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Anil Kapooor के Mr. India बनने की कहानी

Naarad TV Filmy Facts

बॉलीवुड हो या हॉलीवुड, साइंस फिक्शन पर आधारित फिल्में हमेशा से ही फिल्म मेकर्स से लेकर दर्शकों तक का पसंदीदा विषय रही हैं।विगत कुछ वर्षों को छोड़ दिया जाये तो इसमें कोई शक़ नहीं है कि टैक्नोलोजी के मामलों में हॉलीवुड हमेशा बॉलीवुड से आगे रहा है। बावज़ूद इसके भारत में ढेरों ऐसी फिल्में बनीं भी और सफल भी हुईं।साइंस फिक्शन पर आधारित एक ऐसी ही फिल्म वर्ष 1987 में रिलीज़ हुई थी जिसका नाम है Mr. India .

उस ज़माने में यह फिल्म जितनी कामयाब हुई थी उतने ही इस फिल्म से जुड़े ढेरों किस्से भी मशहूर हुए जिसका ज़िक्र समय समय पर इस फिल्म से जुड़े तमाम लोग अपने इंटरव्यूज़ में करते ही रहते हैं। आज हम इस फिल्म से जुड़ी ऐसी ही तमाम दिलचस्प बातों को आपके साथ साझा करने वाले हैं।

Mr. India
Mr. India Movie Poster

कहानी

दोस्तों आपको इस फिल्म की कहानी तो याद ही होगी कि फिल्म का नायक अरुण वर्मा जो कि अनाथ बच्चों की देखभाल करता है। कहानी में खलनायक मोगैम्बो और उसके गुंड़ों के आतंक से मुक्ति दिलाने का बीड़ा उठाने वाले अरुण को एक ऐसी घड़ी मिलती है, जिसको पहनने वाला आदमी गायब हो जाता है। अरुण इस घड़ी की मदद से मिस्टर इंडिया बनकर मौगैम्बो के साम्राज्य का ख़ात्मा करता है। इस काम में उसका साथ देती है इस कहानी की नायिका रिपोर्टर सीमा जो कि अरुण के घर में पेइंग गेस्ट के रूप में रहती है।

साधारण सी इस कहानी में जो सबसे ख़ास बात थी वो थी इस घड़ी को पहन के गायब होना और लाल रोशनी से बचना, क्योंकि लाल रोशनी पड़ते ही घड़ी की ताकत ख़त्म हो जाती थी। इसके अलावा इस फिल्म में मोगैम्बो की रहस्यमयी गुफा भी दर्शकों के लिये कौतूहल का विषय हुआ करती थी जिसमें मिसाइलें, तेजाब के कुएं के साथ-साथ बड़े-बड़े लाल, हरे बटनों वाले कम्प्यूटर को दिखाया गया था।

Mr. India Shooting Photos

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कैसे आया फिल्म को बनाने की आईडिया –

बोनी कपूर द्वारा निर्मित इस फिल्म को सलीम-जावेद की जोड़ी ने लिखा था। फिल्म की कहानी को लेकर दोनों ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि इसका आइडिया उन्हें अमिताभ बच्चन की वजह से आया था। दरअसल, हुआ ये था कि प्रमोद चक्रवर्ती की एक फिल्म के मुहूर्त के लिए अमिताभ बच्चन नहीं पहुंच पाए, तब अमिताभ की ग़ैर मौजूदगी में उनके ऑडियो से काम चलाया गया। बस इसे ही देखकर सलीम-जावेद को फिल्म की कहानी का आईडिया मिला।

हालांकि मिस्टर इंडिया की कहानी काफी हद तक दो सुपरहिट हिंदी फिल्मों से प्रेरित है, पहली फिल्म है वर्ष 1957 में रिलीज़ लेजेंडरी ऐक्टर अशोक कुमार की फिल्म ‘मिस्टर एक्स’ जिसे निर्देशित किया था महेश भट्ट के पिता नानाभाई भट्ट ने जो उस दौर में काल्पनिक और पौराणिक फिल्में बनाने के लिये मशहूर थे। हालांकि मिस्टर एक्स फिल्म ख़ुद भी एच.जी. वेल्स के प्रसिद्ध उपन्यास ‘द इनविजिबल मैन’ से प्रेरित थी।

दूसरी फिल्म जो मिस्टर इंडिया का आधार बनी थी वह है शम्मी कपूर की ‘ब्रह्मचारी’। इस फिल्म में भी नायक कई अनाथ बच्चों की देखभाल करता है। दोस्तों यहाँ हम आपको याद दिला दें कि ‘मिस्टर इंडिया’ ही लेखक जोड़ी सलीम—जावेद द्वारा एक साथ लिखी उनकी अंतिम फिल्म थी।

इस फिल्म को शेखर कपूर ने निर्देशित किया था। बताया जाता है कि इस फिल्म का निर्देशन उन्हें इसलिए सौंपा गया क्योंकि उन्हें बाल कलाकारों पर आधारित फिल्म ‘मासूम’ में बच्चों के साथ काम करने का पहले से अनुभव था।

Salim-Javed

बजट और कमाई –

दोस्तों ‘मिस्टर इंडिया’ अपने दौर की महंगी फिल्मों में गिनी जाती थी। एक इंटरव्यू में निर्माता बोनी कपूर ने बताया था कि यह फिल्म लगभा 4 करोड़ के बजट में बनायी गयी थी जो उस ज़माने में एक बहुत बड़ा अमाउंट हुआ करता था। यह फिल्म बेहद सफल साबित हुई और इसकी कमाई 12 करोड़ से भी अधिक की रही।

कलाकारों के चयन-

बात करें फिल्म के ऐक्टर्स की तो उनके चुनाव से जुड़ी बातें भी बेहद दिलचस्प हैं। कम लोगों को ही पता होगा कि फिल्म के नायक अनिल कपूर जिन्होंने अरुण वर्मा उर्फ मिस्टर इंडिया की भूमिका निभाई थी वे इस फिल्म की पहली पसंद नहीं थे।

अमिताभ बच्चन को ध्यान में रखकर लिखी गई इस फिल्म को अमिताभ ने यह कह कर मना कर दिया कि फिल्म का हीरो तो आधे वक्त तक गायब ही रहता है और जब हम दिखेंगे नहीं तो बिकेंगे कैसे।

इसके बाद यह फिल्म ऑफर हुई राजेश खन्ना को। यह वही दौर था जब राजेश खन्ना का स्टाडम कम हो रहा थे और अमिताभ बच्चन की फिल्में सुपरहिट हो रही थी। बताया जाता है कि ऐसे में राजेश खन्ना अमिताभ बच्चन से चिढ़ने लगे थे इसीलिए जब उन्हें फिल्म मिस्टर इंडिया ऑफर की गई तो उन्होंने तुरंत मना कर दिया था। क्योंकि राजेश खन्ना को यह बिल्कुल गवारा नहीं था कि वो अमिताभ बच्चन की छोड़ी हुई फ़िल्म में काम करें।

Anil Kapoor In Mr. India

अमरीश पूरी नहीं थे मोगेम्बो के लिए पहली पसंद –

फिल्म में खलनायक मोगैम्बो की भूमिका जाने माने अभिनेता अमरीश पूरी निभाई थी लेकिन यह किरदार जो अब तक के बॉलीवुड में सबसे मशहूर और पसंदीदा खलनायकों में से एक माना जाता है उस के पहले सदाबहार अभिनेता अनुपम खेर चुने गये थे ।

यहाँ तक कि फिल्म की शूटिंग भी दो महीनों तक कर ली गयी थी लेकिन पता नहीं किन वज़हों से अनुपम खेर की जगह अमरीश पुरी को रख लिया गया। इस बात से अनुपम खेर को काफी तकलीफ पहुँची थी जिसका खुलासा वे अपने कई इंटरव्यूज़ में कर चुके हैं।

फिल्म में अमरीश पुरी द्वारा बोला गया डायलॉग ‘मोगैम्बो खुश हुआ’ आज भी काफी मशहूर है। दोस्तों आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि इस किरदार के नाम हॉलीवुड की ऑस्कर नॉमिनेटेड फिल्म ‘मोगैम्बो’ से प्रेरित होकर रखा गया था और ‘मोगैम्बो’ का किरदार निभा रहे अमरीश पुरी की हेयरस्टाइल पाकिस्तान के राष्ट्रपति जियाउल-हक़ के जैसी रखी गयी थी।

Mogembo aka Amrish Puri

श्रीदेवी की माँ नहीं चाहती थी की वो इस फिल्म में काम करें-

फिल्म में नायिका की भूमिका अभिनीत की थी उस दौर की सबसे मशहूर अभिनेत्री श्रीदेवी ने इस फिल्म में उन्होंने रिपोर्टर सीमा की भूमिका को कुछ इस तरह से जीवंत किया कि उनके द्वारा अभिनीत सबसे बेहतरीन किरदारों में से एक बन गया। इस फिल्म में श्रीदेवी के चुने जाने के पीछे भी एक बड़ा ही दिलचस्प किस्सा है।

दरअसल इस फिल्म को बोनी कपूर के साथ उनके भाई अनिल कपूर भी प्रोड्यूस कर रहे थे और बोनी की पहली पसंद श्रीदेवी ही थीं। हालांकि श्रीदेवी की माँ जो कि उनके फिल्म असाइनमेंट का काम देखा करती थीं, वे नहीं चाहती थीं कि श्रीदेवी इस फिल्म में काम करें।

श्रीदेवी ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी मां ने बोनी से पीछा छुड़ाने के लिये दस लाख रुपये की मांग कर दी, लेकिन बोनी कपूर ने उन्हें दस की जगह 11 लाख रुपये देने के लिये तैयार हो गये। तब फिल्मी कलाकारों के लिये वैनिटी वैन नहीं हुआ करती थी, लेकिन बोनी कपूर ने श्रीदेवी के लिए खास तौर पर एक वैनिटी वैन की भी व्यवस्था की।

Sri Devi And Anil Kapoor In Mr. India

जब अनिल कपूर के नाराज़ होने से बीच में रुक गयी फिल्म –

बताया जाता है कि बोनी ने 11 लाख रुपए देने के बाद भी श्रीदेवी की मां के इलाज के लिए भी काफी पैसे खर्च किये। इन बेहिसाब खर्चों की वज़ह से अनिल कपूर, बोनी कपूर से काफी नाराज़ हो गए। दोनों के बीच मतभेद इतने बढ़ गए कि अनिल ने फिल्म में काम करने से ही मना कर दिया। ख़ैर कई दिनो तक फिल्म की शूटिंग न होने से परेशान डायरेक्टर शेखर कपूर ने उन्हें फोन करके किसी तरह मनाया तो अनिल किसी तरह वापस आने को तैयार हुये। बताया जाता है कि उसके बाद उन्होंने प्रोडक्शन के हिसाब-किताब का काम अपने हाथ में लिया।

Anil Kapoor Sri Devi And Boney Kapoor On The Set Of Mr. India

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बहरहाल जब श्रीदेवी इस फिल्म में काम करने के लिये तैयार हो गयीं तो परदे पर उनका काम और समर्पण दोनों ही दिखायी दिया। अपनी जान पर खेल कर गुनाहगारों का पोल खोलने वाली एक निर्भीक पत्रकार की सशक्त भूमिका के साथ ही इस फिल्म में उनकी अदाकारी के और भी कई रंग देखने को मिले थे।

इस गाने की शूटिंग के वक़्त श्रीदेवी को था तेज बुखार

उनके समर्पण का अंदाज़ा आप इसी से लगा सकते हैं कि जब ‘मिस्टर इंडिया’ के गाने ‘काटे नहीं कटते ये दिन ये रात’ की शूटिंग हो रही थी तो श्रीदेवी ने तेज़ बुखार के बावज़ूद भी उस गाने को पूरा किया, उस वक़्त उन्होंने बारिश की भी परवाह नहीं की। फिल्म का यह गीत आज भी श्रीदेवी के सबसे हॉट सांग माना जाता है।

दोस्तों इस गीत में श्रीदेवी के हॉट लुक के पीछे भी एक कहानी है। बोनी कपूर जब म‍िस्‍टर इंड‍िया पर काम कर रहे थे उसी दौरान एक रात उन्होंने फ‍िल्‍म ‘जांबाज’ देखी जिसके एक गीत ‘हर क‍िसी को नहीं मिलता प्यार जिंदगी में’ श्रीदेवी का लुक देख वह काफी प्रभाव‍ित हुए थे।

एक रात जब वह टीम के साथ ड‍िनर कर रहे थे तो उन्होंने सबको चुनौती देते हुये कहा क‍ि “इस गाने में श्रीदेवी ज‍ितनी सेक्‍सी द‍िख रही हैं, उतनी सेक्‍सी उन्‍हें कोई और नहीं द‍िखा सकता।” उनकी इस चुनौती को उनकी टीम ने भी स्‍वीकार कर ल‍िया। उसके बाद तय किया गया कि इस गाने में श्रीदेवी को नीली साड़ी में भीगते हुये द‍िखाया जाए। बहरहाल गाना शूट हुआ और बोनी कपूर भी पूरी तरह संतुष्‍ट हो गए।

किसने सिखाया था श्रीदेवी को डांस

दोस्तों श्रीदेवी के काम के प्रति समर्पण के कायल निर्देशक शेखर कपूर ने भी अपने एक ट्वीट में लिखा था कि श्रीदेवी में कॉमिक और कामुकता दोनों को सही तरीके से पर्दे पर उतारने की समझ थी। दोस्तों फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ को श्रीदेवी की बेहतरीन अदाकारी के साथ ही ‘हवा हवाई’ और ‘काटे नहीं कटते’ जैसे गानों पर उनके प्रदर्शन के लिए भी याद किया जाता है जिन्हें अपने नृत्य निर्देशन से ख़ूबसूरत बनाया था मशहूर कोरियोग्राफर सरोज ख़ान ने।

Kate Nahi Kat Te Din Ye Raat Song

किशोर कुमार को मना कर लाये अनिल कपूर –

दोस्तों इस फ़िल्म के गायक किशोर कुमार और संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जी से जुड़ा भी एक किस्सा है जिसे अभिनेता अनिल कपूर ने साझा किया था। फिल्म के 34 साल पुरे होने पर अपने एक ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि

“मिस्टर इंडिया मेरे लिए बहुत ज़रूरी फ़िल्म थी। मुझे याद है जब 34 साल पहले हमने इस सफ़र की शुरुआत की थी। जब मैंने ‘जिंदगी की ही रीत है’ गाने की धुन सुनी थी तो मैं सिर्फ इसमें किशोर दा की आवाज इमेजिन कर रहा था। तब किशोर कुमार, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के साथ गाना नहीं चाहते थे। किशोर दा के संपर्क में आने में भी महीनों लग गए।” उन्होंने आगे लिखा कि “जब मेरी संगीतकारों से बात हुई तो मैं किशोर कुमार के घर गया और दोनों की बात करवाई।”

मिस्टर इंडिया का एक गाना ग़लत भी गाया गया है –

दोस्तों आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि ‘हवा हवाई’ गाने की रिकॉर्डिंग के दौरान एक पंक्ति ग़लत होने के बावज़ूद संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने जानबूझकर ऐसा ही रहने दिया जो आज भी आप सुन सकते हैं।

हुआ ये कि इस गीत के एक अंतरा के अंत में गायिका कविता कृष्णमूर्ति ने ‘जानू जो तुमने आग लगाई’ की जगह ‘जीनू जो तुमने आग लगाई’ गा दिया था, हालांकि दूसरी पंक्ति में उन्होंने सही गाया है फिर भी इस ग़लती को क्यों नहीं सुधारा गया उसके पीछे भी एक कहानी है। दरअसल इस गीत के लिये कविता कृष्णमूर्ति संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की पहली पसंद नहीं थी

गलती के बाद भी गाना क्यों नहीं हुआ दोबारा रिकॉर्ड

। इस गीत को कविता कृष्णमूर्ति की आवाज़ में महज शूटिंग के लिए रिकॉर्ड करया गया था जिसे बाद में किसी और गायिका से गवाया जाने वाला था, इसीलिए उस ग़लती पर ज़्यादा ध्यान भी नहीं दिया गया। एक दिन लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जी ने कविता को फोन पर बताया कि उन्होंने जो रिकॉर्ड किया था उसे ही फिल्म में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। कविता ने ख़ुश होकर कहा कि वो इस गाने का एक रिटेक लेना चाहती थी।

उन्होंने लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जी को वो ग़लती याद दिलाई जो गाने के एक शब्द में हो गयी थी। इस पर लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जी ने उन्हें निश्चिंत किया कि उन्होंने ये गाना कई बार सुना है और इसमें कोई विशेष गड़बड़ी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि शायद ऐसा जादू दोबारा फिर न हो पाये और शायद कविता दोबारा वैसा गा भी न सकें। इसीलिए हम इसी रिकॉर्डिंग को फिल्म में रख रहे है। दोस्तों तब किसी गीत की रिकॉर्डिंग कितनी मुश्किल से होती है आप भी समझ सकते हैं क्योंकि ये वो दौर था जब आजकल की तरह ट्रैक पर रिकॉर्डिंग नहीं होती थी।

गाने चोरी करने का आरोप भी लगा –

दोस्तों मीडिया में एक ख़बर आई थी कि सदाबहार अभिनेता धर्मेंद्र ने ‘मिस्टर इंडिया’ के निर्माताओं पर गीत चोरी करने का आरोप लगाया था जो वर्ष 1966 में रिलीज़ हुई उन्हीं की फिल्म ‘फूल और पत्थर’ का एक गीत था जिसके बोल थे ‘जिंदगी में प्यार करना चाहिए’। यहाँ तक कि ‘हवा हवाई’ गाने के लिए भी ऐसे ही कुछ आरोप लगे थे। हालांकि हवा हवाई शब्द जावेद ने एक उर्दू मुहावरे “हवा हवाई बन के घूमने” से लिया था। संगीत के जानकारों के मुताबिक इस फिल्म के दो गाने ‘नट किंग कोल’ और बेबिल गिलबर्टो के ‘ब्राजीलियन लव सॉन्ग’ से भी प्रेरित हैं।

किसने निभाया था तीन का किरदार-

जैसा कि आप जानते ही हैं कि इस फिल्म में ढेर सारे बच्चों ने भी काम किया था जिन्होंने दर्शकों के दिलों में एक ख़ास जगह बना ली थी हालांकि फिल्म में ढेर सारे बच्चे थे लेकिन जिस छोटी बच्ची ने अपने अभिनय और मासूमियत से सबका दिल जीत लिया था वो बच्ची थी 6 वर्ष की टीना।

इस किरदार को निभाने वाली उस चाइल्ड आर्टिस्ट का नाम है हुज़ान खोदाइजी जो कि सेट पर भी सभी की चहेती थी। हुज़ान से हर किसी को इस कदर लगाव था कि एक दृश्य के दौरान जब टीना को ताबूत में लिटाया गया तो श्रीदेवी सहित वहाँ मौजूद सभी की आँखों में आंसू आ गये थे। इस दृश्य से जुड़ा भी एक बेहद दिलचस्प किस्सा है।

दृश्य के हिसाब से, टीना की मौत के बाद उसे ताबूत में लिटाया जाता है और बाकी बच्चे उस पर फूल चढ़ाते हैं। लेकिन जैसे ही बच्चे बारी-बारी से आकर टीना के ऊपर फूल चढ़ाते तो टीना को हँसी आ जाती तो बाक़ी बच्चे भी हंस पड़ते जिससे पूरा शूट बिगड़ जाता।

ऐसे में निर्देशक शेखर कपूर ने एक प्लान बनाया और हुज़ान की माँ से उसे सुलाने को कहा और जब हुज़ान यानि टीना सो गई तो शूट शुरू किया गया। लेकिन ताबूत में सोई हुई मासूम टीना पर जैसे ही बच्चे फूल चढ़ाने आए तो वे भावुक हो गये और रोने लगे। टीना के इस तरह ताबूत में देख सभी के साथ-साथ श्रीदेवी की भी खुद को रोक नहीं पाईं और उनकी आँखों में भी आंसू आ गये।

अन्य बच्चों ने भी कमाल कर दिया

एक इंटरव्यू में डायरेक्टर शेखर कपूर ने बताया था कि उनकी बेटी उनसे बार-बार पूछती थी “पापा आपने उसे मरने क्यों दिया? आप तो डायरेक्टर थे?” तब शेखर यही जवाब देते थे कि “ये सलीम और जावेद अंकल से पूछो, क्योंकि कहानी उन्होंने ही लिखी है।”

एक अख़बार के अनुसार हुज़ान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें डायलॉग्स लिखी हुई एक बड़ी शीट दी गई थी, जिसे देख कर ही वह रोने लगी थी। हुज़ान के मुताबिक फिल्म में वह जितनी बार भी रोईं थीं, वह बिल्कुल रियल था। दोस्तों इस फिल्म के बाद उन्हें फिल्मों के कई ऑफर मिले, लेकिन उन्होंने किसी और फिल्म में काम नहीं किया।

फिल्म में काम करने को लेकर हुज़ान बताती हैं, “कास्टिंग डायरेक्टर मेरे पापा के दोस्त थे। मैं ऑडिशन के लिए गई और मेरा सिलेक्शन हो गया था।” फिल्म की शूटिंग के बाद वे मद्रास चली गई थीं। हालांकि बाद में उन्होंने कई ऐड शूट किए लेकिन फिल्मों में कभी काम नहीं किया। ख़बरों के मुताबिक वो एक जानी मानी मार्केटिंग कम्युनिकेशन कंपनी लिंटास में बतौर एडवरटाइजिंग एक्जीक्यूटिव काम कर रही हैं। हुज़ान आज दो बेटियों की मम्मी हैं और बॉलीवुड की चकाचौंध से दूर अपनी निजी ज़िदगी में बेहद खुश है।

फिल्म के बाल कलाकार अब क्या कर रहे हैं

इस फिल्म में उनके अलावा आफताब शिवदासनी, करण नाथ और अहमद खान भी बाल-कलाकार के रूप में नजर आए थे। कई फिल्मों में चाइल्ड आर्टिस्ट की भूमिका निभाकर एक नायक के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले आफताब आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं तो वही अभिनेता करण नाथ भी कई फिल्मों में नज़र आ चुके हैं।

करण नाथ के पिता रिक्कू राकेश नाथ एक निर्माता हैं और उससे पहले वे अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित के सचिव भी रह चुके हैं। करण नाथ की माँ रीमा राकेश नाथ एक जानी मानी फिल्म राइटर हैं जो अभिनेता तेज सप्रू की बहन हैं।

अहमद खान आज एक बड़े कोरियोग्राफर बन चुके हैं। अहमद बचपन से ही एक अच्छे डांसर थे। मिस्टर इंडिया की शूटिंग के दौरान अक्सर श्रीदेवी भी उनके साथ ‘हवा हवाई’ डांस का रिहर्सल किया करती थीं।

दोस्तों इस फिल्म से जुड़े कई और इंटरेस्टिंग फैक्ट्स भी हैं जो हमें जानना ही चाहिए-

कम लोगों को ही पता होगा कि फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ में अनिल कपूर के भाई संजय कपूर ने भी अभिनय किया था, दरअसल उन्होंने फिल्म में कई जगहों पर उनके बॉडी डबल का काम किया था। फिल्म के एक दृश्य में जब अरुण गरीबों को खाना खिला रहा होता है तब वहाँ अनिल कपूर की जगह संजय कपूर ने काम किया था।

फिल्म के एक दृश्य जिसमें अरुण और सीमा को एक कॉकरोच से डरना होता है, इस दृश्य में वास्तविकता दिखे इसके लिये शेखर कपूर ने एक असली कॉकरोच मंगवाया, लेकिन कॉकरोच कहाँ एक जगह रुकने वाला था इसलिए कॉकरोच को एक जगह टिके रहने के लिये शेखर कपूर ने उस पर व्हिस्की डाल दी और उस दृश्य को शूट किया।

यह फिल्म श्रीदेवी के साथ साथ अनिल कपूर के कॅरियर की भी सबसे ख़ास फिल्म साबित हुई। बोनी कपूर के मुताबिक इस फिल्म के बाद लोगों का नजर‍िया श्रीदेवी के लिए बदल गया था और वो एक पावरफुल एक्ट्रेस भी बन गई थीं साथ ही इस फिल्म ने अनिल को को जबरदस्त लाइमलाइट में ला दिया।

किसने निभाया कैलेंडर का किरदार

इस फिल्म में मुख्य किरदारों के अलावा कैलेंडर की भूमिका को भी लोगों ने बेहद पसंद किया था जो कि एक कुक और केयरटेकर होता है। इस किरदार को जाने माने कॉमेडियन और निर्देशक सतीश कौशिक ने निभाया था। फिल्म में ऐक्टिंग करने के अलावा वे शेखर कपूर के चीफ असिस्‍टेंट डायरेक्‍टर भी थे। सतीश कौशिक ने बोनी और अनिल कपूर की अगली फिल्म ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ के अलावा उनके प्रोडक्शन की कई फिल्मों का निर्देशन किया।

वर्ष 1957 में बनी एक ऐसी ही फिल्म ‘मिस्टर एक्स’ में नायक की भूमिका निभाने वाले सदाबहार अभिनेता अशोक कुमार ने भी इस फिल्म में एक छोटी भूमिका निभाई थी। नायक के अदृश्य हो जाने वाली मिस्टर एक्स के अलावा एक और ऐसी ही फिल्म बन चुकी है जिसका नाम है ‘मिस्टर एक्स इन बॉम्बे’ इस फिल्म के नायक थे हरफनमौला कलाकार किशोर कुमार। वर्ष 1964 में बनी इस फिल्म में उनका गाया एक गीत ‘मेरे महबूब कयामत होगी’ को आज भी लोग उतने ही चाव से सुनते हैं।

दोस्तों मिस्टर इंडिया नाम के टाइटल से वर्ष 1961 में भी एक फिल्म बन चुकी है, जिसमें मुख्य भूमिका निभाई थी कॉमेडियन ऐक्टर और राइटर आईएस जौहर ने। निर्माता निर्देशक जी पी सिप्पी की इस फिल्म की पटकथा भी आई एस जौहर ने ही लिखी थी।

कहाँ हुई थी शूटिंग

इस फिल्म का सेट मुंबई में अंधेरी के वर्सोवा इलाके में लगा था। बोनी ने बताया था कि, “हमारे सभी लड़ाई वाले दृश्य, स्टंट्स और विनाश, यह सब शूटिंग के दौरान ही किया गया स्पेशल इफेक्ट था। कोई भी स्पेशल इफेक्ट बाद में यानि पोस्ट प्रोडक्शन के दौरान नहीं किया गया।”

इस फिल्म के एक्शन डायरेक्टर थे वीरू देवगन जो कि 70, 80 और 90 के दशक के सबसे सफल ऐक्शन डायरेक्टर्स में गिने जाते थे। ये तो आप अच्छी तरह जानते ही होंगे कि वे अभिनेता अजय देवगन के पिता हैं। इस फिल्म के 32 साल पूरे होने पर अनिल कपूर ने कहा था कि वह इस फिल्म को दिवंगत ऐक्शन डायरेक्टर वीरू देवगन को समर्पित करना चाहते है। अनिल ने ट्वीट में लिखा था कि, “मिस्टर इंडिया को बच्चों के लिए बनाए गए एक्शन सीन और वीरू के मिडास टच द्वारा प्रतिष्ठित बनाया गया। मैं इस फिल्म की 32वीं सालगिरह को उस व्यक्ति को समर्पित करना चाहता हूं जिसने इन अविस्मरणीय क्षणों को संभव बनाया।”

और दोस्तों आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि पूरी फिल्म में अनिल कपूर ने एक ही पोशाक पहनी है। बहुत से लोगों को यह बात मालूम नहीं होगी कि अनिल कपूर की वह आइकॉनिक जैकेट और हैट को मुंबई की लोकल मार्केट से खरीदा गया था जिनको अनिल ने पूरी फिल्‍म में पहन रखा था।फिल्म के प्रमोशन के दौरान शारजाह कप क्रिकेट मैच के दौरान हुए टॉस में सिक्का उछालते समय भी अनिल कपूर ने मिस्टर इंडिया की यही ड्रेस पहन रखी थी।

इस लेख को वीडियो के रूप में देखें –

भारतीय सिनेमा के शताब्दी वर्ष में जब 100 सबसे महानतम भारतीय फिल्मों की सूची बनायी गई तो ‘मिस्टर इंडिया’ को भी इसमें स्थान दिया गया। वर्ष 1989 में फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ का तमिल और कन्नड़ भाषाओं में भी रीमेक बनाया गया।

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Prabhath Shanker

Bollywood Content Writer For Naarad TV

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