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चंकी पांडे : कैसे बने रोमांंटिक ऐक्टर से कॉमेडियन

चंकी पांडे जीवन की कहानी
चंकी पांडे को क्यों कहा जाता है Bangladesh का Amitabh Bachchan

80 के दशक के रोमांंटिक ऐक्टर की जब भी बात होती है तो दो चेहरे सबसे पहले जेहन में आते हैं, वो हैं गोविन्दा और चंकी पांडे । ऐक्शन फिल्मों के उस दौर में दोनों ही ऐक्टर को एक जैसे किरदार और एक जैसी फ़िल्में मिला करतीं थीं, यहाँ तक कि दोनों की जोड़ी भी एक ही ऐक्ट्रेस नीलम के साथ ज़्यादा दिखाई देती थी। एक तरफ गोविन्दा जहाँ फ़िल्मों में लगातार सक्रिय रहे तो वहीं चंकी पांडे 90 के दशक की शुरुआत में ही बॉलीवुड से दूर हो गये थे, हालांकि बाद में वे एक नये अंदाज़ के साथ लौटे और बतौर कॉमेडियन अपनी एक अलग पहचान बनायी। आज का बच्चा बच्चा भी उन्हें देखकर यही कहता है- “मामा मियां आय एम जोकिंग”। आज हम जानेंगे चंकी पांडे के जीवन और उनके फिल्म करियर के बारे में, दोस्तों आज के दर्शक भले ही चंकी पांडे को एक सपोर्टिंग और कॉमेडियन ऐक्टर के तौर पर जानता है लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब नौजवान चंकी पांडे के दीवाने हुआ करते थे। एक टीवी प्रोग्राम के दौरान कोरियोग्राफर से फ़िल्म डायरेक्टर बनी फराह ख़ान ने भी बताया था कि कभी वे भी चंकी पांडे से दिल ही दिल में प्यार करती थीं।

 

शुरुआती जीवन व करियर-

चंकी पांडे
चंकी पांडे

26 सितंबर 1962 को मुंबई में जन्में चंकी पांडे का असली नाम सुयश शरद पांडे है। उनके पिता डॉ. शरद पांडे फेमस हार्ट स्पेशलिस्ट थे, जो भारत में पहली बार हृदय प्रत्यारोपण करने वाले सर्जनों की टीम में भी शामिल थे। चंकी मां डॉ. स्नेहलता पांडे भी एक डॉक्टर थी। चंकी के एक भाई हैं चिक्की पांडे जिनका असली नाम आलोक शरद पांडे है, और वे एक बिजनेसमैन हैं। दोस्तों चंकी जब छोटे थे तो उनके दिमाग ये बात बैठ गयी थी कि उनके पैरेंट्स डॉक्टर हैं तो उनको भी बड़े होकर डॉक्टर ही बनना है। बचपन में वे अक्सर अपनी माँ के साथ क्लिनिक पर जाते और कंपाउंडर की तरह दवाइयों की पुड़िया बनाते, साथ ही माँ के साथ-साथ उनका मेडिकल बॉक्स उठाकर मरीज़ों के घर भी जाया करते। अपने इंटरव्यूज़ में चंकी अक्सर मज़ाकिया लहज़े में बताते हैं कि उन्होंने डॉक्टर बनने के लिये कोशिश भी की, लेकिन वे फेल हो गये और एमबीबीएस की जगह उन्हें एमबीबीएफ यानि ‘मैट्रिक मैं बार बार फेल’ की डिग्री मिल गई। बाद में उन्होंने ऐक्टिंग फील्ड में करियर बनाने का मन बना लिया। बॉलीवुड में आने से पहले चंकी ने 1986 में ‘मधुमती एकेडमी ऑफ फिल्म डांसिंग एंड एक्टिंग’ में ऐक्टिंग सीखा और बतौर इंस्ट्रक्टर वहाँ काम भी किया। साल 1986 में वे अपने जूनियर रह चुके अक्षय कुमार को भी ऐक्टिंग और डांस सिखा चुके हैं। फ़िल्मों में चंकी ने बतौर नायक साल 1987 में फिल्म ‘आग ही आग’ से डेब्यू किया। हालांकि साल 1981 में वे एक एक्स्ट्रा कलाकार के रूप में फ़िल्म रॉकी के एक गीत रॉकी मेरा नाम में दिखाई दिये थे जिसे बिल्कुल नोटिस नहीं किया गया था। ‘आग ही आग’ एक मल्टीस्टारर फिल्म थी और फिल्म में उनकी नायिका उस दौर की मशहूर ऐक्ट्रेस नीलम थीं जिनके साथ उनकी जोड़ी काफी हिट हुई थी। दोस्तों इस फिल्म के निर्माता पहलाज निहलानी ने अभिनेता चंकी पांडे को इस फ़िल्म के साथ ही अपनी आगामी फ़िल्म ‘पाप की दुनिया’ के लिए भी साइन कर लिया था। और दोनों फ़िल्मों की सफलता से देखते ही देखते चंकी पांडे ने लगभग 20-22 फ़िल्में साइन कर लीं थीं। दरअसल उस दौर में गोविन्दा नये नये हिट हुए थे और ढेरों फ़िल्मों में एक साथ काम करने से नयी फ़िल्में और साइन नहीं कर सकते थे ऐसे में निर्माताओं के चंकी के रूप में गोविन्दा का एक सही ऑप्शन मिल गया था। ख़ैर चंकी की 2 और फ़िल्में रिलीज़ होने के बाद साल 1988 में एन. चंद्रा की फिल्म तेज़ाब आयी, जिसमें अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित ने अहम रोल निभाया था। इस फ़िल्म चंकी पांडे का सपोर्टिंग रोल था जिसे दर्शकों ने  ख़ूब पसंद किया था। फिल्म में उन्होंने अनिल कपूर के दोस्त की भूमिका निभाई थी और उनपर फ़िल्माया गीत ‘सो गया ये जहाँ’ बेहद मशहूर हुआ था। इस भूमिका के लिए चंकी को बेस्ट स्पोर्टिंग एक्टर के फिल्मफेयर अवार्ड के लिये नॉमिनेट भी किया गया था।

 

जब सनी देओल से हुए नाराज़-

चंकी पांडे और सनी देओल
चंकी पांडे और सनी देओल

दोस्तों चंकी पांडे हँसी मज़ाक करने के आदी हैं और अक्सर उनके साथी कलाकार भी उनसे मस्ती करते ही रहते हैं। चंकी के साथ एक बार ऐसी ही एक मस्ती सनी देओल ने की थी जिससे चंकी कुछ देर के लिये उनसे थोड़े नाराज़ भी हुए थे, लेकिन अब इसी घटना को वे मज़े लेकर सुनाते हैं। दरअसल यह पूरा मामला साल 1992 का है। जब सनी देओल और चंकी पांडे साथ में विश्वातमा फिल्म में काम कर रहे थे। फिल्म की काफी शूटिंग नौरोबी में भी हुई थी, जहाँ से लौटते वक़्त चंकी ने कई पैकेट विदेशी सिगरेट खरीद रखी थे। फ़िल्म का शेड्यूल खत्म करने के बाद जब सभी फ्लाइट से भारत लौट रहे थे, चंकी भी फ्लाइट में आराम से सो रहे थे। अचानक किसी ने उन्हें जगाया और बताया कि सनी फ्लाइट में सबको सिगरेट बांट रहे हैं। चूंकि सनी सिगरेट नहीं पीते, इसलिए चंकी ने अपने बैग में ढेर सारी सिगरेट होने के बावजूद सोचा कि वे भी अपना हिस्सा क्यों गँवायें और उन्होंने भी सनी से सिगरेट की पैकेट ले ली। थोड़ी देर बाद चंकी को पता चला कि सनी ने उनकी ही सिगरेट बाक़ी लोगों को बाँटी है। चंकी को इस बात पर बड़ा गुस्सा आया और वो वहीं सनी पर चीखने चिल्लाने लगे। फिर सनी उनके पास आये और बोले- ‘तुम्हे दयालू होना चाहिए और अगर कोई चीज़ तुम्हारे पास ज़्यादा है तो उसे शेयर करना चाहिए।’ ख़ैर सनी के समझाने के बाद चंकी का गुस्सा तो शांत हुआ लेकिन जैसे ही फ्लाइट रुकी और सनी के उतरते ही चंकी एयरक्राफ्ट के बाहर खड़े हो गए और सबसेअपनी सिगरेट वापस ले ली।

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बन गये बांग्लादेश के सुपरस्टार-

दोस्तों चंकी भारत के मशहूर ऐक्टर ही नहीं बल्कि बांग्लादेश के भी सुपरस्टार हैं और उन्हें बांग्लादेश का अमिताभ बच्चन भी कहा जाता है। 90 के दशक में चंकी के कुछ सालों तक हिंदी फ़िल्मों से अचानक गायब होने और बांग्लादेश में काम करने की कहानी भी बड़ी रोचक है। दरअसल इस दौरान सलमान खान, आमिर खान, शाहरुख खान, अक्षय कुमार, अजय देवगन और सुनील शेट्टी जैसे स्टार्स का बोलबाला था, ऐसे में चंकी को हीरो के भाई या अन्य सपोर्टिंग रोल ही ऑफर किये जा रहे थे, जो चंकी को करना नागवार गुज़रा। ताज्जुब की बात है कि साल 1993 में ‘आंखे’ जैसी हिट फिल्म देने के बाद भी चंकी के पास कोई ख़ास काम नहीं था। एक इंटरव्यू में चंकी ने बताया था कि, “आंखें के बाद सालभर तक मैं घर में बैठा रहा। मेरे पास ‘तीसरा कौन’ नाम की एकमात्र फिल्म थी। इसलिए जैसे ही मुझे बांग्लादेश में काम करने का मौका मिला तो मैं चला गया जहाँ मेरी पहली ही फिल्म सुपर डूपर हिट हो गयी, जिसके बाद मैं तीन-चार साल तक वहीं काम करता रहा।” चूँकि, चंकी को बांग्ला भाषा नहीं आती थी, इसलिए उनकी आवाज़ को डब किया जाता था। उनकी बांग्लादेशी हिट फिल्मों में ‘स्वामी केनो असामी’, ‘बेश कोरेची प्रेम कोरेची’ और ‘मेयेरा अ मानुष’ आदि प्रमुख फ़िल्में हैं। इसी दौरान चंकी की शादी हुई और बांग्लादेश में व्यस्त होने के कारण हनीमून के लिये वे अपनी पत्नी को बांग्लादेश ही लेकर गये, जहाँ उनकी लोकप्रियता को देखकर उनकी पत्नी ने कहा, “आपकी जो भी यहाँ पहचान है वो बॉलीवुड की वजह से ही है। आप यहां पर सुपरस्टार हैं तो बॉलीवुड की वज़ह से ही हैं। इसलिए आपकी जगह यहाँ नहीं बॉलीवुड में हैं।” जिसके बाद चंकी इंडिया वापस आ गये। हालांकि 7 साल बांग्लादेश में बिताने के बाद चंकी को भारत में लोग भूला चुके थे। चंकी बताते हैं कि अक्सर बच्चे उनसे पूछते कि “अंकल आप पहले फ़िल्मों में काम करते थे क्या?” ऐसे में चंकी को बहुत तकलीफ होती, उन्होंने सोच लिया था कि अब वे ऐसे रोल करेंगे जिन्हें बच्चे भी ख़ूब पसंद करेंगे।

 

बॉलीवुड में वापसी-

चंकी पांडे

साल 2003 में चंकी ने ‘कयामत : सिटी अंडर थ्रीट’ और ‘एलान’ जैसी फिल्मों से बॉलीवुड में वापसी की। इन फ़िल्मों में लोगों ने उनके रोल को ख़ूब पसंद किया। चंकी बताते हैं कि बॉलीवुड में अपनी दूसरी पारी में उन्हें लोगों के ऑफिस में जा-जाकर काम मांगना पड़ा था जिसके बाद उन्हें ‘हाउसफुल’ जैसी फिल्में मिली। हाउसफुल सिरीज़ के अलावा चंकी अपना सपना मनी मनी, ‘पेइंग गेस्ट’, दे दना दन, ‘बुलेट राजा’, बेग़मजान और साहो जैसी दर्जनों फिल्मों में तरह-तरह के किरदारों में नज़र आ चुके हैं। हालांकि चंकी के सबसे ख़ास किरदार की बात की जाये तो वो है हाउसफुल का किरदार ‘आख़िरी पास्ता’ जो आज उनकी एक पहचान भी बन चुका है। एक इंटरव्यू के दौरान चंकी पांडे ने अपने इस किरदार के बारे में बात करते हुए बताया कि “हाउसफुल के पहले भाग में साजिद ख़ान को ख़ुद ही आख़िरी पास्ता की भूमिका करनी थी। सबने उनसे कहा भी था कि आप इस किरदार के लिए अच्छे हैं और इसे निभा भी सकते हैं। इसी दौरान एक पार्टी में वो मुझसे मिले और कहने लगे कि “यार मुझे एक रोल करना है जो आखिरी पास्ता के नाम से हैं, लेकिन मैं फिल्म का डायरेक्शन और एक्टिंग एक साथ नहीं कर सकता। क्या तुम ये किरदार निभाना चाहोगे?” चंकी ने भी तुरंत हां बोल दिया। दोस्तों एक इंटरव्यू में चंकी पांडे ने बताया था कि इस किरदार का नाम अमिताभ बच्चन की फ़िल्म ‘आख़िरी रास्ता’ के टाइटल से ही लिया गया था और उसका लुक व अंदाज़ भी उन्होंने अमित जी की ही एक और फिल्म ‘द ग्रेट गैम्बलर’ के मार्कोनी के किरदार से लिया था, जिसे ऐक्टर सुजीत कुमार जी ने निभाया था।

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दोस्तों अपनी दूसरी पारी में चंकी ने न सिर्फ कॉमिक रोल करके लोगों को हँसाने का काम किया बल्कि निगेटिव किरदारों के ज़रिये लोगों को डराने का भी काम किया है। भला कौन भूल सकता है साल 2019 में आयी फिल्म साहो में उनके द्वारा निभाये देवराज के किरदार को जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया था। दरअसल ऐक्टर प्रभास की इस फिल्म में उन्होंने एक ऐसा नेगेटिव किरदार निभाया था जो उनका अब तक का सबसे ख़ौफ़नाक किरदार है। हालांकि इस किरदार की वज़ह से एक बार उन्हें मुसीबत का सामना भी करना पड़ा था। IBT टाइम्स की खबर के मुताबिक चंकी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि, “इस फिल्म से मुझे जैसा रिस्पॉन्स मिला उसे देखकर मैं हैरान हूं। हाल ही में जब मैं कहीं गया हुआ था, उस समय एक आंटी चप्पल लेकर मुझे मारने आ गईं। मैंने पूछा क्या हुआ? मैंने आपके साथ क्या किया? इसके जवाब में आंटी ने कहा ‘आपने मेरे साथ कुछ नहीं किया है, लेकिन आपने बाहुबली यानि प्रभास का गला निचोड़ दिया। चंकी पांडे आप बहुत कमीने हो। हम आपको पहले बहुत पसंद करते थे, लेकिन अब आप दुष्ट हो गए हो। इस तरह के रिस्पॉन्स भी मुझे मिले हैं।” इस फ़िल्म में काम करने को लेकर चंकी बताते हैं कि उन्होंने पहले नहीं सोचा था यह किरदार ही मेन विलेन होगा। दरअसल फिल्म के डायरेक्टर ने उनकी फ़िल्म ‘बेगमजान’ देखी थी जिसमें उनका किरदार बहुत ही खतरनाक था। जिसे देखने के बाद डायरेक्टर सुजीत ने चंकी को फोन पर अपनी फ़िल्म ऑफर कर दी और चंकी को दो सीन भी सुनाए, जिसे सुनकर चंकी ने उसी समय हाँ कह दिया था। दरअसल चंकी समझ गये थे कि फिल्म में ग्रे कैरेक्टर तो काफी हैं लेकिन फुल डार्क कैरेक्टर उनका ही है। दोस्तों यह किरदार इतना हिट हुआ था कि साहो’ की रिलीज़ के 2-3 दिन बाद ही चंकी को 3 फिल्मों के ऑफर भी आ गए थे, जिसमें से एक बॉलीवुड और दो साउथ की फिल्में थीं। बात इनके नेगेटिव किरदारों की हो रही है तो वेब सीरीज अभय सीजन २ में इनके सीरियल किलर की भूमिका को कैसे भुलाया जा सकता है। मात्र एक ही एपिसोड में दिखे चंकी सब पर भरी पड़े थे।  चंकी फ़िलहाल हिंदी और बंगाली के अलावा गुजराती, मराठी और तमिल आदि फ़िल्मों में काम कर चुके हैं .

 

जब चंकी को एक अजीबोगरीब ऑफर मिला-

दोस्तों फ़िल्मी दुनिया में कभी-कभी बड़े अजीबोगरीब किस्से हो जाते हैं जिन्हें सुनकर ताज्जुब भी होता है और हँसी भी आती है। साल 2009 में एक ऐसा ही किस्सा चंकी पांडे के साथ भी हुआ था जब चंकी को एक बार किसी अजनबी की मौत पर मातम मनाने के लिए लाखों रुपये की पेशकश की गई थी। दोस्तों, बॉलीवुड अभिनेताओं को शादियों, जन्मदिन पार्टियों आदि में आमंत्रित किया जाना आम बात है, लेकिन चंकी को एक बार एक कारोबारी ने अंतिम संस्कार में आने के लिए आमंत्रित किया और बदले में 5 लाख रुपये भी ऑफर किये, जिसे चंकी ने ठुकरा दिया, चंकी का कहना था कि, “उस परिवार के लोग चाहते थे कि मैं जाकर थोड़ा रोऊं और फिर पूरे अंतिम संस्कार के लिए एक कोने में चुपचाप खड़ा हो जाऊं। ऐसा इसलिए क्योंकि वे घर के मेहमानों पर असर डालना चाहते थे। लोगों को लगता है कि उनके परिवार ने भी फिल्मों में निवेश किया है और इस वजह से वे अब कुछ लोगों को उधार नहीं दे पाएंगे। चंकी पांडे ने अपने इंटरव्यू में यह भी कहा कि 5 लाख रुपये ऐसे काम के लिए छोटी रकम नहीं है, जहां उन्हें एक जगह खड़ा होना था, लेकिन उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया और अपनी जगह किसी और को भेज दिया।

 

दोस्तों फिल्मों के साथ-साथ चंकी पांडे मुंबई में अपनी पत्नी भावना के साथ एक हेल्थ फ़ूड रेस्त्रां भी चलाते हैं, इसके अलावा बॉलीवुड इलेक्ट्रिक नाम से उनकी एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी भी है, जो स्टेज शोज़ का आयोजन करती है।

 

निजी जीवन-

साल 1988 में चंकी पांडे ने कॉस्ट्यूम डिजाइनर भावना से शादी की जो उम्र में चंकी से 12 साल छोटी हैं। एक इंटरव्यू में, उन्होंने बताया था कि कैसे वह भावना से पहली बार मिले थे। दरअसल पच्चीस-छब्बीस साल पहले, दिल्ली में मिस इंडिया के पहले राउंड को जज करने के बाद, चंकी मुंबई के लिए अपनी उड़ान मिस कर गये थे, जिसके बाद वे एक डिस्कोथेक में चले गये, जहाँ उनकी मुलाक़ात भावना से हुई। मज़े की बात कि जब भावना ने उन्हें अपना फोन नंबर दिया, तो उनके पास कागज या कलम नहीं था, लेकिन चंकी को वो नंबर ज़ुबानी याद हो गये। एक महीने बाद चंकी फिर दिल्ली गये और भावना के घर फोन किया तो पता चला कि भावना विदेश चली गई हैं। चंकी को लगा कि शायद उनको प्रेम कहानी यहीं खत्म हो गई है। हालांकि बाद में उन्हें पता चला कि भावना एयर होस्टेस की ट्रेनिंग लेने के लिए कुछ ही महीनों के लिए विदेश गई थी। चंकी बताते हैं कि “मैं सिक्किम में शूटिंग कर रहा था और वह जर्मनी के लिए एक लंबी उड़ान पर थी। मुझे अहसास हुआ कि ‘भगवान मैं इस लड़की के बिना नहीं रह सकता।” एक दिन एक कॉमन फ्रेंड ने उनसे बताया कि भावना मुंबई में है और लीला होटल में ठहरी है। बस फिर क्या था चंकी होटल जा पहुँचे और शादी के लिए प्रपोज कर दिया जिसे भावना ने स्वीकार भी कर लिया। चंकी और भावना की दो बेटियां हैं अनन्या और रयासा। ने साल 2019 में आयी फ़िल्म स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2 से ऐक्टिंग की शुरुआत की थी।

 

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