‘टिल्टेपैक’ अन्धो का गांव कहा जाने वाला ये गांव मैक्सिको के प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में है।
आपको जान कर हैरानी होगी की यहाँ आदमी तो आदमी बल्कि जानवर भी अंधे है।
मीडिआ रिपोर्ट्स के मुताबिक यहाँ जोपोटेक जनजाति के लोग रहते हैं। इस गांव में 60 झोपड़िया है और इनमे रहने वाले सभी लोग अंधे है लेकिन कहा जाता है की यहाँ के कुछ लोगो के आखो की रौशनी ठीक है जिनकी वजह से ही बाकी लोग यहाँ रह पाते है।
सभी के नेत्रहीन होने के कारण रात को इनकी झोंपडिय़ों में दीपक इत्यादि भी नहीं जलता। कहा जाता है की दिन और रात का आभास भी इन्हें अनुभव के आधार पर ही होता है।
जब प्रात:काल पक्षी चहचहाना आरंभ करते हैं, तो ये लोग भी उठ कर अपने कार्यों में जुट जाते हैं और जब संध्या को पक्षियों का चहचहाना बंद हो जाता है, तो ये लोग भी अपनी झोंपड़ियों की ओर चल पड़ते हैं।
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हम आपको बता दे की इस गांव में लोग अपने अंधेपन की वजह एक शापित पेड़ लावजुएला को मानते है।
उनका मानना है कि लावजुएला नाम के एक पेड़ को देखने के बाद यहां इंसान से लेकर पशु-पक्षी तक सब अंधे हो जाते हैं।
उनका कहना ये है की जन्म के समय उनके बच्चे बिल्कुल ठीक होते हैं, हालांकि उसके कुछ दिनों बाद ही उनकी आंखों की रोशनी चली जाती है, यानी कि वे अंधे हो जाते हैं लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि लोगों के अंधेपन के पीछे कोई पेड़ नहीं, बल्कि एक खतरनाक और जहरीली मक्खी है।
ये खास किस्म की जहरीली मख्खी होती है जिनके काटने की वजह से लोगो की आखो की रौशनी लुप्त हो जाती है।
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ये सैंकड़ों वर्षों से इस त्रासदी को झेल रहे हैं। घने जंगलों में रहने के कारण इनका दूसरे लोगों से कोई सम्पर्क नहीं है।