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एलन डोनाल्ड : एक रनआउट ने कैसे हीरो से जीरो बना दिया

एलन डोनाल्ड एक Run Out ने कैसे हीरो से जीरो बना दिया
एक रन आउट ने कैसे हीरो से जीरो बना दिया

‘रन आउट’ क्रिकेट में आउट होने का ये वो तरीका है जिस तरीके से शायद ही कोई आउट होना चाहेगा | फिर भी बड़े से बड़ा क्रिकेटर कभी न कभी रन आउट होता ही है | लेकिन क्या आपने किसी ऐसे रन आउट के बारे में सुना है जिसने एक खिलाड़ी की कैरियर भर की महान उपलब्धियों पर काला दाग लगा दिया? उसने स्लेजिंग भी की तो ऐसी कि 25 साल उसे माफ़ी मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा | ये वो खिलाड़ी है जो सिर्फ एक रन आउट की वजह से अपने देश में हीरो से जीरो बन गया | वो अपने देश का महानतम तेज गेंदबाज है | उसके जाने के बाद उसके देश में उसके जैसा बॉलर पैदा नहीं हुआ | उसकी गिनती आज भी दुनिया के महान तेज गेंदबाजों में होती है | जब वो गेंद फेंकने के लिए रन अप लेता था तो सामने खड़े बड़े बड़े दिग्गज भी काँप उठते थे | उसकी सनसनाती गेंदे बैटर के पसीने छुड़ा दिया करती थीं | हम बात कर रहे हैं साउथ अफ्रीका के महानतम बॉलर एलन डोनाल्ड की | वो रन आउट कैसे और किन हालातों में हुआ? डोनाल्ड ने आखिर स्लेजिंग किसकी और क्यों की? और वो अपने गाल और नाक पर एक अजीब से क्रीम लगाकर ही मैदान में क्यों उतरते थे? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए इस पोस्ट में हमारे साथ बने रहिये आखिर तक |

कहानी एलन डोनाल्ड की
एलन डोनाल्ड

एलन अन्थोनी डोनाल्ड का जन्म साउथ अफ्रीका के ऑरेंज फ्री स्टेट प्रोविंस में 20 अक्टूबर 1966 में हुआ था | हालाँकि खेलों की तरफ उनका रुझान शुरू से ही था लेकिन वो इस बात को लेकर कंफ्यूज थे कि आखिर खेल चुनें तो कौन सा? उनके सामने दो विकल्प थे | पहला रग्बी और दूसरा क्रिकेट | वैसे साउथ अफ्रीका में रग्बी नम्बर वन खेल माना जाता है तो क्रिकेट दूसरे नम्बर पर और फूटबाल तीसरे नम्बर पर आता है | डोनाल्ड को रग्बी खेलना बहुत पसंद था | लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हो गया कि वो रग्बी के लिए नहीं बने हैं | नतीजतन वो रग्बी छोड़ क्रिकेट की ओर मुड़ गये | स्कूली दिनों से ही उन्होंने क्रिकेट में अपने जलवे दिखाने शुरू कर दिए थे |

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साल 1970 में ICC ने साउथ अफ्रीका पर प्रतिबन्ध लगा दिया था | कारण था साउथ अफ्रीका सरकार की नस्लभेदी नीति | जिसके तहत टीम पर अश्वेतों के खिलाफ खेलने पर पूर्णत प्रतिबन्ध लगा दिया गया था | जिसके चलती साउथ अफ्रीका क्रिकेट से 21 साल तक दूर रहा | 10 नवम्बर 1991 | कोलकाता का ईडन गार्डन मैदान | साउथ अफ्रीका का इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी का मौका | इस मैच से ही एलन डोनाल्ड ने अपने वन डे कैरियर की शुरुआत की | अपने पहले की मैच में डोनाल्ड ने अपने टैलेंट की झलक पूरी दुनिया को दिखा दी | इस मैच में डोनाल्ड ने पूरे पांच विकेट झटके | पहली बार अपने डेब्यू मैच में किसी साउथ अफ्रीकन गेंदबाज ने पांच विकेट लिए थे | वास्तव में पहली बार वन डे इतिहास में किसी साउथ अफ्रीकन गेंदबाज ने पांच विकेट लिए थे | उनका ये बालिंग रिकॉर्ड अगले 24 सालों तक अटूट रहा | इसे 2015 में अपने डेब्यू मैच में 6 विकेट लेकर कगिसो रबाडा ने तोड़ा था |

1992 में हुए वन डे वर्ल्ड कप में भी डोनाल्ड टीम का हिस्सा थे | टूर्नामेंट में डोनाल्ड ने अपनी सनसनाती गेंदों से दिग्गजों के छक्के छुड़ा दिए | आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले ही मैच में तीन विकेट लेकर डोनाल्ड ने बिगुल फूँक दिया था | इनकी खतरनाक गेंदबाजी की ही बदौलत आस्ट्रेलिया पहले खेलते हुए 170 रनों पर ही सिमट गया | और साउथ अफ्रीका ने बड़ी ही आसानी से टारगेट हासिल कर विश्व कप में अपने अभियान का आगाज कर दिया था | इस वर्ल्ड कप में डोनाल्ड ने अपनी टीम की ओर से सबसे ज्यादा 13 विकेट लिए थे | ये आंकड़ा अभी और बढ़ता लेकिन उस विवादित ‘रेन रूल’ ने साउथ अफ्रीका का सफर सेमी फाइनल तक ही सीमित कर दिया |

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एलन डोनाल्ड

18 अप्रैल 1992 को साउथ अफ्रीका ने 22 साल के लम्बे अन्तराल के बाद टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा | डोनाल्ड का टेस्ट कैरियर भी यही से शुरू हुआ | आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मैच में पहली बार साउथ अफ्रीका किसी अश्वेत देश के साथ खेल रहा था | इससे पहले उसने कभी भी किसी भी अश्वेत देश के खिलाफ नहीं खेला था | अपने पहले ही मैच में डोनाल्ड ने छह विकेट झटक लिए | इसी साल भारत के खिलाफ हुई टेस्ट सीरीज के एक मैच में डोनाल्ड ने अपने कैरियर की बेस्ट परफॉरमेंस दी | डोनाल्ड ने दोनों पारियों में कुल मिलाकर 12 विकेट लिए | इसके लिए उन्हें ‘प्लेयर ऑफ़ द मैच’ का अवार्ड भी मिला | यही नहीं इस पूरी सीरीज में 20 विकेट लेकर वो प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट भी बने | साल 1992 बालिंग के लिहाज से उनके लिए बेहद शानदार रहा | अपनी परफॉरमेंस के चलते उन्हें इस साल के लिए Wisden Cricketer of The Year भी चुना गया |

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इसके बाद डोनाल्ड ने पीछे मुड़कर नहीं देखा | वो एक से एक चमकदार परफॉरमेंस देते रहे | दुनिया के दिग्गज बल्लेबाज भी 6 फीट चार इंच के इस गेंदबाज से खौफ खाने लगे | एक तो वैसे ही खतरनाक लगते थे ऊपर से अपने चेहरे पे अजीब से क्रीम पोत लिया करते थे जो उन्हें और खतरनाक बनाता था | असल में वो जब भी मैदान पर उतरते तो गालों और नाक पर सफ़ेद क्रीम लगा के ही उतरते | ये जिंक क्रीम थी जिसे वो सनबर्न से बचने के लिए लगाया करते थे | उस जमाने में क्रिकेट फैन्स से लिए एक रहस्य जैसा था |

पूरे क्रिकेट जगत में उनकी बालिंग की तूती बोल रही थी | साल 1998 में इन्होने पूरे कैलेंडर इयर में सबसे ज्यादा 80 विकेट लेकर एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया | एक कैलेंडर इयर में सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों में डोनाल्ड चौथे नम्बर पर हैं | पहले नम्बर पर हैं 96 विकेट के साथ आस्ट्रेलिया के शेन वार्न |

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1999 का वन डे वर्ल्ड कप आते आते साउथ अफ्रीका दुनिया की सबसे खतरनाक टीमों में शुमार की जाने लगी थी | जिसे हराना सबसे बिलकुल भी आसान नहीं था | इस वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका ने जबर्दस्त खेल का प्रदर्शन करते हुए सेमी फाइनल में जगह बना ली थी | इस मैच तक टीम और एलन डोनाल्ड दोनों का ही प्रदर्शन काबिले तारीफ रहा था | साउथ अफ्रीका का पहली बार फाइनल खेलना एकदम तय माना जा रहा था | डोनाल्ड अभी तक हुए 8 मैचों में 12 विकेट चटकाकर अपने देशवासियों की नजर में हीरो बन चुके थे | सेमी फाइनल साउथ अफ्रीका और आस्ट्रेलिया के बीच हुआ | आस्ट्रेलिया ने पहले बैटिंग की | लेकिन डोनाल्ड और शान पोलाक की कहर बरपाती गेंदों के सामने आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज पस्त हो गये | आस्ट्रेलिया की पूरी टीम मात्र 213 रनों पर ही ढेर हो गई | जिसमें से डोनाल्ड ने 4 विकेट तो पोलाक ने 5 विकेट झटके | हालाँकि आस्ट्रेलिया भी आसानी से हार मानने वालों में नहीं थी | उसने पूरी जान झोंक दी | मैच भिड़ा और ऐसा भिड़ा कि साउथ अफ्रीका को आखिरी 8 गेदों में 16 रन बनाने थे और विकेट बाकी था सिर्फ और सिर्फ एक | क्रीज पर थे धाकड़ बल्लेबाज लांस क्लूजनर और अब तक के हीरो एलन डोनाल्ड | क्लूजनर उस दिन कुछ कर गुजरने को बेताब थे | क्लूजनर ने मैच को बराबरी पर ला खड़ा किया | अब टीम को जीत के लिए चार गेंदों में सिर्फ एक रन चाहिए था | एक रन और साउथ अफ्रीका पहली बार वर्ल्ड कप के फाइनल में | स्ट्राइक पर थे क्लूजनर | क्लूजनर ने गेंद को खेला और दौड़ पड़े अपना और टीम का सपना पूरा करने के लिए | लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ जिससे पूरी की पूरी साउथ अफ्रीकन टीम सदमे में आ गई | दरअसल नॉन स्ट्राइकर एंड पे खड़े एलन डोनाल्ड रन लेने के बजाय गेंद को ही देखते रहे | और जब वो दौड़े तब तक उनकी टीम फाइनल की दौड़ से बाहर हो चुकी थी | वो आधी पिच तक ही पहुँच पाए थे कि विकेट कीपर ने गिल्लियां उड़ा दीं | क्लूजनर इतना हताश निराश थे कि वो रन पूरा करने के बाद भी रुके नहीं वो दौड़ते रहे जब तक कि उन्होंने मैदान पार नहीं कर लिया | हालाँकि ये मैच टाई रहा लेकिन लीग मैच में पहले ही आस्ट्रेलिया साउथ अफ्रीका को हर चुका था इसलिए इस आधार पर उसे ही विजेता माना गया |

इस एक रन आउट ने एलन डोनाल्ड को हीरो से विलेन बना दिया | साउथ अफ्रीकन्स फैन्स डोनाल्ड के इस ब्लंडर से हैरान था | उन्हें अपने देश में खूब खरी खोटी सुननी पड़ी | फैन्स ने तो इनकी थू थू की ही मीडिया में भी जमकर छीछालेदर हुई | इस एक रन आउट ने उनके सुनहरे कैरियर पर वो बदनुमा दाग लगा दिया जो आज भी उन्हें डराता है | साउथ अफ्रीकी फैन्स आज भी इस हार के लिए आज भी डोनाल्ड को ही जिम्मेदार मानते हैं | हालाँकि लांस क्लूजनर ने 2014 में दिए एक इंटरव्यू में इसके लिए डोनाल्ड को जिम्मेदार मानने से साफ़ इंकार कर दिया | उन्होंने कहा कि वास्तव में वहां कोई रन था ही नहीं | लेकिन फिर भी जो नुकसान होना था वो तो हो चुका था | इस रन आउट के बाद से ही उनकी छवि ख़राब होनी शुरू हो गई |

 

जनवरी 2002 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज का पहला टेस्ट खेलने के बाद डोनाल्ड ने टेस्ट क्रिकेट से सन्यास ले लिया | अपने कैरियर के आखिरी मैच में डोनाल्ड बेहद भावुक हो गये | ये उनका आखिरी टेस्ट मैच था केवल इसलिए नहीं बल्कि इसलिए भी क्योंकि साउथ अफ्रीका ये मुकाबला एक पारी और 360 रनों से बुरी तरह हार गया था | ऐसी विदाई शायद ही कोई चाहेगा | और डोनाल्ड जैसा महान बॉलर तो बिलकुल भी नहीं | डोनाल्ड ने अपने कैरियर में 72 टेस्ट मैच खेले और 330 विकेट हासिल किये | वहीं 164 वन डे मैचों में 272 विकेट झटके | ये किसी भी बॉलर के लिए एक सपना हो सकता है  |

 

हालाँकि अपने कैरियर के आखिरी दौर में डोनाल्ड की परफॉरमेंस गिरती रही | वो विकेटों को तरसने लगे थे | उनकी गेंदों का पैनापन कहीं खो गया था | 2003 वन डे वर्ल्ड कप न केवल उनके लिए बल्कि उनकी टीम के लिए भी एक बुरे सपने की तरह रहा | ये टूर्नामेंट साउथ अफ्रीका, केन्या और जिम्बाब्वे में संयुक्त रूप से आयोजित किया था | तब तक डोनाल्ड 37 साल के हो चुके थे और बुरे दौर से गुजर रहे थे | लेकिन साउथ अफ्रीका पहली बार ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गया | डोनाल्ड तीन मैचों में बमुश्किल  एक ही विकेट ले सके | 2004 में डोनाल्ड ने वन डे क्रिकेट को भी अलविदा कह दिया |

 

एलन डोनाल्ड के नाम रन आउट के अलावा भी कुछ ऐसा दर्ज है जिसके लिए वो आज भी शर्मिदा हैं | बात 1997 की है | भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच वन डे मैच चल रहा था | क्रीज पर सचिन और द्रविड़ की जोड़ी जमी थी | दोनों साउथ अफ्रीकी बालर्स की कुटाई में जुटे थे | तभी मैदान पर कुछ ऐसा हुआ जिसने पूरे क्रिकेट जगत का सिर शर्म से झुका दिया | दरअसल अपनी पिटाई होते देख डोनाल्ड आपा खो बैठे और राहुल द्रविड़ को भला बुरा कहने के साथ अपशब्द भी कह बैठे | ये बात डोनाल्ड ने खुद अपनी बायोग्राफी में लिखी है | वो लिखते हैं कि ‘सचिन के छक्का जड़ने के बाद द्रविड़ ने भी मुझे लगातार गेदों पर छक्का और चौका जड़ा तो मैं भावनाओं में बह गया |’ हालाँकि डोनाल्ड को उसी समय ये एहसास हो चुका था कि उन्होंने जो कुछ कहा वो गलत है वो द्रविड़ से मिलकर अपने किये के लिए माफ़ी भी मांगना चाहते थे लेकिन उस वक्त भारतीय टीम बहुत गुस्से में थी और किसी ने भी इनसे मिलने या बात करने से मना कर दिया था |

 

डोनाल्ड जो कि इस समय बंगलादेशी टीम के बालिंग कोच हैं ने अब 25 साल बाद उस घटना के लिए सार्वजनिक तौर पर माफ़ी मांगी है | और उस घटना के लिए शर्मिंदगी व्यक्त की है | उन्होंने द्रविड़ को डिनर के लिए भी invite किया | द्रविड़ जो कि एक बेहतरीन क्लासिक प्लेयर रहे हैं ने इस पर जवाब भी क्लासिक ही दिया है | उन्होंने कहा कि वो डिनर पर जरूर जाना चाहेंगे बशर्ते भुगतान डोनाल्ड कर रहे हों |

 

इसमें कोई दोराय नहीं कि एलन डोनाल्ड दुनिया के महान तेज गेंदबाजों में से एक हैं | लेकिन कई बार एक गलती सारे अच्छे कामों पर पाने फेर देता है | वो रन आउट भी शायद डोनाल्ड के लिए वही गलती साबित हुई | इसके बावजूद उनके रिकॉर्ड हमेशा उनकी महानता की गवाही देते रहेंगे |

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