बॉलीवुड के नामचीन सितारों के भाई कौन है


दोस्तों क्या आप जानते है की बॉलीवुड के नामचीन अभिनेताओं के भाई कौन है और वह क्या है तो आज की इस लेख में हम आप को ५ अभिनेताओं के भाईयो के बारे में बतायेंगे |
देवानंद साहब के भाई

1 . सबसे पहले जानते हैं बॉलीवुड के लेजेंड्री एक्टर देवानंद साहब के भाइयों के बारे में . देव आनंद साहब जिन्होंने चालीस के दशक से लेकर नब्बे के दशक तक अभिनय और फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया .लेकिन क्या आप जानते हैं देव साहब के दो भाई भी थे . जी हाँ , चेतन आनंद और विजय आनंद . फ़िल्मी दुनिया का ज्ञान रखने वाले दर्शक इन दो महान फिल्मकारों के नाम से भली भांति परिचित होंगे .तीन भाइयों में सबसे बड़े थे चेतन आंनद जिन्होंने बॉलीवुड को हकीकत ,हीर राँझा ,टैक्सी ड्राइवर जैसी सुपरहिट फ़िल्में दी .चेतन आनंद का जन्म 3 जनवरी 1921 को लाहौर में हुआ था। उनके पिता पिशोरी लाल आनंद जानेमाने वकील थे जो की 1930 के दशक में भारतीय नेशनल कांग्रेस के सदस्य भी रहे। राइटर बनने का सपना लेकर चेतन आनंद 1940 में एक स्क्रिप्ट लेकर मुंबई आए।1944 में उन्हें फणी मजूमदार ने अपनी फिल्म राजकुमार में लीड रोल में ले लिया। चेतन आनंद इंडियन पीपल्स थियेटर असोसिएशन (इप्टा) के सदस्य भी रहे। इसी दौरान उन्होंने ‘नीचा नगर’ नाम की एक फिल्म का निर्देशन कि
या जिसे 1946 के कान फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड मिला । 1950 के दशक के प्रारंभ में चेतन ने अपने छोटे भाई मशहूर देव आनंद के साथ मिलकर नवकेतन प्रॉडक्शन की नींव रखी। चेतन आनंद अक्सर अपनी फिल्मों में एक्टिंग भी किया करते थे। बाद में उन्होंने अपना खुद का बैनर हिमालय फिल्म्स के नाम से शुरू किया। इस प्रॉडक्शन हाउस ने हकीकत, हीर रांझा, हंसते जख्म और हिंदुस्तान की कसम जैसी फिल्में बनाईं। चेतन आनंद की फिल्म आखिरी खत में राजेश खन्ना को पहली बार मौका मिला था।
चेतन आनंद ने 1943 में उमा आनंद से शादी की थी। उनसे उन्हें दो बेटे केतन आनंद और विवेक आनंद हुए। चेतन आनंद ने 17 फिल्मों के अलावा दूरदर्शन के लिए एक सीरियल परम वीर चक्र भी बनाया था जो 1988 में दिखाया गया था। 6 जुलाई 1997 को मुंबई में उनकी मृत्यु हो गई।
2 . विजय आनंद –

अब बात करते हैं देव साहब के छोटे भाई विजय आनंद जी की .देवआनंद साहब को सुपर स्टार बनाने का श्रेय विजय आनद को ही मिलना चाहिए .विजय आनंद की गाइड, जॉनी मेरा नाम, ज्वेल थीफ जैसी फिल्मों ने देव साहब को उनके करियर के शीर्ष पर लाकर खड़ा कर दिया था .विजय आनंद का जन्म 22 जनवरी 1934 को पंजाब के गुरदासपुर मे हुआ था।विजय जब केवल 7 साल के थे तभी उनकी मां का देहांत हो गया था। इसके बाद वो अपने बड़े भाई और भाभी की छत्र छाया में पले बढ़े।जब ये अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी कर रहे थे तब बड़े भाई चेतन और देवानंद फिल्म इंडस्ट्री में नाम बना चुके थे। भाईयों के पदचिह्नों पर चलते हुए विजय आनंद भी मुंबई चले गए।
मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। कॉलेज के दिनों में विजय ने अपनी भाभी उमा आनंद के साथ मिलकर एक स्क्रिप्ट लिखी जिसपर आगे चलकर फिल्म बनी ‘टैक्सी ड्राइवर’।
1954 में रिलीज हुई फिल्म ‘टैक्सी ड्राइवर’ का डायरेक्शन चेतन आनंद ने किया था जबकि फिल्म में एक्टर और निर्माता देवानंद थे। ये फिल्म खूब चली जिसके बाद विजय आनंद फिल्म इंडस्ट्री को अच्छी तरह से समझने लगे थे।
इसके बाद विजय आनंद ने ‘काला बाजार’ और ‘तेरे घर के सामने’ जैसी फिल्मे बनाईं। ये दोनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुईं। इसके बाद ऐसी फिल्म आई जिसके लिए विजय को हमेशा याद रखा जाएगा।
आरके लक्ष्मण के उपन्यास पर आधारित ‘गाइड’ फिल्म से विजय ने बोल्ड सब्जेक्ट को बेहद संजीदगी से दर्शकों तक पहुंचाया
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‘गाइड’ फिल्म ने तमाम नेशनल और इंटरनेशनल अवार्ड जीते। फिल्मफेयर में भी आनंद ब्रदर्स का सिक्का जबरदस्त तरीके से चला था। ‘कोरा कागज’ में उनकी अभिनेत्री जया भादुड़ी थीं। विजय आनंद की प्रसिद्ध फिल्मों में ज्वेल थीफ, तीसरी मंजिल, काला बाजार, राम बलराम भी शुमार की जाती हैं। ‘गाइड’ फिल्म के लिये उन्हें फिल्म फेयर पुरस्कार के अलावा ‘डबल क्राॅस’ फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ संपादक का पुरस्कार भी मिला था। उन्होंने फिल्म निर्देशन की शुरुआत ‘नौ दो ग्यारह’ फिल्म से की थी, और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। विजय ने हकीकत, कोरा कागज, मैं तुलसी तेरे आंगन की फिल्मों में अभिनय भी किया था। 90 के दशक में दूरदर्शन के सीरियल तहकीकात में विजय डिटेक्टिव सैम की भूमिका में नजर आए थे।
फिल्म इंडस्ट्री में करियर की बुलंदियों में एक दौर ऐसा भी आया था जब विजय आनंद तनाव का शिकार हो गए थे। जिसके बाद वो कुछ दिनों के लिए ओशो के सानिध्य में चले गए। विजय ने ओशो से आध्यात्म सीखा। 23 फरवरी 2004 को दिल का दौरा पड़ने विजय आनंद का निधन हो गया।
मुकेश खन्ना के भाई –

अब बात करते हैं हम सब के चहेते सुपर हीरो शक्तिमान और भीष्म पितामह यानि की मुकेश खन्ना जी के भाई वेद खन्ना जी की .
मुकेश खन्ना जी अक्सर अपने इंटरव्यूज में अपने बड़े भाई वेद खन्ना का नाम लेते रहते हैं .इनका फ़िल्मी करियर ज्यादा कुछ खाश नहीं रहा एक producer के तौर पर इन्होने 1982 में इंसान फिल्म बनायीं थी जिसमें विनोद खन्ना और जीतेन्द्र जैसे सितारे लीड रोल में थे . जनवरी 2018 में वेद खन्ना जी मौत हो चुकी थी .
ऋतिक रोशन के कजिन ब्रदर –
अपने इस लिस्ट में तीसरे न. पर हमने शामिल किया है ऋतिक रोशन के कजिन ब्रदर एहशान रोशन को . एहशान ऋतिक रोशन के चाचा जी और बॉलीवुड के मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर राजेश रोशन के बेटे हैं . एक अस्सिटेंट डायरेक्टर के रूप में इन्होने कबाली जैसी फिल्मों के लिए काम किया है .
रजनीकांत के भाई –
अब बात करते हैं साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत के भाइयों के बारे में . रजनीकांत तीन भाई हैं सत्यनारायणा राव गायकवाड़ और नागेश्वर राव गायकवाड़ और इन दोनों लोगों का फ़िल्मी दुनिया से कोई नाता नहीं है .
चंकी पांडेय के छोटे भाई –
अंत में बात करते हैं चंकी पांडेय के छोटे भाई चीक्की पांडेय की . इनका भी फ़िल्मी दुनिया से कोई नाता नहीं है मगर हाँ ये मुंबई के एक जाने माने बिजनेसमैन हैं .