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न्यूज़ीलैण्ड क्रिकेट टीम का इतिहास : Cricket History

न्यूज़ीलैण्ड क्रिकेट टीम का इतिहास
कैसे हुई शरुआत सबसे शांत टीम की

न्यूज़ीलैण्ड : भारत ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में शुरुआत से लेकर आज इस खेल के ऊरुज तक पहुंचने में सबसे महत्वपूर्ण और उपयोगी कड़ी के रूप में काम किया है।

आज भारत के पास क्रिकेट को प्यार करने वाला सबसे बड़ा फैन बेस मौजूद है और आज भारत के खिलाड़ी और क्रिकेट बोर्ड अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बहुत बड़ा महत्व रखते हैं और ऐसे में इतनी बड़ी जिम्मेदारी के साथ किसी देश के लोग अगर भारत के बाद अपनी दुसरी सबसे पसंदीदा टीम का नाम न्यूजीलैंड बताते हैं तो जरूर इस टीम और इसकी कहानी में कोई ना कोई खास बात तो जरूर है।

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हालांकि ICC टूर्नामेंट्स में न्यूज़ीलैण्ड अक्सर इंडिया के लिए विलन बन जाती है।  हाल ही में खत्म हुए  odi सीरीज में इंडिया ने न्यूज़ीलैण्ड को करारी मात दी है अब देखना ये है की क्या यही जादू टीम इंडिया आज से शुरू होने वाले t २० सीरीज में भी दोहरा पाती है या नहीं।  तो आज से देख रहे हैं न इंडिया और न्यूज़ीलैण्ड का t 20 सीरीज।  क्या कहा हॉटस्टार का सब्सक्रिप्शन खत्म हो गया है।  चलिए कोई बात नहीं आज हम आपका फ्री में जुगाड़ कर देते हैं मैच देखने का लेकिन उसके लिए आपको इस वीडियो में  शुरू से अंत तक जुड़े रहना है।

आज की तारीख में लगभग 108 देशों में अलग-अलग तरीके से अलग अलग स्तर पर क्रिकेट का खेल खेला जाता है और इनमें से अधिकांश देशों में इस खेल की शुरुआत ब्रिटिश प्रभुत्व के दौरान हुई थी और कुछ ऐसी ही कहानी न्यूजीलैंड में इस खेल की शुरुआत से ही जुड़ी हुई है।

हेनरी विलियम की डायरी में न्यूजीलैंड की धरती पर खेले गए सबसे पुराने क्रिकेट मैच का रिकॉर्ड मिलता है जो दिसम्बर 1832 में खेला गया था।

माओरी कबीले के लोग न्यूजीलैंड की धरती पर कदम रखने वाले पहले इंसान माने जाते हैं, साल 1835 की एक शाम का जिक्र करते हुए चार्ल्स डार्विन ने अपनी कीताब वोयेज ओफ बीगल में लिखा है कि एक दिन यहां भ्रमण करते हुए उन्होंने माओरी जाति के कुछ दास लोगों को देखा जिन्हें खेतों में काम के लिए रखा गया था और शाम को उन लोगों ने क्रिकेट का खेल शुरू कर दिया था।

इस तरह न्यूजीलैंड की धरती पर इस देश के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका रखने वाली वेतांगी संधि से पहले ही क्रिकेट की मौजूदगी साबित हो गई थी लेकिन वेतांगी संधि के बाद जब पुर्ण रुप से यह जगह जब ब्रिटिश कोलोनीज के अधीन आ गई तो यहां इस खेल के विकास में भी अच्छी रफ्तार नजर आने लगी थी।

साल 1841 में वेलिंगटन क्लब के निर्माण के बाद न्यूजीलैंड में क्रिकेट का खेल बहुत से लोगों की रोजमर्रा जिंदगी का हिस्सा बन गया था और अब यह खेल न्यूजीलैंड में तय अंतराल पर खेले जाने लगा था।

साल 1842 में वेलिंगटन क्लब की द रेड टीम और द ब्लू टीम के बीच एक मैच खेला गया था जिसे न्यूजीलैंड की धरती पर खेला गया पहला ऐसा मैच माना जाता है जिसका रिकॉर्ड आज भी मौजूद है।

धीरे-धीरे क्रिकेट का यह खूबसूरत खेल न्यूजीलैंड में अपनी जगह बनाने लगा, ब्रिटिश हुकूमत में अब यह खेल न्यूजीलैंड में अपने पैर पसारने लगा था और बहुत जल्द ही वह समय भी आया जब न्यूजीलैंड  में अपने खेल की लोकप्रियता को देखते हुए इंग्लैंड की एक टीम ने न्यूजीलैंड का दौरा किया।

यह न्यूजीलैंड में किसी विदेशी टीम का पहला दौरा था और इसकी सफलता को देखते हुए साल 1864 से साल 1914 तक लगभग 22  अलग अलग टीमों ने न्यूजीलैंड का दौरा किया जिसमें से 15 आस्ट्रेलिया से आई थी।

27 जनवरी साल 1864 से न्यूजीलैंड में यहां खेले जाने वाले सबसे पहले फस्ट क्लास मैच की शुरुआत भी हुई जो ओटेगो और केंटबरी की टीमों के बीच खेला गया था और इस मैच में ओटेगो की टीम ने 76 रनों से जीत हासिल की थी।

यह वो समय था जब न्यूजीलैंड में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग क्लब्स की नींव रखी गई और बहुत सी डोमेस्टिक टीमों का सफर भी यहां से शुरू हुआ जिसमें ओकलेंड, ओटेगो और वेलिंगटन का नाम मुख्य रूप से लिया जाता है।

उन्नीसवीं शताब्दी के आखिर तक आते आते न्यूजीलैंड में प्लेंकेट शिल्ड की शुरुआत भी हो गई थी जो यहां का पहला डोमेस्टिक टुर्नामेंट माना जाता है।

साल 1904-05 में न्यूजीलैंड ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ दो मैचों की एक सीरीज में हिस्सा लिया जो इस देश के इतिहास में अब तक के सबसे ऊंचे क्रिकेट स्तर पर खेलने गए थे।

पहले मैच में बारिश की वजह से हारने टालने वाली न्यूजीलैंड टीम को अगले मैच में आस्ट्रेलियाई टीम से 358 रनों से बड़ी हार का सामना करना पड़ा था, यह आंकड़ा आज भी न्यूजीलैंड क्रिकेट इतिहास में दुसरी सबसे बड़ी हार के रुप में दर्ज है।

साल 1895 -96 में न्यू साउथ वेल्स के खिलाफ खेलते हुए

न्यूजीलैंड को क्रिकेट के खेल में अपनी पहली जीत नसीब हुई थी और इसके कुछ समय पहले ही न्यूजीलैंड क्रिकेट काउंसिल का गठन भी हो गया था।

बीसवीं सदी में भी  सफर चलता रहा, साल 1927 में इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड का दौरा किया और यहां न्यूजीलैंड टीम के खिलाफ 26 फस्ट क्लास मैच खेले जिनमें न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों का प्रदर्शन शानदार रहा था,  इन 26 मैचों में से 7 मैचों में न्यूजीलैंड को जीत हासिल हुई थी और फिर आगे चलकर इसी प्रदर्शन को देखते हुए न्यूजीलैंड क्रिकेट को टेस्ट स्टेटस सौंप दिया गया।

1929 -30 में एमसीसी ने न्यूजीलैंड का दौरा किया और इस सीरीज के दुसरे मैच में न्यूजीलैंड के स्टीव डैंपस्टर और जैकी मिल्स ने पहले विकेट के लिए 276 रनों की साझेदारी निभाई जो आज भी किसी इंग्लिश टीम के खिलाफ न्यूजीलैंड की सबसे बड़ी साझेदारी है।

साल 1930 में न्यूजीलैंड ने अपना पहला टेस्ट मैच इंग्लैंड के खिलाफ क्राइस्टचर्च के मैदान पर खेला था, और इस तरह यह देश टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाला पांचवां देश बन गया था।

न्यूजीलैंड को टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहली जीत के लिए लगभग 26 साल और 45 मैचों का इंतजार करना पड़ा था और इस दौरान न्यूजीलैंड क्रिकेट की बहुत सी प्रतिभाओं ने हार से शुरू करके हार पर ही अपना करियर खत्म कर दिया था।

आगे दुसरा विश्व युद्ध शुरू होने के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सात सालों तक ठहर गया, साल 1940 में आस्ट्रेलियन क्रिकेट ने न्यूजीलैंड दौरा तय किया था लेकिन युद्ध के चलते इस दौरे को रद्द कर दिया और फिर कुछ समय के लिए न्यूजीलैंड में क्रिकेट स्थगित हो गया।

 

 

एक लंबे समय से क्रिकेट एक्शन से दूर रही न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम को 1945 -46 सीजन में विश्व युद्ध के बाद पहली बार क्रिकेट खेलने का मौका मिला लेकिन आस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए इस मैच को अलग-अलग कारणों के चलते लगभग दो साल बाद टेस्ट स्टेटस दिया गया था।

आगे इस टीम के साथ क्या हुआ ये जानने से पहले , हम आपका फ्री में मैच देखने का जुगाड़ कर कर देते हैं जैसा हमने आपको शुरू में बताया था। अब आप सोच रहे होंगे कि फ़्री में ऐसा कैसे हो सकता है? तो चलिये हम आपको ज़रा डिटेल में बताते हैं। बात दअरसल ये है कि हमारे हाथ एक बड़ा ही कमाल का ऐप लगा है। जिसका नाम ‘इलोइलो लाइव स्ट्रीमिंग ऐप। जिस को हाल  ही में प्ले स्टोर पर एक करोड़ से भी अधिक बार डाउनलोड किया गया है। इस ऐप की ख़ास बात ये है कि  अब आप और हम मैच देखकर पैसे  भी कमा सकते हैं। इसके लिए बस आप डाउनलोड करें इलोइलो ऐप,और 27  जनवरी  से  होने वाले इंडिया न्यूजीलैंड मैच में क्रिकेट एक्सपर्ट्स की लाइव कमेंट्री और अपडेट्स सुनो और प्रेडिक्ट करो अगली बॉल में क्या होगा ।अगर, आपका गेस ठीक निकला तो आप अमेजिंग कैश प्राइज जीत सकेंगे। इस विनिंग एमाउंट को आप बड़े ही आराम से यूपीआई से भी विड्रॉल करा सकते हैं। क्योंकि, इलो इलो ऐप में कोई रजिस्ट्रेशन फीस नहीं है। तो हारने का कोई चांस भी नहीं है।इसका मतलब इस ऐप के इस्तेमाल से सिर्फ जीत ही जीत है। तो जल्दी डाउनलोड कीजिये ये ऐप , गेम्स में पार्टिसिपेट कीजिये और पाइए रोज़ लाखों रुपये  जीतने का मौका। इस ऐप का लिंक आपको डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगा। वहाँ से डाउनलोड कीजिये और फिर हमारे साथ भी खेलिए इलो इलो ऐप पर।

आगे साल 1951 -52 में न्यूजीलैंड को आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से हटकर वेस्टइंडीज टीम का सामना करने का मौका मिला और फिर चार साल बाद इस टीम ने भारत के खिलाफ भी अपना सबसे पहला मुकाबला खेला।

सटक्लिफ और रेड जैसे खिलाड़ियों से सजी न्यूजीलैंड की यह टीम अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ओन पेपर बहुत शानदार टीम थी लेकिन मैदान पर हार का सूखा खत्म नहीं हो रहा था।

इसी दौरान न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट इतिहास का सबसे छोटा स्कोर यानि 26 रन पर आलआऊट होने का शर्मनाक रिकॉर्ड भी दर्ज किया जो इस बात को साबित करता है कि न्यूजीलैंड मैदान पर उस तरह की टीम नहीं बनी थी जैसी नजर आ रही थी।

अगले क्रिकेट सीजन में इस टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलते हुए टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहली जीत हासिल की लेकिन इसके बाद भी अगले बीस सालों में यह टीम मात्र सात मैच ही जीत पाई थी।

190 रनों के बड़े अंतर से अपना पहला मैच जीतने वाली इस टीम के पास एक से बढ़कर एक बल्लेबाज और आलराउंडर्स थे लेकिन गेंदबाजी वाला पलड़ा एक लंबे अरसे तक खाली रहा, न्यूजीलैंड को एक शानदार तेज गेंदबाज के लिए बहुत लंबा इंतजार करना पड़ा था।

खैर सिलसिला चलता रहा, 1969 -70 सीजन में वो समय आया जब न्यूजीलैंड को 40 साल और 30 सीरीज के बाद पहली बार किसी टेस्ट सीरीज में जीत हासिल हुई और यह कारनामा न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान के खिलाफ खेलते हुए किया था।

देर से ही सही लेकिन न्यूजीलैंड की टीम अब धीरे-धीरे जीत की राह पर आ रही थी और फिर इस देश के लिए साल 1973 में रिचर्ड हेडली ने डेब्यू किया जिसके बाद इस टीम का विनिंग परसेंटेज अचानक शानदार हो गया जिसके पीछे का कारण यह भी रहा कि हेडली के आने पर न्यूजीलैंड टीम में शानदार पेस गेंदबाज की तलाश खत्म हो गई थी।

हेडली ने अगले 17 सालों तक न्यूजीलैंड क्रिकेट की सेवा की और एक समय ऐसा था जब कपिल देव, हेडली और इमरान खान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे बड़े नाम बन गए थे।

अपने समय के दो बड़े दिग्गजों से मुकाबले के बावजूद भी हेडली एक लंबे समय तक टेस्ट क्रिकेट में सबसे सफल गेंदबाज रहे और 400 टेस्ट विकेट का आंकड़ा भी पार किया।

1977 -78 सीजन में न्यूजीलैंड को 48 नाकाम कोशिशों के बाद इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला मैच जीतने का मौका मिला और अब यह टीम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक अच्छे स्तर तक पहुंच गई थी।

वनडे क्रिकेट ने इस टीम को खुद के प्रदर्शन में सुधार लाने का सबसे अच्छा मौका दिया और यह टीम वनडे क्रिकेट में शानदार बनकर सामने आई लेकिन फिर साल 1981 में न्यूजीलैंड अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट इतिहास के सबसे चर्चित अंडर आर्म मैच का भी हिस्सा रही जहां ग्रेग चैपल के कहने पर गेंदबाज ट्रेवर चैपल ने मैच को बचाने के लिए आखिरी गेंद अंडर आर्म फेंककर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था, न्यूजीलैंड यह मैच हार गई थी लेकिन इसके बाद क्रिकेट में गेंदबाजी को लेकर नियमों में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला जो कहीं ना कहीं बहुत जरूरी भी था।

80 के दशक में न्यूजीलैंड ने अपने अतीत को भुलाकर शानदार प्रदर्शन किया, एक से बढ़कर एक खिलाड़ियों ने इस टीम की कमान संभाली और बहुत से बड़े खिलाड़ी इस टीम का हिस्सा रहे।

मार्टिन क्रो और हेडली इस दौर में न्यूजीलैंड के सबसे बड़े खिलाड़ी थे, जो किसी भी मैच को किसी भी हाल में मोड़ने का दम रखते थे और इसका सबसे बड़ा उदाहरण साल 1985 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन टेस्ट में देखने को मिला जहां हेडली ने 15  विकेट लिए थे और क्रो की शतकीय पारी के चलते न्यूजीलैंड यह मैच पारी और 41 रनों के बड़े अंतर से जीत गई थी।

न्यूजीलैंड क्रिकेट इतिहास को अपने सफ़र में कुछ अप्रिय घटनाओं का सामना भी करना पड़ा है जिसमें पहले स्थान पर साल 1987 में श्रीलंका दौरे पर गई कीवी टीम के होटल के बाहर एक बोम्ब ब्लास्ट की घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया था, इस घटना के चलते एक तरफ जहां सौ लोगों का निधन हो गया तो वहीं दूसरी तरफ यह दौरा भी बीच में रद्द करना पड़ा।

नब्बे के दशक के पहले विश्व कप में न्यूजीलैंड का प्रदर्शन बेहतरीन रहा था जिसके बाद इस टीम ने साल 1996 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलते हुए एक अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया, इस मैच में मिली जीत का हीरो पुरी टीम को चुना गया और न्यूजीलैंड की पुरी टीम को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया था।

साल 1998 में न्यूजीलैंड क्रिकेट के एक स्पोंसर ने इस टीम को एक नया नाम देने के लिए कम्पीटीशन रखा और इसके चलते न्यूजीलैंड को ब्लैक कैप्स का नया नाम हासिल हुआ था।

नई सदी की शुरुआत भी इस टीम के लिए शानदार रही, क्रिस की शानदार शतकीय पारी के चलते न्यूजीलैंड की टीम ने आईसीसी नोकआउट ट्रोफी का खिताब प्राप्त कर खुद को बेहतरीन साबित कर दिया था।

सफर चलता रहा, साल 2002 में पाकिस्तान के खिलाफ खेलने गई न्यूजीलैंड टीम को एक बार फिर बोम्ब ब्लास्ट जैसी घटना का साक्षी बनाया, यह दौरा भी बीच में खत्म हो गया लेकिन इस पर चर्चाएं आज भी जारी है।

डेनियल विटोरी, बोंड, मैकुलम, केन विलियमसन और टेलर नई सदी में कीवी टीम के सबसे बड़े खिलाड़ी बनकर सामने आये, अपने करियर के बीच में जहां बोंड को इंडियन क्रिकेट लीग के चलते अपना करियर छोड़ना पड़ा तो वहीं विटोरी ने भी एक समय के लिए क्रिकेट फोर्मेट्स को छोड़ दिया था‌।

साल 2015 विश्वकप में इस टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया, बीच में और भी बहुत से मोड़ आये लेकिन यहां यह टीम आस्ट्रेलिया का सामना नहीं कर पाई और हार गई।

साल 2019 में एक बार फिर इंग्लैंड के खिलाफ इस टीम ने फाइनल खेला लेकिन किस्मत ने इस टीम का साथ नहीं दिया और इंग्लैंड विश्व चैंपियन बन गया।

नई सदी में न्यूजीलैंड ने भारत को हराकर टेस्ट चैंपियनशिप के रूप में दुसरा आईसीसी टाइटल हासिल किया, इसके बाद पाकिस्तान दौरे से जुड़ा एक बड़ा विवाद भी सामने आया लेकिन इस टीम ने निरन्तरता बनाये रखी और आज न्यूजीलैंड क्रिकेट शानदार दौर से गुजर रही है जहां इस टीम को अपने घर में हराना नामुमकिन है।

इसी उम्मीद के साथ कि न्यूजीलैंड भविष्य में बेहतरीन प्रदर्शन और आंकड़ों के आधार पर खुद को सबसे बेहतरीन बनाये और इसी तरह अपनी जिंदादिली कायम रखें,

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