BollywoodFilmy Facts

Border फिल्म के बनने की जबरदस्त कहानी

साल 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए जिस युद्ध ने विश्व के नक्शे पर बांग्लादेश नाम के एक नए देश को जन्म दिया था उस समय फिल्म डायरेक्टर जे पी दत्ता के भाई दीपक दत्ता भारतीय वायुसेना में शामिल थे, राजस्थान के रेगिस्तान में हुए लोंगेवाला युद्ध को उन्होंने अपनी आंखों से देखा था।

युद्ध के समाप्त होने के बाद जब दीपक घर आए तो उन्होंने इस युद्ध की कहानी जेपी दत्ता को सुनाई और  जेपी दत्ता  ने इस कहानी को अपनी कोलेज के दौरान एक स्क्रीनप्ले का रुप दे दिया ।

इसी स्क्रीनप्ले और कहानी पर आगे चलकर बोर्डर फिल्म बनाई गई थी जो साल 1997 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई और बोलीवुड की सबसे बड़ी और सफल वोर फिल्म साबित हुई थी।

साल 1976 में अपनी पहली फिल्म सरहद के डिब्बांद हो जाने के बाद जे पी दत्ता ने बोर्डर की कहानी पर आधारित फिल्म बनाने का मन बना लिया था और साल 1987 में अपने भाई दीपक दत्ता के निधन के बाद इन्होंने यह फिल्म  अपने भाई को समर्पित करते हुए इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया।

Border Movie Poster

1. कास्टिंग

फिल्म बोर्डर में विंग कमांडर एंडी बाजवा  का किरदार जे पी दत्ता के भाई दीपक दत्ता से ही प्रेरित था जिसके लिए पहली पसंद संजय दत्त थे लेकिन उनके जेल जाने के बाद यह किरदार जैकी श्राफ को दे दिया गया था।

इस फिल्म में धर्मवीर भान का किरदार अक्षय खन्ना ने निभाया है लेकिन उनसे पहले जे पी दत्ता यह किरदार लेकर अक्षय कुमार, आमिर खान, सलमान खान, सैफ़ अली ख़ान और अजय देवगन के पास भी गए थे जिन्होंने अलग-अलग कारणों से इस फिल्म में काम करने के लिए मना कर दिया था।

आमिर खान उस समय अपनी फिल्म इश्क पर काम कर रहे थे तो वहीं अजय देवगन उस समय अपने करियर के उस दौर से गुजर रहे थे जहां वो मल्टीस्टारर फिल्मों में काम करने का रिस्क नहीं लेना चाहते थे।

Sunil Shetty की कास्टिंग

इसके अलावा सुनिल शेट्टी को जब पहली बार इस फिल्म के बारे में बताया गया तो उन्होंने इसमें काम करने के लिए मना कर दिया था जिसके चलते जेपी दत्ता ने अरमान कोहली को उनकी जगह इस फिल्म में काम करने के लिए अप्रोच किया और वहां जब बात नहीं बनी तो दत्ता साहब एक बार फिर सुनील शेट्टी के पास गए, तब उन्होंने अपने किरदार के लिए हां कह दिया था।

जे पी दत्ता आसिफ शेख को मथुरा दास के रोल में साईन करना चाहते थे लेकिन कुछ कारणों के चलते बात नहीं बनी तो कुलभूषण खरबंदा ने उन्हें मामिक सिंह का नाम सुझाया, मामिक सिंह इस फिल्म में काम करने के लिए तैयार हो गए लेकिन जब वो फिल्म के शेट पर पहुंचे तो उन्हें जेपी दत्ता का बर्ताव पसंद नहीं आया

Border Movie Cast

Actor Mamik Singh ने क्यों छोड़ दी थी फिल्म

क्योंकि उनके अनुसार जेपी दत्ता ने फिल्म के लीड अभिनेताओं को फाइव स्टार होटल में ठहराया था तो वहीं मामिक सिंह सहित फिल्म के क्रू मेंबर्स को पास में ही एक छोटे से होटल में रहने के लिए बोला गया था।

मामिक सिंह ने जब इस मामले में जे पी दत्ता से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने अपने अस्सिटेंट को मामिक के पास भेज दिया, इन सब बातों से तंग आकर मामिक सिंह ने इस फिल्म को छोड़ दिया जिसके बाद सुदेश बेरी को इस रोल के लिए बुलाया गया था।

Read this also-Sanjay Dutt की शादी और अफेयर्स के किस्से

फिल्म निर्माताओं ने अनिल कपूर को भी इस फिल्म के लिए अप्रोच किया था और अनिल कपूर भी इस फिल्म में काम करना चाहते थे लेकिन उनकी फिल्म विरासत और बोर्डर की डेट्स में टकराव की स्थिति को देखते हुए उन्हें यह फिल्म छोड़नी पड़ी थी।

फिल्म की अभिनेत्रियां

बात करें इस फिल्म की अभिनेत्रियों के बारे में तो तब्बू का किरदार सबसे पहले जूही चावला को दिया गया था जिन्होंने इस किरदार को छोटा बताकर रिजेक्ट कर दिया था

बड़े बड़े सितारों से सजी इस फिल्म में पूजा भट्ट, राखी गुलज़ार, पुनीत इस्सर, सनी देओल और सरबानी मुखर्जी ने भी काम किया था।

Border Movie Sunny Deol

2. बिहाइंड द कैमरा

साल 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए लोंगेवाला युद्ध पर आधारित  इस फिल्म की शूटिंग बीकानेर के उसी रेगिस्तानी इलाकों में हुई थी जहां यह युद्ध लड़ा गया था, इसके अलावा फिल्म का कुछ हिस्सा जोधपुर में भी शूट किया गया था।

जे पी दत्ता फिल्म के शेट पर एक डायरी को अपने साथ रखते थे जिसमें उनके भाई द्वारा उन्हें बताई गई कहानियां और अनुभवों के बारे में लिखा गया था।

Border Movie Shooting

[3. म्यूजिक –

बोर्डर फिल्म में कुल पांच गाने रखे गए थे जिन्हें जावेद अख्तर साहब ने लिखा था और अनु मलिक ने संगीतबद्ध किया था।

भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के लोगों के बीच अमर हो चुके इस फिल्म के गीतों को अल्का याग्निक, रुप कुमार राठौड़, सोनू निगम और हरिहरन ने अपनी आवाज दी थी, इनके अलावा इस फिल्म के गीत हिन्दुस्तान हिन्दुस्तान में कुलभूषण खरबंदा जी ने भी अपनी आवाज दी थी।

इस फिल्म ने जहां सोनू निगम को एक अच्छे सिंगर के तौर पर बोलीवुड में स्थापित करने का काम किया था तो वहीं रुप कुमार राठौड़ भी मानते हैं कि इस फिल्म में उन्हें एक ग़ज़ल गायक की छवि से हटकर अलग जोनर में गाने का मौका  मिला था जिसके चलते इन्हें इंडस्ट्री में लगातार काम मिलने लगा था।

Border Movie Scene

इस फिल्म के सबसे मशहूर गीत संदेशे आते हैं के बारे में जावेद साहब ने कहा था कि अनु मलिक के संगीत पर जब उन्होंने गाने को लिखा तो उसमें कुछ अधूरापन सा प्रतीत हो रहा था इसलिए उन्होंने अपनी तरफ से संगीत से हटकर फ्री वर्स में कुछ लाइनें लिख दी और अगले दिन स्टुडियो पहुंचकर जेपी दत्ता और अनु मलिक से कहा कि इस गाने की रिकार्डिंग में कुछ दिनों का समय लगेगा।

किस सबसे मुश्किल काम को अनु मलिक ने 5 मिनट में कर दिया था

जेपी दत्ता और जावेद साहब के बीच जब इस गाने को लेकर बात चल रही थी तब अनु मलिक पांच मिनट के लिए उनसे दुर गए और फिर उन्हें बुलाकर पुरा गाना सुनाया।

जावेद साहब बताते हैं कि अनु मलिक ने फ्री वर्स को पांच  मिनट से भी कम समय में संगीतबद्ध किया था जिसके लिए संगीत के जानकार मानते हैं कि यह किसी भी संगीतकार के लिए सबसे मुश्किल काम होता है।

इस तरह बोर्डर फिल्म के इस जादुई गीत का जन्म हुआ था और जिन अतिरिक्त लाईनों के बारे में यहां बात हो रही है वो लाईनें है ए गुजरने वाली हवा बता, इस गाने का सबसे ज्यादा बार गाये जाने वाला भाग यही है।

Border Movie Song

4. रिलीज

13 जून 1997 को बोर्डर फिल्म ने सिनेमाघरों में दस्तक दी और कुछ ही दिनों में उस साल की सबसे सफल फिल्म बन गई थी।

वर्ल्डवाइड कलेक्शन के आधार पर यह फिल्म उस साल रीलीज हुई यश चोपड़ा की फिल्म दिल तो पागल है के बाद दुसरी सबसे बड़ी फिल्म साबित हुई थी।

लेकिन इसी बीच फिल्म के पहले दिन के पहले शो में जब यह फिल्म उपहार सिनेमाघर में प्रदर्शित की गई तो वहां ट्रांसफार्मर में शोर्ट सर्किट के चलते आग लग गई थी जिसके चलते 59 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग सौ लोग घायल हो गए थे।

90’s की सबसे सफल फिल्मों में शुमार बोर्डर के निर्माता जेपी दत्ता को इस फिल्म की रिलीज के बाद मारने की धमकियां भी मिलने लगी थी, जेपी दत्ता ने जब यह बात पुलिस कमिश्नर को बताई तो उन्होंने इनकी सिक्योरिटी के लिए दो बोडीगार्ड भेज दिए जो उन दिनों हर समय इनके साथ रहते थे, साथ ही इस दौरान जेपी दत्ता को अपने परिवार से मिलने और यात्रा करने से भी मना किया गया था।

JP Dutta

लेकिन समय के साथ साथ सबकुछ सामान्य होने लगा और बोर्डर की कामयाबी ने जेपी दत्ता को बोलीवुड के सफल निर्माताओं की सूची में शामिल कर दिया था।

बात करें इस फिल्म को मिले अवार्ड्स की तो इस फिल्म ने तीन नेशनल अवार्ड्स और चार फिल्मफेयर अवार्ड अपने नाम किए थे जिनमें बेस्ट लिरिसिस्ट का नेशनल अवार्ड जावेद अख्तर को मिला तो वहीं बेस्ट प्लैबैक सिंगर का नेशनल अवार्ड हरिहरन जी ने मेरे दुश्मन मेरे भाई के लिए अपने नाम किया था।

Javed Akhtar Filmfare

5. अननोन फैक्टस

सच्ची घटना पर आधारित यह फिल्म जेपी दत्ता का ड्रीम प्रोजेक्ट था जिसे वो एक बड़े स्तर पर बनाना चाहते थे और इसीलिए इन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव से भी इस फिल्म के बारे में बात की थी जिन्होंने फिल्म की स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद कहा था कि यह फिल्म जरूर बननी चाहिए और इसके लिए निर्माताओं को आर्मी की तरफ से भी पुरा सहयोग दिया गया था।

फिल्म में नजर आने वाली बंदुको से लेकर होकर हंटर विमान और सैनिकों सहित यूनिफॉर्म और बहुत सी जानकारियां जेपी दत्ता को भारतीय  सेना द्वारा दी गई थी, जिससे फिल्म को ओथेन्टिक रुप मिल पाया था।

फिल्म में दिखाया गया है कि धर्मवीर भान और सूबेदार रत्न सिंह युद्ध में शहीद हो जाते हैं लेकिन लोंगेवाला युद्ध ऐसा नहीं हुआ था, सुबेदार रत्न सिंह का निधन 2016 में हुआ था। फिल्म में सनी देओल ने लोंगेवाला युद्ध के नायक कुलदीप सिंह चांदपुरी का किरदार निभाया था और इस फिल्म में उन्हें पहली बार सरदार के रोल में देखा गया था।

इस फिल्म के गीत संदेशे आते हैं से बोलीवुड में धूम मचाने वाले सोनू निगम उस समय जी टीवी के शो सारेगामापा को होस्ट कर रहे थे।

Sonu Nigam as Sa Re Ga Ma Pa Host

किस एक्ट्रेस की डेब्यू फिल्म थी ये

रानी मुखर्जी और काजोल के परिवार से ताल्लुक रखने वाली सरबानी मुखर्जी की यह डेब्यू फिल्म थी जिसमें इनके काम को आज भी सराहा जाता है और बीतते समय के साथ यही फिल्म इनकी पहचान बन गई है।

जे पी दत्ता ने इस फिल्म के बाद एलओसी कारगिल और पलटन जैसी फिल्मों का निर्माण भी किया लेकिन बोर्डर जैसा जादू दुबारा किसी भी फिल्म में नजर नहीं आया, यही वजह है कि साल 2013 में इस फिल्म का दुसरा भाग लाने की बात भी जेपी दत्ता ने कही थी लेकिन उसके बाद इन्होंने अपने इस निर्णय की प्रोग्रेस पर कोई जानकारी नहीं दी है।

दोस्तों इस तरह बनाईं गई थी हिंदी सिनेमा की वो फिल्म जिसे देखे बिना आज भी गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस का उत्सव अधुरा नजर आता है।

Show More

Related Articles

Back to top button