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Nana Patekar Family: क्यों अपनी पत्नी से अलग रहते हैं

बॉलीवुड में कुछ ऐसे ऐक्टर भी हैं जो भले ही कम और चुनिंदा काम करते हों लेकिन वे लगातार सुर्खियों में बने ही रहते हैं, कभी अपने काम को लेकर तो कभी अपने विवादों को लेकर। ऐसे ही एक नायाब ऐक्टर हैं जो अपनी ऐक्टिंग से कहीं ज़्यादा अपने विवादों के लिये मशहूर हैं। अपने सामाजिक कार्यों के लिये हर किसी से सम्मान पाने वाले इस ऐक्टर पर कभी किसी से झगड़े के तो कभी ‘मी टू’ से जुड़े आरोप भी लगे।

महाराष्ट्र के हज़ारों किसानों की दिल खोलकर मदद करने वाले और अपने अभिनय से सबको अपना कायल बना देने वाले इस ऐक्टर का नाम है नाना पाटेकर जो बॉलीवुड में अपने सादगी भरे जीवन के लिये भी जाने जाते हैं। आज के वीडियो में हम चर्चा करेंगे तमाम संघर्षों से ऊपर उठकर अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले नाना पाटेकर की फैमिली के बारे में,

जिनके बारे में कम लोग ही जानते हैं। पिछले 4 दशकों से ज्यादा समय से सक्रिय हिंदी और मराठी थियेटर और फिल्मों के मशहूर अभिनेता नाना पाटेकर के परिवार का इतिहास

Nana Patekar

सबसे पहले बात करते हैं नाना पाटेकर के पिताजी के बारे में। इनके पिता का नाम दिनकर पाटेकर है जो कपड़े के ब्यापार से जुड़े थे। बताया जाता है कि एक बार उनके साथी ने उन्हें व्यापार में धोखा दिया था, जिसकी वजह से इनके पिता का बिज़नेस ठप हो गया था। उस समय नाना और उनके परिवार को बड़े आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था।

एक इंटरव्यू में नाना ने बताया था कि उनके पिता टेक्सटाइल पेंटिंग में थे और एक छोटा सा बिजनेस चलाते थे। जब नाना 13 साल के थे तो उनके पिता के एक करीबी ने उनकी प्रॉपर्टी समेत सब कुछ धोखे से हड़प लिया था। इसके बाद वे एक-एक रोटी को मोहताज हो गए थे। नाना के पिताजी तमाशा और फिल्म देखने के बेहद शौक़ीन थे यहाँ हम बता दें कि महाराष्ट्र में तमाशा नौटंकी को कहते हैं जो कि नाटक की एक शैली है।

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वे जब भी तमाशा देखने जाते तो  नाना भी अक्सर उनके साथ जाया करते। उनके पिता का यही शौक़ बाद में नाना के अंदर अभिनय की दिलचस्पी लेने का एक मुख्य कारण बना। नाना के पिता गणपति महोत्सव का नियमित आयोजन भी किया करते थे जिसे नाना उनकी मृत्यु के बाद आज भी उनकी याद में हर वर्ष आयोजित किया करते थे।

नाना जब 28 वर्ष के थे तो उनके पिता का देहान्त हो गया था।  नाना पाटेकर की माँ का नाम संजना बाई पाटेकर है, जो कि एक गृहणी थीं। नाना बताते हैं कि वे बहुत अच्छा खाना बनाते हैं और उन्होंने यह गुण अपनी माँ से ही सीखा था। वे बताते हैं कि पुराने समय में महिलायें मासिक धर्म के दौरान खाना पकाने से संबंधित कोई भी सामग्री नहीं छुआ करती थीं।

ऐसे समय में नाना की माँ एक कोने में बैठकर उन्हें बताया करती थीं कि कौन सा भोजन कैसे बनाना है। इस तरह से नाना बहुत कम उम्र में ही अपनी माँ की तरह खाना बनाने लग गये। नाना की माँ का 99 वर्ष की आयु में देहान्त हो गया। नाना पाटेकर अपनी माँ के बेहद करीब थे।

Nana Patekar

वे एक बच्चे की तरह उनका ख़्याल रखते थे। आज भी नाना उन्हें याद करके भावुक हो जाया करते हैं। माँ की मृत्यु से कुछ वर्षों पहले मीडिया से हुई बातचीत में  नाना पाटेकर ने बताया था कि, “जब भी मैं अपनी मां के बारे में बात करता हूं, मुझे कुछ हो जाता है. मुझे पता है कि वो 94 साल की हैं और कभी भी मुझे छोड़कर जा सकती हैं, इसीलिए जब भी घर से मुझे कॉल आता है तो मैं डर जाता हूं।” 

इस इंटरव्यू में नाना ने यह भी बताया था कि उनकी मां अब ठीक से देख नहीं सकती हैं लेकिन जैसे ही उन्हें पता लगता था कि नाना काम के लिये बाहर जा रहे हैं, तो वो उनका हाथ पकड़ लेती थीं और रोने लगती थीं।अब बात करेंगे आज की कहानी के मुख्य पात्र यानि नाना पाटेकर की। 1 जनवरी, 1951 को महाराष्ट्र के रायगड़ जिले के मुरुद-जंजीरा में पैदा हुए नाना पाटेकर का वास्तविक नाम है विश्वनाथ पाटेकर।

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आमतौर पर लोग उन्हें नाना कहकर भी संबोधित करते हैं।पिता का कारोबार ठप होने के बाद नाना अपने स्कूली दिनों में पढ़ाई के साथ साथ सिनेमा के पोस्टर छापने का कार्य भी किया करते थे। 13 साल की उम्र में नाना स्कूल के बाद रोज़ 8 किलोमीटर दूर मुंबई के चूनाभट्टी इलाक़े में पैदल चलकर जाते थे

जहाँ वे फिल्मों के पोस्टर्स पेंट करते थे तब कहीं जाकर उन्हें और उनके परिवार को एक वक्त की रोटी नसीब हो पाती थी। वे बताते हैं उस दौरान उन्हें 35 रुपए महीने मिलते थे। नाना पाटेकर ने अपनी शुरुआती शिक्षा समर्थ विद्यालय, दादर पश्चिम, मुंबई से ली थी, पेंटिंग में विशेष रुचि होने की वज़ह से उन्होंने ‘सर जे जे इंस्‍टीट्यूट ऑफ अप्‍लाईड आर्ट, मुंबई’ से आर्ट विषय में ग्रेजुएशन किया। 

 हालांकि नाना ने स्कूली दिनों में ही थियेटर करना शुरू कर दिया था और कॉलेज के बाद एक एड एजेंसी ज्वाइन कर ली थी। उस दौरान नाना की तनख्वाह 1200 रुपये थी जो का 70 के दशक में काफी अच्छी मानो जाती थी लेकिन अचानक नाना ने फैसला किया कि उन्हें नाटकों में ही काम करना है।

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उन्होंने अपने पिता से इसके लिये इजाज़त माँगी तो उनके पिता ने भी मंजूरी दे दी। हालांकि नाटकों से होने वाली आमदनी मात्र ढाई – तीन सौ रुपये ही हुआ करती थी फिर भी उनके पिता ने उन्हें कभी कुछ नहीं कहा बल्कि और प्रोत्साहित किया। नाना कहते हैं कि उनके पिता के इस सहयोग से ही वे नाटक को अपना कॅरियर बना सके।

फिल्मों में नाना अभिनेत्री स्मिता पाटिल जी की वज़ह से आये। स्मिता जी उन्हें पुणे के दिनों से जानती थीं। नाना बताते हैं कि उनके मना करने के बावजूद वे उन्हें निर्माता निर्देशक रवि चोपड़ा के पास ले गई जहाँ फिल्म आज की आवाज में उन्हें एक नेगेटिव किरदार मिला।

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हालांकि नाना पाटेकर के फिल्मी कैरियर की शुरुआत हुई थी वर्ष 1978 में आई फिल्म ‘गमन’ से लेकिन बात की जाये बतौर अभिनेता उनकी पहचान बनने की तो इंडस्‍ट्री में उन्‍हें फिल्‍म ‘परिंदा’ से कायदे से नोटिस किया गया जिसमें उन्‍होंने एक खलनायक की भूमिका अदा की थी। इस फिल्‍म में उनके अभिनय के लिए उन्‍हें सर्वश्रेष्‍ठ सहायक अभिनेता का राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कार और सर्वश्रेष्‍ठ सहायक अभिनेता का फिल्‍मफेयर पुरस्‍कार भी दिया गया।

इस फिल्म के बाद नाना ने ढेरों सुपरहिट और यादगार फिल्मों में शानदार भूमिकाएं निभाईं। हालांकि नाना पाटेकर की चर्चा जितनी एक्टिंग को लेकर होती है उतनी ही चर्चा उनके विवादों और उनके अफेयर्स की भी होती रही है। समाज सेवा के लिये मशहूर नाना दोस्ती निभाने में भी कभी पीछे नहीं हटते बताया जाता है कि एक बार तो उन्होंने अपने दोस्त डायरेक्टर एन चंद्रा की मदद के लिए अपना घर तक गिरवी रख दिया था।

बाद में हालात ठीक होने के बाद एन चंद्रा ने उन्हें रुपए वापस लौटाए साथ ही गिफ्ट में एक स्कूटर भी दिया था।नाना पेंटर और अभिनेता होने के साथ-साथ एक लेखक, निर्देशक और फिल्‍म निर्माता भी हैं जिसका उदाहरण है उनके द्वारा बनाई गयी फिल्म ‘प्रहार’।

Nana Patekar

दोस्तों नाना और उनके परिवार के लोग लाइमलाइट से दूर ही रहना पसंद करते हैं, हालांकि वे  अकसर किसानों और नौजवानों के हमेशा लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों का आयोजन भी करते हैं और बढ़चढ़कर मदद करते हैं।  नाना पाटेकर को कई बार राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कार और फिल्‍मफेयर पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया जा चुका है। उन्‍हें पद्मश्री सम्‍मान भी मिल चुका है।

अब बात करते हैं नाना के भाई बहनों की। नाना के 5 भाईयों की बचपन में ही मृत्यु हो जाने के बाद नाना के एक और भाई का जन्म हुआ फिर नाना पैदा हुये और उसके बाद उनके एक और भाई का जन्म हुआ। नाना के उन दोनों भाइयों के नाम हैं अशोक पाटेकर और दिलीप पाटेकर। कहा जाता है कि इन दोनों भायों की तुलना में नाना का रंग अधिक गहरा था।

जिसकी वजह से नाना के मन में कई बार एक हीन भावना उत्पन्न होती थी। उन्हें ये भी लगता कि उनके बड़े भाई को उनके पिता ज़यादा पसंद करते हैं। अपने मन की इसी हीन भावना को ख़त्म करने और अपने पिता का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने के लिये ही नाना ने बचपन से ही नाटकों में करना शुरू कर दिया था।

नाना बताते हैं कि 60 के दशक में जब वे छोटे थे तो एक बार उनके पिता बहुत दूर होने वाले उनके नाटक के एक शो को देखने आये थे तब से उन्होंने सोच लिया कि नाटक में ही काम करना है।अब बात करते हैं नाना के गृहस्थ जीवन की। नाना पाटेकर की पत्नी का नाम नीलाकांति पाटेकर है जो मूल रूप से पुणे की रहने वाली हैं।

नाना और नीलाकांति जी की शादी वर्ष 1978 में हुई थी। नीलाकांति जी बीएससी ग्रैजुएट हैं और कॉलेज के बाद उन्होंने बतौर बैंकर अपने करियर की शुरुआत की। नीलाकांति नौकरी के साथ वह मराठी थियेटर भी किया करती थीं। नाना पाटेकर के साथ उनकी पहली मुलाकात थियेटर के दौरान ही हुई थी। उसके कुछ समय बाद दोनों ने शादी कर ली।

 दोस्तों आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि नाना पाटेकर और नीलकांति की शादी के दौरान नाना सिर्फ 750 रुपए कमाते थे और उसी कमाई से उनकी शादी हुई थी। नाना ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, “नीलू एक बैंक में ऑफिसर थी और 2500 रुपए महीना कमाती थी। उस वक्त मुझे एक शो के 50 रुपए मिल जाते थे। अगर मैं महीने में 15 शो कर लेता था तो मेरी कमाई 750 रुपए हो जाती थी।

यानी कि मेरी और नीलू की कमाई मिलाकर 3250 रुपए महीना होती थी, जो पर्याप्त से ज्यादा थी।” नाना कहते हैं कि दरअसल उन्होंने सोचा था कि शादी तो करनी नहीं है इसलिए थिएटर ज्वाइन कर लेते हैं। जब कुछ पैसे कमा लेंगे और कोई लड़की उनसे शादी करने को तैयार हो जाएगी, तब देखा जायेगा।

Nana Patekar Wife

नाना पाटेकर ने बताया कि उनकी पत्नी नीलू सिनेमा से दूर रहती हैं। उनकी इकलौती फिल्म ‘आत्मविश्वास’ थी, जिसे सचिन पिलगांवकर ने डायरेक्ट किया था। इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड भी मिला था। नीलाकांति जी को ऐक्टिंग के अलावा लिखने का भी शौक़ है भी वे कई शॉर्ट फिल्मों में भी नज़र आ चुकी हैं। हालांकि शादीशुदा होते हुए भी नाना पाटेकर पत्नी नीलकांति से अलग ही रहते हैं।

 नाना और मनीषा कोइराला के अफेयर की वज़ह से ही दोनों में अलगाव हुआ था। हालांकि, नाना ऐसी किसी भी बात से इनकार करते हैं उनके मुताबिक आपसी सहमति से नीलाकांति औऱ नाना पाटेकर ने एक दूसरे से अलगल रहने का फैसला किया था उसके बाद मनीषा उनकी ज़िन्दगी में आयीं जिनसे भी बाद में अलगाव हो गया जिसकी वज़ह नाना की अभिनेत्री आयेशा ज़ुल्का से नज़दीकियां बताई गयीं।

हालांकि बाद में आयेशा से भी उनका अलगाव हो गया। एक इंटरव्यू में नाना पाटेकर ने बताया था कि वे और उनकी पत्नी आज भी अक्सर मिलते हैं और एक-दूसरे का भरपूर ख्याल रखते हैं। इसका गवाह है उनकी फैमिली से जुड़ी तस्वीरें जो अक्सर इंटरनेट पर देखने को मिल जाती हैं जिनमें नाना अपनी फैमिली के साथ मस्ती करते हुये नज़र आ जाते हैं।

नाना पाटेकर का एक बेटा है, जिसका नाम मल्हार है। हालांकि, मल्हार से पहले उनके बड़े बेटे का जन्म हुआ था, जिसकी मौत कुछ समय बाद ही हो गई थी। एक इंटरव्यू में नाना ने बताया था- “27 साल की उम्र में मेरी शादी हुई। जब 28 का हुआ तो पिता को खो दिया और इसके ढाई साल बाद मेरा बड़ा बेटा दुनिया को अलविदा कह गया। जन्म से ही उसका होंठ कटा हुआ था।

इसके साथ ही कुछ और दिक्कतें भी उसके साथ थीं।”

Nana Patekar family

बड़े बेटे की मौत के बाद नाना पाटेकर बिल्कुल टूट से गए थे। हालांकि कुछ वक्त बाद जब नाना पाटेकर का दूसरा बेटा मल्हार पैदा हुआ तो उनकी जिंदगी में खुशियां लौट आई थीं। अभिनेता नाना पाटेकर के बेटे का नाम मल्हार पाटेकर है और वह भी अपने पिता की तरह एक साधारण जीवन जीते हैं। मल्हार सोशल मीडिया के भी आदि नहीं हैं, इसलिए उनके बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी है। 

मल्हार को अपने परिवार के साथ वक्त बिताना ज्यादा बेहतर लगता है।दोनों में बाप-बेटे का रिश्ता कम और दोस्ती का ज्यादा है। मल्हार अपने पिता को ही अपनी सच्चा दोस्त मानते हैं।  मल्हार भी एक्टिंग में ही अपना करियर बनाना चाहते हैं और इसके लिये संघर्षरत भी हैं। फिलहाल वे बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर कुछ फिल्मों में काम कर रहे हैं।

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Prabhath Shanker

Bollywood Content Writer For Naarad TV

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