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2007 World Cup Story:World Cup In A Glance

2007 वनडे (ODI)  विश्व कप, अगर आप गहराई से क्रिकेट (Cricket) देखने वाले लोगों में से हैं तो आपको मालूम होगा और आपने देखा भी होगा कि किस तरह क्रिकेट (Cricket) इतिहास के सबसे बड़े मंच पर लिखा गया यह नौंवा अध्याय नई सदी में क्रिकेट की बदलती (Changing) तस्वीर में महत्वपूर्ण (Important) भूमिका निभाता है।
निराशा (Disappointed) और निर्माण की भूमिका (Role) पर शुरू हुआ यह अध्याय (Chapter) किस तरह एक शव के इर्द-गिर्द घूमती कहानी तक पहुंचा और फिर किस तरह इस अध्याय ने खत्म (Finish) होते होते आईसीसी (ICC) मैनेजमेंट पर कभी ना मिटने वाला धब्बा (Smear) छोड़ दिया था।
यह सबकुछ नारद टीवी की सीरीज (Series) वर्ल्डकप इन ए ग्लांस (Glass) के इस पोस्ट  में हम आपको बताने वाले हैं।
साल 2007 विश्व कप अपने पिछले आठ विश्व (World) कप (Cup) टुर्नामेंट्स (Tournament) से कई मायनों में बिल्कुल ही अलग था, जिसका एक कारण (Reason) यह भी था कि इस विश्व कप एडिशन (Adision) से पहले विश्व क्रिकेट में ऐसा बहुत कुछ चल रहा था जिसका परिणाम (Result) कहीं ना कहीं विश्व कप पर पड़ने वाला था।
साल 2003 विश्व कप में केन्या (Kenya) के शानदार प्रदर्शन ने छोटी टीमों (Teams) को आगे लाने में और उनको बड़े मौकों पर अच्छा स्थान (Place) दिलाने की मुहिम को जन्म (Birth) दे दिया था, साल 2003 विश्व कप में केन्या ने सेमीफाइनल (Semi Final)  तक का सफर तय किया था जिससे अब बाकि छोटी टीमों (Teams) के लिए विश्व कप के दरवाजे खुल गये थे यानि कि ऐसी टीमों (Teams) के लिए अब धीरे धीरे चीजें आसान (Easy) होने के आसार नजर आ रहे थे।
एक तरफ जहां छोटी टीमों के लिए सबकुछ अच्छा (Good) हो रहा था तो वहीं पिछले विश्वकप (World) में फाइनल तक का सफर तय करने वाली भारतीय (indian) टीम में चल रही अंदरुनी (Inside) कलह सबके सामने आ गई थी, चैपल के आगमन से भारतीय (Inside) टीम में जो गर्मा-गर्मी शुरू हुई थी उससे ड्रेसिंग (Dressing) रूम से लेकर मैदान तक सबकुछ बदल गया था।
परिणाम यह हुआ कि जिस भारतीय (Indian) टीम ने अपने पिछले विश्वकप (World Cup)  कैम्पेन से लोगों में विश्वास (Trust) भर दिया था उसके अपने खिलाड़ियों (Players) को इस बार खुद पर भरोसा (Trust) नहीं था।
तीसरी तरफ देखें तो आस्ट्रेलियाई (Australian) खिलाड़ियों ने क्रिकेट (Cricket)  की दुनिया में सनसनी मचा रखी थी, पोंटिंग (Painting) के खेल का जवाब (Answer) किसी के पास नहीं था, लेकिन धीरे-धीरे ये बातें भी हो रही थी कि इस बार जो आस्ट्रेलियाई (Australia) टीम विश्व कप के लिए जा रही है वो पुराने शेरों की टीम है, इनसे टाइटल (Title) डिफेंड नहीं हो पायेगा।
आस्ट्रेलिया के अलावा भी यह विश्व (World) कप बहुत सी टीमों के अलग अलग खिलाड़ियों (Players) का आखिरी टुर्नामेंट (Tournament) होने वाला था यानि कि दुनियाभर (Whole World) के फैंस के लिए इस विश्व (World) कप (Cup) के मायने इमोशनली (Emontionaly) भी बहुत ज्यादा थे।
खैर इन सब बातों और गहमागहमी के बीच यह खबर (News) सामने आई कि यह विश्व (World) कप वेस्टइंडीज (West Indies) के अलग अलग मैदानों (Field) पर खेला जाने वाला है।
और इस बार विश्व कप इतिहास (History) में पहली बार 16 टीमें हिस्सा (Part) लेने वाली हैं जिनको चार अलग अलग ग्रुप्स (Group) में रखा जाएगा।
14 मार्च साल 2007 के दिन आस्ट्रेलिया और स्कॉटलैंड (Scotland) के बीच मैच वार्नर (Warner) पार्क (Park) स्टेडियम (Stadium) में खेला गया जिसमें आस्ट्रेलिया (Australia) ने पहले बल्लेबाजी (Batting) करते हुए स्कोटिश खिलाड़ियों को बेदर्दी से मैदान (Field) में हर तरफ दौड़ाया और 334 रन बोर्ड (Board) पर लगा दिए। जवाब में स्कोटिश बल्लेबाज (Batsman) सिर्फ 131 रन (Run) ही बना पाए और यहां से एकतरफा मुकाबलों (Bouts) का जो सफर शुरू हुआ वो इस टुर्नामेंट (Tournament) के आखिर तक बदस्तूर कायम रहने वाला था। आगे निदरलैंड (Netherlands) को साउथ अफ्रीका ने 221 और आस्ट्रेलिया ने 229 रनों से हराया, यानि कि ग्रुप ए में नीदरलैंड और स्कॉटलैंड दो पाटों के बीच गेंहु की तरह फंस गई थी, और इस तरह इन दोनों टीमों (Teams) को आगे जाने का मौका नहीं मिला।
17 मार्च के दिन भारतीय (Indian) टीम का पहला मुकाबला (Competition) बांग्लादेश के खिलाफ हुआ और भारतीय (Indian) टीम के साथ ग्रुप में जिस तरह की टीमें थी उनको देखकर ऐसा लग रहा था कि भारतीय (Indian) टीम आसानी से टोप 8के लिए क्वालीफाई (Qualify) कर लेगी और ऊपर से जिस पोर्ट (Port) ऑफ स्पेन (Spain) में भारत के पहले तीन मैच होने वाले थे वहां पर भारतीय टीम का रिकॉर्ड भी शानदार था। लेकिन आगे जो हुआ वो किसी की भी कल्पनाओं से परे था और इसलिए ये मैच हमारी लिस्ट में पहले स्थान पर अपनी जगह बनाता है।

Best moments from India’s 2007 T20 World Cup triumph

1] पहले मैच से ही खत्म हो गई थी आशाएं –

भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी (Batting) शुरू की लेकिन सचिन (Sachin) तेंदुलकर (Tendulkar) को विश्व कप में चौथे (Fourth) स्थान पर आने को कहा गया था जिसका असर पुरे बैटिंग (Batting) ओर्डर (Order) पर पहले मैच में ही नजर आना शुरू हो गया था, पहले वीरेन्द्र (Virendra) सहवाग आउट (Out) हुए, रोबिन उथप्पा और सचिन तेंदुलकर भी ज्यादा देर तक नहीं टिक पाये।
युवराज (Yuvraj) सिंह और गांगुली (Ganguli) ने कुछ संभालने का प्रयास (Attempt) किया लेकिन ज्यादा कुछ नहीं हो पाया, महेन्द्र (Mahendra) सिंह (Sigh) धोनी शून्य पर आउट (Out) हो गए और पुरी टीम 191 पर ढह गई, जवाब में बांग्लादेश (Bangladesh) ने पांच विकेट (Wicket) रहते ये मैच आसानी से जीत (Win) लिया था।
भारतीय टीम का अगला मैच बरमूडा (Bermuda) के साथ हुआ और यहां भारतीय टीम ने बल्लेबाजी (Bating) का जो नमूना पेश किया वो विश्व कप इतिहास में लोगों के लिए अपनी तरह का पहला अनुभव (Experience) था, सहवाग का शतक (Century), सचिन की तेज अर्धशतकीय (Half Century) पारी और बोर्ड पर लिखे 413 रन, कुछ दिन पहले श्रीलंका के हाथों 243 रनों से मात खाकर आई बरमूडा के पास भारत की इस चुनौती (Challenges) का कोई जवाब (Answer) नहीं था और इस टीम ने 257 रन पहले ही अपने हथियार डाल दिए थे।
इस विश्व (World) कप (Cup) का पहला मैच वेस्टइंडीज (West Indies) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच खेला गया था और ये दोनों टीमें ग्रुप डी का हिस्सा थी, यह मैच हमारी लिस्ट में दुसरा स्थान हासिल करता है।

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2) हार और हार्टअटैक

मैच में पहले बल्लेबाजी (Batting) करते हुए वेस्टइंडीज ने 241 रन (Run) बनाए लेकिन जवाब में पाकिस्तान का प्रदर्शन देखकर कहीं भी नहीं लगा कि ये पिछले विश्वकप (World) की दुसरी सबसे शानदार एशियाई (Asian) टीम थी,शोएब मलिक के अलावा कप्तान (Captain) इंजमाम उल हक ही थे जिन्होंने कुछ समय (Time) बल्ला (Bat) थामे रखा मगर आखिर में पुरी टीम 187 पर आलआउट (All Out) हो गई।
लेकिन उस दिन पाकिस्तान टीम के लिए ये एकमात्र (Only) बुरी खबर (News) नहीं थी, पाकिस्तान की हार के कुछ ही देर बाद खबर (News) आई कि पाकिस्तान के कोच बोब वूल्मर (Woolmer) को हार्ट अटैक आया है और उनकी हालत स्थिर है।
इस तरह की शुरुआत के बाद जहां एक तरफ पाकिस्तान दोहरी मार से गुजर रहा था तो वहीं दूसरी तरफ भारत को बरमूडा (Bermuda) से जीतने के बाद श्रीलंका (Sri Lanka) के खिलाफ अपना आखिरी ग्रुप स्टेज (Stage) मैच जीतना जरूरी हो गया था लेकिन आगे जो हुआ वो इनमें से किसी भी टीम (Team) ने नहीं सोचा था, और इसलिए इन तीन टीमों (Team) के साथ आगे इस विश्व (Worlds) कप में होने वाली घटनाएं मिलकर हमारी लिस्ट (List) में तीसरा स्थान हासिल करती है।

3) भारत बाहर, पाकिस्तान बाहर और वूल्मर का शव –

भारत और श्रीलंका के बीच हुए मुकाबले (Competition) में श्रीलंका ने भारतीय (Indian) टीम के सामने 255 का लक्ष्य रख दिया था और जवाब में एक बार फिर वही हुआ जो इस विश्व (World) कप में शुरू से होता आ रहा था, लक्ष्य (Target) का पीछा करने वाली टीम ढह गई और श्रीलंका 69 रनों से यह मैच जीतकर टोप 8 के लिए क्वालीफाई (Qualify) कर लिया था।
मगर एक शानदार टीम (Team) जिसे कुछ फैसलों और मनमानी भरे माहौल (Environment) ने उस स्थान (Place) पर लाकर खड़ा कर दिया था कि उसके खिलाड़ी (Player) अपने देश (Country) जाने से भी घबरा रहे थे, धोनी ने अपने एक इंटरव्यू (Industry) में कहा था कि उस समय मुझे लग रहा था कि हम कोई मुजरिम हैं जिन्हें जेल (Jail) ले जाया जा रहा है।
भारत में लोगों का गुस्सा (Anger) चैपल से लेकर धोनी जैसे नये खिलाड़ियों (Players) पर दिखाई दे रहा था, लोगों की सहनशक्ति ने जवाब दे दिया था, भारत जैसे देश (Country) में क्रिकेट को खत्म करने की बातें होने लगी थी।
एक तरफ जहां भारत (Indian) में यह सब हो रहा था तो वहीं पाकिस्तान भी अपना दुसरा मैच आयरलैंड (Ireland) से हारकर टुर्नामेंट (Tournament) से बाहर हो गया था और इसी के साथ बोब वूल्मर के निधन (Death) की खबर ने सभी खिलाड़ियों को भी शक के दायरे में लाकर खड़ा कर दिया था यानि कि पाकिस्तान टीम के लिए अब अपने देश और वेस्टइंडीज (West Indies) दोनों जगह हालात लगभग एक जैसे थे।
वूल्मर की मौत पर छानबीन चल रही थी और मैदान में आस्ट्रेलिया (Australia) अपने अजेय अभियान के साथ सुपर (Super) एट (Act) के लिए क्वालीफाई (Qualify) कर गया था, अफ्रीका (Africa) भी ग्रुप ए से आगे जाने वाली दुसरी टीम थी, ग्रुप बी से श्रीलंका (Sri Lanka) और बांग्लादेश (Bangladesh) ने क्वालिफाई (Qualify) कर लिया था, बाकि चार टीमें न्यूजीलैंड (New Zealand), इंग्लैंड, आयरलैंड (Ireland) और वेस्टइंडीज थी।
27 मार्च से सुपर 8 के लिए सेमीफाइनल (Semifinal) तक पहुंचने की कोशिशें शुरू हुई जिसमें पहला मुकाबला आस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया, इस मैच में मैथ्यू (Matthew) हेडन दोनों टीमों के बीच का सबसे बड़ा अंतर थे, अपने चिर परिचित (Familiar) अंदाज में इस पुराने शेर ने 158 रनों की ताबड़तोड़ पारी (Turn) खेली और आस्ट्रेलिया यह मैच 103 रनों (Runs) से जीत (Victory) गया।
इस तरह कुछ नजदीकी मुकाबले और कुछ बड़े शानदार मैचों (Match) के साथ सुपर 8 राउंड (Round) भी पुरा हो गया जिसके बाद अब श्रीलंका (Sri Lanka), न्यूजीलैंड (New zealand), आस्ट्रेलिया (Australia) और अफ्रीका (Africa) इस शानदार टुर्नामेंट (Tournament) की चार सबसे शानदार टीमें बनकर सामने आई।
पहले सेमीफाइनल (Semi Final) मैच में कप्तान (Captain) जयवर्धने की शानदार शतकीय (Centennial) पारी और मुरलीधरन के जादुई प्रदर्शन की बदौलत श्रीलंका ने न्यूजीलैंड को हराकर फाइनल (Final) में अपना स्थान (Place) पक्का कर लिया था और अब दुसरी टीम का इंतजार (Wait) था।
अफ्रीका और आस्ट्रेलिया के बीच टुर्नामेंट (Tournament) का दुसरा सेमीफाइनल (Semifinal) मैच खेला गया और ये मैच हमारी लिस्ट (List) में चौथे स्थान पर आता है।

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4) streak and title vs dream to be in the final

यह मैच देखने में तो किसी आम क्रिकेट (Cricket) मैच की तरह था लेकिन एकतरफ जहां बड़ी चीजें दांव पर लगी थी तो वहीं यह बात भी लोगों को इस मैच (Match) के लिए उत्साहित (Excited) कर रही थी कि ये दोनों वहीं टीमें है जिन्होंने कुछ समय पहले ही एक ही मैच में 400 से ज्यादा रन (Run) बनाए थे।
मगर मैच के पहले घंटे (Hours) में ही तस्वीर इस बार साफ हो गई थी, साउथ अफ्रीका शोन टेट का कहर बर्दाश्त (Tolerate) नहीं कर पाई और पहले बल्लेबाजी (Batting) करते हुए मात्र 149 के स्कोर (Score) पर आउट हो गई, आस्ट्रेलिया (Australia) ने सात विकेटों ?(Wickets) से यह मैच अपने नाम किया और अब यह देश विश्व (World) कप में लगातार 28 मैच जीतकर (Victory) छठी बार फाइनल (Final) खेलने के लिए तैयार था।
लेकिन फाइनल तक जाने से पहले थोड़ा पीछे चलते हैं और आपको कुछ और बातें बताते हैं जो इस विश्व (World) कप (Cup) को खास बनाती है।
वेस्टइंडीज क्रिकेट के कर्ताधर्ताओं ने अपनी धरती (Land) पर हो रहे इस सबसे बड़े टुर्नामेंट (Tournament) को यादगार बनाने के लिए कुल 301 मिलियन (Million) डॉलर (dollar) की बड़ी रकम मैदानों और अन्य जरूरी जगहों को शानदार बनाने के लिए खर्च (Expenditure) किया था, दुनिया भर के लगभग 200 देशों में इस टुर्नामेंट (Tournament) को ब्रोडकास्ट किया गया था, लगभग 11 लाख लोगों ने इस टुर्नामेंट में अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई थी।
इन दर्शकों (Audience) के लिए नीदरलैंड्स (Netherlands) के खिलाफ गिब्स के लगाए 6 छक्के और फिर सुपर 8 मुकाबले (Competition) में मलिंगा के चार लगातार विकेटों को लेते देखना अपनी तरह का एकमात्र अनुभव था।
एक तरफ आंकड़े (Statics) मैच दर मैच बदल रहे थे और रोमांच बढ़ रहा था तो वहीं वूल्मर (Vlumer) के केस में चल रही लंबी छानबीन आईसीसी (Icc) मैनेजमेंट (Manage) पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर रही थी, भारत पाकिस्तान जैसी बड़ी टीमों का खराब प्रदर्शन भी इस विश्व कप के लिए एक बड़ा सैटबैक (Setback) था।
बड़ी टीमों ने निराश किया तो वहीं बांग्लादेश (Bangladesh) और आयरलैंड (Ireland) जैसी छोटी और कागज (Page) पर कमजोर नजर आने वाली टीमों ने अपने प्रदर्शन से एक ने भविष्य निर्माण के संकेत (Signal) भी दे दिए थे।
ये सब होने के बाद विश्व (World) कप पर निगाहें डाले बैठे लोगों को अब एक शानदार फाइनल (Final) की जरूरत थी जो अंतरराष्ट्रीय (International) क्रिकेट इतिहास के सबसे कोन्ट्रवर्सीयल (Controversy) टुर्नामेंट के लिए कुदरत ने अपनी तरह से तैयार कर रखा था तो चलिए फिर चलते हैं इस टुर्नामेंट के आखिरी और हमारी लिस्ट (List) के पांचवें सबसे शानदार लम्हे (Moments) की तरफ जिसके लिए ब्रिजटाउन (Bridgement) का मैदान तैयार था।

5) शानदार शतक, खराब मैनेजमेंट और अंधेरे में मनाया गया जश्न

28 अप्रैल के दिन आस्ट्रेलिया (Australia) ने टोस जीतकर पहले बल्लेबाजी (Batting) करने का फैसला किया, मैदान (Field) पर एडम गिलक्रिस्ट (Gilcrest) उतरे और ग्लव्स में फंसाई एक गेंद के साथ पहले ही ओवर (Over) से अपने अंदाज में मैच का आगाज किया, 149 रनों की उस पारी के बाद जब आस्ट्रेलिया ने 281 रन बना लिए थे तो श्रीलंका के लिए यहां से जीत (Victory) निकाल पाना मुश्किल था और ऊपर से मैदान पर मौसम भी धीरे-धीरे बदल रहा था।
बारिश की खलल की वजह से पहले ही इस मैच को 38 ओवरों (Overs) तक सिमित कर दिया गया था लेकिन फिर श्रीलंका के सामने 36 ओवरों में 269 रनों का लक्ष्य निर्धारित किया गया जो सांगाकारा और जयसूर्या (Jayasurya) की आतिशी शतकीय साझेदारी के चलते आसान नजर आ रहा था लेकिन फिर इनके आउट (Out) होने के बाद आशाएं (Hope) धीरे धीरे खत्म होना शुरू हो गई थी।
लेकिन एक बड़ा बल्डंर (Blunder) तो अभी होना बाकि था, 33 वां ओवर (Over) खत्म होने के बाद खराब रोशनी के चलते अम्पायर्स (Umpires) ने खेल को रोकने का फैसला किया और आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों (Players) को लगा कि उन्होंने मैच जीत लिया है क्योंकि दुसरी पारी में निर्धारित 20 ओवरों का खेल हो चुका था मगर अम्पायरों (Umpires) ने बताया कि क्योंकि यह मैच बारिश की वजह से नहीं बंद किया गया है इसलिए आखिरी तीन ओवरों का मैच अगले दिन खेला जाएगा।
नियमों को किनारे रखकर अम्पायर्स और मैच रेफरी की अनुभवी टीम अब अंतर्राष्ट्रीय (International) क्रिकेट के सबसे बड़े मैच को ड्रामा (Drama) बनाने पर अड़ गई थी, और यह ड्रामा अगले दिन तक ना जाए इसलिए कप्तान (Captain) जयवर्धने ने अपनी बैटिंग को जारी रखने का फैसला (Decision) किया और दुसरी तरफ पोंटिंग ने बोल 9 दिया कि बाकि के तीन ओवर स्पिन (Spin) गेंदबाज ही डालेंगे।

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लेकिन जब तक यह निर्णय (Decision) हुआ मैदान पर पुरी तरह से अंधेरा हो गया था, एक शानदार टुर्नामेंट (Tournament) का सबसे जरुरी (Important) मैच मजाक बन गया था, मैच उसी दिन पुरा हुआ और आस्ट्रेलिया (Australia) लगातार तीसरी बार विश्व चैंपियन (Champion) बन गई।
लगातार 29 मैच जीतकर तीसरी (Third) बार चैंपियन (Champion) बनी आस्ट्रेलिया के लिए भले ही यह विश्व (World) कप यादगार रहा लेकिन आइसीसी मैनेजमेंट (Managements) पर काले धब्बे की तरह हमेशा के लिए चिपक गया, फाइनल (Final) मैच में जो कुछ हुआ उसको देखते हुए यह निर्णय लिया गया कि उस मैच (Match) के अम्पायरिंग पैनल (Panel) और मैच रेफरी सभी को अगले आइसीसी टुर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेने दिया जायेगा।
अगला आईसीसी (Icc) टुर्नामेंट यानि पहला अंतर्राष्ट्रीय t20 विश्व कप, जहां से एक नये कप्तान (Captain) निकलकर आया और उसने आने वाले दशक (Audience) को किस तरह भारतीय (Indian)  क्रिकेट इतिहास में अमर कर दिया, कैसा था एक हताश टीम के चैंपियंस (Champion) बनने का सफर इसी कहानी (Story) को लेकर हम फिर लौटेंगे इस सीरीज के दसवें एपिसोड (Episodes) के साथ तब तक के लिए नमस्कार।

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