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1 हफ़्ता और 4 बड़े खिलाड़ियों का संन्यास

Retirement From International Cricket From Stuart Broad To Moeen Ali

दोस्तों! पिछला हफ़्ता एक इंडियन फ़ैन होने के नाते कैरीबियाई धरती पर हो रही फ़ज़ीहत के बाद ख़राब तो गया ही था। बतौर क्रिकेट फ़ैन भी कुछ अच्छे दिन नहीं गुज़रे हैं। जिनमे सबसे ख़ास वजह है चार बड़े और सबके चहेते प्लेयर्स का रिटायरमेंट एनाउंस करना। क्योंकि, ये चारों ही नाम इंटरनेशनल क्रिकेट की शान रहे हैं।

इसलिये, एक हफ़्ते में इखट्टा चारो का इंटरनेशनल क्रिकेट से अलविदा कहना, फ़ैन्स के लिए दुख की बात तो है। वैसे दो के नाम तो आप जानते ही होंगे। लेकिन, बाक़ी दो के नाम सुनकर आप भी वैसे ही हैरान रह जायेंगे। जैसे हम उनके नाम पढ़कर हैरान रह गए थे। इसलिए, हमने सोचा क्यों ना अपने दोस्तों और क्रिकेट के सच्चे फ़ैन्स यानी आपको पिछले 7 दिनों में एक के बाद एक रिटायर होने वाले चार इंटरनेशनल प्लेयर्स के बारे में सुकून के साथ क्रिकमाइंड के निराले अंदाज़ में बताया जाये।

तो चलिये! पिछले7 दिनों में रिटायर होने वाले चार प्लेयर्स की इस लिस्ट की शुरुआत करते हैं, सबसे चर्चित और कन्फ़र्म नेम से;

4) स्टुअर्ट ब्रॉड:

साल 2007 टी-ट्वेंटी वर्ल्डकप में युवराज से 6 छक्के खाने के बाद, जिस ब्रॉड का कैरियर ख़त्म काउंट किया गया था। वो उस डरावने सपने के 16 बाद, सपनो भरे अंदाज़ में ही इंटरनेशनल क्रिकेट से रुखस्त हुआ।

अपने कैरियर की आखिरी बॉल पर बैटिंग करते हुए सिक्स और बौलिंग करते हुए जीत दिलवाने वाले ऐतिहासिक विकेट, इससे ज़्यादा यादगार विदाई भला और कुछ हो सकती है ? हालाँकि, ब्रॉड ये सब कारनामे ना करते, तो भी क्रिकेट फैन्स उनके आख़िरी मैच में ऐसे ही खड़े होकर उनके इंटरनेशनल क्रिकेट में किये गए कंट्रीब्यूशन का शुक्रिया अदा करते।

600 से ज़्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले महज़ दूसरे तेज़ गेंदबाज़ और ऑल टाइम विकेट लेने की लिस्ट में नम्बर 5 पर 604 विकेटो के साथ ब्रॉड वैसे ही अमिट छाप छोड़ चुके हैं। बाक़ी, रही-सही कसर उनके कैरियर के आख़िरी के एटीट्यूड ने पूरी कर दी थी। वॉर्नर को बनी बनाकर आउट करने से लेकर स्टार्क की आंखों में आंख डालकर उन्हें डराने तक।

Stuart Broad
Stuart Broad

ब्रॉड की कई तस्वीरें फ़ैन्स के ज़हन में उम्र भर ताज़ा रहेंगी। सीधे सीधे लफ़्ज़ों में कहें तो ब्रॉड सच मे एंटरटेनर थे। यही सबसे बड़ी वजह है कि क्रिकमाइंड पूरी क्रिकेट प्रेमी बिरादरी की तरफ़ से ब्रॉड का शुक्रिया अदा करता है ।
शुक्रिया ब्रॉड!

ब्रॉड के बाद अब बात करते हैं, उनके ही हम वतन, टीम मेट, जिगरी दोस्त और उनके ही साथ टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वाले प्लेयर का;

3) मोइन अली:

इस एशेज़ से पहले साल 2021 में आख़िरी टेस्ट खेलने वाले और कुछ महीनों पहले टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट का ऐलान कर चुके मोइन अली सबसे ज़्यादा चर्चामे तो तब आये, जब सबने उनके रिटायरमेंट से वापसी की बात सुनी। क्योंकि, उस वक़्त किसी को यकीन नही हुआ कि जैक लीच के इंजर्ड होने के बाद कप्तान बेन स्टोक्स ने मोईन अली को मैसेज करके वापसी के लिए कहा और टेस्ट क्रिकेट छोड़ चुके मोईन स्टोक्स की बात मान भी गए। हालाँकि, मोईन अली इंग्लैंड को एशेज़ तो नहीं जीता पाए।

लेकिन, एक हिस्टोरिकल कमबैक में अहम योगदान ज़रूर दे गए। 5 मैचो की सीरिज़ में क्रूशियल 9 विकेटो के साथ 180 रन बनाने वाले मोईन अली इस सीरिज़ के बाद 68 के नम्बर तक अपनी टेस्ट संख्या ले गए और आखिर अब पक्के तौर पर टेस्ट से रिटायर हो गए। मोइन ने अपने टेस्ट क्रिकेटर के तौर पर आख़िरी क्षणों में मज़ाक करते हुए कहा कि “अब स्टोक्स वापसी के लिए बोलेंगे, तो मैं पहले मैसेज डिलीट कर दूंगा”। वैसे जोक्स से इतर बात करें, तो मोइन का टेस्ट में ना होना, इंग्लैंड को खलने वाला है।

Moeen Ali
Moeen Ali

हालांकि, वो लिमिटेड ओवर सीरिज़ में कंटीन्यू करेंगे। लेकिन, उनका रिटायरमेंट के वक़्त ये कहना, “मेरा शरीर थक गया है”, वो मोइन के झलड इंटरनेशनल क्रिकेट छोड़ने की ओर इशारा भी कर रहा है। ख़ैर! आगे क्या होगा, कुछ नहीं पता। मगर, इतना ज़रूर है कि मोइन अली टेस्ट में तोइंग्लिश फ़ैन्स को ख़ूब याद आने वाले हैं।

दोस्तों! ब्रॉड और मोईन ये वो दो नाम थे जिनके रिटायरमेंट के बारे में आप जानते ही हैं। अब ज़रा बात करते हैं दो ऐसे नामो की जिनके संन्यास की खबर बाज़ार में उतनी गर्म नहीं हुई, जितनी होनी चाहिए थी। तो पिछले हफ़्ते रिटायर होने वाले तीसरे और इकलौते इंडियन क्रिकेटर का नाम है;

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3) मनोज तिवारी:

बंगाल से पॉलिटिक्स में कामयाब हाथ आज़माने वाले मनोज तिवारी को भले ही आज की जनरेशन बहुत काम जानती है। मगर, नाइंटीज किड्स जानते हैं कि मनोज वेस्टइंडीज के ख़िलाफ़ शतक बनाने के बावजूद क़रीब 16 मैचो तक टीम से दूर रहे थे। जबकि, वो उस दौरान पूरी तरह फ़िट भी थे। मगर, किसी और को मौके देने के लिए मनोज से मौके छीने गए।

यही है पिछले हफ़्ते क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से रिटायर हो चुके मनोज तिवारी की कहानी। जो ये बताती है कि तिवारी ने 2008 में डेब्यू करने के बावजूद सिर्फ़ 12वनडे और 3 टी-ट्वेंटी मैच ही खेले। जिनमे वनडे में 26 कई औसत 287 रन और टी-ट्वेंटी में 15 रन हैं। लेकिन, ये आंकड़े मनोज तिवारी की असल प्रतिभा नहीं बताते हैं।

क्योंकि, जिस अग्रेसिव मगर पेशेंस के साथ अटैक करने वाले मनोज को हमने आईपीएल और डॉमेस्टिक क्रिकेट में देखा है, वो मनोज इंटरनेशनल क्रिकेट में मौकों की कमी के कारण दबकर ही रह गया। वरना फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में 51 की औसत से 8,752 रन और लिस्ट-ए में 42 की लाजवाब औसत से 5,466 रन तो विराट और रोहित जैसे सुपर स्टार्स के भी नहीं हैं।

Manoj Tiwary
Manoj Tiwary

इसलिये, कभी कभी हमें इंडियन क्रिकेट के सिस्टम पर गुस्सा भी आता है। जिन प्लेयर्स के पास सपोर्ट होती है, वो ख़ुद को लगातार फेलियर्स के बावजूद प्रूफ़ कर सकते हैं और जिनके पास बस ख़ुद उनकी लगन है, उनके कैरियर का अंत मनोज तिवारी की तरह गुमनामी में होता है। ऐसी गुमनामी कि जब रिटायरमेंट का ऐलान किया, तो कहीं बड़े शब्दों में हैडलाइन भी नहीं बनी।

दोस्तों! मनोज के बाद अब बात करते हैं ऐसे खिलाड़ी की, जिसने अपने पूरे कैरियर में कई बार मैदान के अंदर और बाहर दोनों जगह सुर्खियां बटोरी। लेकिन, जब इस हफ़्ते के आख़िरी प्लेयर के तौर पर उन्होंने संन्यास लिया, तो वो लाइमलाइट और यादगार विदाई उन्हें नहि मिली जिसके हकदार थे;

1) एलेक्स हेल्स:

ये नाम बहुत से क्रिकेट फ़ैन्स को पिछले साल टी-ट्वेंटी वर्ल्डकप सेमीफ़ाइनल में इंडिया को बुरी तरह हराने के ज़िम्मेदार खिलाड़ी के तौर पर याद आता है। लेकिन, हेल्स के कैरियर की बस ये एक उपलब्धि या कहें हाइलाइट नहीं है। एक बेहद मुश्किल दौर से निकलकर इंग्लिश टीम का इंटरनेशनल स्टार बनने तक हेल्स ने कई यादगार पारियाँ खेलीं।

जिन्हें, बाद में उनके अनुशासनहीन रवैये ने काफ़ी इम्पैक्ट किया। यहाँ तक कि उन्हें इंग्लिश बोर्ड ने ब्लैकलिस्ट कर दिया और यूँ लगा कि अब हेल्स के कैरियर पर फ़ुल स्टॉप लग गया है। मगर, यहीं से हेल्स ने बिग बैश और अन्य बड़ी लीगों का रूख़ किया। वहां हेल्स के बल्ले ने जो आग ऊगली, उसकी आंच बोर्ड से लेकर सिलेक्टर्स सब तक पहुंची।

जिसका नतीजा ये रहा कि हेल्स को पिछले साल टी-ट्वेंटी वर्ल्डकप में एक और मौका मिला। वो मौका जिसे उन्होंने दोनों हाथों से लपका और बौलर्स की ख़ूब कुटाई की। दो दिन पहले जब हेल्स ने इंटरनेशनल क्रिकेट के सभी प्रारूपों से रिटायरमेंट का ऐलान किया तो कई रिकॉर्ड्स माइंड में आये। लेकिन, जो एक रिकॉर्ड हेल्स के साथ ही रहेगा वो यहां बताना जरूरी है।

Alex Hales
Alex Hales

तो! हेल्स वनडे क्रिकेट में इंग्लैंड के हाइएस्ट स्कोर्स 444 और 481 में सबसे ज़्यादा 171 और 147 रन बनाने वाले बैटर हैं। हालाँकि, हेल्स में अभी काफ़ी क्रिकेट और भी थी। लेकिन, पॉलिटिक्स और यंग प्लेयर्स के रास्ते का रोड़ा बनने से बेहतर हेल्स ने क्रिकेट छोड़ना समझा।

तो दोस्तों! ये थे पिछले 7 दिनों में रिटायर होने वाले 4 प्लेयर्स, जिन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट में आने वाले दिनों में ख़ूब मिस किया जाएगा।

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