एतिहासिक घटनाओं का रचयिता क़ुदरत है, आप और हम नहीं। लेकिन, बेमिसाल काम
को दोहराते रहना हमारे हाथ में है।
हरिवंश रे बचन द्वारा कहे गए इन न वाक्य ने लाखों आँखों को दुनिया देखने के लिए एक नया
नज़रिया प्रदान किया । वो नज़रिया जो हार ना मानने वाला अटूट जज़्बा देता है।वो नज़रिया
जो दूसरों के भरोसे पर खरे उतरने का हौसला देता है । एक ऐसे ही हौसले की ज़िंदा मिसाल है
विश्व की सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट लीग आईपीएल। दोस्तों आईपीएल फ्लैशबैक के पिछले एपिसोड में
अपने पढ़ा , किस तरह से क्रिकेट की दुनिया मे उठाया गया एक नया क़दम ।आईपीएल शौहरत
और क़ामयाबी के साथ पूरा हुआ। लेकिन, प्रथम संस्करण समाप्त होने के बाद ए. सी. में पढ़ी
जाने वाली पत्रिकाओं से लेकर नुक्कड़ पर बिकने वाले अखबारों ने सुरक्षा , फ्रैंचाइज़ विवाद और
खिलाड़ियों के व्यवहार का हवाला देते हुए इंडियन प्रीमियर लीग को इंडियन प्रॉब्लम लीग का
नाम दे दिया।
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आईपीएल 2009 के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोक सभा चुनाव के चलते लीग का दक्षिण
अफ़्रीका में खेला जाना था। उन दिनों आईपीएल का जादू वर्तमान की तरह भारतीय प्रशंसकों के
सिर नहीं चढ़ा था। उस पर दक्षिण अफ़्रीका-भारत के समय में अंतर ने मुश्किलें और बढ़ा दी।
क्योंकि, दक्षिण अफ़्रीका में शाम 8 बजे मैच शुरू होने का मतलब था, भारत मे आधी रात
होना। इस तरह आईपीएल का दूसरा सीजन नई चुनौती और पुराने सवाल लेकर 18 अप्रैल
2009 को मुंबई इंडियंस बनाम चेन्नई सुपरकिंग्स मैच के साथ शुरू हुआ। आई.पी.एल 2009 के
दौरान हुए विवादों को भूलकर । हम आपके साथ सांझा करेंगे आई.पी.एल. 2009 के 5 ऐसे
यादगार पल जो आई.पी.एल. के आसमान पर सितारों की तरह चमक रहे हैं।
#5:-आई पी एल इतिहास का पहला सुपर ओवर ।
आई पी एल 2009 का 10वां मैच शाहरुख खान की कोलकाता नाइट राइडर्स और शिल्पा
शेट्टी की राजस्थान रॉयल्स के बीच कैप्टाउन में होना था। कोलकाता ने टॉस जीतकर गेंदबाज़ी
करने का फैसला लिया । पहले बल्लेबाज़ी करते हुए राजस्थान ने मात्र 14 रन पर 2 विकेट गंवा
दिए। उसके बाद बल्लेबाज़ी करने आये आई.पी.एल 2008 के स्टार परफ़ॉर्मर यूसफ़ पठान ।
यूसफ़ ने शेन वॉर्न के भरोसे को सही साबित करते हुए 21 गेंदों में धुआंधार 42 रन बनाये और
राजस्थान का स्कोर 150 रन तक पहुँचाया । जवाब में गेल के 41 और दादा के 46 रनों ने
कोलकाता को ड्राइविंग सीट पर बिठा दिया। कोलकाता को दो पॉइंट्स कमाने के लिए अन्तिम 7
गेंदों में 8 रनों की दरकार थी, जीत महज़ औपचारिकता लग रही थी। यहीं तीन विकेट गिरे और
20 ओवर के बाद कोलकाता का स्कोरकार्ड 150 रन दिखा रहा था । यानी मैच टाई हो चुका था।
अब मैच का फैसला सुपर ओवर में होना था। शेन वॉर्न ने उम्मीदों के विपरीत ,गेंद युवा कामरान
को दी । कामरान ने 6 गेंदों में एक विकेट हासिल की ।लेकिन, 15 रन दे दिये। 16 रनों के लक्ष्य
के सामने यूसुफ़ पठान ने मेंडिस की पहली गेंद पर छक्का जड़ा दिया। पठान ने दूसरी गेंद पर कैच
ज़रूर उछाला, लेकिन ब्रैड हॉज कैच लपका नहीं पाए।पठान ने अगली गेंद पर फिर छक्का जड़
दिया और चौथी गेंद पर चौका लगाकर मैच जीत लिया।
#4:- बल्लेबाज़ों ने दिखाया गेंद से कमाल ।
आई.पी.एल. 2008 के समान 2009 में भी 3 हैटट्रिक लगीं। लेकिन, यह तीनों हैटट्रिक
भारतीय गेंदबाज़ों ने या यूँ कहे भारतीय बल्लेबाजों ने प्राप्त की। आई.पी.एल. 2009 की पहली
हैटट्रिक 24वें मैच में आई। पंजाब की ओर से कप्तान युवराज सिंह ने बैंगलोर के रोबिन उथप्पा और
जैक्स कैलिस को लगातार दो गेंदों पर आउट किया।अपने अगले ओवर की पहली गेंद पर मार्क
बाउचर को आउट कर, युवराज सिंह आई.पी.एल. इतिहास में हैटट्रिक लेने वाले पहले बायें हाथ
के गेंदबाज़ बनें।आई.पी. एल. 2009 की दूसरी और यादगार हैटट्रिक डेक्कन चार्जर्स बनाम मुंबई
इंडियंस मैच में आई । डेक्कन चार्जर्स द्वारा बनाये 145 रनों के जवाब में मुम्बई ख़राब शुरुआत के
बाद वापसी की कोशिश कर रहा थ।कि, रोहित ने 16वें ओवर की अंतिम दो गेंदों पर अभिषेक
नायर और हरभजन सिंह को बोल्ड कर दिया। उसके बाद अपने अगले ओवर की पहली गेंद पर
सौरभ तिवारी को आउट करके आई.पी.एल. 2009 की दूसरी हैटट्रिक बना दी । आई.पी.एल.
2009 की तीसरी हैटट्रिक पंजाब की डेक्कन चार्जर्स के विरुद्ध 1 रन से रोमांचक जीत के दौरान आई
। इस मैच में युवराज सिंह ने पहले हर्शल गिब्स को आउट किया।उसके बाद अपने दूसरे ओवर की
पहली दो गेंदों पर साइमंड्स और वेणुगोपाल का विकेट प्राप्त कर एक आई.पी.एल. सीज़न में दो
हैटट्रिक लेने वाले एकमात्र गेंदबाज़ बन गए । उस साल लगी तीन हैटट्रिको में रोचक संयोग यह
था।कि,तीनों हैटट्रिक ब्रोकन हैटट्रिक थीं और तीनों हैटट्रिक उन गेंदबाज़ों ने ली,जो अपनी
बल्लेबाज़ी के लिए अधिक पहचाने जाते हैं।
#3:-आई. पी. एल. में शतक लगाने वाला पहला भारतीय
बल्लेबाज़।
आई. पी.एल. 2009 के 56वें मैच से पहले आई.पी.एल. इतिहास में 7 बल्लेबाज़ शतक लगा
चुके थे।लेकिन, हिंदुस्तानी प्रशंसकों की निगाहें अब भी पहले भारतीय शतकवीर को ढूँढ रहीं थी।
आई. पी. एल. 2009 अपने अन्तिम पड़ाव पर था।आखरी लीग मैच में डेक्कन चार्जर्स के विरुद्ध
बैंगलोर की टीम ने टॉस जीतकर बल्लेबाज़ी करने का फैसला लिया। बैंगलोर की ओर से मनीष
पांडे और जैक्स कैलिस सलामी जोड़ी के रूप में उतरे।मैच की शुरुआत में 2 रन के निजी स्कोर पर
मनीष पांडे ने एक मिस टाइम शॉट खेला। गेंद सीधे आर.पी.सिंह के हाथ में गई।
लेकिन,आर.पी.सिंह कैच नहीं पकड़ पाए। मनीष पांडे को एहसास हो गया।कि, आज किस्मत
उनके साथ है।19 वर्षीय मनीष पांडे ने अपनी क्लास दर्शाते हुए मैदान के हर कोनें में शॉट्स खेले।
एक तरफ़ से बैंगलोर के विकेट गिरते रहे । तो दूसरी ओर से मनीष क्रीज़ पर अंगद की तरह पाँव
जमाये डटे रहे। मनीष ने 10 चौके एवं 4 आतिशी छक्कों की मदद से 73 गेंदों में नाबाद 114 रन
बनाए और आई.पी.एल. इतिहास में शतक बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज़ बने । मनीष
पांडे की इस पारी ने करोड़ों भारतीय प्रशंसकों को आई. पी. एल. पर नाज़ करने का एक और
मौका दिया।
#2:- जब स्कोर बोर्ड ने धोखा दिया।
आई.पी.एल. इतिहास जब भी उठाया जाएगा।तो, रिकॉर्ड मनीष पांडे को शतक लगाने वाला
भारतीय पहला खिलाड़ी बतायेगा। लेकिन, आई.पी.एल. में शतक लगाने वाले पहले भारतीय का
नाम सुरेश रैना हो सकता था। आई.पी.एल 2009 के 22वे मैच में चेन्नई ने पहले बल्लेबाज़ी करते
हुए रैना के 98 रनों की मदद से 164 रन बनाये। टी-20 क्रिकेट में शतक एक मुश्किल चुनौती है
और शतक के इतना नज़दीक पहुंचकर भला रैना ने अपना विकेट कैसे गंवा दिया ? क्यों शतक के
लिए 2 रन और नहीं बनाये? वास्तविकता यह नहीं है। रैना ने शतक बनाया था। स्कोर बोर्ड ने
उनके नाम पर 100 रन दिखाए थे। रैना ने दर्शकों का अभिवादन स्वीकार भी किया। अपने नाम के
आगे शतक देखने के बाद रैना ने तेज़ी से रन बनाने के लिए स्ट्रोक खेलना चाहा और अगली ही गेंद
पर आउट हो गए। आई.पी.एल में पहला भारतीय शतकवीर बनने की खुशी के साथ रैना
पवेलियन लौटे। तो, पता चला रैना ने शतक नहीं सिर्फ 98 रन बनाए थे । दरअसल, मैदान में लगे
डिजिटल बोर्ड स्क्रीन ने रैना द्वारा बनाये गए 98 रनों को 100 दिखाया। इस एक ग़लती ने रैना से
करिश्माई रिकॉर्ड छीन लिया ।
#1:-पहले सीज़न के फिसड्डी दूसरे सीज़न के विजेता।
आई.पी.एल. 2009 अप्रत्याशित नतीजों से भरा रहा। ग्रुप राउंड समाप्त होने पर डेक्कन
चार्जर्स, दिल्ली , चेन्नई और बैंगलोर ने प्ले-ऑफ़ के लिए क्वालीफाई किया। पहले सेमीफाइनल में
एडम गिलक्रिस्ट के तूफानी 85 रनों की मदद से डेक्कन चार्जर्स ने एकतरफा मुक़ाबले में दिल्ली को
हराया।जबकि, दूसरे सेमीफाइनल में बैंगलोर ने चेन्नई को हराकर फाइनल के लिए क्वालीफाई
किया। इसे दिलचस्प संयोग ही कहा जायेगा कि सीज़न-1 की निचले पायदान पर रहने वाली दो
टीमें सीज़न-2 का चैंपियन बनने के लिए आमने-सामने थीं। बैंगलोर ने टॉस जीतकर गेंदबाज़ी
चुनी ।गिलक्रिस्ट के तूफान को रोकने के लिए कप्तान कुंबले ने कमान संभाली और गिली को 0 पर
आउट किया। लेकिन, गिब्स के 53, साइमंड्स के 33 और रोहित के 24 रनों की बदौलत डेक्कन 143
रन के सम्मानजनक स्कोर को हासिल कर पाया। जवाब में कैलिस और मर्वे ने अच्छे शॉट्स
खेले।लेकिन, बैंगलोर की पारी में एक भी साझेदारी 22 रन से अधिक योगदान नहीं दे पाई और
विकेट लगातार गिरते चले गए। परिणामस्वरूप आईपीएल-2008 में नंबर 8 पर रही डेक्कन
चार्जर्स आईपीएल 2009 की चैंपियन टीम बन गई ।
इस तरह आई.पी.एल. इतिहास के सबसे सफ़ल संस्करणों में शामिल 2009 आईपीएल अपने
अंजाम को पहुँचा। हम जल्द लौटेंगे आई. पी. एल. विशेष में एक नए एपिसोड के साथ ।