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कहानी: पाकिस्तान के कोच वूल्मर की उनके मौत का रहस्य क्या है

बॉब वूल्मर
बॉब वूल्मर जिनकी मौत आज भी एक रहस्य है

बॉब वूल्मर : दोस्तों क्रिकेट खेल से जुड़ी ना जाने ऐसी कितनी ही घटनाएं इतिहास के पन्नों में दर्ज है जिन्हें लाख कोशिशों के बावजूद भी आज तक सुलझाया नहीं जा सका है। खिलाड़ियों के द्वारा आत्माओं के होने का दावा करना, ड्रेसिंग रूम में

भूतों को देखने का दावा करना, या फिर इंग्लैंड के होटलों में

रहस्यमई घटनाओं का दावा करना! क्रिकेट खेल से जुड़े  यह कुछ ऐसे रहस्यमय तथ्य रहे जिन्हें आज के साइंटिफिक युग में लाख कोशिशों के बावजूद भी सुलझाया नहीं जा सका है।

और दोस्तों इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए आज की इस वीडियो में क्रिकेट खेल से जुड़ी एक ऐसी ही रहस्यमई घटना का हम आपसे जिक्र करने वाले हैं, जिसके पीछे की हकीकत आज तक अनसुलझी ही है।

बॉब वूल्मर, जिनकी मडर मिस्ट्री को कभी सूइसाइड का नाम दिया गया, कभी हार्ट अटैक तो कभी ज़हर देकर  वूल्मर को मारने की बात भी क्रिकेट जगत में खुलकर करी गई। लेकिन इन सब दावों और अनिश्चितताओं से परे

18 मार्च 2007 को मिली बॉब वूल्मर की लाश आज तक अनसुलझी रहस्यमई घटना ही बनी हुई है।

दोस्तों अगर बात करें बॉब वूल्मर के शुरुआती जीवन की तो उनका जन्म 14 मई साल 1948 को भारत के शहर कानपुर में हुआ।

वूल्मर के जन्म के बाद ही उनका परिवार इंग्लैंड शिफ्ट हो गया और इंग्लैंड में कैंट स्कूल की तरफ से खेलते हुए बॉब वूल्मर ने अपने स्कूली क्रिकेट करियर का आगाज किया।

स्कूल क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन के बाद वूल्मर  साल 1975 में इंग्लैंड की इंटरनेशनल क्रिकेट टीम में भी

जगह बना ली । और साल 1975 से साल 1981 तक चले अपने इंटरनेशनल क्रिकेट सफर में बॉब वूल्मर एक एवरेज ऑलराउंडर के तौर पर 19 टेस्ट और 6 ओ डी आई मैचों में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करने में कामयाब रहे।

क्रिकेट से एक खिलाड़ी के तौर पर विदाई लेने के बाद बॉब वूल्मर  क्रिकेट कोच की भूमिका में उभरकर क्रिकेट जगत में कार्यरत हो गए। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बॉब वूल्मर ने अपनी कोचिंग साउथ अफ्रीकन टीम से शुरू की और इसके साथ ही वूल्मर अपनी कोचिंग के तरीकों में नए-नए आयाम विकसित करते चले गए। बॉब वूल्मर ही वह पहले ऐसे कोच थे जिन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में खिलाड़ियों की रणनीति समझने के लिए कंप्यूटरीकृत उपकरणों का प्रयोग करना शुरू किया। Earpiece और लैपटॉप जैसे उपकरणों के माध्यम से बॉब वूल्मर ने क्रिकेट कोचिंग में एक नई क्रांति ला दी। बॉब वूल्मर के यूनिक और डिफरेंट कोचिंग स्टाइल से साउथ अफ्रीकन टीम को भी बहुत फायदा हुआ और साल 1995 में अफ्रीकन टीम विश्व क्रिकेट में बाकी टीमों को डोमिनेट करते हुए नजर आने लगी।

साउथ अफ्रीका के बाद, बॉब वूल्मर की क्रिएटिव और

अडवेंचरउस कोचिंग कला को देखते हुए आईसीसी ने वूल्मर को एक बड़ी जिम्मेदारी दी। साल 2001 में Icc ने बॉब वूल्मर को केन्या, नामिबिया, और नीदरलैंड जैसी

क्रिकेट टीमों के क्रिकेट स्टैंडर्ड्स को बढ़ाने के लिए एक क्रिकेट कोच के तौर पर नियुक्त किया।

और 18 महीने इन टीमों के साथ खून पसीना बहाने के बाद आखिरकार बॉब वूल्मर को अपनी मेहनत का प्रतिफल मिल गया। साल 2003 में आयोजित हुए क्रिकेट विश्व कप में इन सभी एसोसिएट नेशंस की टीमों का प्रदर्शन बहुत ही अच्छा रहा। खास तौर पर केन्या क्रिकेट टीम ने तो चार जीत  के साथ ग्रुप बी में दूसरे स्थान को कब्जा कर कोच वूल्मर की ख्याति में चार चांद लगा डाले।

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अपनी कोचिंग कला से पूरे विश्व क्रिकेट में सुर्खियां बटोरने के बाद साल 2004 में बॉब वूल्मर पाकिस्तान क्रिकेट टीम से  हेड कोच के रूप में जुड़ गए। और पाकिस्तान ही बॉब वूल्मर  के कोचिंग करियर की आखिरी टीम साबित हुई।

पाकिस्तान क्रिकेट टीम बॉब वूल्मर के मार्गदर्शन मे निरंतर बेहतरी की ओर बढ़ती गई। बॉब वूल्मर की कोचिंग टेक्निक्स के साथ पाक क्रिकेट टीम का परफॉर्मेंस इंडिया ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका जैसी क्रिकेट टीम के सामने लगातार अच्छा होता चला गया। हालांकि बॉब वूल्मर की

कोचिंग के अंतर्गत पाकिस्तान टीम नई-नई ऊंचाइयों को छू रही थी लेकिन इसके बावजूद भी समय-समय पर मीडिया के हवाले से कोच वूल्मर और पाक खिलाड़ियों के बीच चल रही नोकझोंक सामने आती रहती थी। जयपुर टेस्ट के बाद तो मीडिया ने यह भी दावा किया था की, टीम बस में  वूल्मर और शोएब अख्तर के बीच जमकर हाथापाई हुई। मीडिया के हवाले से शोएब अख्तर के द्वारा वूल्मर को थप्पड़ मारने की बात भी कही गई। लेकिन इन सब बातों को खिलाड़ी और कोच मीडिया के सामने आकर नकारते चले गए।

बॉब वूल्मर की कोचिंग कला के मार्गदर्शन में पाकिस्तान टीम का प्रदर्शन घर में भी निरंतर बेहतर होता चला गया घरेलू मैदानों पर लगातार एक के बाद एक तीन महत्वपूर्ण सीरीज़ जीतकर पाकिस्तान टीम पूरे विश्व क्रिकेट में खतरनाक यूनिट के रूप में उभरती चली गई।

पाकिस्तान टीम की सामूहिक सफलता के बाद भी कोच वूल्मर कि कुछ पाकिस्तानी प्लेयर्स से निरंतर अनबन होती रहती थी। इस दौरान कोच वूल्मर के द्वारा कही गई एक लाइन को भी अखबारों ने बहुत ज्यादा हाईलाइट किया। वूल्मर ने कहा था कि “पाकिस्तान के कुछ खिलाड़ी

प्ले से ज्यादा प्रे पर ध्यान देते हैं।” वूल्मर के द्वारा इमरान खान और जावेद मियांदाद पर साजिश के इल्जाम भी लगाए गए। पर इसके बावजूद भी वर्ल्ड क्रिकेट में ये खबरें दबी रह गई।

इन आरोपो और प्रत्यारोपो के बीच ही जनवरी 2007 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम दक्षिण अफ्रीकाई दौरे पर गई।

इस दौरे में पाकिस्तान क्रिकेट टीम खेल के हर मामले में साउथ अफ्रीकन डिपार्टमेंट से पीछे नजर आई। इसके साथ ही पाकिस्तान क्रिकेट टीम को दक्षिण अफ्रीकाई टीम से बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। इस दौरे के बाद ही पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने वेस्टइंडीज में आयोजित साल 2007 वर्ल्ड कप में शिरकत की। और यहां भी पाकिस्तान क्रिकेट टीम का लचर प्रदर्शन जारी रहा।

पाकिस्तान टीम अपने 9वे मैच में आयरलैंड जैसी कमजोर टीम से हारने के बाद  वर्ल्ड कप टूर्नामेंट से पूरी तरह बाहर हो चुकी थी। पाकिस्तानी मीडिया पाकिस्तानी प्लेयर्स और पाकिस्तानी क्रिकेट प्रशंसकों के बीच वर्ल्ड कप का उत्साह पूरी तरह खत्म हो चुका था।

17 मार्च 2007 के दिन आयरलैंड से हारकर पूरी पाकिस्तान क्रिकेट टीम किंग्स्टन में स्थित अपने होटल

पेगासस लौटी। मैदान से होटल तक के अपने सफर में टीम के किसी भी मेंबर की आपस में कोई बात नहीं हुई।

होटल पहुंचने के बाद सभी खिलाड़ी अपने अपने कमरे में चुपचाप ही चले गए। बाब वूल्मर भी कमरा नंबर 374 में

बिना किसी से बात किए हुए सीधे चले गए। पूरी रात होटल के गहरे सन्नाटे में कट गई और जब सुबह हुई तो किसी को भी अपनी आंखों पर विश्वास  नहीं हुआ।

कमरा नंबर 374 के सामने पुलिस और अधिकारियों का जमावड़ा था और बाथरूम में पड़ी थी कोच वूल्मर  की लाश!

कैसे हुई वूल्मर की मौत , आखिर एक रात में कहानी कैसे बदल गयी , क्या ये मर्डर था या सयूसाईड। इन सभी सवालों का जवाब मिलेगा आपको इसी वीडियो में लेकिन वीडियो में आगे बढ़ने से पहले हम एक बार लाये हैं आपके फायदे की जानकारी।………

वूल्मर की लाश पर चोट के निशान थे और उनकी नाक से खून भी निकला हुआ था। शुरुआती मेडिकल जांच में ही जमाईकन लोकल प्रशासन ने बॉब वूल्मर की मौत को मर्डर घोषित कर दिया। Bob woolmer के मर्डर की खबर जैसे ही वर्ल्ड मीडिया द्वारा चलाई गई पूरे क्रिकेट जगत में अफरा तफरी का माहौल बन गया। पूरी पाकिस्तान क्रिकेट टीम को पाकिस्तान लौटने से रोक दिया गया। और इस मर्डर मिस्ट्री में पाकिस्तान क्रिकेट टीम को मैं सस्पेक्ट के रूप में देखा जाने लगा। होटल में लगे सीसीटीवी की फुटेज भी खंगाली गई लेकिन फोटोस के blur होने के कारण बस इतना ही समझ आया कि रात में एक लंबे कद का व्यक्ति और छोटे कद का व्यक्ति, बॉब वूल्मर के कमरे के सामने से गुजरा है। और आनन-फानन में ही इन तस्वीरों को लंदन भेजा गया और एडवांस तकनीक का सहारा लेते हुए इन दोनों व्यक्तियों की पहचान की गई। रात को वूल्मर के सामने से गुजरे दो

व्यक्तियों की पहचान पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान इंजमाम उल हक और बोलिंग कोच मुस्ताक अहमद के रूप में की गई। इसके बाद से ही दोनों से पूछताछ का एक लंबा सिलसिला शुरू हुआ। और पूछताछ में सामने आया कि रात को बॉलिंग कोच मुस्ताक अहमद दो शैंपेन की बॉटल्स लेकर कोच बॉब वूल्मर  के कमरे में गए थे।

जिसके बाद जांच में ज़हर देकर मारने का एंगल भी जोड़ा गया।

लंबी चली जांच के बाद पाकिस्तानी प्लेयर्स को पाकिस्तान वापसी का मौका तो दे दिया गया लेकिन Bob woolmer की मौत अभी भी एक अनसुलझी पहेली ही बनी हुई थी।

कुछ दिनों चली तफ्तीश के बाद किंग्सटन प्रशासन ने वूल्मर की मौत को हार्ट अटैक करार दिया।

हालांकि बॉब वूल्मर की पत्नी गिल वूल्मर

हार्ट अटैक को मौत कारण मानने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी। उनके द्वारा बार-बार किंग्सटन प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए गए।

बॉब वूल्मर की पत्नी के अनुसार वूल्मर फिक्सिंग के ऊपर एक किताब लिखने जा रहे थे जिसमें बहुत सारे नामी क्रिकेट सितारों के  वर्णन की आशंका थी।

फिक्सिंग से जुड़े पाकिस्तान क्रिकेट के भी कई राज बॉब वूल्मर अपनी इस किताब में उजागर करने वाले थे।

और जांच में आईं, कईं थेओरिएस के हिसाब से बॉब वूल्मर  की यही किताब उनकी मौत की वजह बनी।

बॉब वूल्मर की मौत के 14 साल बाद भी उनकी मौत एक रहस्यमई उलझी हुई पहेली बनी हुई है। और इस पहेली  के सभी पात्र आज भी अपने शुरू और अंत के पहलुओं में उलझे हुए हैं।

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