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विजय राज: जिनका हर अंदाज निराला है।

90 के दशक की फ़िल्मों के कॉमेडियन्स की बात की जाये तो उस दौर में लेजेंडरी ऐक्टर क़ादर ख़ान, शक्ति कपूर और जॉनी लीवर की कॉमेडी का दबदबा सबसे ज़्यादा था। इन दिग्गजों के साथ साथ लक्ष्मीकांत बेर्डे, अशोक सर्राफ, सतीश कौशिक और राकेश बेदी जैसे ढेरों दमदा ऐक्टर्स की कॉमेडी भी दर्शकों को ख़ूब पसंद आ रही थी।

दशक के आख़िर में जब धीरे-धीरे फ़िल्मों का स्वरूप बदलने लगा तब नये-नये ऐक्टर्स भी पर्दे पर दिखाई देने लगे। उसी दौरान एक ऐसे ऐक्टर की एन्ट्री हुई जिसने अपनी नेचुरल ऐक्टिंग और बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग से हर किसी का दिल जीत लिया और वो शानदार ऐक्टर हैं विजय राज।

भला कौन भूल सकता है फ़िल्म रन के कौवा बिरयानी और छोटी गंगा वाले सीन को। कौन भुला सकता है धमाल फ़िल्म के उनके सुस्त से किरदार को और कौन भूल सकता है वेलकम फ़िल्म के नक़ली डायरेक्टर को। न सिर्फ़ कॉमेडी बल्कि ऐक्टिंग के हर रंग में अपना लोहा मनवाने वाले विजय राज सफल होने के बावज़ूद कम फ़िल्मों में ही नज़र आते हैं।

जैसा कि हमने बताया कि 90 के दशक के आख़िर तक आते-आते बॉलीवुड में फ़िल्मों का स्वरूप बदलना शुरू हो गया था और रोमांटिक, ऐक्शन व ड्रामा फ़िल्मों के साथ-साथ रियलिस्टिक फ़िल्मों के चलन की भी शुरुआत होने लगी थी, ऐसे में विजय राज जैसे बहुत से बाहरी थियेटर ऐक्टर्स बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुए।

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विजय राज

विजय राज का जन्म-

अपनी ऐक्टिंग और अंदाज़ से सबको अपना दीवाना बना लेने वाले ऐक्टर विजय राज का जन्म 5 जून 1963 को दिल्ली के एक साधारण से परिवार में हुआ था और दिल्ली में ही उनकी पढ़ाई लिखाई भी पूरी हुई।

विजय ने दिल्ली के जाने माने किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रेजुएशन कम्पलीट की और कॉलेज के दौरान ही थियेटर ग्रुप से जुड़कर स्ट्रीट प्ले और थियेटर करने लगे। शौक़िया शुरू हुआ ऐक्टिंग का ये चस्का धीरे-धीरे विजय को इतना पसंद आने लगा कि वे कॉलेज छोड़ने के बाद भी नाटकों में काम करने लगे। इस दौरान उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा यानि एनएसडी से जुड़कर ऐक्टिंग की बारीकियों को भी सीखा।

विजय को ऐक्टिंग से लगाव था लेकिन उन्होंने बॉलीवुड में जाने के बारे में कभी भी गंभीरता से नहीं सोचा था। उन्होंने थियेटर में ही अपना करियर बनाने का मन बनाया था, और उसी में मशहूर होकर पैसा कमाना था।

ड्रामा ग्रूप में विजय राज करियर का प्रदर्शन-

फ़िल्मों में आने से पहले विजयराज ने 10 साल से ज़्यादा समय तक थियेटर किया था। इस दौरान विजयराज उस ड्रामा ग्रुप से भी जुड़े जिसमें ऐक्टर मनोज बाजपेयी भी काम करते थे। साक्षी कला मंच नामक इस ड्रामा ग्रूप में उनके साथ ऐक्टर नवाजुद्दीन ने भी काम किया था।

Vijay Raaz Comdey
Vijay Raaz Comdey

विजय राज का अभिनय बॉलीवुड जगत में रुचि- 

मनोज बाजपेयी विजय से सीनियर थे और जब विजयराज उस ग्रुप से जुड़ रहे थे उसी दौरान मनोज वहाँ से निकलकर मुंबई जाने की  तैयारी में लगे थे इसलिए दोनों ने एक दो प्ले में ही साथ काम किया था। हालांकि मनोज बाजपेयी को विजयराज का काम बहुत पसंद आया था और जान पहचान तो हो ही गयी।

इधर नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा में भी अपनी ऐक्टिंग से विजयराज नसीरुद्दीन शाह जैसे दिग्गज़ ऐक्टर का ध्यान अपनी ओर खींच चुके थे। जल्द ही विजयराज को यह आभास हुआ कि फ़िल्मों में भी वे अपनी जगह बना सकते हैं, थियेटर तो कर ही रहे हैं।

विजयराज मुंबई पहुँच गये और मनोज बाजपेयी के ज़रिये उनकी मुलाक़ात डायरेक्टर रामगोपाल वर्मा से हुई। हालांकि इस दौरान उन्हें काफी पापड़ बेलने पड़े क्योंकि तब मनोज भी संघर्ष के दौर से गुज़र रहे थे।

अपने थियेटर के साथी नवाजुद्दीन के साथ संघर्ष के दौरान एक बार ऐसा वक़्त भी आया था जब उन्हें पारले जी बिस्कुट खाकर रात गुजारनी पड़ी थी। हालांकि विजयराज कहते हैं कि उन्हें संघर्ष में भी मज़ा ही आता था क्योंकि वो रास्ता उन्होंने ख़ुद चुना था तो तक़लीफ़ कैसी, संघर्ष तो रोटी के लिये किसान और रिक्शा खींचने वाला करता है।

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फिल्म ‘जंगल
विजय राज की पहली फिल्म ‘जंगल’-

बहरहाल विजय राज को फ़िल्मी दुनिया में पहला मौका राम गोपाल वर्मा की ही फिल्म ‘जंगल’ से मिला। हालांकि विजय की पहली रिलीज़ फिल्म वर्ष 1999 में आयी फ़िल्म भोपाल एक्सप्रेस थी और जंगल उसके बाद रिलीज़ हुई थी।

फ़िल्म भोपाल एक्सप्रेस विजय को नसीरुद्दीन शाह के ज़रिये मिली थी चूँकि नसीर को विजय का काम पहले से पसंद था इसलिए उन्होंने विजय के बारे में फिल्म के निर्देशक महेश मथाई को बताया और महेश मथाई ने विजय को फिल्म में एक छोटा सा रोल दिया।

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फिल्म ‘मानसून वेडिंग

फिल्म ‘मानसून वेडिंग’-

विजय राज का काम देखते हुये उन्हें 2001 में आई मीरा नायर की फिल्म ‘मानसून वेडिंग’ में भी काम मिला जो उनके लिये बहुत मददगार साबित हुआ। हालांकि इस दौरान विजय ने मनोज बाजपेयी के साथ दिल पे मत ले यार और अक्स जैसी फिल्मों में भी काम किया।

फिल्म मानसून वेडिंग में विजय ने पी के दूबेजी का किरदार निभाया था जो काफी मशहूर हुआ और दर्शकों के साथ-साथ आलोचकों को भी उनका कॉमिक अंदाज बेहद पसंद आया। इस रोल के लिये विजयराज को कई सारे अवाॅर्ड में नॉमिनेट भी हुए थे। इस फ़िल्म के बाद विजय को फ़िल्मों में लगातार काम मिलने लगे और उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। रोल कैसा भी हो विजय अपनी ऐक्टिंग से उसे ख़ास बना देते और जिसे लोग हमेशा याद रखते भले ही वह फ़िल्म फ्लाप ही क्यों न हो।

अभिषेक बच्चन और भूमिका चावला की ‘रन’ फ़िल्म इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। यह फ़िल्म फ्लाप होने के बाद भी टीवी और इंटरनेट पे सिर्फ विजय के काम की वज़ह से बार-बार देखी गई।

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फिल्म: ‘रन’

फिल्म: ‘रन’

वर्ष 2004 में आयी फिल्म ‘रन’ की कहानी और अन्य किरदार लोगों को भले ही न याद हो लेकिन विजय राज का कॉमिक कैरेक्टर और फ़िल्म में उनपे फ़िल्माया हर सीन आज भी काफी लोकप्रिय है जिसे बच्चे से लेकर बड़े तक सभी बड़े चाव से देखा करते हैं।

दोस्तों ऐसा नहीं है कि विजयराज सिर्फ अच्छी कॉमेडी ही करते हैं उन्हें दूसरे रोल में भी उतनी ही तारीफ़ मिली है जिसका उदाहरण है फ़िल्म ‘रघु रोमियो’ जो बतौर लीड ऐक्टर उनकी पहली फिल्म थी। इस फिल्म में उनका किरदार बहुत ही अलग था।

रजत कपूर के निर्देशन में बनी नसीरुद्दीन शाह निर्मित इस फिल्म से विजय ने अपनी ऐक्टिंग से यह साबित कर दिया था कि वे कॉमेडी से हटकर भी कुछ कर सकते हैं। लोगों को झटका तब लगा जब विजय ने वर्ष 2011 में आई फिल्म डेल्ही बेली में एक डॉन का किरदार निभाया, उनका यह किरदार सीरियस और कॉमेडी दोनों रंग लिये हुए था जो उन्होंने बहुत ही बेहतरीन अंदाज़ में निभाया।

वर्ष 2019 में आयी फ़िल्म गली बॉय में उन्होंने पिता की भूमिका निभाकर एक बार फिर सबको दंग कर दिया था इस फिल्म में विजयराज को सीरियस रोल में भी ख़ूब पसंद किया गया था। इसके अलावा नसीरुद्दीन शाह, अरसद वारसी और माधुरी दीक्षित अभिनीत फिल्म डेढ़ इश्किया में उनका जान मुहम्मद का रोल हो या  फिल्‍म ‘अनवर’ में मास्‍टर पाशा का रोल दर्शकों ने उन्हें भी हाथों हाथ लिया।

बात विजयराज की कॉमेडी फ़िल्म की ही तो वर्ष 2005 में आयी कमल हसन की फिल्म ‘मुंबई एक्सप्रेस’ की करना बनता ही है। हालांकि एक बेहतरीन फ़िल्म होते हुए भी यह फ़िल्म सफल न हो सकी थी लेकिन इस फ़िल्म में विजय का काम इतना ज़बरदस्त था कि कमल हसन जैसे दिग्गज ऐक्टर के साथ भी उन्हें ही ज़्यादा नोटिस किया गया।

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एमेजॉन प्राइम की वेब सीरीज ‘मेड इन हेवन’

विजय राज की फ़िल्मों की बात करें तो रोड, शक्ति, कंपनी, युवा, दीवाने हुए पागल, धमाल, वैलकम, मुंबई एक्सप्रेस, सूरमा, ‘स्त्री’ ‘पटाखा’ ‘गुलाबो-सिताबो’ सहित 75 से भी ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं जिनमें कुछ साउथ की फ़िल्में भी शामिल हैं। विजयराज ने कुछ वेब सीरीज़ में भी काम किया है। एमेजॉन प्राइम की वेब सीरीज ‘मेड इन हेवन में उनके किरदार को काफी पसंद किया गया।

दोस्तों विजय राज अपनी ऐक्टिंग और कॉमिक टाइमिंग के लिए तो जाने ही जाते हैं साथ ही वो अपनी जानदार आवाज़ का जादू भी बिखेर रहे हैं, उनके वॉइस ओवर के ज़रिये कई फिल्मों में कहानी बताते हुए उनकी आवाज़ आपको सुनने को मिल जाएगी। इसके अलावा उन्होंने ढेरों विज्ञापनों में भी अपनी दमदार आवाज़ दी है।

वर्ष 2014 में विजय राज ने ‘क्या दिल्ली क्या लाहौर’ नाम से एक फिल्म डायरेक्ट भी किया था। गंभीर मुद्दे पर बनी इस फ़िल्म को पर्दे पर विजयराज ने बड़ी ही ख़ूबसूरती से बयान किया है। इस फिल्म में विजय राज़ ने खुद भी अभिनय किया है। फिल्म में विजय राज ने अपनी बहेतरीन अदाकारी से लोगों कों हंसाया भी और आँखें भी नम कर दीं।

विजयराज का मुश्किल वक्त-

दोस्तों विजयराज का करियर बहुत अच्छे से चलने के बावज़ूद कुछ विवादों की वज़ह से बीच बीच में रुकता नज़र आया। कुछ वर्षों पहले फिल्म ‘शेरनी’ की शूटिंग के दौरान उनपर एक क्रू मेंबर के साथ छेड़ छाड़ के आरोप लगे थे उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। हालांकि कुछ समय बाद ही उन्हें जमानत भी मिल गई थी।

विजय के करियर पर इस घटना का बहुत असर पड़ा था क्योंकि न सिर्फ़ इस फिल्म बल्कि कई और फिल्मों से उन्हें निकालने की बात सोची गयी। विजय ने तब इन आरोपों को बे-बुनियाद बताते हुए और ख़ुद को एक बेटी का पिता होने का हवाला देते हुए कहा था कि उन्हें अपने बुजुर्ग पिता की सम्मान की भी फ़िक्र है। लोगों ने कभी उन्हें अपना पक्ष रखने ही नहीं दिया वे हर तरह की जाँच के लिये तैयार हैं।

दोस्तों ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब आरोपों की वज़ह से उनका करियर प्रभावित हुआ था, इससे पहले भी एक बार वर्ष 2005 में विजय को दुबई के अबु धाबी के एयरपोर्ट पर ड्रग्स के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था, हालांकि 9 दिन की पूछताछ में उनपर कोई आरोप सिद्ध न हो सका था और उन्हें क्लीन चिट देकर छोड़ दिया गया था।

विजय कहते हैं कि आरोप लगाना बहुत आसान है लेकिन आरोप न सिद्ध होने के बाद भी एक ठप्पा तो लग ही जाता है, जो एक ऐक्टर के लिये बहुत दुःख की बात है जिसने अपनी मेहनत से एक मुकाम हासिल किया हो।

अपनी निजी ज़िन्दगी के बारे में कोई बातचीत न करने और इंटरव्यू से हमेशा दूर रहने वाले विजयराज के बारे में इंटरनेट पर जानकारियाँ बहुत कम ही उपलब्ध हैं। विजयराज का कहना है कि वे एक ऐक्टर हैं और लोगों को उनकी ऐक्टिंग के बारे में ही जानना चाहिये।

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फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ (Gangubai Kathiawadi)

फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ (Gangubai Kathiawadi)

विजयराज जल्द ही संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ (Gangubai Kathiawadi) में एक ज़बरदस्त भूमिका में नज़र आने वाले हैं जिसका ट्रेलर हाल ही में रिलीज़ किया गया है, जिसमें आलिया भट्ट (Alia Bhatt) के साथ-साथ विजयराज़ के किरदार ने भी सिने प्रेमियों का दिल जीत लिया है। इस फ़िल्म में विजय राज़ गंगूबाई की दुश्मन ‘रजिया बाई’ नाम के किन्नर की भूमिका में हैं जो कमाठीपुरा में देह व्यापार की सौदागर हैं।

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विजय राज उसकी पत्नी बाएं और बेटी केंद्र में

विजयराज  का ब्यक्तिगत जीवन-

बात करें विजयराज के निजी जीवन की तो विजय की पत्नी का नाम कृष्णा राज है, जो ख़ुद भी एक बेहतरीन ऐक्ट्रेस हैं, जिन्हें ‘वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई’ और ‘गब्बर इज़ बैक’ जैसी फ़िल्मों में ऐक्टिंग के लिये जाना जाता है। विजय राज़ की एक बेटी भी हैं जिनका नाम तनिष्का राज है।

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