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ऐसे मौके जब भारत ने इंग्लैंड के हाथ से जीत छीन ली

भारत बनाम इंग्लैंड, बीते कुछ सालों से इन दो टीमों के बीच मुक़ाबलों को वो शौहरत मिली है। जो, आमतौर पर एशेज़ और भारत-पाकिस्तान के मुक़ाबलों को मिलती है। जिसमें बड़ी भूमिका खिलाड़ियों के बेहतर होते हुए प्रदर्शन की है। क्योंकि, पहले की तरह अब भारत इंग्लैंड जाकर वहाँ की कंडीशन्स के सामने घुटने नहीं टेकता है। बल्कि, स्विंग, पेस और बाउंस के विरुद्ध डटकर मुक़बाला करता है।

जिसका सबूत लॉर्ड्स की शानदार जीत है। जहाँ भारत ने अंग्रेज़ों की आँख से आँख मिलाकर मुक़ाबला किया। यही वो दूसरी और ख़ास वजह भी है, जिसने भारत बनाम इंग्लैंड सिरीज़ को विश्व क्रिकेट की निगाहों में ला दिया है। अब भारतीय खिलाड़ी इंग्लिश खिलाड़ियों का जवाब उन्हीं के अंदाज़ में देते हैं। भारत और इंग्लैंड क्रिकेट इतिहास के खिलाड़ियों के बीच ऐसी ही कहासुनी पर हम वीडियो ला-चुके हैं।

जिसको आप सभी ने ख़ूब प्यार लुटाया। हम बात करेंगे भारत और इंग्लैंड टेस्ट क्रिकेट इतिहास से जुड़े उन टॉप-5 लम्हों की जिन्होंने विश्व पटल पर भारतीय क्रिकेट के औधे को बढ़ाया। हमने यहाँ हर वो लम्हा शामिल किया है जिसके बाद भारत के खेलने के अंदाज़ और भारतीय क्रिकेटरों के जज़्बे की तारीफ़ दुनियाभर में हुई।

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दोस्तों, इस लिस्ट में सबसे पहला लम्हा है:-

#1:- जब भारत ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहला टेस्ट जीता।

बात साल 1952 की है। साल 1933 में पहला टेस्ट खेलने वाली भारतीय टीम को अब भी अपनी पहली जीत का इंतज़ार था। इस मैच से पहले भारत के सामने खेलने  वाली हर टीमें बस दो परिणाम सोचा करती थी, जीत या ड्रॉ। मगर, 19 साल का ये लंबा इन्तेज़ार जिस अंदाज़ में ख़त्म हुआ, वैसी उम्मीद शायद ही किसी ने की हो।

क्योंकि, 5 टेस्ट मैचों की उस सिरीज़ में इंग्लैंड 4 मैचों के बाद 1-0 से आगे था और तगड़ी फ़ॉर्म में भी। श्रृंखला का आख़िरी टेस्ट मद्रास यानी चेन्नई में इंग्लैंड के टॉस जीतने से शुरू हुआ। इंग्लैंड ने सधी हुई शुरुआत की। मगर, उस मैच में वीनू मांकड़ कुछ और ही सोच कर उतरे थे। लेफ़्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स वीनू ने शानदार गेंदबाज़ी का प्रदर्शन करते हुए पहली पारी में 8 विकेट लिए और इंग्लैंड को 266 पर ऑल आउट कर दिया।

उसके बाद पंकज रॉय के 111 और पॉली उमरीगर के 130 रनों की मदद से भारत ने पहली पारी में 457 रन बनाये और 191 रनों की लीड हासिल कर ली। उन दिनों इंग्लैंड के विरुद्ध इतनी बड़ी बढ़त हासिल करना  किसी करिश्मे से कम नहीं था। मगर, असली कमाल अभी होना बाक़ी था। पहली पारी में इंग्लिश बल्लेबाज़ों को उंगलियों पर नचाने वाले वीनू मांकड़ ने दूसरी पारी में 4 विकेट लिये।

वीनू का साथ दिया गुलाम अहमद ने और उन्होंने भी 4 विकेट लेकर इंग्लैंड को 183 रन पर ऑल आउट कर दिया। इस तरह भारत ने अपना पहला टेस्ट पारी और 8 रनों से जीता। ये वो पल था जिसके बाद भारतीय क्रिकेट टीम ने मैच जीतने के लिये खेलना शुरू किया।

India First Test Win

इतिहासिक लम्हों की इस लिस्ट में अगला लम्हा:-

#2:- जब कपिल ने लगातार 4 छक्के मारकर फॉलोऑन बचाया।

      साल 1990 में भारत टेस्ट श्रृंखला खेलने इंग्लैंड गया। ये घटना उस सिरीज़ के पहले टेस्ट की है। भारत ने टॉस जीतकर गेंदबाज़ी चुनी। लेकिन, ये फ़ैसला भारी पड़ा और इंग्लैंड ने पहली पारी में 633 रन बना दिये। जिसके जवाब में एक समय भारत का स्कोरकार्ड 430 रन पर 9 विकेट दिखा रहा था। भारत के लिये फॉलोऑन बचाना ज़रूरी था।

क्योंकि, पिच और मौसम दोनों भारत के विरुद्ध थे। यहाँ से फ़ॉलोऑन बचाने के लिये अब भी 24 रन बनाने थे और आख़िरी जोड़ी मैदान पर थी। स्ट्राइक पर कपिल देव थे। एड्डी हेम्मिंग्स के ओवर की दो बॉल हो चुकी थी। यहाँ से कपिल देव ने अगली चार गेंदों पर वो किया जो आज भी करिश्मा लगता है। हेम्मिंग्स चार बार कपिल की तरफ़ बॉल लेकर दौड़े और चारों बार एक ही अंजाम, लॉन्ग ऑन के ऊपर से 6 रन।

ओवर में कुल 24 रन आये। भारत ने 1 रन से फॉलोऑन और अपनी इज़्ज़त दोनों बचा लीं। कपिल देव के इस करिश्में बाद भारत को दबाव में भी अच्छा खेलने वाली टीम माना जाने लगा।

Kapil Dev 4 Sixes

इस लिस्ट में अगला नम्बर है उस लम्हे का:-

#3:- जब मातम में डूबे देश को सचिन ने जीत की खुशियाँ दीं।

      मुझे अच्छी तरह याद है, साल 2008 में ताज होटल पर 26/11 हमले के बाद, एक तरफ़ पूरा देश अपनों को खोने के ग़म में डूबा हुआ था। वहीं दूसरी ओर चिंता ये भी थी कि, मुंबई जैसे शहर में हुए इस बड़े हमले के बाद हालात सामान्य होंने में कितना वक़्त लगेगा। ऐसे में क्रिकेट ने पहला क़दम उठाया और हमले के वक़्त वापस जा-चुकी इंग्लैंड टीम को 2 टेस्ट मैचों की श्रंखला के लिये भारत बुलाया गया।

चेन्नई में खेले जाने वाले सीरीज़ के पहले टेस्ट में इंग्लैंड ने पहली पारी में 316 रन बनाये। जबकि, भारत सिर्फ़ 241 रन बना सका। पहली पारी में 76 रनो की बढ़त लेने के बाद इंग्लैंड ने दूसरी पारी में भी शानदार बल्लेबाज़ी की और 311 रन बनाये। भारत को जीत के लिये 387 रनो का लक्ष्य मिला। बल्लेबाज़ों की फॉर्म और पिच की हालत देखते हुए भारत की हार साफ़ नज़र आ-रही थी।

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ऐसे में उदास बैठे देशवासियों के लिये गंभीर, सहवाग, सचिन और युवराज खुशियों की सौगात लेकर आये। ख़ासकर सचिन के शतक ने मुश्किल में पड़ी भारतीय टीम को दिन के आख़िरी घंटे में एक इतिहासिक जीत दिलाई और इस लम्हे को सदा के लिये भारतीय क्रिकेट में अमर कर दिया।

Sachin Tendulkar

इस लिस्ट में अगला लम्हा वो है:-

#4: जब आउट हो चुके इयान बैल को धोनी ने वापस बुलाया।

      दोस्तों, ये घटना उस सीरीज़ में घटी थी। जिसे हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी भूल जाना चाहेगा। साल 2011 का ऐसा इंग्लैंड दौरा जहाँ भारत को एक अदद जीत के लिए तरसना पड़ा था। उस दौरान एक ऐसी घटना हुई जिसका ज़िक्र आज भी खेलभावना की एहमियत समझाने के लिये किया जाता है। दरअसल हुआ ये था, कि सिरीज़ के दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन जब बैल 147 रन पर खेल रहे थे।

तो चाय से पहले की आख़िरी गेंद को उन्होंने बाउंड्री की तरफ़ हिट किया। बैल को लगा कि बाउंड्री हो गयी है और वो साथी खिलाड़ी के साथ चाय के लिये पवेलियन की ओर चल पड़े। मगर, प्रवीण ने बॉल को बाउंड्री पर जाने से रोका और अभिनव मुकुंद के हाथों में थ्रो किया। मुकुंद ने बिना देरी किये बॉल स्टम्प्स पर हिट की और अंपायरों ने बैल को आउट दे दिया। चाय के बीच मे इस घटना ने तूल पकड़ ली।

नियमों के हिसाब से बैल आउट थे। लेकिन, चाय के बाद धोनी ने बड़ा दिल दिखाते हुए इयान बैल को बल्लेबाज़ी के लिये दोबारा बुलाया और भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को गर्व महसूस करने के लिए यादगार लम्हा दिया। धोनी के इस क़दम का महत्व इस बात से पता चलता है कि, इस साल धोनी के इस फ़ैसले को आईसीसी द्वारा ‘स्पिरिट ऑफ़ द डिकेड’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

MS Dhoni

इतिहासिक लम्हों की इस लिस्ट में आख़िरी नम्बर है:-

#5: जब जडेजा के सत्ते और नायर के तिहरे शतक ने जादुई जीत दिलाई।

      दोस्तों, साल 2011 के इंग्लैंड दौरे पर 4-0 से सिरीज़ हारने के बाद। हर भारतीय का सपना था कि, भारत भी कभी इंग्लैंड को इतने बड़े अंतर से हराये। ये लम्हा क़रीब 5 साल बाद जब चेन्नई में आया, तो शायद ही किसी ने उम्मीद की हो। क्योंकि, 5 मैचों की सीरीज़ के उस आख़िरी टेस्ट में इंग्लैंड ने जब पहली पारी में 477 रन बनाए। तो, लगा कि पिच बस बल्लेबाज़ी के लिये ही बनी है।

उसके बाद के.एल. राहुल के 199 और करुण नायर के इतिहासिक तिहरे शतक ने भारत को 759 तक पहुँचाया। क़रीब 4 दिन का खेल ख़त्म होने के बाद भारत के पास 282 रनों की लीड थी। मगर, पिच में गेंदबाज़ों के लिये कुछ नहीं था। ऐसे में जब पांचवें दिन का खेल शुरू हुआ। तो, दर्शक ड्रॉ के अलावा कुछ नहीं सोच रहे थे। मगर, उस  रोज़ रविन्द्र जडेजा ने कमाल करने की ठानी थी।

जडेजा ने इंग्लिश बल्लेबाज़ों को पिच पर टिकने ही नहीं दिया और 7 विकेट लेकर लगभग ड्रॉ लग रहा मैच भारत की झोली में डाल दिया। भारत ने इंग्लैंड को 4-0 से करारी शिकस्त दी। ये वो इतिहासिक लम्हा था जिसके बाद भारत की किलर इंस्टिंक्ट पर किसी टीम को शक नहीं रहा।

Jadeja seven wickets in test

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Mohammad Talib khan

Sports Conten Writer At Naarad TV

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