आईपीएल फ़्लैशबैक 2012: जब स्टेन के पीछे पड़ गये थे डी विलियर्स।
इंडियन प्रीमियर लीग! जब 2008 में पहली बार भारतीय लीग ने क्रिकेट के आसमान पर पंख फैलाये, तो अस्सी प्रतिशत एक्सपर्ट्स ने आईपीएल के फ़्लॉप होने की घोषणा कर दी थी। लेकिन, भारतीय क्रिकेट की तरह इस भारतीय लीग ने भी सबको हैरान करते हुए करिश्माई नतीजे दिये।
वो नतीजे जिनकी आस में आज हर देश अपनी-अपनी क्रिकेट लीग को प्रमोट कर रहा है। वो नतीजे जिसने मज़बूत भारतीय क्रिकेट बोर्ड की नींव रखी। वो नतीजे जिनकी एक मिसाल ऋषभ पंत, ईशान किशन और हार्दिक पांड्या जैसे कई स्टार खिलाड़ी हैं।
यही वजह है कि हर साल आईपीएल के रोमांच और करिश्मों पर पूरे विश्व की निगाहें जमी होती हैं। लेकिन, इस लीग की सबसे बड़ी खूबसूरती ये है कि हर साल का आईपीएल पिछले साल के आईपीएल से कुछ अलग होता है।
इसलिये, नारद टी.वी. लाया है आईपीएल पर आधारित ख़ास श्रृंखला ‘आईपीएल फ़्लैशबैक’। जहाँ हम साल दर साल बेहतर होते आईपीएल के ख़ास और यादगार लम्हों की यादें ताज़ा करते हैं।
यादों के इस सफ़र में आज नारद टी.वी. 2012 आईपीएल इतिहास के पिटारे से टॉप-5 यादगार लम्हें और अविश्वसनीय फ़ैक्टस लेकर आया है। तो चलिए फिर! जुड़ जाइये ‘आईपीएल फ़्लैशबैक 2012’ के इस बेमिसाल एपिसोड से।
दोस्तों! 15 साल के शानदार सफ़र के बावजूद कई मौकों पर आईपीएल को विवादों की जड़ और फ़्लॉप क्रिकेट की लीग गिना गया। 2011 आईपीएल एक ऐसे ही सीज़न के रूप में याद किया जाता है। जहाँ खेल और कमाई दोनों भागों में आईपीएल मुँह के बल गिरा था। ऐसे में 2012 सीज़न को आईपीएल के अंत के तौर पर देखा जा रहा था और ये माना जाने लगा कि आईपीएल अब सिर्फ़ कुछ सालों का ही मेहमान है। लेकिन, आईपीएल ने हार नहीं मानी और जादुई आंकड़ों के साथ ऐसी वापसी करके दिखाई कि 2012 साल को अभी तक आईपीएल इतिहास के सर्वश्रेष्ठ सत्रों में से एक गिना जाता है। आईपीएल की इस वापसी की अहम वजह खिलाड़ियों का ज़बरदस्त प्रदर्शन और रोमांचक मैचों की क़तार थी। इसलिये, 2012 आईपीएल के टॉप-5 लम्हों की शुरूआत भी एक ऐसे ही रोमांचक मैच की कहानी से करते हैं।
#5: जब चेपॉक की पिच पर हुई रनों की बरसात:-
(चेन्नई सुपर किंग्स बनाम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, 13वां मैच)
तारीख़ थी 12 अप्रैल 2012, अब तक आईपीएल के पाँचवें सीज़न को शुरू हुए 8 दिन हो चुके थे। उस रोज़ चेन्नई और बैंगलोर की टीमें जीत की रफ़्तार पकड़ने की कोशिश में इतिहास से बेख़बर एक दुसरे के आमने-सामने खड़ी थीं।
मैच बैंगलोर के टॉस जीतने से शुरू हुआ। बैंगलोर ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मयंक अगरवाल के 45, क्रिस गेल के 68 और विराट कोहली के 57 रनो की मदद से 20 ओवरों में 205 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा किया। 206 रनो के बड़े लक्ष्य को हासिल करने उतरी चेन्नई ने फाफ डु प्लेसिस के 71 और धोनी के 45 रनो की मदद से कुछ फ़ाइट ज़रूर दिखाई। लेकिन, जब आख़िरी दो ओवरों में जीत के लिये 43 रन चाहिये थे और मैदान पर एल्बी मोर्कल के साथ ब्रावो मौजूद थे। तो, चेन्नई की हार तय लग रही थी। यहीं, बैंगलोर के कप्तान विटोरी ने कोहली को ओवर दिया और एल्बी मोर्कल ने आईपीएल इतिहास के सबसे यादगार 28 रन बना डाले। मैच अब आख़िरी ओवर में आ चुका था।
चेन्नई को जीत के लिए आखिरी 6 गेंदों में 15 रन बनाने थे। विनय कुमार ने पहली दो गेंदों पर 1 रन दिया और एल्बी मॉर्कल का विकेट भी लिया। लेकिन, ब्रावो ने नो बॉल पर चौक्का और फ़्री हिट पर छक्का लगाकर मैच चेन्नई की ओर मोड़ दिया। इसके बाद अगली दो गेंदों पर सिर्फ़ 1 रन बना और पेंडुलम की तरह झूलते हुए मैच को जिताने का दारोमदार अभी-अभी पिच पर आये रविन्द्र जडेजा के कंधों पर आ-गया। यहाँ जडेजा ने दबाव सोखते हुए आख़िरी गेंद पर चौक्का लगाया और आईपीएल इतिहास की सबसे यादगार जीत चेन्नई की झोली मे डाल दी।
#4: एक अनोखी हैटट्रिक जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी:-
(राजस्थान रॉयल्स बनाम पुणे वारियर्स इंडिया)
यूँ तो हैटट्रिक की कोई प्रेडिक्शन नहीं होती है। लेकिन, जब 2012 आईपीएल के 60वें मैच में राजस्थान और पुणे एक दूसरे के आमने-सामने थे। तो, शायद ही किसी ने अनोखी हैटट्रिक की उम्मीद की हो। दरअसल हुआ ये कि राजस्थान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए पुणे के सामने 171 रनों का लक्ष्य रखा।
उम्मीद थी कि गाँगुली, राइडर और उथप्पा से सजी पुणे इस लक्ष्य को आराम से हासिल कर लेगी। ऐसे में राजस्थान के कप्तान राहुल द्रविड़ ने युवा ऑफ़ स्पिनर अजीत चंदीला को पहला ओवर दिया।
द्रविड़ के इस पैतरे का नतीजा ये रहा कि जैसी राइडर चंदीला को हिट करने गये और पारी की पांचवी गेंद पर ही शेन वाटसन को कैच दे बैठे। इसके बाद गाँगुली भी चंडीला की स्पिन में फँसकर स्टम्प आउट हो गये। चंडीला दो गेंदों में दो विकेट ले चुके थे।
इसके बाद जैसे ही पारी का तीसरा ओवर शुरू हुआ, अजीत ने उथप्पा को भी अपने जाल में फंसाकर विकेटकीपर गोस्वामी के हाथों स्टम्प आउट कराया और आईपीएल 2012 की इकलौती हैटट्रिक लेने का कारनामा किया। इस हैटट्रिक की ख़ास बात ये थी कि अजीत ने पारी की पहली 13 गेंदों के अंदर ही हैटट्रिक लेने का कारनामा किया। जो आज भी एक आईपीएल रिकॉर्ड है।
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#3: लास्ट बॉल पर सिक्स फिनिश वाला आईपीएल:-
दोस्तों! आईपीएल के कामयाब होने की खास वजह इसकी रफ़्तार और रोमांच को माना जाता है। ख़ासतौर पर आईपीएल दुनिया की इकलौती ऐसी लीग है जहाँ अब तक कई सौ मुक़ाबले आख़िरी गेंद पर ख़त्म हुए हैं। लेकिन, सिर्फ़ कुछ मुक़ाबले ऐसे हैं जिनमें मैच आख़िरी बॉल पर छक्के से ख़त्म हुआ है। यहीं आईपीएल 2012 अन्य सत्रों से कहीं बेहतर है। क्योंकि, 2012 आईपीएल में एक या दो नहीं, बल्कि पूरे तीन ऐसे मुक़ाबले थे। जो मैच की आख़िरी गेंद पर छक्के के साथ ख़त्म हुए थे। इस लिस्ट में सबसे पहला नाम आता है रोहित शर्मा का।
रोहित शर्मा ने डेक्कन चार्जर्स के विरुध्द डेनियल क्रिस्टियन की आख़िरी गेंद पर छक्का मारकर तय लग रही मुंबई की हार को जीत में बदल दिया था। दूसरी बार ये दुर्लभ कारनामा सौरभ तिवारी ने बैंगलोर की ओर से पुणे के विरुद्ध नेहरा की गेंद को मिडऑन के ऊपर से छक्के के लिये भेज कर अंजाम दिया था। जबकि, तीसरी बार ब्रावो ने कोलकाता के विरुद्ध चेन्नई को छक्के से जीत दिलाकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया था। इस तरह 2012 आईपीएल इकलौता ऐसा लीग सीज़न बन गया। जहाँ तीन बार मैच की आख़िरी गेंद पर छक्का लगने का कारनामा हुआ हो।
#2: डेल स्टेन बनाम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर:-
यूँ तो दुनिया डेल स्टेन को एक बेहतरीन टेस्ट गेंदबाज़ के तौर पर याद करती है। मगर! स्टेन जब अपने शीर्ष पर थे, तब टी-ट्वेंटी क्रिकेट में भी स्टेन किसी तूफ़ान से कम नहीं थे। आईपीएल 2012 एक ऐसा ही दौर था। लेकिन, उस आईपीएल के 50वें मैच में जब बैंगलोर की ओर से खेलते हुए ए बी डी विलियर्स ने 17 गेंदों में 47 रनो की पारी के दौरान स्टेन को एक ओवर में 23 रन मारे। तो, लगा कि टी-ट्वेंटी क्रिकेट में स्टेन का तोड़ मिल गया है।
लेकिन, स्टेन का तोड़ इतना आसान कहाँ। जिसका सबूत स्टेन ने उसी सीज़न में बैंगलोर के विरुद्ध अपने दूसरे मैच में दिया। हुआ ये कि 71वें मैच में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और डेक्कन चार्जर्स एक दूसरे के आमने-सामने थीं। अगले राउंड में जाने के लिये बैंगलोर को ये मैच जीतना ज़रूरी था और डेक्कन ने पहली पारी में जब सिर्फ़ 138 रन बनाए। तो बैंगलोर की राह आसान लग रही थी। लेकिन, तभी बैंगलोर के विरुद्ध पहले मैच में फ़्लॉप रहे स्टेन ने इस मैच में दिलशान, गेल और ज़हीर समेत तीन विकेट लेकर बैंगलोर की कमर तोड़ दी। स्टेन के उस स्पैल को आज भी आईपीएल इतिहास के बेस्ट स्पेल्स में से एक गिना जाता है। क्योंकि, स्टेन ने उस रोज़ 4 ओवरों के स्पेल में सिर्फ़ 8 रन दिए और 3 विकेट हासिल कर बैंगलोर का सपना तोड़ दिया।
#1: ….और फिर कोलकाता ने किया आईपीएल-5 टाइटल अपने नाम:-
दोस्तों! 2011 मेगा ऑक्शन में जब कोलकाता ने गौतम गंभीर को अपनी टीम के साथ जोड़ा था। तो शायद ही किसी ने सोचा हो कि एक साल बाद कोलकाता आईपीएल फ़ाइनल में पहुंच जायेगी और जीत भी जायेगी। वो भी तब! जब फ़ाइनल में मुक़ाबला पिछली दो बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स से हो।
हालाँकि, चेन्नई के लिए 2012 सीज़न की शुरुआत काफ़ी ख़राब रही थी। मगर, चेन्नई ने वापसी की और आख़िरी 8 मैच लगातार जीतते हुए फ़ाइनल में जगह बनाई। साथ ही फ़ाइनल में भी टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए जब हसी के 54, विजय के 42 और रैना के 73 रनो की मदद से चेन्नई ने 190 रन बनाये।
तो कोलकाता के आईपीएल टाइटल उठाने के आसार और भी कम नज़र आ रहे थे। मगर, गंभीर के विकेट के बाद मनविंदर बिसला और जैक्स कैलिस ने दूसरे विकेट के लिये 82 गेंदों में तेज 136 रनो की साझेदारी कर कोलकाता की वापसी करवाई। मगर, जब बिसला 89 और कैलिस 69 पर आउट हुए तो मैच कहीं भी जा-सकता था।
यहॉं से शाकिब के 7 गेंदों में 11 और मनोज तिवारी के 3 गेंदों में 9 रनों ने कोलकाता को मंज़िल तक पहुंचा दिया। आईपीएल को एक नया विजेता मिल चूका था। कोलकाता जश्न में डूबा हुआ था और विश्व क्रिकेट तैयार था अगले कुछ सालों तक आईपीएल की बादशाहत के देखने के लिये।
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