
दोस्तों भला भारत में ऐसा कौन इंसान होगा जिसे केले खाना पसंद नहीं होगा।
केला एक ओर जहाँ खाने में स्वादिष्ट तो होता ही है वहीं इसके पौधों और पत्तों का भी पूजा पाठ में उपयोग किया जाता है।
लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि केले के पौधे लगाये कैसे जाते हैं?

जबकि न तो इसके फल में कोई बीज होता है और न ही इसे इसके डंठल या पत्तों से लगाया जाता है?
दोस्तों आपने आज तक जितने भी फल खाये होंगे सभी में आपको उनके बीज भी देखने को मिले होंगे फिर चाहे वह आम और लीची के बड़े बीज हों या फिर अमरूद और पपीते जैसे फलों के छोटे-छोटे ढेर सारे बीज।
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यही बीज मिट्टी में मिलकर फिर से नये पौधे बन जाते हैं।
बिल्कुल यही प्रक्रिया केले के साथ भी होती है लेकिन इसके बीज हमें दिखाई नहीं देते क्योंकि वे इसके फल में नहीं होते हैं दरअसल केले के बीज केले के पौधे के नीचे होते हैं और हर पौधे में इन बीजों की संख्या लगभग 3 से 5 तक होती है।