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Top 5 High Voltage Rivalries Of World Cup

दोस्तों! आख़िरकार आज ‘वर्ल्डकप (WorldCup) इन आ ग्लान्स’ का लास्ट (Last) पोस्ट लेकर हम आ ही गए हैं। ये अभी तक इस साइट (Site) की हिस्ट्री (History) में सबसे लंबी सीरिज़ (Series) है। जोकि, तय दिन से आगे पीछे ज़रूर हुई, मगर बीच में नहीं रुकी और भला रुकती भी कैसे। इस सीरिज़ (Series) से जज़्बात जो जुड़े हैं। वो जज़्बात जो नींव है क्रिकेट (Cricket) के इंडिया (India) में बेस्ट (Best) स्पोर्ट्स (Sports) बनने की। वो जज़्बात जो नींव (Base) है दुनिया (World) मे इंडियन्स (Indians) के प्राउड (Proud) मूमेंट्स (Moments) की। वो जज़्बात जो उम्मीद (Hope) है एक और विश्व (World) चैंपियनशिप (Championship) जीत (Win) की। कुछ इस तरह की ही जज़्बात लिए हम उतरे थे 2019 वर्ल्ड (World) कप (Cup) में भी। क्योंकि, वो वर्ल्डकप (World Cup) लगातार दो सक्सेसफुल (Successful) वर्ल्डकप 2011 और 2015 के बाद था। इसलिए, इंडियन (Indian) टीम (Team) से बेहतर करने की और भी ज़्यादा उम्मीद थी। साफ़ साफ़ कहें तो इंडियन (Indian) टीम (Team) से वर्ल्डकप (World) जीतने की ही उम्मीद (Hope) थी। वैसे रोहित (Rohit), धवन (Dhawan), राहुल (Rahul), कोहली (Kohli), हार्दिक (Hardik) और धोनी (Dhoni) से लैस बैटिंग (Bating) पावरहाउस (Power House) पहले ही लीथल है, उसमें अगर जडेजा (Jadeja), कुलदीप (Kuldeep), शमी (Shami) और बुमराह (Bumrah) की बौलिंग (Bowling)  का तड़का लगा दिया जाए तो सामने वाली टीम (Team) के लिए सांस लेना भी दूभर हो जाता है। ऊपर से जब पिछली कुछ वनडे सीरिज़ में एकतरफ़ा ढंग से जीतें हासिल की जायें, तो उम्मीदो को पंख लगना कोई चौंकाने वाली बात नहीं है। हालांकि, उस दौर में 2015 वर्ल्डकप (Worldcup) में शॉक (Shock) झेलकर बाहर हुई इंग्लैंड (England) एक नए दर्जे की वनडे (Odi) क्रिकेट (Cricket) खेल (Play) रही थी। जोकि, आज वाले उनके स्टायल (Style) से इस तरह अलग है कि अब वो मिडिल (Middle) ओवर्स (Overs) में भी हंटर (Hunter) नहीं रोकते हैं। मगर, पहले वो शरुआती (Starting) 15 ओवर (Over) में कूटते थे फिर अगले 20 ओवर (Over) जमते थे और बाद के 15 ओवर में धोते थे। सीधे-सीधे कहें तो जब इंग्लैंड (England) रिदम पकड़ती है तो क्रिकेट पिच, नहीं धोभी घाट लगती है। इसके अलावा उनके ही देश (World) मे वर्ल्डकप (Worldcup) के होने ने इंग्लिश (England) टीम (Team) के चानसेज़ हाई कर दिए थे। मगर, इंडिया (India) के साथ ऑस्ट्रेलिया (Australia) और पाकिस्तान (Pakistan) की टीमें (Teams) भी रिदम (Rhythm) में थी और न्यूज़ीलैंड (New Zealand) के साथ साउथ अफ्रिका (Africa) भी ठीक ठाक भारी टीम थी। बाक़ी, बांग्लादेश, वेस्टइंडीज और अफगानिस्तान (West Indies) के साथ इस बार 2011 की फाइनलिस्ट (Finelist) श्रीलंका भी 10 टीमो के 2 महीने लंबे टूर्नामेंट (Tournament) में बस शिरकत करने आयीं थीं।

वैसे इस वर्ल्डकप के ख़ास बात सेगमेंट (Segment) या कहें इंट्रोडक्टरी (Introductory) पार्ट में एक चीज़ जो मिस हो गई, वो है कृटीसिज़्म। दरअसल 2019 वर्ल्डकप मई, जून और जुलाई के महीनों में इंग्लैंड एंड वेल्स में होना था। ये वो मौसम (Season) है, जो नॉर्मली (Normally) ऑफ सीज़न (Season) काउंट होता है। ऐसे में वर्ल्डकप वहाँ करवाना मतलब मैचो का बारीश से सीधा टकराव होना। जिसका असर पहले वार्म अप मैचो और उसके बाद ग्रुप (Group) मैचो के साथ साथ पूरे वर्ल्डकप (Worldcup) में दिखा। बारिश का ये इंटरफेरेंस (Interforce) कितना ख़तरनाक था, ये इस एपिसोड (Episodes) में आगे चलकर आपको समझ आ जाएगा। फ़िलहाल शुरुआत करते हैं बारिश से सबसे ज़्यादा परेशान हुई टीम पाकिस्तान से और उन के सफ़र पर पड़े असर को ही हम 2019 वर्ल्डकप के बिग मूमेंट्स में पहला बड़ा लम्हा काउंट कर रहे हैं;

 

1) बारिश मस्त और पाकिस्तान पस्त:

2019 WC

दोस्तों! 2019वर्ल्डकप की शुरुआत (Starting)  यूँ तो 30 मई को इंग्लैंड बनाम साउथ अफ्रीका मैच (Match) में इंग्लैंड की एकतरफ़ा 104 रनो की जीत (win) के साथ हुई थी। क्योंकि, आउट (Out) ऑफ फ़ॉर्म (Form) साउथ अफ्रीका के सामने इंग्लैंड थी, इसलिये ये रिज़ल्ट (Result) ऐक्सपेक्टेड था। मगर, जो रिज़ल्ट (Result) हरगिज़ सोच में नहीं थे वो इसके बाद आए। अगले ही मैच (Match) में उस वर्ल्डकप की दावेदारों में से एक पाकिस्तान 105 पर वेस्टइंडीज (West Indies) के सामने ऑल (All) आउट (Out) हो गई, तो 3 मैचो के बाद साउथ (South) अफ्रीका (Africa) को बांग्लादेश (Bangladesh) ने 21 रनो (Runs) की करारी पटखनी दी। फिर साउथ अफ्रीका को ही इंडिया (India) ने अपने पहले मैच में 6 विकेट (Wicket) से हराकर दम भरा। इस मौके तक वर्ल्डकप (Worldcup) रिदम पकड़ चुका था। ऑस्ट्रेलिया (Australia) डोमिनेट (Dominants) कर रही थी, तो इंग्लैंड एक पाकिस्तान से मिले झटके के बाद रंग (Colour) में थी। मगर, अब भी सबको इंतज़ार (Wait) था 16 जून का। जब वर्ल्डकप 2019 के 22वे मैच (Match) के तौर पर इंडिया को पाकिस्तान से भिड़ना था। अब इस मैच की हाइप (Hipe) और प्रेशर (Pressure) के बारे में क्या ही कहें। मगर, उस रोज़ (Daily)  इस मैच (Match) की इम्पोर्टेंस (Importance) पाकिस्तान के लिए ज़्यादा थी क्योंकि वो 4 में से 2 हार, 1 ड्रॉ और 1 जीत के साथ केवल 3 पॉइंट (Point) लेकर आगे आई थी। जबकि, इंडिया उधर न्यूज़ीलैंड (New Zealand) वाला मैच ड्रॉ (Draw) रहने से पहले साउथ अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया को धोकर आगे आ रही थी। ऐसे में हाइप के साथ पाकिस्तान (Pakistan) पर बहुत प्रेशर (Pressure) था और पाकिस्तान इस प्रेशर के आगे खुलकर बिखर गई। वो इंडिया के 50 ओवर (Over) में बनाये गए 336 रन का पीछा करते हुए कभी मैच में थे ही नहीं। बाक़ी, रही सही कसर बारिश ने ग़लत (Wrong)  मूमेंट (Moment) पर आकर 40 ओवर (Over) में टारगेट (Target) को 302 रन करवाकर पूरी कर दी। पाकिस्तान सिर्फ़ 212 पर ऑल (All) आउट (Out) हो गई, इंडिया (India) 90 रन (Run) से मैच (Match) जीत (Win) गया और वनडे (One day) वर्ल्डकप की स्ट्रीक (Strik) बन रही। टूर्नामेंट (Tournament) के ओवरऑल (Overall) पर्सपेक्टिव (Perspective) में इस एक मूमेंट (Moment) पर पाकिस्तान की हालत काफ़ी खस्ता था, तो इंडिया (India) पूरी तरह रंग (Colour) में थी। यू तो इंडिया के रंग में होने के लिए कोहली (Kohli), बुमराह (Bumrah), धवन (Dhawan) और शमी (Shami) की अच्छी परफॉर्मेंस (Performance) बेस (Base) थीं। मगर, जिस एक प्लेयर ने इस टूर्नामेंट (Tournament) को इंडियन्स (Indians) के लिए यादगार (Memorable) बना दिया, वो हैं रोहित शर्मा और हिटमैन (Hitman) की ज़बर्दस्त फॉर्म (Form) ही हमारे इस एपिसोड (Episode) का बिग (Big) मूमेंट (Moment) नम्बर 2 है;

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2) रोहित का पंजा:

 

पाकिस्तान वाले मैच (Match) से पहले साउथ (South) अफ़्रीका (Africa) के सामने रोहित ने 122 रन बनाए, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया (Australia) के आगे फिफ्टी (Fifty) लगाई, पाकिस्तान के आगे तो रोहित ने 140 की रिकॉर्ड (Record) ब्रेकिंग (Braking) नॉक खेली, हालाँकि, अफ़ग़ानिस्तान (Afghanistan) और वेस्टइंडीज (West Indies) के खिलाफ उनका बैट शांत रहा। मगर, बांग्लादेश (Bangladesh), इंग्लैंड और श्रीलंका (Sri Lanka) के सामने रोहित ने फिर सेंचुरी (Century) ठोक दी। इस तरह रोहित एक वर्ल्डकप में 5 सेंचुरी लगाने वाले पहले और अब तक के इकलौते बैटर (Batter) बन गए। उस वर्ल्डकप में रोहित का खौफ़, इतना था कि मलिंगा जैसे बौलर्स ने बाद में रोहित के सामने बॉल (Ball) डालने से पहले चार बार सोचने (Think) वाली बात कही थी। क्या स्टार्क, क्या मलिंगा, क्या शाकिब, क्या आर्चर, क्या रबाडा, रोहित ने पूरे वर्ल्डकप में बौलर्स का जीना हराम कर रखा था। ये रोहित की ही शानदार बैटिंग (Batting) का नतीजा था कि इंडिया (India) ने साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बाद श्रीलंका, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान और वेस्टइंडीज पर भी जीते हासिल की और ग्रुप स्टेज की टॉप (Top) टीम के रुतबे के साथ सेमीफाइनल में एंट्री ली।

3) क्या इंडिया वो मैच जानबूझकर हारा था;

इंडिया ने यूँ तो ग्रुप स्टेज (Stage) में ख़ूब कमाल की परफॉर्मेंस (Performance) दी। हालाँकि, इस बीच न्यूज़ीलैंड (New Zealand) से ड्रॉ के अलावा बस इंग्लैंड (England) से हार मिली थी। जोकि, काफ़ी चर्चा में रही थी। दरअसल हुआ ये था कि इंग्लैंड से अगर इंडिया जीत जाती तो पाकिस्तान 11 पॉइंट्स (Point) के साथ और इंग्लैंड 10 पॉइंट्स के साथ ग्रुप स्टेज ख़त्म करता। मतलब ये है कि इंडिया की जीत (Win) से पाकिस्तान को सेमीफाइनल (Semi Final) का टिकट (Ticket) मिलता। मगर, इंडिया वो मैच (Match) हार गया। जिसके बाद पाकिस्तान फ़ैन्स (Fans) और कुछ ऑफिशियल्स के ज़रिए मैच (Match) के जानबूझकर हारने के आरोप लगे। तो एक खेमे ने उस मैच की जांच तक कि मांग कर डाली। क्योंकि, उस मैच में शानदार शुरुआत के बाद मिडिल (Middle) ओवर (Over) में धोनी ने बड़ी हार से बचने के लिए सम्भलकर खेल दिखाया था। इसलिए, ही ये बड़े सवाल (Question) खड़े किए गए थे। जोकि, आगे चलकर बेबुनियाद (Baseless) निकले और पाकिस्तान को अपने वर्ल्डकप (world cup) से बाहर होने की वजह ख़ुद के ख़राब खेल को मानना पड़ा। नाकि इंडिया के जानबूझकर (Intentionally) हार करने वाले बहाने की।

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इस तरह वर्ल्डकप 2019 को इंडिया (India), ऑस्ट्रेलिया (Australia), इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड के तौर पर अपने 4 सेमीफाइनलिस्ट (semi-finalist) मिल चुके थे। इस से पहले की हम टॉप 5 बिग मूमेंट्स (moments) में चौथे मूमेंट पर चलें। एक बार उस वर्ल्डकप से जुड़ी कुछ ख़ास बातें या कहें यादें ताज़ा (fresh) करते चलते हैं। उस वर्ल्डकप में इंडिया के खेल के अलावा इंग्लैंड (England) को तो यादगार (memorable) था ही। इनके अलावा बांग्लादेश (bangladesh) और अफगानिस्तान (Afghanistan) ने भी ख़ूब इम्प्रेस (Impress) किया था। बांग्लादेश ने तो साउथ और वेस्टइंडीज (west indies) सरिखी टीमो को पटखनी भी दी थी। तो अफ़ग़ानिस्तान श्रीलंका, इंडिया और पाकिस्तान जैसी बड़ी टीमो (Teams) को हराने के काफ़ी क़रीब थे। इसके अलावा कुछ खास लम्हे और याद करें तो श्रीलंका की इंग्लैंड पर एक क्लोज़ (close) लो स्कोरिंग (scoring) मैच की याद ज़हन में कौंधती (flashing) है, कार्लोस (carlos) ब्रेथवेट का लगभग अकेले दमपर न्यूज़ीलैंड (new zealand) से मैच छीन लेना याद आता है, अफ़ग़ानिस्तान के सामने लगभग तय हार को हैटट्रिक (hat trick) के साथ पलटकर (by turning) जीत (Winner) बना देने में शमी का चेहरा दिखता है तो अफ़ग़ानिस्तान के सामने 17 छक्के लगाने वाले मोर्गन की भी एक तस्वीर दिमाग़ के किसी कोने से चमकती (flashing) है। सीधे-सीधे कहें तो सिर्फ़ 4 साल पहले होने के कारण 2019 की यादें ताज़ा हैं। जी चाहता है कि हर लम्हे का यहाँ ज़िक्र करें। मफर, वक़्त की लिमिटेशन के कारण नहीं कर सकते। जबकि, परंपरा के चलते वो लम्हा हमे शेयर करना पड़ेगा जो कोई भी इंडियन याद नहीं करना चाहेगा;

4) 15 मिनट और सपनों का महल ध्वस्त:

जब 9 जुलाई को सवा दो सौ के नज़दीक न्यूज़ीलैंड बारिश (बारिश ) के कारण मैच बीच मे रुकने के चलते ड्रेसिंग (Drassing) रूम में बैठी थी तो वो अपनी तय हार पर अफ़सोस और इंडियन फ़ैन्स के साथ टीम भी तय जीत पर जश्न (celebration) में थी। भला ऐसा होता भी क्यो नही, चहल, बुमराह और भुवि की शानदार शुरुआत के बाद जडेजा ने जो कमाल बौलिंग (Bowling) और फ़ील्डिंग (Fielding) दोनों से किया, वो वाकई मैजिकल (magical) था। इसके बाद दूसरे दिन जब सुपरमैन (Super man) स्टाइल (style) में जडेजा ने कैच (Catch)  पकड़ी और कीवी टीम 239 रन पर सिमट गई। तो दूसरी पारी में जीत महज़ औपचारिकता (formality) लग रही थी। लेकिन, वो बारिश जिसकी दुहाई कुछ रोज़ पहले पाकिस्तानी फ़ैन्स (Fans) दे रहे थे। उसके चलते रिज़र्व (reserve) डे में आया मैच और टॉस (Toss) जीतने के बावजूद अगले दिन इंडिया के सामने सेम वो कंडीशन्स (conditions) थीं, जिनसे उन्हें किस्मत (Destiny) ने बचाया था मगर बारिश ने फंसाया (framed) था। बोल्ट और हेनरी की हाई स्टैंडर्ड (standard) स्विंग (Swing) के आगे इंडियन (Indian) बैटर्स (Batters) के पैर जम से गए और सिर्फ़ 15 मिनट के अंदर कोहली (Kohli), रोहित (Rohit), राहुल (Rahul), कार्तिक (Kartik) सारे आउट (Out) हो गए। बोर्ड (Board) पर सिर्फ़ 25 रन थे, 4 बैटर आउट हो चुके थे। ये वो डरावना ख़्वाब (Dream) था, जो कोई इंडियन (Indian) फ़ैन (Fan) नहीं देखना चाहेगा और उस रोज़ (Daily) तो भारत गवाह (Witness) बन रहा था। हालाँकि, इस खराब शुरुआत के बाद हमें एक शानदार वापसी (Return) का भी गवाह (Witness) बनना था। जिसकी नींव 32-32 रनो की पारियों से हार्दिक और ऋषभ ने रखी थी। मगर, धोनी के डिफेंस (defense) और जडेजा के काउंटर (the counter) अटैक (the counter) ने तय लग रही शर्मनाक (shameful) हार को लगभग पलट (Turn) ही दिया था। मगर, (Destiny) उस रोज़ कुछ इन्चेज़ (inches) लेकर बीच मे खड़ी हो गई। जडेजा कैच (Catch) आउट हो गए और पूरे वर्ल्डकप (World Cup) गुमनाम रहने वाले गुप्टिल ने वो थ्रो (Throw) की जो हर इंडियन क्रिकेट (Cricket) फ़ैन (Fan) को कई साल चुभेगी। भारत खूब लड़ा, मगर अंत मे हार गया और वर्ल्डकप से बाहर हो गया। न्यूज़ीलैंड फ़ाइनल (final) में पहुंचा, जहां ऑस्ट्रेलिया (Australia) को खून के आंसू रुलाकर आई इंग्लैंड (England) और एक यादगार (memorable) फ़ाइनल उनके लिए क्रिकेट के मक्का यानी लॉर्ड्स मे इंतज़ार कर रहा था।

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5) हिस्ट्री का सबसे कंट्रोवर्शियल और रोमांचक मैच;

इस फ़ाइनल से सबसे पहली याद मेरी ज़हन (mind) में तो ये है कि कीवी फ़ैन्स (Fans) ने इंडियन फ़ैन्स से फ़ाइनल के लिए लॉर्ड्स (lords) में मैच देखने आने के लिए रिक्वेस्ट (request) की थी। वो शायद इस रिक्वेस्ट का ही कमाल था कि लॉर्ड्स (lords) खचाखच भरा था और एक बार न्यूज़ीलैंड पहले बैटिंग (Batting)  करते हुए निकल्स के 55 रनो के अलावा कोई दूसरी बढ़िया पारी हासिल ही नहीं कर पाई। नतीजा ये रहा कि फ़ाइनल में महज़ 241 पर पूरी न्यूज़ीलैंड डग आउट (Out)  में 30 मिनट (Minute) खत्म होने के बाद वापस लौटने का वेट (Wait) कर रही थी। इस वक़्त इंग्लैंड (England) को अपने हाथ ट्रॉफी (Trophy) पर दिख रहे होंगे। मगर, न्यूज़ीलैंड टीम का दूसरा नाम ही जज़्बे (passion) के साथ लड़ना। 241 रन डिफेंड (defend) कड़ते हुए उन्होंने लड़ना शुरू किया और क्या खूब लड़ाई (battle) की। हेनरी, फर्गुसन, ग्रन्डोम, निशाम सब के सब इंग्लिश बैटर्स (batters) के लिए जाल बुनते गए और अंग्रेज़ कीवियों (Poets) के जाल में फंसते गए। 196 के स्कोर पर जब बटलर 5 विकेट के तौर पर आउट (Out) हुए तो इंग्लैंड की उम्मीदें (Hope) दम तोड़ती लग रही थी। कीवी बौलर्स हावी थे ये बात सही है मगर पिच ऐसे बिहेव (Behave) कर रही थी जैसे 5वे दिन का लास्ट (Last) सेशन (Session) चल रहा हो। बॉल (Ball) कभी उठ नही रही थी, तो कभी उम्मीद स्व ज़्यादा उठ रही थी। सबके हाथ पांव फुले हुए थे। सब परेशान थे कि इस हार (Garland) को कैसे टालें। इस कोशिश (Practice) में ही और प्लंकेट भी जल्दी जल्दी आउट (Out) हो कर पविलियन (pavilion) वापस चले गए। लेकिन, इस सब खलबली के बीच एक प्लेयर (Player) मोंक की तरह ख़ुद को शांत किये उस 22 ग़ज़ की पट्टी पर अंगद के पैर जमाये खड़ा था। वो प्लेयर जिसे 2016 फ़ाइनल (Final) में 4 छक्के खाने के लिए याद किया जाता है, आज सारे जहां का सब्र (Patience) लिए डटा हुआ था। वो प्लेयर जिसे हम बेन स्टोक्स (stokes) बोलते हैं। वो ही बेन स्टोक्स उस रोज़ न्यूज़ीलैंड और ट्रॉफी (Trophy) के बीच आ गया। इस सब्र और जज़्बे का ही नतीजा था कि गुप्टिल (Guptill) की कंट्रोवर्षियल (controversial) थ्रो (Trow) से स्टोक्स को वो रन मिले जिसके बाद मैच (Match) टाई हुआ और फिर तो सुपर (Super) ओवर (Over) भी टाइ हो गया। बाउंड्री (Boundary) काउंट वाले बचकाने नियम (Rule) के चलते इंग्लैंड जीत गया। आज जब मैं ये आर्टिकल लिख रहा हूँ तो आईसीसी ने बाउंड्री (Boundary) काउंट (Count) के नियम को बदलकर रिज़ल्ट नहीं आने तक सुपर ओवर खेलना कर दिया है। मगर, पलटकर देखता हूँ तो लगता है कि क़ुदरत ने ये सारी रचना की ही सिर्फ़ स्टोक्स के लिए थी। वो स्टोक्स जो फिर से इस वर्ल्डकप में लौट रहा है। इस बार तो वो और उसकी टीम दोनों ही लीथल फॉर्म (Form) में हैं। नतीजा क्या होगये तो वक़्त बतायेगा। लेकिन, इतना तय ही कि मज़ा बहुत आएगा। बाक़ी, इस मज़े को दोगुना करने की ज़िम्मेदारी नारद टी वी और क्रिक माइंड दोनों की है। आप बस यूं ही हमसे जुड़े रहे। झलड मिलेंगे एक और शानदार एपिसोड लेकर।

धन्यवाद !

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