अक्षय कुमार का वेटर से लेकर सुपरस्टार बनने तक का सफर
आकाश में चमकता हुआ चाँद और जगमगाते हुये तारों को देखकर भला किसका मन प्रसन्नता से नहीं भर जाता होगा ,और यह बात तो सभी जानते हैं कि चाँद की तो अपनी ख़ुद की कोई चमक नहीं होती । वह तो सूरज की रोशनी के सहारे ही अपनी चाँदनी बिखेरता है। लेकिन तारे, उनकी जगमगाहट तो अपनी ख़ुद की ही होती है बिल्कुल सूरज की तरह।
ऐसे ही ना जाने कितने फिल्मी सितारे हैं , जो अपने दम पर, अपनी रोशनी से, फिल्मी दुनिया के फलक पर हमेशा से ही जगमगाते रहे हैं। और यूँ ही जगमगाते रहेंगे बिल्कुल उसी सूरज की तरह जो अपने प्रकाश से सारे जहाँ को रोशन कर देता है। प्राण, धर्मेन्द्र, अमिताभ बच्चन, जैसे कलाकारों से पहले भी और उनके बाद भी ना जाने कितने ऐसे नाम हैं जिनका फिल्मी दुनिया से कभी कोई संबंध नहीं रहा लेकिन
उन्होंने अपने दम पर अपना एक मुकाम बनाया और सभी के प्रेरणास्रोत बने और उन्हीं नामों में से एक नाम है आज के सुपरस्टार और युवा पीढ़ी के आदर्श अक्षय कुमार का। तो बॉलीवुड फॅमिली के आज के इस एपिसोड में बात होगी अक्षय कुमार फैमिली हिस्ट्री की , जिसका इतंज़ार आप सभी दर्शकों को बेसब्री से था।
तो चलिए इसकी शुरुआत करेंगे अक्षय कुमार के माता पिता से अक्षय के पिता हरिओम भाटिया अमृतसर में इंडियन आर्मी में एक अधिकारी के तौर पर कार्यरत थे, बाद में वह यूनिसेफ में एकाउन्टेंट के तौर पर काम करते रहे जिसके सिलसिले में पहले वह दिल्ली तो बाद में मुंबई में नियुक्त रहे ।साथ ही साथ ही साथ वह एक रेसलर भी थे,
जिन्होंने पंजाब से नेशनल लेवल पर खेला भी था वहीँ अक्षय की माँ श्रीमती अरुणा भाटिया एक गृहणी थी, इनकी संतानों में अक्षय के अलावा एक बेटी यानि अक्षय की छोटी बहिन अलका भाटिया भी हैं| आगे बढ़ते हुए जानते है इस परिवार की पहचान सुपर स्टार अक्षय कुमार के बारे में …… 9 सितम्बर 1967 को जन्में अक्षय का असली नाम राजीव हरिओम भाटिया है |
इनका जन्म हुआ तो अमृतसर में था परन्तु उनका पालन पोषण पुरानी दिल्ली में हुआ , जब अक्षय 3 साल के थे, तब उनके पिता मुंबई आ गये थे, यहाँ वो सियोन कोलीवाड़ा में एक छोटे से घर में रहते थे| अपनी स्कूल की शिक्षा डॉन बोस्को हाई स्कूल , मिरिक, दार्जलिंग से पूरी करने के बाद उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए मुंबई के गुरुनानक खालसा कॉलेज में दाखिला लिया ,
लेकिन पढाई में अक्षय की कोई ख़ास दिलचस्पी नहीं थी। उनका मन खेलकूद और मार्शल आर्ट में ज्यादा लगता था ,और यही उनका सपना था ।अपने दिल की बात सुनते हुए इसी सपने को पूरा करने के लिए इन्होने अपनाई पढाई बीच में ही छोड़ दी थी। अक्षय ने बचपन से ही मार्शल आर्ट सीखना शुरू कर दिया था ।मार्शल आर्ट को और अच्छे से सीखने के लिए अक्षय ने थाईलैंड जाने का फैसला लिया
और इसको पूरा करने में उनके परिवार ने उनका पूरा साथ भी दिया| एक मध्यमवर्गीय परिवार के लिए विदेश में रहने का खर्चा उठाना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए वहाँ पहुँचने के बाद के खर्चे का जुगाड़ अक्षय ने खुद ही किया और इसके लिए बैंकाक में इन्होने मेट्रो गेस्ट हाउस जॉइन किया, जहाँ शुरुआत में इन्होने वेटर का तो बाद में रसोइये का काम भी किया जिसके एवज में उन्हें 1500 रूपए तनख्वाह मिला करती थी |
बैंकाक में बीत रहे ये दिन अक्षय कुमार के जीवन के सबसे संघर्ष भरे दिन थे, जिनमें तपकर वो और भी मजबूत बनकर निकले ,अक्षय काम भी करते और अपनी ट्रेनिग भी। यहाँ उन्होंने थाई बॉक्सिंग और टाइ ची की ट्रेनिंग ली और ईसा सिक्स डिग्री ब्लैक बेल्ट होल्डर बनकर वापस लौटे| भारत वापस आने के बाद अक्षय के दिमाग में कहीं से भी फ़िल्मी दुनिया में जाने का विचार नहीं था ।
अक्षय की सोच थी की कोई भी काम करके अपने मार्शल आर्ट के जूनून को आगे बढ़े जाये ।इसलिए वापस आकर अक्षय ने कई नौकरी और छोटे-मोटे बिज़नस में भी हाथ आजमाया । कुछ समय तक अक्षय ने यूनिसेफ के ग्रीटिंग कार्ड्स बेचे जिसमें एक कार्ड बिकने पर अक्षय को 5 पैसे मिला करते थे । उसके बाद अक्षय ने 2-3 सालों तक नाममात्र तनख्वाह पर कोलकाता और ढाका में काम किया ।
कोलकाता स्थित एक ट्रेवल एजेंसी में डेढ़ सालों तक चपरासी का भी काम किया | अक्षय दिल्ली से कुंदन ज्वेलरी खरीदकर मुंबई जाकर बेचा करते थे और लौटते समय मुंबई के फैशन स्ट्रीट से कपड़े खरीदकर दिल्ली लाकर बेचते | कुछ दिनों तक अक्षय ने अपनी छोटी सी एक मार्शल आर्ट अकादमी भी चलायी|
लेकिन अक्षय की किस्मत में तो बॉलीवुड में आना ही लिखा था और किस्मत ने अपने रास्ते खुद बनाने शुरू कर दिए । इसके चलते उन्होंने अपने एक स्टूडेंट के सुझाव पर मॉडलिंग की दुनिया में कदम बढ़ाया । यहाँ आकर जब इन्हे पता चला की मात्र कुछ घंटे काम करके उतने पैसे कमाए जा सकते हैं
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जितना की मार्शल आर्ट अकादमी से एक महीने में भी नहीं आएंगे तो अक्षय ने इसी काम में अपना करियर बनाने का विचार बनाया । मॉडलिंग के साथ साथ अक्षय डांस ग्रुप में बैक डांसर्स का भी काम करने लगे और अपने हर काम को मेहनत व ईमानदारी से निभाते गए । मॉडलिंग के साथ-साथ अक्षय ने अब फ़िल्मी दुनिया की तरफ भी कदम बढ़ाना शुरू किया
और बहुत संघर्ष के बाद अक्षय को 1987 में महेश भट्ट की फिल्म ‘आज’ में 7 सेकंड का छोटा सा रोल मिला ।यह रोल एक कराटे टीचर का था रोल इतना छोटा था की अक्षय का चेहरा भी स्क्रीन पर नहीं दिखाया गया | इस फिल्म के हीरो कुमार गौरव थे और और फिल्म में कुमार गौरव के करैक्टर का नाम अक्षय था ।
यह नाम अक्षय यानि राजीव भाटिया को ऐसा भाया की राजीव हरिओम भाटिया ने अपना नाम बदलकर अक्षय कुमार रख लिया । अक्षय का संघर्ष बदस्तूर ज़ारी रहा । एक बार की बात है अक्षय को मॉडलिंग के काम से एक ऐड शूट के लिए सुबह की फ्लाइट से बैंकॉक जाना था लेकिन किसी कारणवश अक्षय से वह फ्लाइट छूट गयी इस तरह उनसे वह मॉडलिंग का काम भी छूट गया।
इससे अक्षय बहुत निराश और दुखी हुए क्योंकी उनके लिए वह काम बहुत ज़रूरी था ,लेकिन शायद ये बात सच है की जो होता है अच्छे के लिए होता है और यहाँ अक्षय के लिए भी बहुत अच्छा होने वाला था |
निराश अक्षय उसी शाम नटराज स्टूडियो के सामने से गुजर रहे थे जहाँ उन पर नज़र पड़ी डायरेक्टर प्रमोद चक्रवती के स्टाफ मेंबर नरेंद्र सिंह की , चूँकि प्रमोद चक्रवती अपनी फिल्म के लिए एक नए चेहरे की तलाश में थे इसी के चलते नरेंद्र सिंह ने अक्षय को प्रमोद जी से मिलवाया और आधे घंटे में ही अक्षय को अपनी पहली फिल्म के लिए साइन कर लिया गया
और वह फिल्म थी दीदार , सोचिये अगर अक्षय की फ्लाइट नहीं छूटती तो शायद कहानी कुछ और होती | आज भी अक्षय नरेंद्र सिंह और प्रमोद जी का आभार मानते हैं और नरेंद्र सिंह जी तभी से अक्षय के मैकअप मेन हैं | अक्षय ने अपनी पहली फिल्म के तौर पर दीदार साइन की लेकिन अक्षय की पहली प्रदर्शित फिल्म सौगंध थी , इसके बाद अक्षय दीदार, मिस्टर बांड, खिलाडी, सैनिक, वक़्त हमारा हैं , सुहाग, अमानत, इक्के पे इक्का, मैं खिलाडी तू अनाड़ी, मोहरा, जय किशन, ये दिल्लगी जैसी फिल्मों में बतौर हीरो नज़र आये |
अभी तक प्रदर्शित फिल्मों से अक्षय की छवि एक एक्शन स्टार के तौर पर तो बन चुकी थी परन्तु अभिनय के मामले में उन्हें एक वुडन फेस एक्टर के तौर ही पुकारा जाता था क्यों की अक्षय अभिनय के मामले में अपने आप को अभी तक साबित नहीं कर पाए थे। लेकिन अक्षय भी कहाँ हार मानने वाले थे धड़कन फिल्म के ज़रिये उन्होंने इस बात को भी गलत साबित कर दिया की वह एक्टिंग नहीं कर सकते ।
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इसके बाद फिल्म दर फिल्म अक्षय की एक्टिंग और निखरती चली गयी | एक समय ऐसा भी आया जब अक्षय की लगातार कई फ़िल्में फ्लॉप होने लगीं और लोगों ने समझा कि अक्षय का फ़िल्मी करियर खत्म हो चुका लेकिन अक्षय ने शानदार तरीके से वापसी की और अपना सिक्का जमा दिया।
अक्षय की सफलता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है की फ़ोर्ब्स की हाईएस्ट पेड एक्टर की टॉप टेन लिस्ट में एक मात्र भारतीय कलाकार अक्षय कुमार हैं , ये कमाई के मामले में सबसे बड़े बॉलीवुड एक्टर हैं | अक्षय की प्रतिभा और देश सेवा के सम्मान में भारत सरकार ने इन्हें पद्मश्री से भी नवाज़ा है , बॉलीवुड में अक्षय अपने नाम को पूरी तरह चरितार्थ कर रहे हैं । और उनकी सफलताएँ भी अक्षय हैं जो कभी कम नहीं हो सकती |
अगर बात करें इनके निजी जीवन की तो 17 जनवरी 2001 को अक्षय ने फिल्म अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना के साथ शादी की । इनकी शादी का किस्सा भी बड़ा रोचक है ।एक तरह से इनकी शादी में हाथ है आमिर खान की एक फिल्म का ,वैसे तो अक्षय और ट्विंकल एक दुसरे को पसंद करते थे और शादी भी करना चाहते थे
लेकिन ट्विंकल और अक्षय अपने फ़िल्मी करियर में व्यस्त रहने के कारण शादी के बारे में कोई फैसला नहीं ले पा रहे थे , इसी समय वर्ष 2000 में ट्विंकल की एक फिल्म आने वाली थी और इसके प्रदर्शन के पहले अक्षय और ट्विंकल ने निर्णय लिया कि अगर यह फिल्म हिट होती है तो ट्विंकल अपने करियर को आगे बढ़ाएंगी नही तो ये दोनों शादी कर लेंगे
और वह फिल्म थी आमिर खान और ट्विंकल खन्ना की “मेला” जो आमिर के फ़िल्मी जीवन की सबसे असफल फिल्मों में से एक है | ट्विंकल का असली नाम टीना जतिन खन्ना है और ये बॉलीवुड के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना और फिल्म अभिनेत्री डिम्पल कपाड़िया की बेटी हैं ।जहाँ राजेश खन्ना हर भारतीय के दिल में अपनी रूमानी छवि के साथ आराधना , कटी पतंग , सफ़र,आनंद,अमर प्रेम जैसी कई बेहतरीन फिल्मों से जीवित है
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वहीँ डिम्पल कपाड़िया भी बॉबी, सागर, राम लखन और रुदाली जैसी फिल्मों से अपने अभिनय क्षमता का लोहा मनवा चुकी हैं । खुद ट्विंकल ने भी बॉबी देओल के साथ बरसात फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखा और जान , दिल तेरा दीवाना,इतिहास और बादशाह जैसी फिल्मों में नज़र आई |
ट्विंकल ने अपने करियर में कई फिल्मों में काम किया, लेकिन कोई भी फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर कुछ खास कमाल ना दिखा सकी। अपने फ़िल्मी करियर के दौरान ट्विंकल ने अपने पति अक्षय कुमार के साथ भी दो फ़िल्में की, जिनमे इंटरनेशनल खिलाड़ी और जुल्मी शामिल है, और ये दोनों फ़िल्में बॉक्स-ऑफिस पर बुरी तरफ फ्लॉप रही ।
शादी के बाद ट्विंकल ने एक्टिंग छोड़कर अपना कॅरियर इंटीरियर डिजाइनिंग में बनाया और वह अभी ‘द वाइट विंडो’ स्टोर की ओ-ओनर हैं| ट्विंकल प्रोडक्शन कंपनी ‘द ग्रेजिंग गोट्स’ की ओ-ओनर भी हैं। इसके साथ ही ट्विंकल लेखन की दुनिया में भी सक्रीय हैं उनकी पहली किताब श्रीमती मनीबॉन्स 2015 में भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली किताब बनी तो इनकी दूसरी किताब द लेजेंड ऑफ लक्ष्मी प्रसाद के लिए इन्हे इंडिया टुडे वूमन रायटर का ख़िताब भी मिला ।
अक्षय और ट्विंकल की दो संतानें है जिसमे एक बेटा आरव और एक बेटी नितारा है , जहाँ आरव भी पढ़ाई के साथ साथ धीरे धीरे बॉलीवुड की तैयारी में जुट चुके हैं तो बेटी नितारा अभी स्कूल में पढ़ती हैं| अब बात करते हैं अक्षय और ट्विंकल की बहनों की तो अक्षय की एक छोटी बहन हैं जिनका नाम है अलका भाटिया है , अलका का विवाह मशहूर बिजनेसमैन सुरेन्द्र हीरानंदानी से हुआ है ,
और ये ज्यदातर लाइम लाइट से दूर रहती हैं| वहीँ ट्विंकल की बहन रिंकी खन्ना भी फिल्मों में सक्रीय थीं रिंकी ने फिल्म ‘प्यार में कभी कभी’ से डेब्यू किया था इसके बाद रिंकी फिल्म ‘जिस देश में गंगा रहता है’ में नजर आईं थीं । लेकिन बॉलीवुड में रिंकी का करियर सिर्फ 4 साल तक ही रहा। उनकी आखिरी फिल्म ‘चमेली’ साल 2003 में आई थी।
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बाद में वर्ष 2004 में रिंकी ने बिजनेसमैन समीर सरन से शादी कर ली और लंदन शिफ्ट हो गयी। इनकी एक बेटी नओमिका सरन है जो अभी पढ़ाई कर रही हैं | दोस्तों आगे बात करते हैं अक्षय कुमार और ट्विंकल के कुछ सम्बन्धियों की जो बॉलीवुड में सक्रीय थे या अभी भी सक्रीय हैं। इसमें जिस कलाकार का नाम उभर के सामने आता है
तो वह हैं एक्टर करन कपाड़िया का जिन्होंने वर्ष 2019 में फिल्म ब्लेंक से बॉलीवुड में कदम रखा , करन रिश्ते में ट्विंकल के भाई और अक्षय के साले लगते हैं ये ट्विंकल की मौसी यानि कि डिम्पल कपाड़िया की बाहन सिम्पल कपाड़िया के बेटे हैं ।जी हाँ वही सिंपल कपाड़िया जो पहली बार नज़र आई थी राजेश खन्ना साहब के साथ फिल्म अनुरोध में ।
इसके बाद वह एहसास , चक्रव्यूह , ज़माने को दिखाना है जैसी फिल्मों में भी नज़र आई लेकिन इनका भी करियर उड़ान नहीं भर सका बाद में वह फिल्मों में कॉस्टयूम डिज़ाइनर के तौर पर सक्रीय रहीं और फिल्म रुदाली में कॉस्टयूम डिज़ाइनर के लिए इन्हे नेशनल अवार्ड भी मिला था
लेखक – प्रतीक खरे