन गया है क्योंकि इस खिलाड़ी ने अपने करियर में कुछ ऐसा  हासिल कर लिया है जो हर गेंदबाज के बस की बात नहीं है कैसे तो चलिए आज इसी गेंदबाज की जिंदगी से आपको रुबरु करवाते हैं और बताते हैं कि अपने खेल से महान बनने का यह सफर किन किन राहों से होकर गुजरा है।

Ajaz Patel New Zealand NaaradTV

एजाज पटेल का शुरुआती जीवन-

21 अक्टूबर साल 1988 के दिन मुम्बई शहर में पिता युनुस पटेल और मां शहनाज़ पटेल के घर उनकी सबसे पहली संतान का जन्म हुआ जिसका नाम एजाज पटेल रखा गया।

एजाज पटेल के माता-पिता का संबंध गुजरात से है, पिता मुम्बई में एक बिजनेसमैन थे तो वहीं इनकी मां किसी स्कूल में अध्यापिका के तौर पर काम करती थी।

एजाज पटेल के परिवार में दो बहनें भी है, जब इनकी उम्र  मात्र आठ साल की थी तब साल 1996 में इनका पुरा परिवार न्यूजीलैंड में आकर रहने लगा था जहां एजाज के पिता ने नये सिरे से अपना व्यवसाय शुरू किया और जल्दी ही एक नये देश और नये माहौल में अन्जान लोगों के बीच भी सफल बिजनेसमैन बन गए।

एजाज के परिवार को न्यूजीलैंड आने पर सबसे पहली और बड़ी दिक्कत भाषा की आई क्योंकि इनके परिवार में कोई भी अंग्रेजी भाषा पर उतनी अच्छी पकड़ रखने वाला नहीं था।एजाज और उनके परिवार ने इस दिक्कत से भी किसी तरह छुटकारा पाया और फिर न्यूजीलैंड के होकर ही रह गए।

इंटरनेट पर मौजूद सुचनाओं के हिसाब से एजाज पटेल ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मुम्बई के माउंट मेरी नामक स्कूल से की थी, न्यूजीलैंड आने के बाद इनका दाखिला ओकलेंड की अवोंडेल कोलेज में करवा दिया गया था।

अपनी दो छोटी बहनों के साथ खेलते खिलखिलाते बड़े हुए एजाज पटेल ने शुरू से ही अपने पिता को जी तोड़ संघर्ष करते हुए देखा था यही कारण था कि एजाज पटेल ने अपनी जिंदगी में आगे आने वाले संघर्ष को कभी बड़ा या मुश्किल नहीं माना, वो अपने पिता को अपना सबसे बड़ा प्रेरणास्रोत मानते थे।

क्रिकेट के खेल से एजाज का  सामना बहुत  छोटी उम्र से ही हो गया था लेकिन इस पर बात करते हुए एजाज बताते हैं कि तब उन्होंने इस खेल को सिरीयसली नहीं लिया था, भारत में पैदा हुए हर लड़के की तरह एजाज भी अपने आसपास के दोस्तों के साथ क्रिकेट खेला करते थे, स्कूल में भी इन्होंने अपनी टीम के लिए प्रदर्शन किया था लेकिन इस खेल में अपना भविष्य देखने का विचार एजाज को हाई स्कूल की पढ़ाई करते समय आया था।

यह भी पढ़ें:- जोफ्रा आर्चर: एक स्पिन गेंदबाज़ से घातक तेज गेंदबाज़ बनने की कहानी।

Ajaz Patel Strugle NaaradTV

एजाज पटेल का क्रिकेट में शुरूआत-

न्यूजीलैंड में आने के बाद अजाज के चाचा सईद पटेल ने इनका दाखिला एक क्रिकेट क्लब में करवा दिया और यहां से एजाज पटेल के मन में एक अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेटर बनने की उम्मीद जागने लगी।

सोलह साल की उम्र आते आते एजाज पटेल क्लब क्रिकेट में एक जाना पहचाना चेहरा बन गए थे और उस समय यह खिलाड़ी एक तेज गेंदबाज के तौर पर अपने भविष्य को संवारने में लगा हुआ था।

एजाज पटेल बताते हैं कि जब से उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था तब से वो एक तेज गेंदबाज के तौर पर ही खेलते आ रहे थे लेकिन फिर अपने कुछ साथियों के कहने पर उन्होंने स्पिन गेंदबाजी को आजमाना शुरू कर दिया, एजाज पटेल के दोस्त इन्हें कहा करते थे कि तुम्हारी हाईट तेज गेंदबाज के लिए सही नहीं है तुम एक अच्छे स्पिन गेंदबाज बन सकते हो।

हालांकि एक तेज गेंदबाज के तौर पर एजाज पटेल का प्रदर्शन हर स्तर पर शानदार था लेकिन जब स्पिन गेंदबाज बनने वाली बातें ज्यादा होने लगी तो एजाज पटेल ने इस तरफ कदम बढ़ाने शुरू कर दिए।

ओकलेंड की तरफ से अंडर 17 में सलेक्ट होने के बाद एक तेज गेंदबाज के तौर पर जब एजाज पटेल को अंडर नाईनटीन के ट्रायल के लिए बुलाया गया तो वहां इन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और अपना स्थान सीधे अंडर नाईनटीन टीम में बना लिया।

यहां से एजाज पटेल ने खुद को एक स्पिन गेंदबाज के तौर पर तैयार करना शुरू किया जिसमें इनकी मदद पूर्व कीवी क्रिकेटर दीपक पटेल और भारत के बेरिगंटन रोलन्ड ने की, दीपक पटेल और रोलन्ड ने एजाज को एक स्लो लेफ्ट आर्म ओर्थोडोक्स गेंदबाज बनाने में हर संभव मदद की ।

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एजाज पटेल का कड़ा संघर्ष-

एजाज पटेल लगातार डोमेस्टिक लेवल पर शानदार प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन न्यूजीलैंड की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम की तरफ से उन्हें बुलावा नहीं आ रहा था, यहां एजाज की हिम्मत बांधने का काम उनके पिता के संघर्ष ने किया जिसे देखकर वो सोचा करते थे कि अगर उनके पिता नये देश में आकर अपने दम पर सफल बिजनेसमैन बन सकते हैं तो फिर उनके हार मान लेने का तो कोई कारण ही नहीं बनता है।

इसी हिम्मत और हौसले के साथ एजाज पटेल साल दर साल अच्छा प्रदर्शन करते रहे और अपनी बारी का इंतजार करते रहे, बीच में कभी कभार हिम्मत टुट जाती तो अपने पिता से बात कर लिया करते थे और इस तरह दस साल का लम्बा इंतजार चलता रहा।

इस इंतजार के बीच एजाज पटेल ने क्या क्या किया इस पर बात करते हुए एजाज पटेल बताते हैं कि जब आईपीएल शुरू हुआ तो वो वानखेड़े स्टेडियम पर जाकर मैच भी देखा करते थे और कभी कभार उन्हें मुम्बई की टीम के लिए नेट्स में गेंदबाजी करने का मौका भी मिल जाता था और एजाज पटेल जो किसी भी मौके को हाथ से गंवाना नहीं चाहते थे वो बिना थके मुम्बई के बल्लेबाजों को गेंदबाजी किया करते थे।

साल 2010 में एजाज पटेल क्राईनली क्रिकेट क्लब में एक स्पिन गेंदबाज के तौर पर शामिल हुए थे जिसके बाद अगले छः सालों तक यह खिलाड़ी फस्ट क्लास क्रिकेट के मंच पर अपनी किस्मत आजमाता रहा ।

अजाज का प्रदर्शन हर जगह शानदार था, 27 दिसंबर साल 2015 में एजाज पटेल ने अपने लिस्ट ए करियर की शुरुआत की थी जहां प्लेंकट सीजन 2015 -16 में एजाज ने सबसे ज्यादा 43 विकेट अपने नाम किए थे।

उनका यह प्रदर्शन अगले साल भी जारी रहा और एजाज पटेल ने अगले सीजन भी सबसे ज्यादा 44 विकेट अपने नाम किए थे।

साल 2018 में एजाज पटेल को न्यूजीलैंड क्रिकेट अवार्ड सामारोह में मेन्स बेस्ट डोमेस्टिक प्लेयर ओफ द ईयर भी चुना गया था जिसके पीछे का कारण सीजन 2017 -18 में इनके द्वारा किया गया प्रदर्शन था, एजाज इस सीजन भी सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे, इस सीजन इन्होंने नौ मैच खेले और 48 विकेट अपने नाम किए थे।

इतना सबकुछ होने के बाद अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भी इस गेंदबाज का नाम गूंजने लगा जिसकी आवाज  न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड तक भी पहुंची और उन्होंने एजाज को जून 2018 में अपना सेंट्रल कोंट्रेक्ट थमा दिया।

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एजाज पटेल का न्यूजीलैंड में चयन-

क्रिकइन्फो के अनुसार जब एजाज पटेल को न्यूजीलैंड क्रिकेट की तरफ से टेस्ट टीम में शामिल होने का बुलावा आया तो वो अपने तीस लोगों के बड़े परिवार के साथ खाना खा रहे थे।

दरअसल एजाज के परिवार ने उस दिन दावत का प्रोग्राम रखा था जो शायद अजाज के डोमेस्टिक क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन को सेलीब्रेट करने के लिए थी, उस समय उनके पास फोन आया और उनसे कहा गया कि वो पाकिस्तान के खिलाफ खेलने के लिए अबू धाबी जाने वाली कीवी टीम में शामिल हो गए हैं।

टेस्ट मैच में पर्दापण करने से पहले एजाज पटेल को 31 अक्टूबर साल 2018 के दिन पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला टी20 मैच खेलने का मौका भी मिल गया जिसके बाद 16 नवम्बर साल 2018 को एजाज पटेल को तीस साल की उम्र में अपना पहला टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला जो उनके लिए एक ड्रीम डेब्यू था।

इस मैच की पहली पारी में एजाज पटेल ने दो विकेट अपने नाम किए और फिर अगली पारी में अपना जलवा दिखाते हुए फाईव‌ विकेट होल अपने नाम कर लिया, इसी फाईव विकेट होल की वजह से ही पाकिस्तान यह मैच सिर्फ चार रनों के अंतर से हार गई थी।

अपने बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत एजाज पटेल को अपने पहले टेस्ट मैच में मैन ऑफ द मैच चुना गया। अपने डेब्यू के बाद से एजाज पटेल अब तक कुल दस टेस्ट और सात टी20 मैच खेल चुके हैं जिनमें इनके विकेटों का आंकड़ा क्रमश 29 और 11 है।

 एक ऐसा खिलाड़ी जिसका नाम आज से कुछ साल पहले किसी को पता भी नहीं था उन्होंने भले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण देर से किया हो लेकिन अपने टैलेंट की धाक जमाने में यह गेंदबाज उसके बाद हर मैच में कामयाब रहा है।

अपने होम ग्राउंड यानि मुम्बई के वानखेड़े स्टेडियम पर भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे टेस्ट मैच के दूसरे दिन इस गेंदबाज ने कुछ ऐसा कर दिया है जो उनसे पहले दो गेंदबाज ही कर पाए थे।

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एक पारी में दस विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज-

जीम लेकर और अनिल कुंबले के बाद एजाज पटेल टेस्ट मैच की एक पारी में दस विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज बन गए हैं और यह कीर्तिमान उन्होंने अपने देश भारत की क्रिकेट टीम के खिलाफ बनाया है जो अपने आप में अनूठी बात है।

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एजाज पटेल का ब्यक्तिगत जीवन-

बात करें एजाज पटेल की निजी जिंदगी के बारे में तो इन्होंने नीलोफर पटेल नाम की महिला से विवाह किया है ।

तो दोस्तो इसी उम्मीद के साथ कि एजाज पटेल का अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर ऐसे ही कीर्तिमान भविष्य में स्थापित करता रहे और अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मंच पर देर से चमकने वाले इस सितारे की रोशनी यूं ही आगे कई सालों तक बरकरार रहे।

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