
तारीख 9 दिसंबर साल 2009, “विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम नागपुर” ने मेजबानी की अपने पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच की। इस मैच में भारत की भिड़ंत होनी थी, उस दौर की मजबूत और जुझारू टीम श्रीलंका से। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग का निर्णय किया, और इसी मैच में आशीष नेहरा के साथ t20 क्रिकेट में डेब्यू हुआ घरेलू क्रिकेट में रिकॉर्ड्स के पहाड़ खड़े करने वाले खिलाड़ी Ashok Dinda का।
Ashok Dinda का प्रारंभिक जीवन
अशोक डिंडा का जन्म 25 मार्च सन 1984 को मोयना वेस्ट बंगाल में हुआ। अशोक डिंडा का पूरा नाम ,अशोक भीमचंद्र डिंडा है। जीवन के शुरुआती दौर से ही क्रिकेट में खासी रुचि रखने के कारण अशोक डिंडा पढ़ाई से ज्यादा अपने खेल पर फोकस किया करते थे । जिसके चलते लोकल टूर्नामेंट्स और जिला स्तर क्रिकेट में अशोक डिंडा ने अपने क्षेत्र में बहुत नाम कमाया ।
साथ ही अपनी गेंदबाजी की रफ्तार से stumps को कई मीटर दूर उखाड़ फेंकने की उनकी कला ने उन्हें बंगाल घरेलू क्रिकेट के दरवाजे तक लाकर खड़ा कर दिया। घरेलू क्रिकेट में बंगाल की तरफ से खेलते हुए अशोक डिंडा ने प्रथम श्रेणी व लिस्ट ए क्रिकेट में क्रमशः 420 और 141 विकेट्स अपने नाम किए।
घरेलू क्रिकेट में अशोक डिंडा द्वारा अर्जित किए गए यह आंकड़े उन्हें भारतीय घरेलू क्रिकेटर्स की लिस्ट में एक खास जगह दिलवाते हैं। बंगाल की तरफ से घरेलू क्रिकेट में खेलने वाले गेंदबाजों की फेहरिस्त में अशोक डिंडा का नाम उत्पल चटर्जी के बाद दूसरे सबसे कामयाब गेंदबाज के तौर पर दर्ज है।
कैसे हुआ रिकॉर्ड बुक में नाम दर्ज
अपने दाहिने हाथ की सटीक और तेज गेंदबाजी के चलते घरेलू क्रिकेट में ना केवल डिंडा ने रिकॉर्ड्स बुक में अपना नाम दर्ज किया परंतु साथ-साथ बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के मेंबर्स की गुडवुक्स में भी अपना नाम स्थापित किया। अपनी प्रतिभा और प्रयास के निरंतर संबल मिश्रण से अशोक डिंडा के जीवन में साल 2009 में वह मुकाम भी आया जब उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पटल पर अपनी प्रतिभा के साथ-साथ अपने देश के नाम का प्रतिनिधित्व ने करने का मौका मिला।

अपने डेब्यू अंतरराष्ट्रीय मैच में अशोक डिंडा ने 3 ओवर डाले जहां उन्होंने 34 रन देकर तिलकरत्ने दिलशान को अपना शिकार बनाया। हालांकि इस मैच में लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम को 29 रनों से शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा बात करें यदि अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच में अशोक डिंडा के डेब्यू की तो, डिंडा का ओडीआई क्रिकेट में डेब्यू जून 2010 में जिंबाब्वे के खिलाफ हुआ।
Ashok Dinda को एशिया कप के बाद टीम से क्यों ड्रॉप होना पड़ा
अपने डेब्यू एकदिवसीय मैच में अशोक डिंडा ने 7 ओवर डाले जहां एक भी सफलता उनके हाथ नहीं लगी । बहरहाल इस प्रदर्शन के बावजूद भी साल 2010 में श्रीलंका में आयोजित होने वाले एशिया कप में अशोक डिंडा अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे । इस टूर्नामेंट में अशोक डिंडा को महज एक मैच में ही प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया जहां उन्होंने 5 ओवर डाले और एक भी सफलता उनके हाथ नहीं लगी।
अब चाहे वजह अवसर के अभाव को मानिए या अशोक डिंडा के निराशाजनक प्रदर्शन को एशिया कप 2010 के बाद उन्हें टीम से ड्रॉप होना पड़ा। लेकिन वह कहते हैं ना ” जिसके पास धैर्य है वह जो चाहे पा सकता है” । अंंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैरियर के अपने पहले चरण में नाकामयाब होने के बावजूद अशोक डिंडा ने कभी कोशिशों से इस्तीफा नहीं दिया।
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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर होने के बाद अशोक डिंडा फिर एक बार घरेलू क्रिकेट में जी तोड़ तरीके से जुट गए, रणजी सीजन 2011-12 में अद्भुत प्रदर्शन के बाद उनका चयन फिर से अंतरराष्ट्रीय टीम में 2012 में होने वाले एशिया कप के लिए हो गया। इस एशिया कप में डिंडा के संतोषजनक प्रदर्शन के बाद उनका चयन श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय टीम में हो गया।
Ashok Dinda का IPL सफर
जहां खेले गए एकमात्र टी-20 मैच में अशोक डिंडा ने श्रीलंका के खिलाफ 19 रन देकर चार विकेट्स झटके जिसके बाद भारतीय टीम ने यह मैच 39 रनों से अपने नाम किया। श्री लंका में अशोक डिंडा द्वारा किया गया प्रदर्शन सराहनीय रहा और t20 में 4 विकेट झटकने के बाद डिंडा टीम मैनेजमेंट का भरोसा जीतने में कामयाब रहे।
अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सफर में अशोक डिंडा ने कुल मिलाकर 13 ओडीआई व 9 t20 मैच खेले जिनमें उनके विकेट क्रमशाह 12 और 17 रहे। घरेलू क्रिकेट और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अलावा यदि हम बात करें विश्व की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग यानी आईपीएल की तो यहां भी अशोक डिंडा ने 78 मैचों में अपना प्रतिनिधित्व किया जहां उन्होंने 69 विकेट 30 की बॉलिंग एवरेज से अपने नाम किए वहीं आईपीएल में उनका इकोनामी रेट 8.16 का रहा।

अपने आईपीएल करियर के दौरान अशोक डिंडा KKR , Delhi Daredevils , Pune warriors, RCB और RISING PUNE SUPER GIANTS का हिस्सा रहे। अपने पूरे आईपीएल करियर में अशोक डिंडा कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए और उनके आईपीएल प्रदर्शन के चलते आलोचकों और क्रिकेट प्रशंसकों दोनों वर्गों ने उन्हें आड़े हाथों लिया। आईपीएल प्रदर्शन के लिए
क्यों किये जाते थे सोशल मीडिया पर ट्रोल
अशोक डिंडा को सोशल मीडिया पर बहुत troll किया जाता रहा है। आईपीएल के अंतरराष्ट्रीय सिलेक्शन की चाबी बन जाने के बाद आलोचक खिलाड़ियों के सिर्फ आईपीएल प्रदर्शन पर नजर रखते हुए अपनी राय बनाते हैं। हालांकि इस बात पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जाता कि खिलाड़ी का घरेलू प्रदर्शन कैसा है !
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इस बात के प्रति अशोक डिंडा कई बार नाराजगी जता चुके हैं वह बंगाल घरेलू क्रिकेट के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज है , इसके बावजूद भी आईपीएल प्रदर्शन के चलते उन्हें लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है। बरहाल घरेलू क्रिकेट में खूब जद्दोजहद के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जगह न बना पाने के कारण आखिरकार अशोक डिंडा ने साल 2019 में क्रिकेट के सभी प्रारूपों को अलविदा कह दिया।

अशोक डिंडा का निजी जीवन
अपनी रिटायरमेंट की घोषणा के साथ साथ अशोक डिंडा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से जुड़े अपने एक मलाल को भी अपने प्रशंसकों के सामने रखा उनका , कहना था “यदि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टेस्ट मैच में भी अपने देश का प्रतिनिधित्व कर पाते तो यह उनके लिए बहुत सौभाग्य की बात होती”
गौरतलब हो कि इस भारतीय तेज गेंदबाज ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केवल टी-20 और वनडे इंटरनेशनल में ही देश का प्रतिनिधित्व किया है। क्रिकेट के अतिरिक्त बात करें यदि अशोक डिंडा के निजी जीवन की तो डिंडा ने एक लंबे अफेयर के बाद अपनी गर्लफ्रेंड श्रेयशी रुद्रा से 22 जुलाई 2013 को शादी कर ली थी जिनसे उनकी एक बेटी भी है।
क्रिकेट से दूरी बना लेने के बाद अशोक डिंडा अभी भी क्रिकेट से जुड़े हुए हैं और एक कमेंडेटर के तौर पर वह अभी भी इस खेल का लुफ्त उठा रहे हैं |
