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New Zealand Cricketer Ross Taylor Biography

दोस्तों क्रिकेट की किताब में एक से बढ़कर एक शॉट्स (Shorts) हैं। चाहे वो ऑर्थोडॉक्स (Orthodox) शॉट हो, या अनऑर्थोडॉक्स (Unorthodox)। और आधुनिक (Modern) समय में बल्लेबाजों (Batsman) की लाज़वाब इनोवेशन (Innovation) के चलते ये गिनती बढ़ती ही जा रही है। लेकिन क्रिकेट में काफ़ी कम ऐसे खिलाड़ी थे, जिन्हें उनके सिग्नेचर (Signature) शॉट्स से ही पहचाना गया। जैसे कवर ड्राइव विराट, हेलीकॉप्टर शॉट एमएस धोनी, रोहित शर्मा पुल शॉट, और एबी डिविलियर्स तो 360° सभी शॉट्स में ही बेमिसाल (Unmatched) थे। आज हम आपसे एक ऐसे ही शानदार बल्लेबाज की बात करेंगे जिसकी स्लॉग (Slog) स्वीप (Sweep) के सभी दीवाने हैं। साथ ही उनके शतक (Century) बनाकर जीब निकालने की सेलिब्रेशन (Celebration) भी सबसे अनोखी थी। कुछ लोगों का तो ये मानना है कि उस दिग्गज (Giants) का जन्म ही रिकॉर्ड (Record) तोड़ने के लिए हुआ था। जी हां, हम बात कर रहे हैं रॉस टेलर की। जो विश्व के सबसे महान बल्लेबाजों में एक तो हैं ही,साथ ही न्यूजीलैंड के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वे क्रिकेटर बनना ही नहीं चाहते थे। लेकिन क्यों,चलिए जानते हैं आज के इस पोस्ट में जहां हम रॉस टेलर के जीवन के बारे में जानेंगे, साथ ही कुछ अनछुए (Untouched) पहलुओं को भी।

                                                                                             Ross Taylor

रॉस टेलर का जन्म 8 जून,1984 को न्यूजीलैंड के वैलिंगटन शहर (City) में हुआ। उन्होंने अपनी पढ़ाई पलमर्सटन नॉर्थ बॉयस हाई स्कूल से पूरी की। टेलर बचपन से ही शानदार (Fabulous) हॉकी खिलाड़ी रहे। वे इस खेल में काफी सीरियस थे और अपना करियर आगे हॉकी में ही बनाना चाहते थे। क्रिकेट तो बस शौंकिया तौर पर खेला करते।लेकिन दोस्तों के आग्रह 9Request) करने पर उन्होंने क्रिकेट में अपना हाथ आजमाना (Try) शुरू किया। और देखते ही देखते उनका रुझान (Trend) क्रिकेट में इतना बढ़ा कि वे इस खेल में ही अपना भविष्य बनाने को अग्रसर (Marching) हो गए। और ये सफ़र एज ग्रुप क्रिकेट से शुरू हुआ, जहां टेलर ने सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट्स के लिए अंडर 17 और अंडर 19 में शिरकत (Attending) की। और बढ़िया प्रदर्शन कर उन्हें न्यूज़ीलैंड की अंडर 19 टीम में भी स्थान मिला। टेलर एकदिवसीय (ODI)) और टेस्ट में टीम की कप्तानी भी की। वे न्यूज़ीलैंड क्रिकेट अकैडमी (Academy) का हिस्सा भी रहे।और जूनियर लेवल पर बढ़िया खेल दिखाने वाले टेलर को आगे सीनियर लेवल पर भी मौके मिलने लगे। उन्होंने 2003 में सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की ओर से ही खेलते हुए अपने प्रथम (Frist) श्रेणी करियर की शुरूआत भी की। इसी वर्ष उन्हें न्यूज़ीलैंड ए की टीम से खेलने का भी मौका मिला। 2005 तक न्यूज़ीलैंड ए टीम से खेल अब और परिपक्व (Mature) हो रहे टेलर को अंतरराष्ट्रीय (International) स्तर के लिए पर्याप्त (Sufficient) अनुभव हो चुका था। और अगले ही साल,22 वर्ष की आयु में उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ़ एकदिवसीय (ODI) मैच में पर्दापण (Curtain) किया।लेकिन वे कुछ खास नहीं कर पाए और 15 रन बनाकर आउट हो गए। लेकिन रॉस टेलर ने बड़े मंच के दबाव को अच्छे से झेला, और इसी वर्ष (Year) श्रीलंका के खिलाफ़ 128 रन की लाज़वाब पारी खेली, जिसमें अपनी कमाल की पावर हिटिंग (Hitting) का नज़ारा पेश किया, ख़ासतौर (Especially) पर लेग (Leg)  साइड पर। अब क्योंकि टेलर हॉकी प्लेयर रह चुके हैं। तो उनका स्लॉग स्वीप शॉट उनका सबसे पसंदीदा,और कमाल का शॉट है। जिसके हम सब फैन हैं। हालांकि न्यूज़ीलैंड यह मैच हार गया, लेकिन विश्व (World) क्रिकेट को एक ताबड़तोड (Quickly) खिलाड़ी मिल चुका था,जिसने आने वाले समय में कई कीर्तिमान (Record) स्थापित करने थे। यह तो केवल शुरूआत थी। इसी वर्ष टेलर ने टी 20 में भी पदार्पण किया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ 117 रन की पारी खेल टेलर ने इन दोनों टीमों के मुकाबलों (Bouts) में न्यूज़ीलैंड की ओर से दूसरा सर्वाधिक (Most) स्कोर (Score) बनाया। सीमित ओवर प्रारूप की सफ़लता को देखते हुए उन्हें टेस्ट में भी मौका मिला। हालांकि उनका आगाज़ कुछ ख़ास नहीं रहा और वे केवल 15 और 4 रन बनाकर फेल हो गए और न्यूज़ीलैंड ये मुकाबला हार गया। पर इंग्लैंड के खिलाफ़ श्रृंखला (Series) में उनका बल्ला खूब चमका,जहां उन्होंने 17 चौकों और 5 छक्कों की मदद से 154 रन बनाए , साथ ही श्रृंखला (Series) में सबसे अधिक रन भी बनाए ।2008 के आईपीएल (IPL) में उन्हें आरसीबी (RCB) की टीम ने अपने साथ जोड़ा। उन्होंने अपना शानदार फॉर्म जारी रखते हुए भारत के खिलाफ मैच बचाऊ शतक (Century) भी जड़ा। 2010 में जब एक मुक़ाबले से लगभग आधे घंटे पहले कप्तान (Captain) विटोरी की गर्दन में अकड़न आई तो टेलर को टीम का नेतृत्व (Leadership) करने का अवसर (Occasion) मिला और मैच जिताऊ 70 रन बनाकर टीम के टॉप स्कोरर रहे। साथ ही मैन ऑफ़ द मैच बन उन्होंने 500 न्यूजीलैंड डॉलर मास्टर्टन क्रिकेट क्लब को दान किए। इसी वर्ष टेलर ने सबसे तेज़(81) कीवी बल्लेबाज द्वारा शतक (Century) भी बनाया। लेकिन 2011 विश्व (World) कप टेलर के करियर (Career) का टर्निंग (Turning) प्वाइंट साबित (Proven) हुआ, जहां 8 मुकाबलों में 62 की औसत (Average) से 324 रन बनाने वाले टेलर ने कोहराम (Chaos) मचा दिया था। कई बेमिसाल पारियां खेली जिसके चलते आज भी उन्हें याद किया जाता है। ख़ासतौर पर पाकिस्तान के खिलाफ़ मुकाबले में टेलर ने पाकिस्तान की कमर ही तोड़ दी।। उस दिन टेलर का जन्मदिन भी था। और 0 के स्कोर पर उन्हें जीवनदान देकर मानो गोलकीपर, मतलब विकेटकीपर (Wicketkeeper) कामरान अकमल ने जो मौका दिया, बदले में 131 रन ठोक उन्होंने कीवी टीम को तो तोहफ़ा दिया ही,लेकिन साथ ही शोएब अख्तर का करियर भी खत्म कर दिया।जब पारी का 47वा ओवर करने आया तो टेलर ने उनकी खूब पिटाई करते हुए 28 रन बटोरे। जो कि उनके करियर का आखरी (Last) ओवर (Over) साबित हुआ। मानो टेलर ने उन्हें गेंदबाजी (Bowler) करना ही भुला दिया था।और उनका खौफ रज्जाक की गेंदबाजी में साफ देखने को मिला।और उनके ओवर में 30 रन बटोर न्यूज़ीलैंड ने आखरी 5 ओवर में 100 रन बना दिए जो।कि जो आज के ज़माने में टी 20 में भी देखने को नहीं मिलता। अपने जन्मदिन पर शतक (Century) लगाने वाले वे मात्र चौथे खिलाड़ी बने।

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राजस्थान रॉयल्स के मालिक ने ज्यादा चाटा 

2011 के आईपीएल (IPL) में रॉस टेलर को राजस्थान रॉयल्स की टीम ने खरीदा। इससे संबंधित एक किस्सा टेलर ने अपनी आत्मकथा (Autobiography) में भी साझा किया। जब पंजाब के खिलाफ़ 195 रनों का पीछा करने उतरी आरआर (RR) की ओर से टेलर बिना खाता खोले ही आउट हो गए। तो मैच के बाद उनके गाल पर टीम के मालिक ने 3–4 थप्पड़ जड़ दिए। और कहा कि उन्हें इतने पैसे डक पर आउट होने के लिए नहीं दिए। हालांकि ये सब हसी मज़ाक में हुआ लेकिन टेलर ने ऐसे व्यवहार (Behaviour) की बिल्कुल भी उम्मीद (Hope) नहीं की थी।

क्रिकेट छोड़ देने का मन

लेकिन 2012 वो समय था जब रॉस टेलर ने एक बार तो क्रिकेट छोड़ देने का मन बना लिया था। ये उस वक्त हुआ था जब कप्तान (Captain) टेलर अच्छे से खिलाड़ियों से अच्छे से बात नहीं कर पा रहे थे। और उनकी कप्तानी (Captaincy) में कुछ खामियां (Flaws) आ रही थी। लेकिन जिस तरीके से उन्हें कप्तानी से निकाल फेंका, वे उससे काफ़ी निराश (Disappointed) हुए। उन्होंने इस किस्से का ज़िक्र करते हुए उस वक्त कोच (Coach) रहे माइक हेसन पर भी निशाना (Target) साधा (Simple) जो उन्हें ये तक कह गए थे कि आप एक लीडर नहीं, फॉलोवर (Follower) हैं। कप्तान (Captain) तो ब्रैंडन मैक्कुलम को बना दिया गया। और बाद में टेलर को क्रिकेट बोर्ड (Board) द्वारा माफीनामा (Apology) भी दिया गया। लेकिन टेलर काफ़ी निराश हो गए थे और टेस्ट से एक रात पहले सो भी नहीं पाए थे। हालांकि कप्तानी छिनने से अधिक दुःख उन्हें उस रवैए का था जो बोर्ड का उनके प्रति था।इससे वे इतना टूट गए थे कि क्रिकेट छोड़ने का मन बना चुके थे।vलेकिन खुद को संभालते हुए उन्होंने नए सिरे से सब कुछ शुरू किया।
2013–14 की वेस्टइंडीज के खिलाफ़ श्रृंखला (Series) के तीनों टेस्ट में टेलर ने शतक (Century) बनाए। जहां पहले मुकाबले में उन्होंने अपना पहला दोहरा (Double) शतक बनाया (217)। इसी वर्ष भारत के खिलाफ लगातार तीन एकदिवसीय (ODI) मुकाबलों में उन्होंने 3 शतक भी ठोक डाले।

2015–16 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तो टेलर ने रिकॉर्ड्स (Records) की झड़ी लगा (Shower) दी। हालांकि उस वक्त टेलर की आंख में काफ़ी तकलीफ़ थी और मामला इतना बढ़ चुका था कि सीरीज (Series) के बाद उन्हें सर्जरी करानी थी। लेकिन उनकी बल्लेबाज़ी में मानो इसका कोई असर ही नहीं था। पहले तो केन विलियमसन के साथ 265 रनों की सबसे लंबी साझेदारी,फिर 290 रन बनाकर वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ दोहरा (Double) शतक लगाने वाले पहले कीवी खिलाड़ी भी बने।और साथ ही किसी कीवी बल्लेबाज द्वारा दुसरे सबसे तेज़ 5000 रन भी पूरे किए। इसके बाद उन्होंने आंख की सर्जरी (Surgery) कराई।और वापसी कर वे पहले से भी अधिक घातक (Fatal) और आक्रामक (Aggressive) बल्लेबाज बनकर आए।
2017 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ अपना 17वा शतक लगाते ही उनके न्यूज़ीलैंड की ओर से सर्वाधिक शतक हो गए। वहीं 6000 ओडीआई (ODI) रन बनाने वाले सबसे तेज़ कीवी बल्लेबाज भी बने। इसके अलावा सभी टेस्ट प्लेइंग (Playing) देशों के खिलाफ़ शतक लगाने वाले भी वे पहले कीवी बल्लेबाज बने।
ये रिकॉर्ड्स (Records) का सिलसिला चलता ही गया और अगले वर्ष इंग्लैंड के खिलाफ़ टेलर ने अपने ओडीआई करियर की सबसे महान पारी खेली। जहां नाबाद 181* रन बनाकर उन्होंने टीम को जीत दिलाई,वहीं 7000 रन बनाने वाले केवल तीसरे कीवी बने। ये नंबर 4 पर दूसरा सर्वाधिक स्कोर भी है।नाथन एस्टल को पछाड़कर वे न्यूज़ीलैंड के दूसरे सर्वाधिक एकदिवसीय (ODI) स्कोरर बने। हालांकि न्यूज़ीलैंड श्रृंखला (Series) हार गई, परंतु टेलर टॉप स्कोरर (Scorer) रहे।

आखरी विश्व कप 

2019 में टेलर ने अपने करियर का चौथा और आखरी विश्व (World) कप खेला। और निरंतरता (Continuity))से लगभग हर मैच में टीम को जीत तक पहुंचाते गए। बांग्लादेश के खिलाफ़ अपना 400वा मुक़ाबला खेल वे टॉप स्कोरर कीवी बल्लेबाज बने। जहां 82 रन की पारी खेल उन्होंने 8000 ओडीआई (ODI) रन भी पूरे किए। वहीं सेमिफाइनल (Semifinal) में 74 रन बनाकर वे टीम के टॉप स्कोरर रहे। लेकिन वे फ़ाइनल में केवल 15 रन बनाकर गलत फैसले के चलते आउट दिए गए। 2015 के बाद लगातार दूसरी बार फाइनल में न्यूज़ीलैंड लगभग विश्व (World) कप जीत ही चुका था लेकिन रोमांच (Adventure) मुकाबला बाउंड्री काउंट के घटिया रूल के चलते हारकर कप से केवल एक कदम पीछे रह गया और टेलर का विश्व कप जीतने का सपना कभी पूरा नहीं हो सका। टेलर जैसा दिग्गज कम से कम एक विश्व कप ग्लोरी के तो हकदार हैं ही दोस्तों।

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क्रिकेट को अलविदा 

2020 में टेलर अपना 100वा टेस्ट खेलते ही क्रिकेट के तीनों प्रारूपों (Formats) में 100 मुकाबले खेलने वाले पहले और अभी तक के एकमात्र (Only)खिलाड़ी बने। 2021 में न्यूज़ीलैंड ने आईसीसी (ICC) वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (Championship) जीती और टेलर का इस जीत में अहम योगदान (Contribution) रहा। 2022 में इस दिग्गज ने बांग्लादेश के खिलाफ़ अपने आखरी टेस्ट और नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ अन्तिम एकदिवसीय (ODI) खेल क्रिकेट को अलविदा कह दिया।उन्होंने अपने 16 वर्षीय सुनहरी करियर में 112 टेस्ट,236 ओडीआई और 102 टी 20 मुक़ाबले खेले जहां उन्होंने क्रमश:7683,8607,और 1909 रन बनाए। न्यूजीलैंड के सबसे सफल खिलाड़ी होने के साथ साथ वे हर प्रारूप में नंबर 4 के सबसे सफल बल्लेबाज हैं। वे न्यूजीलैंड के मोस्ट कैप्ड खिलाड़ी भी हैं। टेलर ने अपने करियर में कई रिकॉर्ड्स की झड़ी लगाई।और हाल ही में अपनी आत्मकथा “ब्लैक एंड व्हाइट” लॉन्च की। जिसमें कई किस्सों का उल्लेख है, जिनमें से एक था टीम में रेसिजम का सामना करना, जहां कुछ खिलाड़ी इस प्रकार की टिप्पणियां किया करते।

बाकी किस्से इस प्रकार हैं – 
2012 में एक आईपीएल मुकाबले के दौरान जब फ्रेंचाइजी (Franchise) से मिली बड़ी रकम के प्रेशर (Pressure) के चलते वे संघर्ष (Conflict) कर रहे थे और क्रीज़ पर सहवाग गेंदबाजों को अच्छी खासी पिटाई कर रहे थे तो उन्होंने टेलर को बिल्कुल बेधड़क (Fearless) खेलने को कहा जैसे वे प्रॉन्स (Prawns) खाते हैं। जो कि उन्हें काफ़ी पसंद है। ये सहवाग के बेखौफ अंदाज़ और बेबाक एटीट्यूड को दर्शाता है जो किसी भी गेंदबाज की धज्जियां (Scraps) उड़ा सकते हैं।

वहीं राहुल द्रविड़ का किस्सा सुनाते हुए उन्होंने बताया कि एक बार जंगल सफारी में द्रविड़ के साथ नेशनल पार्क में उन्होंने बाघ (Tiger) को देखा जो कि लगभग 100 मीटर दूरी पर खड़ा था तो कैमरे से लेकर हर शख्स का ध्यान बाघ से ज़्यादा द्रविड़ पर था। क्योंकि विश्व (World) में बाघ तो 4000 हैं,लेकिन द्रविड़ सिर्फ एक। ये द्रविड़ के रुतबे (Status) और की फैन फॉलोइंग (Following) को दर्शाता है।
वहीं बेन स्टोक्स के बारे में भी बताते हुए उन्होंने बताया कि काउंटी क्रिकेट में स्टोक्स के खेल से काफ़ी प्रभावित (Affected) टेलर ने न्यूजीलैंड बोर्ड से बात कर उन्हें बताया था कि स्टोक्स कितना शानदार खिलाड़ी है और उसे न्यूजीलैंड की ओर से खेलना चाहिए। लेकिन बोर्ड की शर्त थी कि स्टोक्स को न्यूज़ीलैंड में आकर घरेलू क्रिकेट खेलना होगा।जो कि न हो सका। और स्टोक्स इंग्लैंड के लिए खेले।

तो दोस्तों ये थी कहानी विश्व के सबसे कंसिस्टेंट (Consistent)और अंडररेटेड (Underrated) खिलाड़ियों में शुमार रॉस टेलर की। आज की पोस्ट में इतना ही।आशा करते हैं कि आपको ये पोस्ट पसंद आई होगी, अपने दोस्तों में शेयर ज़रूर करें।

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