सुपर हिट खिलाड़ियों के सुपर फ़्लॉप भाई
नेपोटिज़्म, बीते 1 साल में इस लफ़्ज़ का इस्तेमाल इतना हुआ है। कि, अब क़रीब हर शख़्स इस लफ़्ज़ का मतलब जानता है। वो मतलब जो पावरफ़ुल व्यक्ति के अपने जानने वाले को स्थान देने की ओर इशारा करता है।
नेपोटिज़्म राजनीति से लेकर बॉलीवुड तक क़रीब हर प्रोफेशन में देखने को मिलता है। मगर, बात अगर क्रिकेट की हो तो। यहाँ, निपोटिज़्म के बल पर टिक पाना बहुत मुश्किल है। क्योंकि, मैदान में किया गया प्रदर्शन छुपाये नहीं छुपता है।
यही वजह है कि बहुत से बड़े क्रिकेटर्स के भाईयों को भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वो मौके नहीं मिले, जो किसी और फ़ील्ड में एक कामयाब हस्ती के भाई को आराम से मिल सकते थे।
हालाँकि, उन खिलाड़ियों ने मेहनत काफ़ी की। मगर, कुछ खिलाड़ियों की क़िस्मत तो कुछ का खेल उन्हें अपने भाई की परछाई बराबर भी नाम नहीं दिला पाया।
तो चलिये दोस्तों! नारद टी.वी. के इस एपिसोड में ऐसे टॉप-5 भाइयों की जोड़ीयों से आपको मिलवाते हैं। जिनमें एक भाई सुपर हिट रहा तो दूसरे को सुपर फ़्लॉप गिना गया।
इस लिस्ट में पाँचवें नम्बर पर है
#5: हाशिम अमला और अहमद अमला (साउथ अफ़्रीका):-
दोस्तों, हाशिम अमला को साउथ अफ़्रीका ही नहीं क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ों में से एक कहा जाये तो ग़लत नहीं होगा। क्योंकि, 15 साल लंबे कैरियर में अमला ने अफ़्रीका के लिये रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया।
अमला ने 375 अंतर्राष्ट्रीय पारियों में क़रीब 17,000 हज़ार बनाये हैं। जो इस खिलाड़ी का क़द बताने के लिये काफ़ी हैं। मगर, हिट खिलाड़ियों के फ़्लॉप भाइयों की इस लिस्ट में हाशिम अमला का नाम शामिल होने की वजह है उनके बड़े भाई अहमद अमला।
अहमद उम्र में हाशिम से भले ही 3 साल बड़े हो। मगर, इंटरनेशनल क्रिकेट के मामले में वो हाशिम के इर्द-गिर्द भी नहीं हैं। हालाँकि, अहमद के नाम के आगे फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 34 की औसत से 6,587 रन हैं।
मगर, अहमद अमला कभी इंटरनेशनल लेवल हासिल नहीं कर पाये और 34 साल की उम्र में ही क्रिकेट से संन्यास लेकर बिज़नेस फ़ील्ड में कैरियर आगे बढ़ाने चले गये।
#4: ब्रेट ली और शेन ली (ऑस्ट्रेलिया):-
दोस्तों, हो सकता है आप ब्रेट ली के भाई के बारे में पहली बार सुन रहे हो। क्योंकि, क्रिकेट में ली नाम आने पर चर्चे ब्रेट ली से शुरू होकर उन्हीं पर ख़त्म हो जाते हैं।
जिसकी ख़ास वजह रही ब्रेट की रफ़्तार और आग उगलती गेंदें। साथ ही ब्रेट ली के स्टाइल के तो क्या ही कहने। मगर, यहां हम बात ब्रेट ली की नहीं। बल्कि, उनके बड़े भाई और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर शेन ली की कर रहे हैं। क्योंकि, ये लिस्ट ही है सुपरहिट खिलाड़ीयों के फ़्लॉप भाईयों की।
जिसमें शेन ली के आने की मेन वजह है उनके आँकड़े। शेन ऑस्ट्रेलिया के लिये 45 वनडे मैच ज़रूर खेले थे। मगर, 17.68 की बल्लेबाज़ी औसत और 25.83 की गेंदबाज़ी औसत उनके बेहतर खेल से ज़्यादा किस्मत की ओर इशारा करती है। उस दौर में ऑस्ट्रेलिया को एक ऑलराउंडर की सख़्त ज़रूरत थी और ऐसे में शेन को 45 मैच मिल गये।
जिसमें शेन ने बस 477 रन बनाये और महज़ 48 विकेट लिये। हालाँकि, शेन ली के स्टैट्स इतने भी ख़राब नहीं है। मगर, ब्रेट ली जैसे स्टार खिलाड़ी का बड़े भाई होने के आते।
उनका इंटरनेशनल कैरियर बहुत फ़ीका और कमज़ोर नज़र आता है। वैसे ब्रेट ली का शेन के अलावा एक भाई और है ग्रांट ली। क्योंकि, उन्होंने कम उम्र में ही क्रिकेट छोड़ दिया था। इसलिये, क्रिकेट गलियारों में सिर्फ़ शेन ली को ही ब्रेट ली जैसे सुपर हिट खिलाड़ी का फ़्लॉप भाई गिना जाता है।
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#3: मोहिंदर अमरनाथ और सुरिंदर अमरनाथ (इंडिया):-
भारतीय क्रिकेट इतिहास में मशहूर पूर्व खिलाड़ी लाला अमरनाथ का स्थान समुन्द्र किनारे लगे उस लाइट टॉवर की तरह है। जो भटके हुए मुसाफ़िरों को राह दिखाने के काम आता है। ऐसी महान शख्सियत की विरासत को आगे बढ़ाया उनके तीनो बेटो मोहिंदर, राजिंदर और सुरिंदर अमरनाथ ने।
अपने पिता के नख्शे कदम पर चलते हुए तीनों भाइयों ने कलम को किनारे कर क्रिकेट का दामन थाम लिया। हालाँकि, सबसे बड़े भाई सुरिंदर और सबसे छोटे भाई राजिंदर पिता लाला अमरनाथ के ख्वाबों को वो आकार नहीं दे पाये। जो मंझले भाई मोहिंदर अमरनाथ ने दिया।
अपने दोनों भाइयों की तरह दायें हाथ के ऑलराउंडर मोहिंदर ने भारत के लिये 69 टेस्ट और 85 वनडे खेले। इस दौरान मोहिंदर अमरनाथ 1983 विश्व कप जीत का हिस्सा भी रहे। मगर, मोहिंदर अमरनाथ जैसे हिट खिलाड़ी के दोनों भाई राजिंदर और सुरिंदर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में फ़्लॉप रहे। जहाँ बड़े भाई सुरिंदर सिर्फ़ 10 टेस्ट और 3 वनडे मैच ही खेल पाये।
वहीं छोटे भाई का सफ़र तो सिर्फ़ 36 प्रथम श्रेणी मैचों तक ही सिमट कर रह गया। यही वजह रही कि मोहिंदर अमरनाथ जैसा खिलाड़ी होने के बावजूद अमरनाथ बंधुओं को ‘सुपर हिट खिलाड़ी के सुपर फ़्लॉप’ भाइयों की लिस्ट में शामिल किया गया।
#2:- हमिश मार्शल और जेम्स मार्शल (न्यूजीलैंड):-
मार्शल ब्रदर्स सिर्फ़ क्रिकेट नहीं, बल्कि खेल जगत के चुनिंदा जुड़वाँ भाइयों में से एक है। साल 1979 में जन्मे हमिश और जेम्स दोनों दायें हाथ के ऊपरी क्रम के बल्लेबाज़ हैं। यूँ तो हमिश मार्शल अपने जुड़वा भाई जेम्स से कुछ मिनट छोटे हैं। लेकिन, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू हमिश ने जेम्स से 5 साल पहले ही कर लिया था।
हमिश मार्शल ने न्यूजीलैंड की ओर से 13 टैस्ट और 68 वन-डे मैचों में कुल 2,106 रन बनाये यानी हमिश का एक अच्छा अंतर्राष्ट्रीय कैरियर रहा। जबकि, जेम्स मार्शल का करियर सिर्फ़ 7 टैस्ट और 10 एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैचों तक ही सिमट कर रह गया।
मार्शल भाइयों का एक साथ खेलना दर्शकों के लिए भले ही मनोरंजक होता था। लेकिन, साथी खिलाड़ियों के लिये ये एक परेशानी का सबब था।
बकौल ब्रेंडन मैक्कुलम “हमिश और जेम्स में अंतर सिर्फ़ जर्सी नंबर देख के ही बताया जा-सकता है।” हालाँकि, जेम्स के ढीले प्रदर्शन के चलते मार्शल बंधू कुछ मैच ही एक साथ खेल सके और इसलिये मार्शल भाइयों को ‘वन हिट वन फ़्लॉप ब्रदर्स’ के तौर पर याद किया जाता है।
इस लिस्ट में पहले नंबर पर हैं
#1: मोहम्मद कैफ़ और मोहम्मद सैफ़ (भारत):-
दोस्तों, आज दुनिया मोहम्मद सैफ़ को उनके छोटे भाई मोहम्मद कैफ़ के नाम से जानती है। मगर, ये शायद ही कोई जानता हो कि मोहम्मद कैफ़ को क्रिकेटर कैफ़ बनाने में बहुत अहम योगदान उनके बड़े भाई मोहम्मद सैफ़ का भी था। 19 साल रणजी खेलने वाले पिता मोहम्मद तारीफ़ से मिले क्रिकेट के खेल को मोहम्मद सैफ़ ने कम उम्र से ही जुनून बना लिया था।
जिसका नतीजा ये रहा कि मोहम्मद सैफ़ लेट नाइंटीज़ के दौरान भारतीय अंडर-19 टीम का हिस्सा रहे। इस दौरान सैफ़ वीरेन्द्र सहवाग, गौतम गंभीर और आशीष नेहरा जैसे खिलाड़ियों के साथ ब्रेट ली और माइक हसी जैसे खिलाड़ियों के ख़िलाफ़ खेले थे। मगर, एक ऑलराउंडर के रूप में मोहम्मद सैफ़ कुछ ख़ास नहीं कर पाये।
यही वजह रही कि मोहम्मद कैफ़ जैसे बड़े खिलाड़ी का भाई होने के बावजूद मोहम्मद सैफ़ का सफ़र घरेलू क्रिकेट तक ही सीमित रह गया। जबकि, छोटे भाई मोहम्मद कैफ़ के खेल का लोहा पूरी दुनिया मे माना गया।
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