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कहानी श्रीलंका के महान खिलाड़ी कुमार संगकारा की

Kumar Sangakkara Family and Biography

साल 2006 | वन डे क्रिकेट के सबसे बेहतरीन विकेट कीपर्स में गिने जाने वाले इस खिलाड़ी से अपने ग्लव्ज हमेशा के लिए उतार कर रख देने को कह दिया गया | वन डे क्रिकेट में स्टम्पिंग के मामले में महेद्र सिंह धोनी के बाद सबसे ज्यादा स्टम्पिंग करने का रिकॉर्ड रखने वाले खिलाड़ी के लिए ये खबर हताश निराश करने वाली थी |

इस फैसले से जितना निराश इस खिलाड़ी के फैन्स थे उससे कहीं ज्यादा दुखी खुद ये खिलाड़ी था | इस फैसले से इस खिलाड़ी का हौसला भी टूट गया | उसने विरोध भी जताया लेकिन मैनेजमेंट के आगे उसकी एक न ली | मजबूरन उसे अपने ग्लव्स उतारने पड़े | दोस्तों हम बात कर रहे हैं दुनिया के बेहतरीन विकेटकीपर बल्लेबाज और श्रीलंका टीम के पूर्व कैप्टन कुमार संगकारा की |

 

कुमार संगकारा का जन्म 1977 में श्रीलंका के कैंडी शहर में हुआ था | उनकी शुरुआती पढाई लिखाई भी वहीं के ट्रिनिटी कॉलेज में हुई | स्कूली दिनों में उन्हें वायलिन बजाना बहुत पसंद था | जैसा कहते हैं कि पूत के पाँव पालने में ही दिख जाते हैं | और संगकारा इस कहावत को सच साबित करते हैं |

वो स्कूल में ही बैडमिन्टन, टेनिस, स्विमिंग, टेबल टेनिस और क्रिकेट जैसे  खेलों में हिस्सा लिया करते थे | वैसे तो उन्हें टेनिस बहुत पसंद था लेकिन उनके प्रिंसिपल ने उसी समय उनके टैलेंट को परख लिया और उन्हें सिर्फ क्रिकेट पर फोकस करने को कहा | और इसके बाद संगकारा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा |

ये स्कूल की तरफ से under 13, under 15, under 17, under 19 में खेले | इन्हें अपने बेहतरीन खेल के लिए स्कूल के The Trinity Lion Award और Ryde Gold Medal से नवाजा गया | महज 22 साल की उम्र में इन्हें श्रीलंकन A टीम की ओर से खेलने का मौका मिला | साल 2000 में जिम्बाब्वे A के खिलाफ खेली गई 156 रनों की शानदार पारी ने उन्हें वो जगह दिला दी जिसका सपना हर खिलाड़ी देखता है | उसी साल वो नेशनल टीम में सेलेक्ट कर लिए गये |

Kumar Sangakkara
Kumar Sangakkara

वैसे तो संगकारा ने वकालत की पढाई भी की लेकिन क्रिकेट से समय न मिलने की वजह से पढाई बीच में ही छोडनी पड़ी | लेकिन काम को अधूरा छोड़ना उनकी आदत में नहीं था | इसलिए बाद में अपनी वकालत की पढाई भी पूरी की |

 

साल 2000 संगकारा के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ | इसी साल साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए इन्हें टेस्ट टीम में बतौर बल्लेबाज और विकेट कीपर सेलेक्ट किया गया था | और ये रिप्लेस कर रहे थे उस जमाने के धाकड़ पिंच हिटर और लाजवाब विकेट कीपर कलुवितारना को |

हालाँकि टेस्ट से पहले उनका सिलेक्शन वन डे टीम में हो चुका था | पूरी दुनिया को अपना टैलेंट दिखाने में इन्होने बिलकुल भी वक्त नहीं गंवाया | अपने दूसरे ही वन डे मैच में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 85 रन ठोंक कर ये man of the match बन बैठे | उस सीरिज में उन्होंने 66 से भी ज्यादा के अवरेज से 199 रन बनाये और बदले में उन्हें मिला टेस्ट डेब्यू का मौका |

 

अपनी पहली टेस्ट सेंचुरी के लिए संगकारा को काफी मेहनत और इंतजार करना पड़ा | ये दो बार सौ की दहलीज पर पहुंचे भी लेकिन शायद नर्वस नाइंटीज का शिकार हो गये | आखिरकार अगस्त 2001 में इन्होने भारत के खिलाफ अपना पहला टेस्ट शतक लगाया | लेकिन ये इतने से में मानने वाले खिलाडियों में नहीं थे |

साल 2002 | मौका था सेकंडAsian Test Champion के फाइनल का | इस दिन शायद संगकारा ने कुछ और ही सोच रखा हा | मैच पाकिस्तान से था | ये मैदान में बैटिंग करने उतरे | और जब लौटे तो इनके नाम दर्ज हो चुका था इनका पहला दोहरा शतक | इनके इस परफॉरमेंस की बदौलत श्रीलंका टेस्ट चैंपियन बना | हालाँकि वन डे सेंचुरी लगाने के लिए इन्हें अप्रैल 2003 तक इंतजार करना पड़ा |

Kumar Sangakkara Test
Kumar Sangakkara Test

2006 में श्रीलंका टीम का कप्तान मर्वन अट्टापट्टू इंजरी के चलते टीम से बाहर हो गए | ऐसे में महेला जयवर्धने टीम के नए कप्तान बना दिए गये और संगकारा बन गये टीम के उप कप्तान | बाद में ये रेगुलर वाईस कैप्टन बन गये | इन्हें साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेलना खूब भाया | जुलाई 2006 में उन्होंने साउथ अफ्रीका के ही खिलाफ टेस्ट में अपना सेकंड हाईएस्ट स्कोर 287 रन बनाया | इस मैच में उन्होंने महेला के साथ मिलकर 624 रनों की पार्टनरशिप की थी जो एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है |

 

आपको जानकर हैरानी होगी कि टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज8000, 9000, 10000, 11000, 12000 रन बनाने का रिकॉर्ड भी कुमार संगकारा के नाम ही दर्ज है |

 

फरवरी 2009 में महेला जयवर्धने ने टीम की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया | और फिर टीम के कैप्टन बने अब तक 80 टेस्ट और 246 वन डे मैच खेल चुके 31 वर्षीय कुमार संगकारा | कप्तान के रूप में इनका सबसे पहला टूर्नामेंट थाICC World T20 | और ये उनके कुशल नेत्रत्व का ही कमाल था कि अपनी कप्तानी में पहले ही और वो भी सबसे बड़े टूर्नामेंट में टीम रनर अप बन गई |

लेकिन संगकारा के लिए आगे के रास्ते इतने आसान भी नहीं थे | इसी साल हुईICC Champions Trophy से टीम नॉक आउट दौर से ही बाहर हो गई | इसके बाद हुए भारत दौरे में भी टीम भारत के हाथों टेस्ट सिरीज 2-0 से और वन डे सीरीज 3-1 से गँवा बैठी | ये वो दौर था जब लोग उनकी कप्तानी पर सवाल उठाने लगे थे |

लेकिन खिलाड़ी बड़ा वही होता है जो बुरे वक्त को पछाड़ कर और मजबूती से वापसी करता है | इसके बाद हुई कई triangular सीरीज जीती | इसमें सबसे खास था टीम का आस्ट्रेलिया दौरा | इस दौरे में श्रीलंका ने न सिर्फ T20 में बल्कि वन डे सीरीज में भी हराया | ये पहला मौका था जब श्रीलंका आस्ट्रेलिया में कोई सिरीज जीती थी |

 

वर्ल्ड कप खेलना और उसे जीतना हर कप्तान के लिए एक सपना होता है | 2011 वन डे वर्ल्ड कप से एक महीने पहले ही संगकारा ने इस बात का ऐलान कर दिया था कि वो इस टूर्नामेन्ट के बाद कप्तानी छोड़ देंगे | ये वर्ल्ड कप संगकारा के लिए बतौर बल्लेबाज बेहतरीन साबित हुआ | उस दौरान वो गजब के फॉर्म में थे |

Kumar Sangakkara 2011 World Cup
Kumar Sangakkara 2011 World Cup

खेले गये 9 मैचों में उन्होंने 465 रन बनाये | टूर्नामेन्ट में वो Third highest scorer रहे | हालाँकि वो टीम को वर्ल्ड कप नहीं दिला पाए | फाइनल में श्रीलंका भारत से हार गया | लेकिन उनकी बेहतरीन परफॉरमेंस का अंदाजा इसी से लगाइए कि 2011 World Cup के लिए ICC ने Team of The Tournament का कैप्टन और विकेट कीपर बनाया था |

वैसे 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल का मजेदार किस्सा भी है | हुआ यूँ कि मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में फाइनल देखने के लिए जबरदस्त भीड़ उमड़ पड़ी थी | पूरा मैदान खचाखच भरा हुआ था | लगभग 42000 दर्शक इंडिया इंडिया के नारे लगा रहे थे | और जब टॉस हुआ तो वो हुआ जो विश्व क्रिकेट के इतिहास में आज तक नहीं हुआ था | असल में जब भारतीय टीम के कप्तान धोनी ने टॉस के लिए सिक्का उछाला तब मैच रेफरी जेफ़ क्रो संगकारा की कॉल सुन नहीं पाए और टॉस दोबारा करना पड़ा |

 

इसके बाद उन्होंने तीनों ही फॉर्मेट में अपनी कप्तानी छोड़ डी | 2012 में उन्हें Wisdon Cricketer of The Year से भी सम्मानित किया गया | कप्तानी छोड़ने के बाद भी वो उनके खेल में कोई कमी नहीं आई बल्कि वो और निडर होकर खेलने लगे | वो रिकॉर्ड दर रिकॉर्ड बनाये जा रहे थे | उनके नाम 11 डबल सेंचुरी दर्ज हैं जो कि सर डॉन ब्रेडमैन की 12 डबल सेंचुरी से एक कम है |

2014 में संगकारा ने अपना हाईएस्ट स्कोर 319 रन बनाये | सनथ जयसूर्या और महेला जयवर्धने के बाद ये केवल तीसरे ऐसे बैटर थे जिन्होंने श्रीलंका के लिए तिहरा शतक जमाया था |

Kumar Sangakkara
Kumar Sangakkara

2014 में संगकारा ने T20 Format तो 2015 में वन डे और टेस्ट दोनों ही फॉर्मेट से सन्यास ले लिया | ये उन चंद क्रिकेटरों में शुमार हैं जिन्होंने अपने कैरियर के शिखर पर रहते हुए सन्यास लिया | उनके कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी फेयरवेल सेरेमनी में श्रीलंका के प्रेसिडेंट, प्राइम मिनिस्टर से लेकर खेल के बड़े बड़े दिग्गज मौजूद थे |

 

साल 2020 में श्रीलंका के पूर्व खेल मंत्री ने 2011 वर्ल्ड कप फाइनल फिक्स कोने का आरोप लगा कर पूरी दुनिया में सनसनी मचा दी थी | इस केस में संगकारा से भी पूछताछ हुई थी | हालाँकि ICC ने इन दावों को पूरी तरह नकार दिया था |

 

कुमार संगकारा जैसे खिलाड़ी रोज रोज नहीं पैदा होते | ऐसे खिलाड़ी पैदा होते हैं इतिहास बनाने के लिए | संगकारा ने भी न केवल श्रीलंका क्रिकेट के लिए बल्कि विश्व क्रिकेट के लिए नया इतिहास लिखा | क्रिकेट खेलना उन्होंने भले ही छोड़ दिया हो लेकिन उनके खेल को खेलप्रेमी कभी भुला नहीं पाएंगे | वो आज भी किसी न किसी रूप में क्रिकेट से जुड़े हुए हैं | क्रिकेट से जुड़े रहना क्रिकेट के ही हित में हैं | नारद टीवी कुमार संगकारा जैसे महान खिलाड़ी को सलाम करता है |

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