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1983 World Cup के हीरो Yashpal Sharma नहीं रहे

दोस्तों, भारतीय क्रिकेट इतिहास में 1983 विश्व कप जीत एक मील के पत्थर की तरह है। उस जीत की तस्वीरें आज भी ख़ून का दौरान तेज़ कर देती हैं। यही वजह है कि 1983 विश्व कप टीम हर भारतीय के दिल मे बसती है।हर क्रिकेट प्रेमी का यह सपना और प्रार्थना थी कि, ये टीम विश्व कप जीत की गोल्डन जुबली तक साथ रहे।

Yashpal Sharma

11 अगस्त 1954 को लुधियाना में जन्मे यशपाल शर्मा 1983 वर्ल्डकप चैंपियन टीम का हिस्सा रहे थे और सिर्फ हिस्सा ही नहीं, यशपाल शर्मा उस चैम्पियन टीम के पीछे की एक वजह भी थे।

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यशपाल शर्मा ने अपने करियर में कुल 37 टेस्ट और 42 वनडे मैच खेले हैं जिनमें इनके नाम लगभग 2000 रन ही है, लेकिन जो बात इन्हें बाकि लोगों से अलग बनाती है वो ये है कि यशपाल शर्मा अपने वनडे करियर में कभी भी शून्य पर आउट नहीं हुए थे।

Yashpal Sharma World Cup 1983

सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ 61 रनों की पारी खेलकर इसी बल्लेबाज ने भारत को फाइनल का टिकट दिलवाया था।

दोस्तों, दायें हाथ से बल्लेबाज़ी करने वाले यशपाल जी ज़िंदादिली और आत्मविश्वास की अनूठी मिसाल थे। 1983 विश्व कप में कई मौकों पर यशपाल जी ने भारतीय टीम को मुश्किल से बाहर निकाला था। इसलिये, सुनील गावस्कर संग कई टीममेट्स उन्हें संकटमोचक कहकर पुकारा करते थे। लेकिन, करोड़ों आंखों का ये सपना आज उस वक़्त टूट गया जब पूर्व भारतीय क्रिकेटर यशपाल शर्मा जी का सीवियर हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया। यशपाल जी के निधन ने भारतीय क्रिकेट से जुड़ी हर शख़्स की आंखें नम कर दी हैं।यशपाल जी को नारद टी.वी. की टीम की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि।

Yashpal Sharma

Story-Purushottam Pareek and MO. Talib Khan

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