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जब बल्लेबाजों ने गेंद से किया कमाल का प्रदर्शन

जब बल्लेबाजों ने गेंद से किया कमाल का प्रदर्शन

दोस्तों क्रिकेट एक ऐसा खेल है, जिसमें साल दर साल समय के साथ साथ खेल में एवोल्यूशन आता रहा,चाहे वो बल्ले की शेप हो |  मैदान का आकर, बॉउंडरी साइज या फिर खेल के नियम! ऐसे ही हमारी इंडियन टीम में भी ज़रूरत से ज़्यादा बदलाव हुए और हमने देखते ही देखते अपना गोल्डन एरा खो दिया! अब हमारे पास वो टॉप ऑर्डर नहीं रहा जब सचिन, सौरव, सेहवाग, युवी, रैना सब गेंदबाज़ी में भी झंडे गाड़ा करते थे! आज तो बल्लेबाज़ों में इतना इग्नोरेंस है कि हमारे बल्लेबाज़ काबिलियत होने के बावजूद भी एक ओवर भी डालने में संकोच करते हैं! लेकिन पहले के समय ऐसा नहीं था!पहले विश्व भर के टॉप के बल्लेबाज़ भी समय समय पर गेंदबाज़ी किया करते और ज़रूरत पड़ने पर ब्रेकथ्रू भी दिया करते थे! और इतिहास गवा है कि जब भी बड़े बल्लेबाज़ों ने गेंद संभाली, तो कमाल कर दिखाया! आज की वीडियो में हम ऐसे ही लम्हों की बात करेंगे जब महान बल्लेबाज़ों ने गेंदबाज़ी में भी कमाल कर दिखाया! और घातक स्पेल कर दिखाए!

5. विव रिचर्ड्स (Viv Richards) : हमारी लिस्ट में पहला नाम शामिल है सर्वकालिन महान बल्लेबाज और क्रिकेट की जान और शान सर विव रिचर्ड्स। विव रिचर्ड्स जो कि किसी भी गेंदबाज के लिए सबसे बड़ा नाइटमेयर थे। जो बड़े से बड़े नाम को भी क्लब बॉलर की तरह कूट देते। और उनकी फियरलेस एप्रोच उन्हें सबसे महान बनाती। लेकिन सर विव एक बहुत उपयोगी गेंदबाज़ भी थे। जो समय समय पर ब्रेकथरू निकाला करते। उन्होंने एक बार अपनी गेंदबाजी से भी खूब कमाल कर दिखाया। जब साल 1989 में उन्होंने भारत के खिलाफ़ एक गेम चेंजिंग स्पैल कर दिखाया। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए वेस्टइंडीज केवल 196 तक सीमित रह गया! ये तो सबको पता ही था कि कर्टनी वाल्श और कर्टली अम्ब्रोस् के होते कोई भी चेस आसान नहीं होने वाला था! लेकिन गेंदबाज़ी में विव रिचर्ड्स आउट ऑफ सिलेबस् आ गए! और पूरी बैटिंग ऑर्डर को तहस नेहस करके रख दिया! क्या अज़हर, क्या कपिल, क्या अमरनाथ, क्या रवि शास्त्री, किसी बल्लेबाज़ की एक न चली! और अपने 10 ओवर के स्पेल में 6 विकेट निकाल कर भारत को महज़ 176 रन पर समेट गए! कप्तानी परियाँ तो बहुत सुनी है, लेकिन इस दिन कप्तानी स्पेल भी देख लिया!

Joe Root

4. जो रूट 5/8 बनाम भारत: 2021 का भारत इंग्लैंड शृंखला काफी जानदार शानदार और ज़बरदस्त रही थी! जहाँ अपने 100 वें और सीरीज के पहले ही मैच में जो रूट ने इतिहासिक दोहरा शतक जड़ा था! और फिर विश्व के सबसे बड़े मैदान अहमदाबाद के टेस्ट में जहाँ भारत अपना पहला डे नाईट टेस्ट खेल रहा था! जहाँ ब्रॉड, अंडरसन, आर्चेर, लीच से सजी गेंदबाज़ी आक्रमण ने इंग्लैंड की कमान संभाली! लेकिन स्पिन पिच पर इतने पेसर कारगर साबित न हुए! और इन सब धुरंधरों के होने के बावजूद बात नहीं बनी!अब कहते हैं न मजबूरी का नाम महात्मा गॉंधी! और अंततः टीम का प्रेमीयम और परफेक्ट बल्लेबाज जो रूट को ही गेंद थामनी पड़ी!और जो उन्होंने अपनी फिरकी का जादु करके दिखाया वो भी एक इतिहास ही बन गया! और 6.2 ओवर में महज़ 8 रन देकर 5 विकेट झटक लिए! जिसमें पंत और अश्विन का बड़ा विकेट भी शामिल था! और किसी वक़्त जो भारत की राह में 100-150 की कंफरटेबल लीड दिख रही थी, वो पारी केवल 145 पर ही सिमट कर रह गई! हालांकि दूसरी पारी में इंग्लैंड इस टर्नअराउंड का फायदा न उठा सका और भारत ये मैच 10 विकेट से जीत गया! और ये मैच केवल दो दिन में ही खत्म हो गया! लेकिन रूट का ये गेम चेंजिंग स्पेल कई मायनों में लाजवाब और ज़बरदस्त था! चंद मिनटों में ही रूट ने वक़्त बदल दिया था जज़्बात बदल दिए थे

Paul David Collingwood

3. पॉल कॉलिंगवुड: पॉल कॉलिंगवुड ये दिग्गज हमेशा से ही इंग्लैंड का वो नायाब हीरा रहा जिसकी काबिलियत हमेशा अंडररेटेड रही हैं! इस खिलाड़ी ने हमेशा ही अपना 150 फीसदी मैदान पर दिया! बल्ले से हो या फील्डिंग से, कॉलिंगवुड ने हमेशा कमाल कर दिखाया. उनकी गिनती विश्व के बेस्ट फील्डर में तो होती ही है, साथ ही गेंद से भी कई दफा क्रुशियल विकेट लेकर दिखाए!कॉलिंगवुड वो वरियर, वो फाइटर थे जो कि क्रिकेट के मैदान पर कुछ भी कर गुज़रने की क्षमता रखते थे! कॉलिंगवुड एक बहुत ही होशियार गेंदबाज़ थे जो कि बालबाज़ों के दिमाग के साथ खेला करते! लेकिन 2005 की नाटवेस्ट् ट्रॉफी में बांग्लादेश के खिलाफ़ मुकाबले में तो उन्होंने जो बीस्ट मोड ओन किया वो देखने लायक था ! पहले बल्लेबाज़ी करते हुए उन्होंने महज़ 86 गेंदों पर 112 रन ठोक इंग्लैंड का स्कोर 392 रन पहुँचाया. फिर गेंदबाज़ी में भी कमाल कर दिखाया! और इतना शानदार स्पेल डाला! गेंदबाज़ी करने आई इंग्लैंड के लिए गेंदबाज़ी में कमान संभालते हुए अपने 10 ओवर के स्पेल में 31 रन देकर 6 विकेट झटक लिए! लाईन लेंथ और सटीक गेंदबाज़ी का जो प्रदर्शन कर दिखाया, वो लाजवाब था! कॉलिंगवुड के इस स्पेल का इंग्लैंड के बेस्ट बॉलिंग फिगर का रेकॉर्ड था! जो कि 17 साल तक अटुट रहा जिसे रीस टोप्लि ने तोड़ा!

Sachin Tendulkar

2. सचिन तेंदुलकर: दोस्तों ये बात तो किसी से छुपी नहीं कि सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के भगवान हैं। उनसे बड़ा क्रिकेटर आज के ज़माने में दूसरा आना असंभव है।और नई जेनरेशन के बल्लेबाज भी सचिन जैसा बनना चाहते हैं। लेकिन इस सबके बीच हम एक चीज़ भूल जाते हैं कि सचिन एक बहुत अच्छे गेंदबाज भी थे। उनकी बॉलिंग हमेशा से ही उनका अंडररेटेड एस्पेक्ट रहा है। सचिन इसीलिए भी इतने स्पैशल थे क्योंकि जब वो बैट से फेल होते तो बॉलिंग से कमाल कर दिखाते। ऐसा ही कुछ कर दिखाया उन्होंने 1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ एक ओडीआई में। जब सचिन केवल 8 रन पर आउट हो गए। वो तो अजय जडेजा के शतक और बाकी बल्लेबाजों के दम पर भारत ने 308 रन बनाए। और जवाब में ऑस्ट्रेलिया भी अच्छा खासा खेल रहा था।और स्कोर था 202/3 ।लेकिन तभी आया एक तूफ़ान जो सचिन गेंद से लाए और कुछ ही देर में सब तहस नहस कर रख दिया। और एक समय तो वो हैट्रिक पर भी थे। लेकिन 10 ओवर के उनके स्पैल में सचिन ने 5 विकेट झटके। जिसमें माइकल बेवन,स्टीव वॉ टॉम मूडी, डेयरन लेहमन के नामी विकेट शामिल थे। जिसकी बदौलत भारत ये मुकाबला 41 रन से जीता और सचिन मैन ऑफ द मैच बने।

Michael Clarke

1. माइकल क्लार्क का कहर 6/9 बनाम भारत: दोस्तों हाल फिल्हाल में वो सीरी़ज जिसका हम सभी फैंस को बेसब्री से इंतज़ार था,सबसे ज्यादा एंटीसिपटेड बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी चल रही है! जहाँ नंबर वन और टू टेस्ट टीम आपस में भिड़ रही हैं! 2004 की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी वो आखरी मौका था जब भारत में आकर ऑस्ट्रेलिया ने हमें मात दी थी! और इस सीरीज में डेब्युटेंट माइकल क्लार्क का खूब कहर था जिन्होंने पहले ही मैच में ताबड़तोड़ 151 रन ठोक समा बाँध दिया था! लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने तीसरा मैच जीतते ही सीरीज़ अपने नाम कर ली! और 4th मैच में वॉन को आराम दिया गया! तभी क्लार्क ने गेंद थामी और साथ ही हम इंडियन्स की दिल की धड़कने भी! और किसी समय 182/4 से 205/10 पर ही भारतीय पारी को समेट दिया! देखते ही देखते महज़ 6.2 ओवर के अंदर क्लार्क ने सब कुछ हिला दिया! और कंजूसी से भरे केवल 9 रन खर्च 6 विकेट निकाल लिए! जिसमें भारतीय टीम की दिवार राहुल द्रविड़ और चाबुक से तेज़ कैफ का विकेट भी शामिल था! जिससे ऑस्ट्रेलिया के सामने महज़ 105 रन का लक्ष्य था! हाँ वो बात अलग है कि हमारी जादुई गेंदबाज़ी से ऑस्ट्रेलिया केवल 93 पर ही सिमट कर रह गया और हम ये मुकाबला आउट ऑफ नो वेअर जीत गए! लेकिन ये स्पेल क्लार्क के करिअर का एक यादगार लम्हा था! जिसने एक करिश्माई स्पेल के रूप में एक मिरैक्ल कर दिखाया! लक्ष्य था! हाँ वो बात अलग है कि हमारी जादुई गेंदबाज़ी से ऑस्ट्रेलिया केवल 93 पर ही सिमट कर रह गया और हम ये मुकाबला आउट ऑफ नो वेअर जीत गए! लेकिन ये स्पेल क्लार्क के करिअर का एक यादगार लम्हा था! जिसने एक करिश्माई स्पेल के रूप में एक मिरैक्ल कर दिखाया!

जब बल्लेबाजों ने गेंद से किया कमाल का प्रदर्शन

https://youtu.be/j4OOPNpC90Q

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