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Jos Buttler: वो खिलाड़ी जो कभी भी मैच का रुख पलट सकता है

Jos Buttler Biography in Hindi जॉस बटलर का जीवन परिचय

दोस्तों क्रिकेट में हर खिलाड़ी की अपनी पहचान होती है।हर खिलाड़ी की अपनी भूमिका होती है, और सर्वश्रेष्ठ वही है,जो अपना काम बखूबी करे। सलामी बल्लेबाज का काम है टीम को अच्छी शुरूआत दिलाना और फिनिशर का काम ताबड़तोड अंदाज में पारी का अंत करना।

परंतु क्या आप जानते हैं कि एक खिलाड़ी ऐसा भी है जो एक तरफ़ तो सलामी बल्लेबाज़ी करते हुए अपनी टीम को तेज़ तर्रार शुरूआत दिलाता है, और बतौर फिनीशर भी कई बार हरे हुए मैच को जीत में तब्दील कर चुका है।ये वोही खिलाड़ी है जिसने 2019 विश्व कप फाइनल के सुपर ओवर में किए उस रनआउट की बदौलत इंग्लैड विजेता बना।

जी हां दोस्त, ये खिलाड़ी हैं इंग्लैड के धुआंधार विकेटकीपर बल्लेबाज जॉस बटलर। जिन्हें दुनिया जॉस द बॉस भी कहती है। जॉस एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें हर कप्तान अपनी टीम में शामिल करना चाहता है। और आईपीएल 2022 में राजस्थान रॉयल्स के फ़ाइनल तक पहुंचने में उनका अहम योगदान रहा।

Jos Buttler
Jos Buttler

प्रारंभिक जीवन

जोसेफ चार्ल्स बटलर का जन्म 8 सितंबर 1990 को सोमरसेट, इंग्लैंड में पिता जॉन बटलर और मां पेट्रीसिया बटलर के घर हुआ। उन्होंने अपनी पढ़ाई Hugh Sexey Church of England Middle School’(इंग्लैंड मिडिल स्कूल के ह्यूग सेक्सी चर्च) और उसके बाद टौंटोन के किंग्स कॉलेज से की।

उन्हें बचपन से ही क्रिकेट से काफ़ी लगाव था और वे अपने स्कूल की क्रिकेट टीम का हिस्सा भी रहे,जहां उन्होंने लगातार रन बनाए। उन्हें सोमरसेट की अंडर 13, अंडर 15 और अंडर 17 टीमों से खेलने का भी मौका मिला।जहां उन्हें क्रिकेट खेलने की प्रेरणा जॉन्टी रहोड्स और एडम गिलक्रिस्ट जैसे महान खिलाड़ियों से मिली, वहीं उनके पसंदीदा खिलाड़ी एबी डिविलियर्स और महेंद्र सिंह धोनी जैसे दिग्गज हैं।

अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर उन्होंने ये सुनिश्वित किया कि वे अब अपना करियर क्रिकेट में ही बनाएंगे। और मात्र 15 वर्ष की आयु में उन्होंने चेद्दार की ओर से खेलते हुए सीनियर क्लब क्रिकेट में पदार्पण किया। और इसी टूर्नामेंट में सोमरसेट की दूसरी एकादश की ओर से खेलते हुए 3 दिवसीय मुकाबले में नॉटिंघमशायर के खिलाफ़ दूसरी पारी में 71 रन बनाए और 6 कैच भी लिए।

क्रिकेट में शुरुआत-

2006 में किंग्स कॉलेज की ओर से खेलते हुए उन्होंने लगभग 50 की औसत से सर्वाधिक 447 रन बनाए। अगले वर्ष बटलर ने पश्चिम इंग्लैड प्रीमियर लीग में ग्लास्टनबरी की ओर से खेलते हुए 119 और 110 रनों की शतकीय पारी खेली।एक बार फिर वे किंग्स कॉलेज के सर्वाधिक स्कोरर रहे।

परंतु 2008 में नेशनल स्कूल टूर्नामेंट में खेली रिकॉर्ड 227 रन की पारी ने बटलर के करियर को एक नई उड़ान दी। यहां वे कप्तान भी थे और उन्होंने रिकॉर्ड 340 रन की ओपनिंग साझेदारी भी की।वैसे तो वे एक बल्लेबाज के तौर पर ही खेल रहे थे परंतु फाइनल मुकाबले के दौरान उन्होंने विकेटकीपिंग की और 6 कैच भी लपके।

इसके अलावा एक मुकाबले में नंबर 4 पर बल्लेबाजी करते हुए भी उन्होंने 140 रन की शानदार पारी खेली। इस टूर्नामेंट में उन्होंने 95 की औसत से विशाल 851 रन बनाए। इसी की बदौलत उन्हें पहली बार 2008 में इंग्लैंड को अंडर 17 टीम में भी कुछ मुकाबले खेलने को मिले।

Jos Butler Test
Jos Butler Test

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण

लगातार शानदार प्रदर्शन करने की बदौलत उन्हें प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने का भी अवसर मिला। और 2009 में काउंटी चैंपियनशिप में चोटिल जस्टिन लैंगर के स्थान पर उन्हें सोमरसेट की टीम में शामिल किया गया। उन्होंने अपनी पहली पारी में 30 रन बनाए। इसी वर्ष उन्होंने अपने लिस्ट ए केरियर का भी पहला मैच खेला।कुछ समय बाद उनका चयन चैंपियंस लीग टी 20 2009 के लिए भी सोमरसेट की टीम में हुआ।

अपने पहले मुकाबले में उन्होंने नाबाद 6 रन बनाए। यही नहीं, उन्होंने इंग्लैंड अंडर 18 की टीम में भी 4 मुकाबले खेले, और एक मुकाबले में तो 103 रन भी बनाए। इसके 2 महीने बाद उन्होंने अंडर 19 टीम में भी अपना पहला मुकाबला खेला। इसके पश्चात् 2010 में होने वाले अंडर 19 विश्व कप में जॉस ने 6 मुकाबले बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज खेले।और भारत के खिलाफ एक मुकाबले में 78 रन की पारी खेली।

इसके बाद जब क्रेग कीस्वेटर का चयन 2010 की इंग्लैड की एकदिवसीय टीम में हुआ तब बटलर को सोमरसेट की प्रथम टीम में खेलने का मौका मिला। उन्होंने काउंटी के चौथे मुकाबले में अपना पहला प्रथम श्रेणी शतक बनाया। जहां उन्होंने 144 रन की लाज़वाब पारी खेली, जिसमें कमाल की परिपक्वता और एक से एक शॉट्स देखने को मिले।

इसके अगले ही मुकाबले में जोस ने अपना पहला लिस्ट ए अर्धशतक भी बना डाला। उस दौरान उनका फॉर्म कमाल का था।और वे वराह दर वर्ष लगातार रन बनाते जा रहे थे।

वे जिस भी टीम में जाते,उसकी एक अभिन्न अंग बन जाते। 2011 में जब सोमरसेट की टीम टी 20 और 40 ओवर टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची, जहां उन्होंने अहम भूमिका निभाई। बटलर को मोस्ट प्रॉमिसिंग यंग प्लेयर का अवॉर्ड भी मिला।

टी20 क्रिकेट में पदार्पण

घरेलू क्रिकेट पर लगातार रन बनाते बटलर ने इंग्लैंड की सीनियर टीम में अपनी दावेदारी पेश की और 2011 में पहली बार उनका चयन भारत के खिलाफ टी 20 में हुआ। हालाकि अपने पहले मुकाबले में उनकी बल्लेबाजी ही नहीं आई।इसके बाद उनका चयन वेस्टइंडीज दौरे के लिए भी हुआ।

बटलर ने 2012 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ एक टी 20  में अपनी जबरदस्त हिटिंग से काफी प्रभावित किया।इस दौरान वेन पार्नेल के एक ओवर में उन्होंने 32 रन बटोरे।जो कि उस वक्त टी 20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का दूसरा सबसे महंगा ओवर साबित हुआ। इसके बाद बटलर का चयन 2012 टी 20 विश्व कप में तो हुआ,हालांकि उन्होंने 5 मुकाबलों में मात्र 40 रन बनाए।

2013 में उन्हें इंग्लैंड की एकदिवसीय टीम में भी मौके मिलने शुरू हुए। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ़ पदार्पण किया, परंतु अपने पहले मुकाबले में वे खाता भी नहीं खोल पाए।जब भारत के खिलाफ जोनाथन ट्रॉट को आराम दिया गया तो जोस का नाम उस एकदिवसीय स्क्वाड में शामिल किया गया और श्रृंखला के बीच उन्होंने कीस्वेटर के स्थान पर बतौर प्रमुख विकेटकीपर बल्लेबाज खुद को स्थापित किया।

इसके अलावा न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ टी 20 में उन्होंने अपना पहला अर्धशतक लगाया।और यहां से उनका स्थान टी 20 और एकदिवसीय टीमों में पक्का हो गया।उनका चयन 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी में हुआ। हालांकि उन्होंने 4 पारियों में केवल 15 रन बनाए जबकि कुछ मुकाबलों में उनकी बल्लेबाजी ही नहीं आई।बटलर अभी तक वो लंबी परियां खेलने में सफल नहीं हुए जिसकी उनसे उम्मीदें लगाई जा रही थी। उन्हें अधिकतर कामयाबी केवल टी 20 में मिल रही थी।

Jos Butler
Jos Butler

जॉस बटलर का पहला शतक-

उनके हुनर से तो सभी अवगत थे ही, केवल इंतजार था तो एक बड़ी पारी का। उन्हें बैक करते हुए इंग्लैंड ने उन्हें 2014 के टी 20 विश्व कप के लिए टीम में शामिल किया। इसी वर्ष बटलर ने श्रीलंका के खिलाफ़ लॉर्ड्स में ताबड़तोड 61 गेंदों में 121 रन बनाकर अपना पहला शतक बनाया।जो कि उस वक्त इंग्लैंड का सबसे तेज़ शतक था।

और उस दिन दुनिया ने जाना कि बटलर में कमाल की क्षमता है। परंतु श्रृंखला के पांचवे मुकाबले में उन्हें सचित्र सेनेनायके ने अजीबोगरीब ढंग से मैनकेडिंग आउट कर दिया।मैनकेडिंग यानी गेंद डालने से पहले ही यदि एक बल्लेबाज अपनी क्रीज से बाहर निकल जाए।इस पर काफी विवाद हुए,और क्रिकेट जगत 2 पक्षों में बंट गया,एक जो इसके खिलाफ थे,तो दूसरे जो इसके साथ थे।

इसके बाद जुलाई में जब टीम की पहली विकेटकीपिंग पसंद मैट प्रायर चोटिल हो गए तो बटलर को टेस्ट टीम में बुलाया गया।और भारत के खिलाफ पदार्पण करते हुए अपनी पहली पारी में उन्होंने 83 गेंदों में 85 रन बनाए। इसके बाद बटलर का चयन 2015 विश्व कप में हुआ।

इस दौरान उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ़ 19 गेंदों में 39,और बांग्लादेश के खिलाफ़ 65 रन बनाए,परंतु इंग्लैंड ये दोनों मुकाबले हर गया और लचर प्रदर्शन कर विश्व कप से बाहर हो गया। इसके बाद जॉस बटलर ने एशेज श्रृंखला के सभी मुकाबले खेले। परंतु अंतिम टेस्ट में 42 रनों की पारी को छोड़, वे एक भी बड़ी पारी नहीं खेल पाए।

जिसकी वजह से ज्योफ्रे बॉयकॉट ने उनकी काफ़ी अलोचना भी की। हालांकि सीमित ओवरों में उनकी बल्लेबाजी जबरदस्त थी। उन्होंने उसी वर्ष 77 गेंदों में 129 रन बनाकर उस समय अपना सर्वाधिक स्कोर बनाया। परंतु उनका बल्ला अभी थमने वाला न था,और पाकिस्तान के खिलाफ़ उन्होंने मात्र 46 गेंद में तेज़ शतक बनाकर अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ा।

टेस्ट क्रिकेट में ख़राब प्रदर्शन

इसके बाद उनका चयन 2016 में टी 20 विश्व कप के लिए हुआ। जहां उन्होंने बढ़िया प्रदर्शन भी किया।इसी वर्ष इंग्लैंड ने पाकिस्तान के खिलाफ़ एक दिवसीय में अपना सर्वाधिक स्कोर 444/3 भी बनाया,जिसमे बटलर ने नाबाद 90 रनों का योगदान दिया।सीमित ओवर प्रारूप में तो बटलर लगातार मुकाबले खेल इंग्लैड टीम का अभिन्न अंग बन ही चुके थे, परंतु उस दौरान टेस्ट क्रिकेट में वे मौकों को भुनाने में असफल रहे और टीम से अंदर बाहर होते रहते।

2016 ही वो वर्ष था जब जॉस बटलर को एक नई भूमिका में देखा गया।दरअसल हुआ यूं था कि श्रीलंका के खिलाफ़ टी 20 से पहले सलामी बल्लेबाज एलेक्स हेल्स चोटिल हो गए। ऐसे में जॉस बटलर को ऑपनिंग की ज़िम्मेदारी मिली।और पहले मैच बतौर ओपनर उन्होंने शानदार अर्धशतक बनाया।

इससे एक चीज़ तो साबित हुई कि जो टैलेंट बटलर में है,उसे कहीं न कहीं इंग्लैड बॉर्ड अच्छे से उपयोग नहीं कर पा रहा।और परिणाम स्वरुप बटलर को टी 20 में बतौर सलामी बल्लेबाज खिलाया जाने लगा।जिससे न केवल वे टीम को आतिशी शुरुआत दिलाते, अपितु उन्हें क्रीज़ पर अधिक समय भी मिलता।

Jost Butler Test Century
Jost Butler Test Century

बटलर का बतौर कप्तान पहली श्रृंखला 

जिससे वो और लंबी पारियां खेल पाते।इसके बाद बटलर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा,और आज वे विश्व के टॉप सलामी बल्लेबाजों में शुमार हैं। इसी वर्ष जब कप्तान ऑइन मॉर्गन समेत कई खिलाडियों ने सुरक्षा कारणों के चलते बंग्लादेश दौरे से अपना नाम वापस ले लिया,बटलर को इंग्लैंड टीम की कप्तानी करने का मौका भी मिला।

हालांकि इस श्रृंखला में उनकी बांग्लादेशी खिलाड़ियों के साथ तू तू मैं मैं भी हो गई थी, जिसे रोकने के लिए अंपायर्स को बीच बचाव करना पड़ा। इसके परिणाम स्वरूप बटलर को एक डिमेरिट अंक मिला। उन्हें बंग्लादेश टेस्ट के लिए भी रिज़र्व विकेटकीपर के तौर पर रखा गया। परंतु भारत के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में उनकी वापसी हुई।

और  उन्होंने मुंबई टेस्ट में 76 रन बनाकर टीम को समानजनक स्कोर तक पहुंचाया।लेकिन इसके बाद भी इंग्लैड 4–0 से वो श्रृंखला हार गया और 2017–18 एशेज में भी बटलर का चयन नहीं हुआ। 2017 चैंपियंस ट्रॉफ़ी में भी बटलर इंग्लैड टीम का हिस्सा रहे और उन्होंने कुछ अच्छी पारियां खेली।

और आखिरकार 2018 में उन्हें टेस्ट टीम में भी दोबारा मौके मिलने शुरू हुए। इस बार बटलर इन मौकों को गवाने वाले नहीं थे। उनका चयन पाकिस्तान के खिलाफ़ टेस्ट श्रृंखला के लिए हुआ जहां उन्होंने 2 अर्धशतक बनाए। यही नहीं, हेडिंग्ले टेस्ट में उन्हें 80 रन की मैच जीताऊ पारी के लिए मैन ऑफ़ द मैच भी घोषित किया गया।

Jos Buttler VS Bangladesh
Jos Buttler VS Bangladesh

बेस्ट वाइट बॉल क्रिकेटर की उपाधि

इसके बाद ऑस्ट्रेलिया को एकदिवसीय श्रृंखला में 5–0 से ऐतिहासिक वाइटवॉश में भी उन्होंने काफ़ी अहम योगदान दिया।2 अर्धशतकों के अलावा 5वे मुकाबले में उन्होंने 110 रनों की जुझारु पारी खेल इंग्लैड को हारा हुआ मैच जीता दिया। उनकी इस पारी की बदौलत न केवल उन्हें मैन ऑफ़ द मैच और मैन ऑफ़ द सिरीज़ चुना गया, अपितु क्रिकेट पंडितों ने तो उन्हे बेस्ट व्हाइट बॉल विकेटकीपर बल्लेबाज की उपाधी भी दे डाली।

इसके बाद अगस्त में भारत के खिलाफ 106 रनों की पारी खेल उन्होंने अपना पहला टेस्ट शतक भी लगाया। और अब उन्हें तीनों प्रारूपों की उपकप्तानी भी सौंपी गई। अपने दमदार प्रदर्शन के चलते अब उनका स्थान टेस्ट टीम में भी पक्का हो गया।

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2019 में भी उन्होंने कई कीर्तिमान रचे। वेस्टइंडीज के खिलाफ़ एक odi में उन्होंने मात्र 77 गेंदों पर 150 रनों की पारी खेल खूब वाहवाही लूटी।इस दौरान 50 से 100 के आंकड़े तक पहुंचने में उन्हें महज़ 15 और 150 तक पहुंचने में मात्र 16 गेंदे लगी। इस पारी में उन्होंने 12 गगनचुंबी छक्के जड़े,जो कि किसी भी इंग्लिश खिलाड़ी द्वारा पारी में लगाए सर्वाधिक थे, वहीं इंग्लैड की पारी में कुल 24 छक्के लगे,जो कि उस वक्त रिकॉर्ड था। यहां तक कि उनकी इस पारी की क्रिस गेल ने भी खूब तारीफ की।

बटलर का सबसे तेज शतक-

इसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ़ श्रृंखला के दूसरे एकदीवसीय में बटलर ने केवल 50 गेंदों में शतक पूरा कर 110 रन बनाए। जो कि इंग्लैड के लिए दूसरा सबसे तेज़ शतक था। उन्होंने 2019 विश्व कप में भी कई लाज़वाब पारियां खेल इंग्लैड को विजेता बनाने में अहम योगदान दिया। और फाइनल कौन भूल सकता है, जहां बटलर ने बेन स्टोक्स के साथ मिलकर बहुमूल्य साझेदारी कर अर्धशतकीय पारी खेली, वहीं सुपर ओवर में मार्टिन गुप्टिल को रन आउट कर टीम की जीत सुनिश्चित की।

2020 में जब लॉकडाउन के बाद जब क्रिकेट दोबारा शुरू हुआ तो बटलर ने शानदार वापसी कर अपना दूसरा टेस्ट शतक बनाया। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ एक दिवसीय मुकाबलों में कुछ ख़ास नहीं रहा। परंतु टी 20 में उन्होंने कमाल की बल्लेबाजी की और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ एक मुकाबले में डेविड मलान संग दूसरे विकेट के लिए सर्वाधिक 167 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की।

2021 टी 20 विश्व कप में उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ़ खेलते हुए 101* रनों की पारी खेलकर तीनों प्रारूपों में शतक लगाने वाले इंग्लैड के पहले खिलाड़ी बने। हालांकि उनके शानदार प्रदर्शन के बावजूद, इंग्लैड सेमीफाइनल में ही बाहर हो गया।

इसके बाद एशेज श्रृंखला में उनका चयन बतौर उपकप्तान हुआ, हालांकि उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा और 4 मुकाबलों में मात्र 107 रन बनाए और उंगली में चोट के चलते 5वे मुकाबले से बाहर हो गए।

Jos Buttler Fatest Century
Jos Buttler Fatest Century

बटलर का आईपीएल 2022 में प्रदर्शन-

जॉस बटलर 2022 आईपीएल में अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में रहे ह।और टूर्नामेंट के सर्वाधिक रन स्कोरर बन ऑरेंज कैप भी जीत चुके हैं। चाहे वे राजस्थान को आईपीएल खिताब जीताने में सफ़ल नहीं हो पाए, परंतु उन्होंने 17 मुकाबलों में 57.53 की औसत और 150 के स्ट्राइक रेट से 863 रन बनाकर कई मुकाबले अपने दम पर जीताए।

जो कि आईपीएल इतिहास में दुसरे सर्वाधिक रन हैं। इस मामले में उनसे आगे केवल विराट कोहली ही हैं।  इस सीज़न उन्होंने विराट के बाद 4 शतक लगाए जो कि एक सीज़न में सर्वाधिक हैं। 2016–17 में वो मुम्बई इंडियंस के लिए भी खेल चुके हैं और 2018 से राजस्थान रॉयल्स की टीम का हिस्सा हैं ।

2018 में ही राजस्थान रॉयल्स और पंजाब किंग्स के मुकाबले के दौरान आर अश्विन ने इन्हें मैनकेड कर दिया, जिससे सोशल मीडिया पर भी मानो जंग छिड़ गई। ये कारण उनका क्रीज पर डटे रहकर गेंदबाजों की पिटाई करना ही है, जिसके चलते गेंदबाजों को मैनकेडिंग जैसे नए तरीके ढूंढने पड़ते हैं।

बटलर का सम्पूर्ण करियर

बटलर ने अभी तक अपने करियर में 57 टेस्ट,148 एकदिवसीय और 88 टी20 मुकाबलों में क्रमश: 2907,3872 और 2140 रन बना चुके हैं। कप्तान मॉर्गन के बाद वे इंग्लैड के दूसरे सर्वाधिक टी 20 स्कोरर हैं, और टी 20 में सर्वाधिक 16 अर्धशतकों का रिकॉर्ड भी उनके नाम है।

इसके अलावा जॉस बटलर के नाम इंग्लैड के लिए सर्वाधिक टी 20 और एकदिवसीय शिकार हैं।हम आशा करते हैं कि इनका करियर और लंबा हो और बटलर अनेकों रिकॉर्ड्स की झड़ी लगाकर क्रिकेट जगत का मनोरंजन करें।

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