बारिश, एक शब्द जो अपने आप में कई एहसास समेटे हुए है। बारिश अगर वक़्त पर हो तो किसानों के लिये जश्न है। लेकिन, यही बारिश खड़ी फ़सल पर हो तो मातम है। बारिश सुबह हो तो स्कूल से छुट्टी मिलने की खुशी देती है । लेकिन, यही बारिश दोपहर को हो तो देर से घर जाने का ग़म भी इसी के सर है। बारिश के इस निराले अंदाज़ ने कितने ही क्रिकेट मैच के नतीजों पर असर डाला है। कितनी ही बार एक टीम के लिये जीती हुई बाज़ी हार में बदल दी है। 1992 और 2003 में बारिश के चलते ही साउथ अफ्रीका को मिली हार कौन भूल सकता है। मगर, क्रिकेट के मैदान पर ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है। कि, बारिश ने एक नीरस चल रहे मुक़ाबले को ही रोमांच से भर दिया हो। आज हम चैंपियंस ट्रॉफी 2013 के जिस मैच की बात करने जा-रहे हैं, वो एक ऐसा ही मैच था। जिसमें बारिश ने अपने रंग भरकर उसे यादगार बना दिया। जी दोस्तों! आप का अंदाज़ा एक दम सही है। आज हम नारद टी. वी. की ख़ास पेशकश ‘रिवाइंड चैंपियंस ट्रॉफी 2013’ के दूसरे एपिसोड में भारत बनाम वेस्टइंडीज़ मैच में घटे बहतरीन लम्हों की याद ताज़ा करेंगे।
दोस्तों, चैंपियंस ट्रॉफी की लीग स्टेज मे हर टीम को सिर्फ़ 3 मुक़ाबले खेलने का मौका मिलता है। इतने कम मौकों से साफ़ है कि ग़लती की गुंजाइश ना के बराबर है। इसलिए, किसी भी टीम को जीत से कम कुछ मंज़ूर नहीं होता है। हालाँकि, 2013 चैंपियंस ट्रॉफी में भारत अपने पहले मैच में साउथ अफ़्रीका को हराकर आया था। मगर, जिस अंदाज़ में वेस्टइंडीज ने पाकिस्तान को अपने पहले मैच में हराया था। वो अच्छी से अच्छी टीम को चिंता में डालने वाला था। जिसका साफ़ असर मैच से पहले हुई प्रेस कांफ्रेंस में दिखा। आमतौर पर अपनी भावनाये व्यक्त ना करने वाले धोनी ने भी कहा था “अगर, क्रिस गेल को जल्दी आउट कर लिया। तो, काम आसान हो जायेगा।” भला ऐसा हो भी क्यों नहीं ड्वेन ब्रेवो की कप्तानी वाली उस वेस्टइंडीज़ टीम में क्रिस गेल , काइरन पोलार्ड, रामनरेश सरवन, मार्लोन सैम्युल्स और डैरन सैमी जैसे विस्फ़ोटक बल्लेबाज़ थे। तो वहीं गेंदबाज़ी में सुनील नरेन , केमर रोच और रवि रामपॉल जैसे शानदार नाम थे। वेस्टइंडीज की लाइनअप देखकर इतना तो तय था कि भारतीय टीम के लिये काम बहुत मुश्किल होने वाला है।
मगर, ख़ुशी इस बात की थी कि भारत की ओपनिंग जोड़ी फ़ॉर्म में है। स्पिनरों को ड्राई पिच रास आ-रही है और पेस बैटरी अपने पूरे रंग में हैभारत की जीत और हार के सवाल के साथ आज से ठीक 8 साल पहले कैनिंगटन ओवल लंदन में ये मैच शुरू हुआ। क्योंकि, मैदान पर बादल छाये हुए थे और मौसम विभाग ने भी बारिश आने की बात कही थी। तो, ये बात तय थी कि टॉस जीतने वाली टीम पहले बोलिंग ही करना चाहेगी और हुआ भी बिल्कुल ऐसा ही। टॉस भारतीय कप्तान धोनी ने जीता और वेस्टइंडीज को बल्लेबाजी का न्यौता दिया। वेस्टइंडीज़ की ओर से गेल के साथ विकेटकीपर जॉनसन चार्ल्स ओपनिंग पर उतरे और जिस बात का डर था वो ही हुआ। गेल ने आते ही तबड़तोड़ स्ट्रोक्स लगाने शुरू कर दिये और लगने लगा कि वेस्टइंडीज को शानदार शुरुआत मिलने वाली है। तभी 5वें ओवर की आख़िरी गेंद पर भुवनेश्वर कुमार ने गेल को अपनी बाहर जाती हुई गेंद के जाल में फँसाकर आउट किया। गेल के बाद ड्वेन ब्रावो के भाई डैरन ब्रावो ने चार्ल्स के साथ मिलकर रनगति बनाये रखी। चार्ल्स और ब्रावो के बीच दूसरे विकेट के लिये 78 रनो की साझेदारी हो चुकी थी
20वें ओवर में वेस्टइंडीज़ का स्कोरकार्ड 103 रन पर 1 विकेट दिखा रहा था। अभी सैमी, पोलार्ड और ब्रावो जैसे बल्लेबाजों का आना बाक़ी था। मैच भारत के हाथ से निकलता दिख रहा था। कि, तभी एक बार फिर मोर्चा संभाला सबके चहेते सर रविन्द्र जडेजा ने। जडेजा ने पहले चार्ल्स और सैमुअल्स को अपनी स्पिन से चकमा दिया । उसके बाद स्लिप और लेग स्लिप के साथ बाँध देने वाली फील्ड में सरवन को फँसाकर धोनी के हाथों कैच आउट कराया। वेस्टइंडीज़ ने 3 विकेट सिर्फ़ 6 रनों के अंदर खो दिये। हालाँकि, वेस्टइंडीज के पास अभी भी काफ़ी बल्लेबाज़ी बची हुई थी। लेकिन, जडेजा और अश्विन के आगे वेस्टइंडीज टीम असहाय नज़र आयी। पोलार्ड, ब्रावो ,नरेन और रामपॉल भी कुछ ख़ास नहीं कर सके। मगर, यहीं टीम में वापसी कर रहे डैरेन सैमी जम गये। सैमी ने अपने हुनर की नुमाइश करते हुए भारतीय गेंदबाज़ी को आड़े हाथों लिया। सैमी ने 35 गेंदों में 4 बेहतरीन छक्कों की मदद से तबड़तोड़ 56 रन बनाये और वेस्टइंडीज़ का स्कोर 233 रन तक पहुँचाया। वेस्टइंडीज की ओर से सैमी के अलावा चार्ल्स ने 60 रन बनाये। जबकि, भारत की ओर से जडेजा ने 5 विकेट हासिल कर चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इस शानदार गेंदबाज़ी के कारण ही भारत को जीतने के लिए 50 ओवरों में सिर्फ़ 234 रन चाहिये थे।
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पहली पारी के बाद भारत मैच में आगे था। लेकिन, दर्शकों समेत बल्लेबाज़ों के दिमाग़ में अभी तक पाकिस्तान वाले मैच की यादें ताज़ा थीं। जहाँ वेस्टइंडीज ने पाकिस्तान को सिर्फ़ 170 के स्कोर पर ढेर कर दिया था। इसलिये, रोहित और धवन की सलामी जोड़ी ने संभलकर खेलना शुरू किया। गेंद शुरू में हरकत कर रही थी। लेकिन, जैसे ही गेंद ने हिलना कम किया और गेंदबाज़ों ने शार्ट पिच का इस्तेमाल शुरू किया। रोहित शर्मा ने निडर होकर शॉट्स खेलने शुरू किये। दूसरी ओर से धवन ने भी करारे चौके लगाना जारी रखा। देखते ही देखते 17वें ओवर में रोहित और धवन ने पहले विकेट के लिये 100 रन भी पूरे कर लिये। यहीं 101 के स्कोर पर रोहित 52 रन बनाकर नरेन का शिकार बने। इसके बाद कोहली ने तेज़ 22 रन ज़रूर बनाये। मगर, 127 के स्कोर पर उनके आउट होने से वेस्टइंडीज़ को उम्मीद की किरण ज़रूर नज़र आई। लेकिन, इस उम्मीद की किरण को धवन और कार्तिक ने ज़्यादा आकार पकड़ने नहीं दिया। दोनों मैदान के चारों ओर नज़ाकत के साथ स्ट्रोक्स लगाते हुये भारत को जीत के करीब ले गये। यहीं एक बार बारिश के कारण खेल रुका और भारत डकवर्थ-लुइस नियम से आगे था। यानी भारत मैच जीत चुका था। लेकिन, दर्शक चाहते थे कि मैच फिर शुरू हो और धवन अपना लगातार दूसरा शतक पूरा कर सकें। यहीं बारिश के चलते वो मौका आया जिसका हमने वविडियो की शुरुआत में ज़िक्र किया था। दरअसल मैच दोबारा शुरू होने के बाद कार्तिक ने तेज़ी से रन बनाने शुरू किये और दर्शकों को ये डर सताने लगा कि धवन अपने शतक से ना चूक जायें। इसलिए, वो चिल्ला-चिल्लाकर धवन को बता रहे थे कि शतक के लिये अब कितने रनों की ज़रूरत है।
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दर्शकों का डर तब थमा जब धवन ने छक्के के साथ अपना दूसरा शतक पूरा किया। जब धवन ने 38वें ओवर की पहली गेंद पर छक्का मारा तो भारत को जीत के लिये 8 रन चाहिये थे और कार्तिक 47 के स्कोर पर खेल रहे थे। उस पहली गेंद के बाद धवन ने अगली 5 गेंदों पर कोई रन बनाने की कोशिश नहीं की, ताकि कार्तिक अपना अर्धशतक पूरा कर सकें। कार्तिक ने मौके का फ़ायदा उठाते हुए चौके के साथ अपना अर्धशतक भी पूरा किया और भारत को चैंपियंस ट्रॉफी 2013 की लगातार दूसरी जीत भी दिलायी। दोस्तों, इस तरह भारत ने 8 विकेट से मैच जीतकर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली थी। लेकिन, आने वाला मुक़ाबला चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के साथ था। वो पाकिस्तान जिसे भारत ने विश्व कप में हर बार धोया था। लेकिन, तब तक भारत ने कभी चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान को नहीं हराया था। क्या भारत जीत के साथ अगले राउंड में प्रवेश करेगा ? या पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी में भारत से कभी ना हारने का सिलसिला बरकरार रखेगा ?