बॉलीवुड के सुपरहीरो
पूरी दुनियां की फ़िल्म इंडस्ट्री में सुपरहीरो पर आधारित फ़िल्में बनती ही रहती हैं जिन्हें देखना लोग ख़ूब पसंद भी करते हैं, क्या हॉलीवुड और क्या बॉलीवुड। हालांकि जो सफलता सुपरमैन, स्पाइडर-मैन और बैटमैन जैसे तमाम सुपरहीरोज़ की फ़िल्मों ने अर्जित की है वो सफलता बॉलीवुड की फ़िल्मों को अब तक नहीं मिल पायी है।
बेशक़ भारत में कुछ फ़िल्मों को पसंद किया गया और ख़ूब पसंद किया गया बावज़ूद इसके पूरी दुनियाँ में हमारे सुपरहीरोज़ का छा जाना अभी भी बाक़ी ही है। हालांकि देखा जाये तो भारत में बनने वाली ज़्यादातर फ़िल्मों का नायक किसी सुपरहीरो से कम नहीं होता क्योंकि अंततः वह अकेले ही सैकड़ो दुश्मनों को मारकर ज़ुल्म का ख़ात्मा कर ही देता है।
और मज़े की बात कि ज़्यादातर सुपरहीरोज़ की कहानियाँ भी एक सी ही होती हैं- बुराई पर अच्छाई की जीत, जो शुरू से ही भारत में बनने वाली फ़िल्मों का सबसे पसंदीदा विषय रहा है। ऐसे में दुनियाँ भर के सुपरहीरोज़ की सफलता को देखकर भला संपूर्ण ब्रह्माण्ड के सबसे बड़े सुपरहीरो ‘महावीर हनुमान’ के इस महान देश के नायक क्यों पीछे रह जाते।
सुपरहीरोज़ पर आधारित फिल्मे-
दोस्तों सुपरहीरोज़ पर आधारित फ़िल्मों को बनाने में जितना रिस्क एक फ़िल्ममेकर को रहता है, उतना ही रिस्क किसी ऐक्टर को भी ऐसे किरदार निभाने में रहता है, क्योंकि ऐसी फ़िल्मों की टेक्नीक और डायरेक्शन की सीधी तुलना हॉलीवुड की फ़िल्मों से की जाती है,
साथ ही सबसे बड़ी समस्या होती है एक जाने पहचाने चेहरे का अचानक सुपरहीरो बनना, जिसकी एक ख़ास छवि दर्शकों के मन में पहले से ही बनी रहती है।ऐसे में दर्शकों का उस ऐक्टर को इस नये रूप में स्वीकार करना आसान नहीं होता है। बावज़ूद इसके हर दशक में कोई न कोई एक सुपरहीरो दर्शकों के सामने आ ही जाता है।
हिंदी फिल्मों में सुपरहीरो की शुरुआत-
हिंदी फिल्मों में सुपरहीरो की शुरुआत की बात की जाये तो जिस फ़िल्म को पहली सुपरहीरो बेस्ड फिल्म का दरज़ा दिया जाता है वो सुपरमैन से ही प्रभावित थी और वर्ष 1960 में रिलीज़ उस फ़िल्म का नाम था ‘रिटर्न ऑफ मिस्टर सुपरमैन” जिसका निर्देशन किया था
मनमोहन साबिर जी ने और सुपरहीरो बने थे उस दौर के ऐक्शन हीरो पैदी जयराज जी। हालांकि इसके बाद भी सुपरमैन से प्रभावित कुछ एक हिंदी फ़िल्में और भी बनीं जिसमें से एक फ़िल्म का तो नाम ही ‘सुपरमैन’ था।
वर्ष 1987 में आयी इस फ़िल्म में धर्मेन्द्र के साथ पुनीत इस्सर भी थे और मज़े की बात हिंदी फ़िल्मों में ही-मैन का ख़िताब पाने वाले धर्मेन्द्र की बजाय इस फ़िल्म में सुपरमैन की भूमिका पुनीत इस्सर को दी गयी थी। बहरहाल अपने धरम पा तो ख़ुद अपने आप में किसी सुपरहीरो से कम नहीं क्योंकि उनकी इमेज ही कुछ ऐसी थी कि वे कुछ भी कर सकते थे।
धर्मेन्द्र के सुपरहीरो बेस्ड फ़िल्म की बात की जाये तो उन्होंने वर्ष 1982 में ही फ़िल्म ग़ज़ब में एक ऐसी भूमिका निभाई थी जो गायब होकर कुछ भी कर सकता था। धर्मेन्द्र की यह फ़िल्म तमिल फिल्म कल्याणरमन की रीमेक थी जो उस दौर में ख़ूब सफल भी हुई थी।
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फ़िल्म-मिस्टर इंडिया-
गायब होने की सुपरपावर रखने वाले सुपरहीरोज़ की बात हो तो भला वर्ष 1987 मक रिलीज़ हुई फ़िल्म मिस्टर इंडिया के सुपरहीरो को कैसे भूला जा सकता है, जो कि इस फ़िल्म का टाइटल भी है। मिस्टर इंडिया की इस भूमिका को निभाया था एवरग्रीन ऐक्टर अनिल कपूर ने। बोनी कपूर द्वारा निर्मित और शेखर कपूर द्वारा निर्देशित इस फिल्म को सलीम-जावेद की जोड़ी ने लिखा था।
हालांकि मिस्टर इंडिया की कहानी काफी हद तक वर्ष 1957 में रिलीज़ लेजेंडरी ऐक्टर अशोक कुमार की फिल्म ‘मिस्टर एक्स’ से प्रभावित थी, जिसे निर्देशित किया था महेश भट्ट के पिता नानाभाई भट्ट ने, जो उस दौर में काल्पनिक और पौराणिक फिल्में बनाने के लिये मशहूर थे।हालांकि मिस्टर एक्स फिल्म ख़ुद भी एच.जी. वेल्स के प्रसिद्ध उपन्यास ‘द इनविजिबल मैन’ से प्रेरित थी।
बाद में इस फ़िल्म से इंस्पायर्ड होकर वर्ष 1964 में हरफनमौला किशोर कुमार को लेकर ‘मिस्टर एक्स इन बॉम्बे’ भी बनी जिसे दर्शकों ने ख़ूब पसंद किया था।दोस्तों गायब होने के इस ऐवरग्रीन फार्मूले से आज के फ़िल्म मेकर भी इंस्पायर्ड हो चुके हैं तभी तो इमरान हाशमी को लेकर एक बार फिर ‘मिस्टर एक्स’ बनायी गयी। वर्ष 2015 में आयी इस फ़िल्म का निर्देशन किया था विक्रम भट्ट ने।
दोस्तों इन गायब होने के सुपर पावर के बीच 80 के ही दशक में एक और फ़िल्म आयी थी जिसका नाम था “शिवा का इंसाफ”। फ़िल्म “शिवा का इंसाफ’ जो न सिर्फ एक सुपरहीरो पर आधारित फ़िल्म है बल्कि पहली हिंदी 3डी फ़िल्म का दर्ज़ा भी इसे ही दिया जाता है। वर्ष 1985 में रिलीज़ हुई फ़िल्म शिवा का इंसाफ में जैकी श्रॉफ ने “शिवा’ नाम के सुपरहीरो की भूमिका निभाई थी, जिसका निर्देशन राज एन सिप्पी ने किया था।
फ़िल्म–शहंशाह
दोस्तों जिस तरह अपने धरप पा को ‘ही-मैन’ की उपाधि दी जाती है वैसी ही एक उपाधि महानायक अमिताभ बच्चन को भी दी गयी है जो किसी सुपरहीरो से कम नहीं है और वो उपाधि है ‘ऐंग्री यंग मैन’ की। जी हाँ दोस्तों उस दौर में अमिताभ बच्चन की इमेज किसी सुपरहीरो से कम नहीं थी, दुनियाँ भर के सुपरहीरो एक तरफ और अपने अमिताभ एक तरफ। वर्ष 1988 में रिलीज़ हुई फ़िल्म शहंशाह में अमिताभ बच्चन के सुपरहीरो के किरदार को भला कौन भूल सकता है।
इस फ़िल्म में अमिताभ ने इंस्पेक्टर विजय श्रीवास्तव और शहंशाह का रोल निभाया था।फिल्म का एक डायलॉग आज भी मशहूर है- ”रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं नाम है ‘शहंशाह’। इसके बाद अमिताभ बच्चन की ही एक और फ़िल्म आयी अजूबा।
इस फ़िल्म के ज़रिये अमिताभ बच्चन फिल्म शहंशाह के बाद वर्ष 1991 में एक बार फिर से सुपरहीरो अजूबा के किरदार में नजर आए थे। फिल्म अजूबा का निर्माण और निर्देशन सदाबहार अभिनेता शशि कपूर जी ने किया था।
इस फिल्म के निर्देशन में शशि कपूर जी का साथ दिया था सोवियत संघ के निर्देशक गेन्नाडी वासिलेव ने। अरब के लोक साहित्य “such as One Thousand and One Nights” पर आधारित इस फिल्म का निर्माण शशि कपूर जी ने सोवियत संघ की फिल्म प्रोडक्शन कम्पनी के साथ मिल के किया।
हालांकि अमिताभ बच्चन ने इसके अलावा भी तुफ़ान और जादूगर जैसी फ़िल्मों में जो किरदार निभाये उन्हें भी सुपरहीरो से कम नहीं माना जाता है।अगली जिस फ़िल्म की हम बात करने वाले हैं उसका नाम है ‘द्रोण’ जिसमें सुपरहीरो बने थे अमिताभ बच्चन के सुपुत्र और आज के ज़माने के मशहूर ऐक्टर अभिषेक बच्चन।
जी हाँ दोस्तों बॉलीवुड एक्टर अभिषेक बच्चन भी अपने पिता अमिताभ की तरह सुपरहीरो के किरदार में अपनी किस्मत आज़मा चुके हैं। फिल्म ‘द्रोण’ गोल्डी बहल के निर्देशन में बनी थी। हालांकि वर्ष 2008 में रिलीज हुई इस फ़िल्म को बनाने में 60 करोड़ रुपये की लागत लगी थी लेकिन बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म आधी लागत भी वसूल न कर सकी थी और बुरी तरह फ्लॉप साबित हुई।
बचपन से ही आम बच्चों की तरह पीठ पर तौलिया बाँधकर ऊँचाई से कूदकर सुपरहीरो बनने का ख़्वाब देखने वाले आज के सुपर स्टार शाहरुख़ ख़ान को जब सुपरहीरो लुक में नजर आने का मौक़ा मिला तो भला वो भी पीछे क्यों रहते। अपना यह ख़्वाब शाहरुख खान से पूरा किया फिल्म रा-वन से।
रा.वन 2011 में रिलीज़ हुई एक सुपरहीरो फ़िल्म है, जिसका काफी हिस्सा 3डी में है। इस फिल्म को डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने ख़ुद ही लिखा और निर्देशित किया था। इस फ़िल्म में शाहरुख खान ‘शेखर’ और ‘जीवन’ की दोहरी भूमिकाओं में नज़र आये थे।
हालांकि इस फ़िल्म में सुपरहीरो का नाम जीवन है और टाइटल नेम ‘रा-वन’ का किरदार जो कि एक विलेन का है उसे अर्जुन रामपाल ने निभाया है। शाहरुख़ खान के ही प्रोडक्शन में बनी इस फिल्म में शाहरुख़ ने बेहिसाब पैसा खर्च कर दिया था और टेक्नीकली एक अच्छी फ़िल्म होने के बावज़ूद यह फिल्म कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई। हालांकि बच्चों को ये फिल्म खूब पसंद आई थी।
दोस्तों अगली जिस फ़िल्म की बात हम करने वाले हैं उसका नाम है ‘अ फ्लाइंग जट्ट” जिसके सुपर हीरो हैं बेहतरीन फाइट और स्टाइल के लिए मशहूर आज के दौर के बेहद सफल ऐक्टर टाइगर श्रॉफ। पिता जैकी श्रॉफ द्वारा एक सुपरहीरो की भूमिका निभाने के ठीक 31 साल बाद वर्ष 2016 में रिलीज़ हुई सुपरहीरो बेस्ड फिल्म ‘अ फ्लाइंग जट्ट’ में टाइगर श्रॉफ ने भी अपने किरदार को ज़बरदस्त तरीक़े से निभाया है।
दोस्तों इस फिल्म में सुपरहीरो के लुक में टाइगर तो लोगों को ख़ूब पसंद आये थे लेकिन उससे कहीं ज़्यादा तारीफ़ हुई थी राका बने ऑस्ट्रेलियन ऐक्टर नेथन जोन्स की, जिन्होंने शानदार ऐक्शन सीन के अलावा बेहतरीन ऐक्टिंग भी की।
इस फ़िल्म के डायरेक्टर हैं जाने माने कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा जिन्होंने अपने डायरेक्शन के करियर की शुरुआत फिल्म ‘फालतू’ से की थी। इसके बाद उन्होंने डांस पर आधारित फिल्म ‘ABCD’ और ‘ABCD 2’ बनाई, जिसे दर्शकों के बीच खूब पसंद भी किया गया।
फिल्म- कृष
अंत में हम जिस फ़िल्म और जिस सबसे सफल सुपरहीरो की बात करने वाले हैं उससे तो भारत का बच्चा- बच्चा वाक़िफ़ है और वह फ़िल्म व सुपरहीरो है “कृष’। दोस्तों डायरेक्टर राकेश रोशन द्वारा बनायी फ़िल्म कृष वर्ष 2006 में रिलीज हुई थी जो कि ऋतिक रोशन और प्रीति जिंटा की फिल्म ‘कोई मिल गया’ का सीक्वल थी।
यह फिल्म इतनी हिट हुई कि राकेश रोशन ऋतिक रोशन स्टारर इस फिल्म का एक और सीक्वल लेकर आए जिसका नाम था कृष3। पहले से भी कहीं मँहगी और भव्य, इस फ़िल्म को भी दर्शकों द्वारा उतना ही प्यार मिला। हालांकि 2006 में कृष की सफलता के बाद ‘कृष 3’ एक लंबे इंतज़ार के बाद साल 2013 में रिलीज हुई थी।
इस सीक्वेल की सबसे ख़ास बात ये थी कि इस बार सिर्फ हीरो ही नहीं, बल्कि फिल्म के विलेन के पास भी सुपरपावर्स थे जिसे ऐक्टर विवेक ओबेराय ने बहुत ही दमदार अंदाज़ में निभाया था। हालांकि पहले कृष 3′ को एक 3डी फिल्म बनाया जाना था जो और अधिक देरी होने के डर से नहीं बनाया गया। जल्द ही दर्शकों को इस सिरीज़ की चौथी फ़िल्म यानि कृष4 देखने को मिल सकती है।
भारतीय सुपरहीरोज़ का आगमन-
दोस्तों इन फ़िल्मों के अलावा कई हिंदी फ़िल्मों और टीवी शोज़ के ज़रिये भी ढेरों भारतीय सुपरहीरोज़ का आगमन हुआ जिन्हें दर्शकों ने ख़ूब पसंद किया जिनमें से सबसे ज़्यादा मशहूर और पसंदीदा सुपरहीरो था शक्तिमान।
भारतीय सुपरहीरोज़ में अगर सफलता और लोकप्रियता की बात की जाये तो कभी सुपरहीरो शक्तिमान की लोकप्रियता सबसे अधिक हुआ करती थी और इसमें कोई शक़ नहीं कि जब-जब सबसे सफल भारतीय सुपरहीरोज़ की बात होगी तब तब दूरदर्शन पर प्रसारित हुये शो शक्तिमान के सुपरहीरो शक्तिमान का नाम ज़रूर लिया जायेगा, जिसे ऐक्टर मुकेश खन्ना ने बड़े ही शानदार तरीक़े से निभाया था।
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