क्या आपको याद है बॉलीवुड का ये कॉमेडियन हॉलीवुड में भी बिखेर चुके हैं जलवा ?
दोस्तों कहा जाता है कि बोलीवुड चेहरों की दुनिया है जहां हर साल हजारों नए चेहरे अपना करियर बनाने आते हैं। मगर अपने चेहरे पर अलग अलग तरह के भाव और उन भावों में अपने किरदार को जिंदा रखने वाले कलाकार ही यहां टिक पाते हैं। सिर्फ चेहरा लेकर चलने वाले लोग इस दुनिया के लिए एक पत्थर के समान है, जिनको कभी भी तोड़ा जा सकता है।
लेकिन अपने चेहरे के एक्सप्रेसन से किरदार को जीवंत कर देने वाले अभिनेताओं को यहां भगवान का दर्जा दिया जाता है जो किसी भी दौर में पुराने नहीं होते हैं।
ऐसे ही एक अभिनेता का नाम है हरीश पटेल, एक हंसमुख चेहरे वाला ठिगने कद वाला वो अभिनेता जिसने अपने करियर में अदाकारी की हर बुलंदी को छुआ है।
हरीश पटेल का जन्म-
हरीश पटेल का जन्म 5 जुलाई 1953 को सपनों की नगरी मुम्बई में हुआ था। अदाकारी का खुमार हरीश पटेल के मन में बचपन से ही था और यही कारण है कि सात साल की उम्र से ही वो अपने आसपास होने वाली रामलीला में पुरुष और महिला दोनों का किरदार निभाया करते थे।
हरीश पटेल ने अपनी अदाकारी का सफर रामायण के ही मंचन में माता सिता का किरदार निभाकर शुरू किया था जिसके बाद अपने आसपास रामायण के हर मंचन में हरीश पटेल हर तरह का किरदार निभाने लगे थे।
यहां से इस उभरते अदाकार के मन में वर्सेटेलेटी का बीज पनपने लगा जो आगे चलकर एक घना वृक्ष बनने वाला था। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने दिल में एक्टिंग के लिए उमड़ रहे प्यार को देखते हुए हरीश पटेल सिनेमाई गलियारों में किसी मंजिल की तलाश में घूमने लगे।
फिल्म: मंडी
साल 1983 में मशहूर फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल की फिल्म मंडी में हरीश पटेल को काम करने का मौका मिला जिसमें इनकी अदाकारी को काफी सराहा गया था और यही से इनके बेहतरीन सिनेमाई करियर की शुरुआत हुई थी।
इस फिल्म में हरीश जी के साथ शबाना आजमी, स्मिता पाटिल और नसीरुद्दीन शाह जैसे दिग्गज कलाकारों ने काम किया था।
ऐसे कलाकारों के बीच एक छोटी सी भूमिका में नजर आना ही एक वजह थी जिसके चलते इन्हें अपनी पहली फिल्म में अच्छा काम करने के बावजूद भी वो सफलता नहीं मिली जो हर अभिनेता की चाहत होती है।
अपनी पहली फिल्म के बाद हरीश पटेल को लगभग चार सालों तक किसी भी फिल्म में काम करने का मौका नहीं मिला, लेकिन वो कहते है ना कि इंतजार एक अच्छे कलाकार के लिए अनुभव के साथ साथ अपने काम में निखार लाने का मौका भी देता है, हरीश पटेल के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ।
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फिल्म: मिस्टर इंडिया
चार साल बाद साल 1987 में हरीश पटेल बोनी कपूर की सुपरहिट फिल्म मिस्टर इंडिया में नजर आए जिसमें एक बार फिर उनके इर्द-गिर्द अमरिश पुरी, अनिल कपूर और श्रीदेवी जैसे नायाब सितारों की भीड़ थी लेकिन इस बार हरीश पटेल के टैलेंट की चमक में वो निखार आ चुका था जिसकी उन्हें तलाश थी
मिस्टर इंडिया में रुपचंद के किरदार द्वारा बार बार गई भैंस पानी में वाला संवाद बोलना और उसके बाद ठहाकों से भरी वो हंसी आज भी फिल्मी प्रशंसकों के मन में उस किरदार के प्रति घृणा भरने का काम करती है।
रुपचंद का किरदार हरीश पटेल के लिए एक कम्बैक की तरह था क्योंकि इसी की बदौलत उन्हें एक अच्छे अभिनेता के तौर देखा जाने लगा था और उन्हें बड़ी बड़ी फिल्मों में काम करने का मौका मिलने लगा था।
इसके बाद हरीश पटेल को सलमान खान की बलोकबास्टर फिल्म मैंने प्यार किया, संजय दत्त की थानेदार और गोविंदा के साथ फिल्म शोला और शबनम में भी काम करने का मौका मिला जिसमें इनके द्वारा निभाए गए हर किरदार को आज भी याद किया जाता है।
हरीश पटेल थिएटर में रूचि-
हरीश पटेल ने बोलीवुड फिल्मों के अलावा थिएटर के मैदान में भी अपनी प्रतिभा का जादू बिखेरा है। साल 1995 में हरीश पटेल ने इंडियन नेशनल थिएटर में कदम रखा जहां नीला कमरा नाम के नाटक में इनके अभिनय ने सबको इनका दीवाना बना दिया था। हरीश पटेल का जादुई अभिनय भारत के अलावा पश्चिमी देशों के मंचों पर भी नजर आया जहां इन्होंने कई बड़े निर्माताओं के साथ काम किया है।
इस लिस्ट में हार्लोड पिन्टर का दी कैअरटैकर और चार्ल्स आमर्ड का नो एग्जिट का नाम शामिल हैं। साल 2007 में हरीश पटेल ने रफ्ता रफ्ता नाम के एक नाटक में इश्वर दत्त का किरदार निभाया था और साथ ही इस नाटक में इन्होंने एक गाना भी गाया था।
गायकी के अलावा हरीश पटेल को खाना बनाने का भी शौक है। बात करें इनके टेलीविजन करियर की तो यहां भी हरीश पटेल ने कुछ बड़े सीरीयल्स में यादगार काम किया है जिनमें 1986 का मालगुड़ी डेज और 1989 में प्रदर्शित भारत एक खोज जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
विदेशी टेलीविजन सिरीयल-
इनके अलावा हरीश पटेल कुछ विदेशी टेलीविजन सिरीयल में भी नजर आए जिनमें दी कोरोनेशन स्ट्रीट, गैंगस्टा ग्रेनी और दी ड्राइवर शामिल है। हरीश पटेल ने दो दशकों से भी लम्बे अपने करियर में भारतीय सिनेमा की कुछ बेहतरीन कोमेडी फिल्मों में भी काम किया है जिसमें अन्दाज अपना अपना में इनके द्वारा निभाया गया सेवाराम जी का किरदार प्रमुख हैं।
मोहरा में एक बार फिर इन्हें नसीरुद्दीन शाह के साथ काम करने का मौका मिला, जिसके बाद घातक, गुप्त, लोहा और सलाखें जैसी फिल्मों में इन्होंने सनी देओल, बोबी देओल, धर्मेंद्र और मिथुन चक्रवर्ती के साथ भी काम किया था।
अब बात करें इनके पिछले कुछ प्रोजेक्ट्स की तो हरीश पटेल ने साल 2009 में किससे प्यार करुं और 2013 में जादु फिल्म में काम किया था।
टेलीविजन के छोटे पर्दे से लेकर सिनेमा के बड़े पर्दे और मंचन की दुनिया तक अपनी कला से सबको अपना मुरीद बना देने वाले हरीश पटेल आज 67 साल के हो गए हैं लेकिन अपने काम के लिए उनका प्यार और जुनून आज भी बदस्तूर जारी है, फिलहाल हरीश पटेल अपने परिवार के साथ एक खुशहाल जिंदगी बीता रहे हैं जिनमें उनकी पत्नी भी उनके साथ है।
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