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जैक्स कालिस कहानी विश्व के सबसे महान ऑलराउंडर की

 जैक्स कालिस
जैक्स कालिस

कहानी : कुछ दीये रौशनी तो बिखरते हैं लेकिन जरा देर से और जब बिखेरते हैं तो पूरी दुनिया को अपनी चमक से चकाचौंध कर देते हैं | ये खिलाड़ी भी जरा देर से चमका और जब चमका तो ऐसा कि पूरे क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया | एक शानदार बल्लेबाज, बेहतरीन गेंदबाज और चुस्त चपल फील्डर | वाकई ये खिलाड़ी दुनिया के सबसे महान आल राउंडर में से एक था | इनके कैरियर की शुरुआत एक बुरे सपने की तरह थी और अंत सुनहरे सपने की तरह | अपने पूरे कैरियर में इन्होने खूब रिकॉर्ड तोड़े और खूब बनाये | हम बात कर रहे हैं साउथ अफ्रीका के अब तक के सबसे बेहतरीन खिलाडियों में शुमार आलराउंडर जैक्स कालिस की |

आखिर क्यों इनकी ही बहन ने इनके आउट होने का जश्न मनाया था, इनके पिता की मौत और इनकी जर्सी नम्बर का क्या कनेक्शन है और कैसे ये खिलाड़ी अपने पिता के चलते विवादों से घिर गया था?

जैक्स हेनरी कैलिस का जन्म 1975 में केपटाउन, साउथ अफ्रीका में हुआ था | इनके क्रिकेट में आने की वजह इनके पिता हेनरी कैलिस थे | खुद कैलिस भी अपने पिता को ही अपना आदर्श मानते हैं | कैलिस स्कूल के दिनों से ही क्रिकेट खेलते थे | यहाँ उन्होंने खुद को खूब तपाया | उनकी टीम के कोचिंग स्टाफ ने उनकी आलराउंडर क्षमता बहुत ही जल्दी आंक ली थी | इनके खेल की बदौलत ही 1995 के अंत में इनका सिलेक्शन नेशनल टीम में कर लिया गया | लेकिन इनका शुरुआती कैरियर इनके किसी बुरे सपने के जैसा रहा |

आप में से तमाम लोग यकीन नहीं करेंगे कि ये अपने पहले सात मैचों में महज आठ के एवरेज से सिर्फ 57 रन ही बना पाए थे | इतना ही नहीं इस दौरान केवल एक ही मौका ऐसा आया जब वो दोहरे अंकों तक पहुँच सके | वो 1996 के वर्ल्ड कप के लिए भी टीम का हिस्सा थे लेकिन उसमें उनको बहुत ज्यादा मौके नहीं मिले और जिनमे मिले भी उसमें वो पहले की ही तरह कुछ खास नहीं कर सके |

ऐसी शुरुआती असफलता बड़े से बड़े खिलाड़ी का मनोबल तोड़ सकती है | हो सकता है कैलिस के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ हो लेकिन कहते हैं न कि गिरते हैं शाहे सवार ही मैदाने जंग में | तो ये भी गिरे बार बार गिरे लेकिन फिर उठे और ऐसा उठे कि अपनी पिछली असफलताओं के कड़वेपन को आने सुनहरे भविष्य की चमक से एकदम फीका कर दिया | साल 1997 मेलबर्न का मैदान | उस दौर में आस्ट्रेलिया को उसके घर में हराना लोहे के चने चबाने जैसा था |

आस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 309 रन बनाये जिसके जवाब में साउथ अफ्रीका सिर्फ 186 रन पर ही ढेर हो गई | आस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 257 रन बनाये | साउथ अफ्रीका को मैच बचाने के लिए लगभग पूरे दो दिन तक बैटिंग करनी थी | लेकिन ऐसा होना नामुमकिन लग रहा था | 88 रनों पर ही दो विकेट गिर चुके थे | और फिर मैदान पर उतरे नाकामयाबी का साया ओढ़े जैक्स कैलिस | और फिर कैलिस ने वो किया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी | उन्होंने मैदान पर खूँटा गाड़ दिया | इस मैच में कालिस ने न केवल अपने कैरियर का पहला शतक ठोंका बल्कि आस्ट्रेलिया के जबड़े से जीत भी छीन ली | कैलिस की इस पारी की बदौलत साउथ अफ्रीका ये टेस्ट मैच ड्रा कराने में कामयाब रहा |

इस पारी ने कैलिस के कैरियर की दशा और दिशा दोनों ही बदल दी | साउथ अफ्रीका ने 1998 में हुई ICC Champions Trophy भी जीती और इसके सूत्रधार भी कैलिस ही रहे | ये इस टूर्नामेंट के दो मैचों में मैन ऑफ़ द मैच बने ही प्लेयर ऑफ़ द सिरीज का खिताफ भी खुद ही ले उड़े | साउथ अफ्रीका हमेशा से एक शानदार टीम रही है लेकिन ये बात हैरान करती है कि ये अब क इकलौता ICC टूर्नामेंट है जो साउथ अफ्रीका ने जीता है | शायद इसीलिए इन्हें चोकर्स भी कहा जाता है | साल 2000 में भारत को भारत में हराने का कारनामा भी साउथ अफ्रीका ने जैक्स कालिस की अगुवाई में ही किया | इस टेस्ट सिरीज में प्लेयर ऑफ़ द सिरीज एक बार फिर कैलिस ही रहे | 2001 आते आते उनके नाम का डंका पूरी दुनिया में बजने लगा था | अब तक वो टेस्ट और वन डे दोनों में ही दुनिया के नम्बर 1 आलराउंडर बन चुके थे |

कैलिस टेस्ट इतिहास में उन चुनिन्दा चार खिलाडियों में शामिल हैं जिन्होंने लगातार पांच मैचों में सेंचुरी ठोंकी हो | इनसे पहले ये कारनामा केवल सर डोनल्ड ब्रेडमैन ही कर सके थे | हालाँकि कैलिस के बाद पाकिस्तान के मोहम्मद युसूफ और भारत के गौतम गम्भीर ने इसे दोहराया था | कैलिस ने ऐसा 2003 – 04 सीजन के दौरान किया | कालिस अपनी डिफेंसिव बैटिंग के लिए जाने जाते थे | उनका जैसा डिफेन्स दुनिया के किसी भी बैटर के पास शायद ही मिले हाँ वाल ऑफ़ इंडिया कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ जरूर अपवाद हैं |

इन्होने लगातार बीस सालों तक अपनी टीम के लिए नम्बर चार की पोजीशन संभाली | वो जब मैदान पर बैटिंग के लिए उतरते थे तो मानो पिच पर चिपक जाते थे | दरअसल वो अपनी बैटिंग से सामने वाले बॉलर के सब्र का इम्तिहान लिया करते थे | हालाँकि कई बार ऐसे मौके भी ए जब इन्होने अपने स्वाभाव के ठीक उलट खेल दिखाया | 2005 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेले एक टेस्ट मैच में केवल 24 गेंदों में अर्धशतक ठोंक दिया | ये टेस्ट क्रिकेट इतिहास का अब तक का सबसे तेज अर्ध शतक था |

2007 में कैलिस ने चार टेस्ट मैचों में पांच शतक जड़ दिए | और ऐसा करके उन्होंने न केवल अपना रिकॉर्ड दुरुस्त किया बल्कि रिकॉर्डबुक मेंटेन करने वालों को भी डिस्टर्ब किया | वो दुनिया के चौथे ऐसे खिलाड़ी बन बैठे जिसने जिसने दो अलग अलग मौकों पर चार टेस्ट में चार शतक ठोंके हों | पूरी दुनिया की बल्लेबाज और गेंदबाज इनके नाम से ही खौफ खाते थे | जब वो बैटिंग करने उतरते थे तो सामने वाले बॉलर का पसीना निकल जाता था क्योंकि उसे मालूम होता था कि कालिस को आउट करने के लिए अब आगे भी पसीना ही बहाना है | वहीं जब इनके हाथों में बॉल आती थी तो सामने वाला बैटर घबराता था |

ये दुनिया के बेस्ट आलराउंडर क्यों कहे जाते हैं इसको समझने के लिए इनके आंकड़ों पर नजर डालिए | इनका बैटिंग एवरेज आपको हैरान कर देगा | दुनिया के बड़े बड़े दिग्गजों को मात करता है उनका बैटिंग एवरेज | ये 166 टेस्ट मैचों में 55 से भी ऊपर का बैटिंग एवरेज रखते हैं | जबकि 328 वन डे मैचों में 44 से ऊपर का एवरेज | बालिंग में भी उनका रिकॉर्ड जबर्दस्त है | इन्होने टेस्ट में जहाँ 292 विकेट हासिल किये तो वन डे में 273 |

2005 में इन्हें ICC प्लेयर ऑफ़ द इयर से भी नवाजा गया | लेकिन उस वक्त इंग्लैंड के एंड्रू फ्लिंटाफ भी दुनिया के बेहतरीन आलराउंडर में शुमार हुआ करते थे | उस दौरान दोनों में कड़ी टक्कर चल रही थी | यही वजह थी कि ICC को भी प्लेयर ऑफ़ द इयर चुनने में खासी मशक्कत करनी पड़ी | और उस साल जैक्स कालिस के साथ एंड्रू फ्लिंटाफ को भी ये सम्मान मिला |

इसमें कोई दोराय नहीं कि वो एक बेहतरीन बल्लेबाज थे लेकिन अक्सर उनकी धीमी बैटिंग उनकी टीम के लिए मुसीबत बन जाया करती थी | 2007 वर्ल्ड कप में जैक्स कैलिस ने 80 से भी ज्यादा के एवरेज से 485 रन बनाये | उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में साउथ अफ्रीका की तरफ से सबसे ज्यादा रन स्कोर किये | लेकिन उनकी धीमी बैटिंग से कई बार बड़े अहम मौकों पर उनकी ही टीम का मोमेंटम बिगड़ा |

शायद इनकी धीमी बैटिंग ही वजह थी जिसके चलते उन्हें 2007 के टी ट्वेंटी वर्ल्ड कप के लिए टीम में नहीं चुना गया | बेहद शांत और सौम्य दिखने वाले कैलिस ने भी टीम की उपकप्तानी छोड़कर अपना गुस्सा दिखाया | हालाँकि पाकिस्तान के खिलाफ होने वाली टेस्ट सिरीज में वो टीम में वापस लौटे | लौटते ही अगली चार पारियों में तीन शतक जड़ दिए | ये न केवल दो मैचों में मैन ऑफ़ थे मैच बने बल्कि प्लेयर ऑफ़ द सिरीज भी हथिया ले गये |

रुकना इस खिलाड़ी ने कभी सीखा ही नहीं था | कैलिस को एशिया में खेलना बड़ा रास आता था | एशिया में इनका बल्ला आग उगलता था | कैलिस ने एशिया में 25 टेस्ट मैचों में 55 से भी ज्यादा के एवरेज से 2000 से भी ज्यादा रन बनाये थे | ऐसा करने वाले एशिया से बाहर के वो पहले खिलाड़ी थे | लोग उन्हें भले ही एंकर बल्लेबाज मानते रहे हों लेकिन छक्कों के मामलों में इनका कोई तोड़ नहीं है | कालिस ने पूरे टेस्ट कैरियर में कुल मिलाकर 97 छक्के ठोंके | आपको जानके हैरानी होगी कि इस मामले में उनसे आगे 100 छक्कों के साथ सिर्फ एडम गिलक्रिस्ट ही रहे |

जब ये आउट होते थे तो दुनिया भर के खेलप्रेमियों में उदासी छा जाती थी लेकिन एक बार ऐसा भी हुआ जब खुद इनकी बहन ने इनके आउट होने का जश्न मनाया था | सुनने में भले ही अटपटा लग रहा हो लेकिन है हकीकत | दरअसल 2009 में साउथ अफ्रीका में हुए आईपीएल में कैलिस की बहन चेन्नई सुपर किंग्स के लिए चीयर लीडर थीं वहीं कैलिस बैंगलोर रॉयल चैलेंजर के लिए खेल रहे थे | दोनों के बीच हुए मुकाबले में जब कैलिस आउट हुए तो चेन्नई की चीयर लीडर और कैलिस की बहन ने अपने जबर्दस्त डांस के जरिये कैलिस के आउट होने का जश्न मनाया था |

इनकी जर्सी के पीछे भी एक राज है | असल में अपने कैरियर में एक लम्बे समय तक 3 नम्बर की जर्सी पहनते रहे | लेकिन जब 65 साल की उम्र में इनके पिता का कैंसर के चलते देहांत हो गया तब उन्होंने अपने पिता की याद में 65 नम्बर की जर्सी पहननी शुरू कर दी | कैलिस अपने पिता को ही अपना गुरु मानते थे | लेकिन एक बार वो अपने पिता की वजह से ही विवादों में भी घिर गये थे | कैलिस विवादों में तब आये जब इन्होने मैच से पहले होने वाले नेशनल एंथम को गाने के बजाय चुप्पी साध ली | ऐसा वो लगातार करते रहे |

विवाद इतना गहराया कि इन्हें अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड ने बुलावा भेज दिया | लेकिन इस दौरान कैलिस ने जो खुलासे किये उसने पूरे क्रिकेट जगत को चौंका दिया | दरअसल उसी समय कैलिस ने अपने माँ बाप खोये थे | वो अपने पिता की बहुत करीब थे | वो दोनों अक्सर ही साथ में नेशनल एंथम गाया करते थे | कैलिस ने बताया कि वो अपने पिता की याद में नेशनल एंथम को अपने दिल में ही चुपचाप गाया करते थे |

कैलिस अपने पिता के इतने करीब थे कि एक समय उन्होंने क्रिकेट से लगभग किनारा ही कर लिया था | जब कैलिस को पता चला कि उनके पिता को कैंसर है तो उन्होंने अपना समय पिता की देखभाल में देने का फैसला किया | ये और बात है कि वो अपने पिता को बचा नहीं सके |

टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार मैन ऑफ़ द मैच बनने का रिकॉर्ड भी कैलिस के ही नाम दर्ज है | कैलिस 23 बार मैन ऑफ़ द मैच बने | 9 बार ही ये प्लेयर ऑफ़ द सीरीज भी रहे जोकि मुरलीधरन के बाद सबसे ज्यादा है | जितना बेहतर वो टेस्ट में थे उतना ही वन डे में भी | वन डे क्रिकेट में कैलिस ने 32 बार मैन ऑफ़ द मैच का खिताब जीता जोकि किसी भी साउथ अफ्रीकन खिलाड़ी द्वारा सबसे ज्यादा है इनके नाम एक और अनोखा रिकॉर्ड है | ये दुनिया के पहले ऐसे बल्लेबाज थे जिन्होंने अपने 150 वें मैच में 150 रन बनाये |

मैदान पर भले ही कैलिस चिपकू रहे हों लेकिन मैदान के बाहर प्यार मोहब्बत की गलियों में वो दिलफेंक ही रहे | उनके अफेयर्स की लम्बी चौड़ी लिस्ट है | इसमें कोई दोराय नहीं वो दिखने में बेहद हैण्डसम थे | कोई भी लड़की आसानी से इन पर फ़िदा हो जाये | इनके अफेयर्स की लिस्ट में मिस साउथ अफ्रीका से लेकर तमाम मॉडल्स हैं | हालाँकि इनकी लव लाइफ में स्टेबिलिटी क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने के बाद ही आई | फ़िलहाल वो चर्लें एंजिल्स के साथ हैं और दोनों की एक बेटी भी है |

ऐसे हरफनमौला खिलाड़ी यदाकदा ही पैदा होते हैं | जो अपने हर हुनर से मैच का पांसा किसी भी वक्त बदलने का माद्दा रखते हैं | नारद टीवी ऐसे महान आलराउंडर को सलाम करता है | आपकी इस खिलाड़ी के बारे में क्या राय है हमने कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं |

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