Dharmik

ये संकेत दिखें तो समझिये मृत्यु है निकट।

मित्रों, जैसा की हम जानते हैं की, ये शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है, जो हैं, आग, जल, हवा, आकाश और पृथ्वी।

shri krishna naaradtv
भगवान् श्रीकृष्ण

भगवान् श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश देते समय इन्ही पांच तत्वों से बने शरीर के बारे में बहुत ही विस्तार से जानकारी दी है, और साथ ही साथ इस बात को भी बहुत अच्छे से समझाया है की जिस इंसान का जन्म हुआ है, उसी समय वो इंसान अपने जन्म के साथ-साथ अपनी मृत्यु की तारीख भी निश्चित करके आता है, कहने का मतलब ये है की जो भी इस धरती पर जन्म लेगा, चाहे वो मनुष्य हो, या कोई और जीव, उसका मरना तय है।

असल में जब ये आत्मा अपनी आयु ख़त्म करके पुराने शरीर को त्याग देती है, उस समय एक इंसान की मृत्यु हो जाती है और यही मृत्यु की परिभाषा है।

इस तरह ये पांच तत्वों वाला शरीर, मरने के बाद उन्हीं पांच तत्वों में विलीन हो जाता है। हमारा ये शरीर तो नश्वर है ही, ये तो हम जानते ही हैं लेकिन इस शरीर का अंत कब और कैसे होगा, ये केवल भगवान् ही जानता है क्योकि सबके जन्म और मृत्यु की तारीख निश्चित करना उसी के हाथ में है, लेकिन बहुत से धर्मशास्त्रों में कुछ बड़ी ही रहस्यमयी जानकारियां भी छिपी हैं, जिनमें कुछ ऐसे लक्षण या संकेत बताये गएँ हैं, जिससे ये अंदाज़ा लगाया जा सकता है की हमारा ये शरीर कितने दिनों का मेहमान है।

shiv puran naaradtv
शिवपुराण

शिवपुराण के उमासंहिता के अनुसार-

मृत्यु का पहला संकेत-

जब अचानक से शरीर का सारा भाग सफ़ेद या पीला पड़ जाए और ऊपर से कुछ लाल रंग का दिखे तो ये समझ जाना चाहिए की उस इंसान की मृत्यु छः महीने के अंदर-अंदर हो जायेगी, इसके साथ ही अगर उस इंसान की जीभ, मुहं, कान और आँखें ये चारों खास अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर दिए हों तो भी ये तय है की वो इंसान छः महीने से ज्यादा ज़िंदा नहीं रह सकता।

इसके अलावा अगर, कोई इंसान सूर्य या आग से निकले हुए उजाले को नही देख पा रहा हो, या उसे दिन में भी अँधेरा जैसा महसूस हो रहा हो, तो ऐसी स्थिति में भी वो इंसान छः महीने के अन्दर ही मृत्यु को प्राप्त हो जायेगा।

यह भी पढ़ें:- कैसे एक बसा-बसाया नगर बन गया दंडकारण्य वन।

दूसरा संकेत-

जिस इंसान की जीभ फूल जाये और उसके दांतों से गंदे मवाद बहने लगें तो ये समझ जाना चाहिए उस इंसान का जीवनकाल छः महीने से ज्यादा का नहीं है।

इसके अलावा एक और संकेत जिसके बारे में शिवपुराण में लिखा है की- अगर किसी इन्सान को जल, तेल या शीशे में अपनी परछाई न दिखाई दे, तो ये समझ लेना चाहिए की अब वो इस धरती पर केवल छः महीने का ही मेहमान है।

तीसरा संकेत-

शिवपुराण में इसके आगे भगवान् शिव मृत्यु का तीसरा संकेत बताते हुए कहते हैं कि- अगर किसी इन्सान का बायाँ हाथ लगातार एक हफ्ते से फड़क रहा है और उसे बिलकुल भी आराम नही मिल रहा है तो इस बात से ऐसा संकेत मिलता है की वो इंसान एक महीने से ज्यादा जीवित नहीं रह सकेगा।

इसके साथ ही अगर किसी इन्सान के सारे अंगों में अंगड़ाई सी आने लगे और उसका तालू सूख जाए, तो भी उस इंसान की मृत्यु एक महीने के अन्दर होना निश्चित है।

चौथा संकेत-

माता पार्वती को मृत्यु के चौथे संकेत के बारे में बताते हुए महादेव कहते हैं की- हे देवी! अगर किसी इंसान को ये पता चले की उसकी छाया या उसकी परछाई उसे नही दिखाई दे रही है तो ऐसे इन्सान को ये समझ लेना चाहिए की अब उसकी मृत्यु एक महीने के अन्दर होना बिलकुल तय है।

इसके अलावा अगर किसी इंसान के सिर पर, गीद्ध, कौवा या कबूतर बैठ जाए तो उस इंसान की मृत्यु एक महीने के अंदर ही हो जाती है।

पांचवा संकेत-

महादेव शिवशंकर, माता-पार्वती को समझाते हुए कहते हैं की- हे देवी! अभी तक जो मैंने तुम्हे मृत्यु के संकेत बताये वो सब शरीर से सम्बन्धित संकेत थे, अब मैं तुम्हें उन संकेतों को बताने जा रहा हूँ जो इस शरीर के आस-पास के वातावरण से सम्बंधित है।

अगर किसी इंसान को सूर्यमंडल या चंद्रमंडल, ये दोनों लाल दिखाई देते हैं और साथ ही साथ ग्रहों का दर्शन होने के बावजूद उसे ये न समझ आये की वो ग्रह किस दिशा में है, तो भी वो इंसान छः महीने में ही मृत्यु को प्राप्त हो जायेगा। इसके साथ ही अगर किसी को चंद्रमा, या तारामंडल भी न दिखाई दे रहा हो, तो ऐसा मनुष्य तो केवल एक महीने तक ही जीवित रह पायेगा।

छठवा संकेत-

अगर किसी इन्सान को ध्रुव तारा, और आकाश में सौरमंडल के दर्शन न हों, और उसे रात में इन्द्रधनुष और दोपहर में उल्कापात जैसा होता दिखाई पड़े और साथ ही साथ अगर वो ये भी महसूस कर रहा हो की उसे चारों तरफ से गीद्ध और कौवों ने घेर रखा है, तो ये समझ लेना चाहिए की वो छः महीने के अंदर ही मृत्यु को प्राप्त होने वाला है।

सातवां संकेत-

महादेव शिव, माता-पार्वती को मृत्यु के अंतिम संकेत के बारे में समझाते हुए कहते हैं की- अगर किसी इंसान को आकाश में सप्तरिशी तारे न दिखाई दें, और उसे महसूस हो की राहू, सूर्य और चंद्रमा पर ग्रहण कर रहा है, और सारी दिशाएँ घूम रही हैं, तो ऐसी स्थिति में वो इंसान छः महीने से ज्यादा ज़िंदा नही रहता।

इसके अलावा अचानक ही अगर उस इन्सान को, नीली मक्खियाँ आकर घेर लें, तो भी ये समझ जाना चाहिए की उसकी मृत्यु एक महीने के अंदर होना निश्चित है।

इस तरह ये सारे संकेत भगवान् शिव ने माता पार्वती को बताये और ये रहस्यमयी जानकारी शिवपुराण में बहुत ही विस्तार से लिखी है, जिसे आज हमने आपके साथ साझा किया।

यू ट्यूब पर देखें –

Show More

Related Articles

Back to top button