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जब बॉलीवुड के इन दिग्गजों को सरेआम थप्पड़ खाकर बेइज्जत होना पड़ा।

दोस्तों फिल्मी दुनियाँ की बात हो या आम ज़िन्दगी की, आये दिन कहीं न कहीं देखने सुनने को मिल ही जाता है कि कुछ लोगों में बहस हुई और बात इतनी बढ़ गयी कि लड़ाई झगड़े तक पहुँच गयी। शराब के नशे में कोई किसी को धमकी दे डालता है तो कोई किसी को थप्पड़ तक रसीद कर देता है।

ख़ैर आज हम बेवज़ह की उन लड़ाई झगड़ों पर आधारित ऐसा कोई किस्सा नहीं सुना रहे हैं क्योंकि नारद टीवी इन सब बातों से दूर ही रहता है। आज हम बॉलीवुड के कुछ ऐसे थप्पड़ों के बारे में चर्चा करने वाले हैं जिन्होंने किसी की ज़िन्दगी बदल दी तो किसी की अक्ल ठिकाने पर ला दी।

Raj Kapoor NaaradTV
राज कपूर

राज कपूर

सबसे पहले हम शुरुआत करते हैं राज कपूर जी को लगे थप्पड़ से। दोस्तों यह बात तो सभी जानते हैं कि हिन्दी सिनेमा के शोमैन कहे जाने वाले अभिनेता राज कपूर  एक बेहतरीन अभिनेता होने के साथ-साथ एक सफल निर्देशक और निर्माता भी थे।

तीन राष्ट्रीय पुरस्कार और 11 फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने वाले राज कपूर की दो फिल्मों ने कॉन्स फिल्म फेस्टिवल में धूम मचाई थी। लेकिन आपको ताज्जुब होगा कि उनकी शुरुआत और फिल्मों बनाने के प्रति गंभीरता में उनको लगे एक थप्पड़ की विशेष भूमिका है।

राज कपूर को बचपन से ही अभिनय करने का बड़ा शौक़ था थोड़े बड़े होने पर उन्होंने जब दिल की बात अपने पिता पृथ्वीराज कपूर जी से बतायी तो उन्होंने राज कपूर जी को अपने दोस्त निर्देशक किदार शर्मा के पास काम सीखने के लिए भेज दिया। किदार शर्मा ने राज कपूर को पहला काम बतौर सहायक क्लैपर बॉय का दे दिया और उस फिल्म का नाम था ‘विषकन्या’।

परदे पर अभिनय करने की चाहत रखने वाले राज कपूर क्लैप देने के पहले हमेशा अपने बालों में कंघी करते और इसी फिराक में लगे रहते कि उनका चेहरा किसी तरह कैमरे के सामने आ जाये।

वे कलाकारों इतने पास खड़े होकर क्लैप देते थे कि कई बार किदार शर्मा को उन्हें समझाना पड़ता था कि क्लैपर बॉय नज़र भी आया तो एडिट करके हटा ही दिया जायेगा उसका फिल्म में दिखाई देने की कोई संभावना ही नहीं है, लेकिन राज कपूर उनकी बात पे ध्यान ही नहीं देते।

एक बार तो राज कपूर ने एक एक्टर के इतने करीब जा के क्लैप दे दिया कि उसकी दाढ़ी ही क्लैप बोर्ड में उलझ गई। राज कपूर की बार-बार ऐसी हरकतें देखकर किदार शर्मा के बर्दाश्त के बाहर हो गया और उनका पारा चढ़ गया, इतना कि उन्होंने राज कपूर के गाल पर एक थप्पड़ लगा दिया।

हालांकि इस बात पे न तो राज कपूर ने कुछ कहा न उनके पिता पृथ्वी राज कपूर ने ही कुछ बोला बाद में किदार शर्मा को भी इस बात का अफसोस हुआ और उन्होंने फिल्मों में बतौर नायक राजकपूर को पहला मौका फिल्म ‘नीलकमल’ के जरिये दे दिया। हालांकि राज कपूर अपने अभिनय की शुरुआत बतौर बाल कलाकार वर्ष 1935 में प्रदर्शित फिल्म ‘इंकलाब’ से कर चुके थे लेकिन तब वह सिर्फ 10 साल के थे और उन्हें तो हीरो बनना था।  बतौर नायक वर्ष 1947 में रिलीज़ राज कपूर की फिल्म ‘नीलकमल’ में उनके अपोजिट लीड हीरोइन मधुबाला थी।

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सुपर स्टार राजेश खन्ना

सुपर स्टार राजेश खन्ना

अगले थप्पड़ के मुख्य पात्र हैं सुपर स्टार राजेश खन्ना। दोस्तों राजेश खन्ना हिंदी सिनेमा के वो अभिनेता थे जिनकी लगातार 15 फिल्में सुपरहिट हुई थीं। उनका ये रिकॉर्ड आज तक नहीं टुट पाया। अपनी फिल्म में साइन करने के लिए निर्माता निर्देशकों की राजेश खन्ना के आगे लाइन लगा करती थी।

लेकिन उसी दौर में राजेश खन्ना को थप्पड़ भी खाना पड़ा और वो भी बॉलीवुड के एक दिग्गज अभिनेता के हाथों, और उस अभिनेता का नाम है महमूद जिनका रुतबा किसी सुपर स्टार से कम नहीं था बाद में उन्होंने अभिनय के साथ-साथ वो बतौर निर्देशक भी काम किया।

फिल्म ‘जनता हवालदार’

किस्सा कुछ यूँ है कि वर्ष 1979 में आई फिल्म ‘जनता हवालदार’ के लिए महमूद ने राजेश खन्ना को साइन किया और इस फिल्म में हेमा मालिनी भी लीड रोल में थीं।

दोस्तों इस फिल्म की शूटिंग महमूद के अपने ही फॉर्म हाउस पर ही हो रही थी। शूटिंग के दौरान ही एक दिन महमूद के बेटे की मुलाकात राजेश खन्ना से हुई और वो उन्हें नाॅर्मली हैलो बोलकर निकल गए।

राजेश खन्ना जिनकी एक झलक के लिये उस वक़्त दुनियाँ पागल थी ऐसे में महमूद के बेटे का यूँ ही औपचारिकता वश सिर्फ हैलो कहकर निकल जाना उन्हें बदतमीज़ी जैसा लगा।

राजेश खन्ना को यह बात इतनी बुरी लगी कि वे नाराज़ हो गए और सेट पर जान बूझ के देर से आने लगे। जिससे महमूद को फिल्म शूट करने के लिये राजेश खन्ना का घंटों इंतजार करना पड़ता था और ऐसा आये दिन ही होने लगा। एक दिन जैसे ही राजेश खन्ना रोज़ की तरह देर से पहुंचे तो गुस्से में तमतमाये महमूद ने राजेश खन्ना को एक थप्पड़ रसीद कर दिया और कहा, ‘आप सुपरस्टार होंगे अपने घर के, मैंने फिल्म के लिए आपको पूरा पैसा दिया है और आपको फिल्म पूरी करनी ही पड़ेगी’। उस एक थप्पड़ ने राजेश खन्ना के स्टारडम का नशा उतार दिया और वे शूटिंग पर वक़्त से आने लगे थे।

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Govinda NaaradTV
गोविन्दा

गोविन्दा

अगला किस्सा है गोविन्दा का जो 80 के दशक के आख़िर तक आते-आते एक जाने माने स्टार बन चूके थे और 90 के दशक में तो कॉमेडी के और रोमांटिक फिल्मों के सफलतम नायकों में गिने जाने लगे थे। उसी दौरान बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल यानि अभिनेत्री हेमामालिनी जी एक फिल्म का निर्माण कर रही थी जिसका नाम था ‘आवारगी’।

इस फिल्म के लिए हेमा मालिनी की पहली पसंद गोविंदा थे और उन्होंने गोविंदा को साइन भी कर लिया था। बाद में फिल्म के स्क्रिप्ट में थोड़े से बदलाव के साथ अभिनेता अनिल कपूर को भी साइन कर लिया।

गोविंदा को जब इस बात की खबर लगी कि फिल्म में अनिल कपूर को भी साइन कर लिया गया है तो वो फिल्म में काम करने से आना कानी करने लगे और एक दिन उन्होनें अपने दूसरी फिल्मों में व्यस्त होने और डेट न होने का बहाना बना कर हेमा जी से इस फिल्म में काम करने के लिये सीधा ही मना कर दिया।

हालांकि इस फिल्म का निर्देशक महेश भट्ट और हेमामालिनी ने गोविंदा को बहुत मनाया लेकिन फिर भी जब गोविन्दा फिल्म करने के लिए नहीं माने तो हारकर एक दिन हेमा जी ने परेशान होकर ये सारी बात अपने पति यानि गरम धरम धर्मेंद्र जी को बता डाली।

हेमामालिनी की परेशानी को देखते हुये धर्मेंद्र ने एक दिन गोविंदा को अपने घर बुलाया और उन्हें फिल्म करने के लिए काफी समझाया और गोविंदा वे फिल्म करने के लिये बाद में तैयार हो गए।

बताया जाता है कि गोविन्दा ने धर्मेन्द्र की बात भी पहले नहीं मानी थी और इस बात पर गुस्से में धर्मेंद्र ने गोविंदा को एक थप्पड़ लगा दिया था, जिसकी वजह से गोविन्दा को अपनी ग़लती का एहसास हुआ और वो फिल्म करने के लिए तैयार हो गए थे।

हालांकि इस बारे में कभी गोविंदा, धर्मेंद्र या हेमामालिनी ने कभी कुछ भी नहीं कहा लेकिन मीडिया में ऐसी बातें छुपती भी तो नहीं है। दोस्तों इस फिल्म के बारे में एक ख़ास बात जो आपको जानना ही चाहिए कि वर्ष 1990 में आई इस फिल्म का निर्माण तो हेमामालिनी जी ने किया था लेकिन उन्होंने इसका क्रेडिट अपने अंकल निर्माता ‘पी॰ रघुनाथ’ जी को दिया था।

दोस्तों बात धरम पा के गुस्से की चल ही निकली है तो एक किस्सा और सही, जो कि धर्मेन्द्र के थप्पड़ से ही जुड़ा है और इस बार इसके शिकार हुए थे निर्माता निर्देशक और शो मैन सुभाष घई।

Subhash Ghai NaaradTV
डायरेक्टर सुभाष घाई
डायरेक्टर सुभाष घाई

80 के दशक की शुरुआत जब पूरी दुनिया ने धर्मेंद्र का गुस्सा देखा था, जब उन्होंने डायरेक्टर सुभाष घाई को थप्पड़ मार दिया था। यह किस्सा जुड़ा है फिल्म ‘क्रोधी’ से जो वर्ष 1981 में रिलीज़ हुई थी, जिसकी शूटिंग के दौरान धर्मेन्द्र के क्रोध का शिकार हुए थे ख़ुद सुभाष घई। इस फिल्म में धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी मुख्य भूमिकाओं में थे।

दरअसल फिल्म के शूटिंग के समय सुभाष घई ने हेमा जी को अचानक एक दृश्य के लिए बिकनी पहनने के लिए कहा, चूंकि फिल्म की स्क्रिप्ट सुनाते वक़्त पहले से ऐसा कुछ नहीं बताया गया था तो हेमा जी ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया था। लेकिन जब सुभाष घई बार-बार उनसे रिक्वेस्ट करने लगे और कहानी के हिसाब से ज़रूरी बताने लगे तब हेमा जी ने उस दृश्य के लिए बिकनी पहन ली।

लेकिन जैसे ही ये बात धर्मेंद्र को पता चली उनका गुस्से की कोई सीमा न रही वे सेट पे पहुँचे और सुभाष घई को थप्पड़ रसीद कर दिया वो भी एक दो नहीं लगातार कई सारे थप्पड़।

हालांकि बाद में फिल्म के निर्माता रंजीत बीच में आ गये और धर्मेन्द्र को समझा-बुझा कर शांत किया। इस घटना के बाद सुभाष घई इतने घबरा गए कि उन्होंने शूट किये वो सारे दृश्य हटा दिये। इस फिल्म में धर्मेंद्र और हेमामालिनी के साथ जीनत अमान और शशि कपूर भी भी मुख्य भूमिकाओं में थे।

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