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चैंपियन डीजे ब्रावो की कहानी क्यों सन्यास के बाद भी वापसी करनी पड़ी।

वेस्टइंडीज विश्व क्रिकेट का एकमात्र ऐसा नाम जो एक से ज्यादा देशों  को रिप्रेजेंट करता है। वेस्टइंडीज क्रिकेट ने विश्व क्रिकेट को टेस्ट क्रिकेट में अपने इतिहास का सबसे खूंखार पेस अटैक दिया था साथ ही क्रिकेट के सबसे लंबे फोर्मेट में इसके पास एक से बढ़कर एक शानदार बल्लेबाज भी रहे हैं।

टेस्ट क्रिकेट में वर्षों तक अपनी धाक जमाने वाली वेस्टइंडीज क्रिकेट वनडे में अपनी ख्याति के मुताबिक कभी नजर नहीं आई और फिर टी20 क्रिकेट में वेस्टइंडीज क्रिकेट की शाख को एक बार फिर स्थापित करने में बल्लेबाज और गेंदबाजों से ज्यादा आलराउंडर्स की भूमिका ज्यादा रही थी, इस लिस्ट में कुछ ऐसे नाम भी शामिल हैं जिन्होंने अपने देश को फिर से विश्व क्रिकेट के ‌बराबर लाकर खड़ा कर दिया था और एक ऐसे ही चैम्पियन क्रिकेटर का नाम ड्वेन ब्रावो है।

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DJ Bravo

डीजे ब्रावो का शुरुआती जीवन-

ड्वेन जोन ब्रावो का जन्म 7 अक्टूबर साल 1983 को त्रिनिदाद एंड टोबैगो के सेंटाक्रूज कस्बे में हुआ था। इनके पिता का नाम जोन ब्रावो और मां का नाम जसलीन ब्रावो है। डेरेन ब्रावो इनके सौतेले भाई है और इसके अलावा ड्वेन ब्रावो की चार बहनें भी है।

अरंगुएज सीनियर सेकेंडरी स्कूल से अपनी पढ़ाई करने वाले ब्रावो को अपने स्कूली दिनों में क्रिकेट के अलावा बहुत से खेलों में रुचि थी लेकिन समय के साथ उनका ध्यान सिर्फ क्रिकेट पर केन्द्रित होने लगा था जिसका सबसे बड़ा कारण ब्रायन लारा था।

ब्रावो बताते हैं कि जब उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया तो उन्हें यह बात मनोरंजित करती थी कि ब्रायन लारा और वो एक ही गांव से सम्बन्ध रखते हैं, यहां तक कि ब्रायन लारा का घर ब्रावो के घर से कुछ ही मिनटों की दुरी पर स्थित है।

ब्रावो बताते हैं कि जब क्रिकेट के खेल को वो सीरीयसली लेने लगे थे तब विश्व क्रिकेट ब्रायन लारा के रिकॉर्ड्स और कारनामों से रोशन हो रहा था और वेस्टइंडीज क्रिकेट अपनी धरती पर दुसरे लारा की तलाश कर रही थी।

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ब्रावो और लारा

ब्रावो लारा की तरह खेलने की कोशिश किया करते-

ऐसे में ब्रावो लारा की तरह खेलने की कोशिश किया करते थे और उनके जैसा बनने की कोशिश में लग गए, यहां से ब्रावो के मन में क्रिकेट के प्रति प्यार बढ़ा और फिर एक समय ऐसा भी आया जब उन्होंने इस खेल में अपने हुनर और वजूद की तलाश करना शुरू कर दिया और खुद को एक ओलराउंडर की हैसियत से निखारने लगे।

ब्रावो और लारा में घनिष्ठ संबंध है-

इंटरनेट पर मिली जानकारियों की माने तो ब्रावो और लारा में एक अलग और घनिष्ठ संबंध भी है, लारा की मां डेरेन ब्रावो के दादाजी की बहन हैं और जैसा की हमने आपको पहले बताया कि डेरेन ब्रावो ड्वेन ब्रावो के भाई हैं तो इस तरह से लारा ड्वेन के घर से भी सम्बन्ध रखते हैं।

लारा को देखकर एक खेल से हुआ प्यार आगे बढ़ा और ब्रावो धीरे धीरे अब अपने देश को अंडर एज ग्रुप में रिप्रेजेंट करने लगे थे, अंडर फिफ्टीन में ब्रावो ने त्रिनिदाद और टोबैगो के लिए क्रिकेट खेला जिसके बाद इनका पर्दापण छोटी उम्र में ही डोमेस्टिक क्रिकेट में हो गया था।

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DJ Bravo

ब्रावो का डोमेस्टिक क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन-

साल 2002 में ब्रावो ने त्रिनिदाद और टोबैगो के लिए खेलते हुए बारबाडोस के खिलाफ अपना डोमेस्टिक क्रिकेट डेब्यू किया जिसमें इन्होंने अपनी टीम के लिए बल्लेबाजी में ओपन करते हुए 15 और 16 रन बनाए थे।

अपने डोमेस्टिक क्रिकेट डेब्यू से एक महीने बाद ब्रावो ने अपना पहला शतक भी लगा दिया था, बल्ले से ब्रावो ने त्रिनिदाद और टोबैगो के लिए आगे कई मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया जिसके बाद विंडवार्ड आइसलैंड के खिलाफ खेलते हुए 11 रन देकर छह विकेट लिए और अपनी ओलराउंड प्रतिभा को भी सबके सामने रख दिया।

डोमेस्टिक क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन का परिणाम यह हुआ कि महज कुछ महीनों बाद में ही ब्रावो को वेस्टइंडीज की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में शामिल होने का मौका मिल गया और ब्रावो ने 18 अप्रैल 2004 के दिन इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए अपना वनडे डेब्यू किया, इस मैच में ब्रावो ने 31 रन देकर दो विकेट लेकर अपना डेब्यू यादगार बना दिया था।

22 जुलाई साल 2004 वो दिन रहा जब वनडे क्रिकेट में ब्रावो के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के पहले टेस्ट मैच में टीम में शामिल किया गया था।

लोर्डस स्टेडियम पर ब्रावो पहली बार वेस्टइंडीज की सफेद जर्सी में उतरे और पहली पारी में 44 रन बनाए थे। इस टेस्ट सीरीज के दौरान हर मैच में ब्रावो का प्रदर्शन शानदार रहा और 16 विकेट के साथ यह खिलाड़ी सिरीज़ में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी रहे।

इसी सीरीज के दौरान ओल्ड ट्रैफर्ड के मैदान पर हुए मैच के दौरान ब्रावो ने 55 रन देकर छह विकेट लिए थे जो आज भी इनका टेस्ट क्रिकेट में सबसे अच्छा गेंदबाजी प्रदर्शन है।

साल 2005 में साउथ अफ्रीकी टीम ने वेस्टइंडीज का दौरा किया और टेस्ट सीरीज के एंटीगुआ टेस्ट में ब्रावो ने अपना पहला टेस्ट शतक लगाकर एक बार फिर अपनी बैटिंग का शानदार नमूना पेश किया लेकिन इसी टेस्ट के दौरान जब साउथ अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ ने ब्रावो पर रेसिस्ट कमेंट किया तो इस घटना ने मैच के हर प्रदर्शन पर पर्दा डाल दिया था।

इसी साल आस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के आखिरी दो टेस्ट मैचों में भी ब्रावो का प्रदर्शन शानदार रहा, सीरीज के दुसरे मैच में अपने देश को सही स्थिति में लाने के लिए खेल रहे ब्रावो ने शानदार 113 रन बनाए थे जिसके बाद आखिरी टेस्ट मैच में इन्होंने अपनी गेंदबाजी की धार का भी बड़ियां प्रदर्शन किया और छः विकेट अपने नाम किए थे।

इसके बाद ब्रावो कुछ समय तक चोट से भी परेशान रहे लेकिन उस मुश्किल समय में वेस्टइंडीज क्रिकेट का अपने इस खिलाड़ी पर भरोसा ब्रावो के हुनर को जगजाहिर करती है।

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डीजे ब्रावो

वनडे करियर का पहला शतक-

कुछ ही समय पहले इंजरी से लौटे ब्रावो को वेस्टइंडीज क्रिकेट द्वारा साल 2006 में आयोजित हुई आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए अपनी टीम में शामिल किया गया था जहां इस बल्लेबाज ने इंग्लैंड के खिलाफ अपने वनडे करियर का पहला शतक लगाते हुए 112 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी जिसमें क्रिस गेल के साथ इन्होंने 174 रनों की साझेदारी भी शामिल थी।

9 जून साल 2007 के दिन यह खिलाड़ी अपनी टीम के लिए दिनेश रामदीन की जगह विकेटकीपर के तौर पर भी नजर आया था साथ ही ओल्ड ट्रैफर्ड के मैदान पर खेले जाने वाले इस मैच में ब्रावो ने शानदार बाउंसर गेंद से इंग्लैंड के केविन पीटरसन को हिट विकेट आउट किया था।

साल 2007 में आयोजित हुए क्रिकेट वर्ल्डकप में ब्रावो का प्रदर्शन वैसा नहीं रहा जैसी उम्मीद इनसे की जा रही थी, इस वर्ल्डकप में ब्रावो ने जहां अपनी टीम को बल्ले से 129 रन बनाए तो वहीं अपनी गेंदबाजी से 13 विकेट भी लिए थे।

साल 2011 वर्ल्डकप में ब्रावो को अपने घुटने की इंजरी के चलते बीच टुर्नामेंट में अपनी टीम से बाहर होना पड़ा था लेकिन इससे ब्रावो के प्रदर्शन और जज्बे में कोई अभी नहीं आई थी, ब्रावो ने अगले साल टी20 वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया और सिर्फ अपने बल्लेबाजी प्रदर्शन से वेस्टइंडीज को चैम्पियन बनाया था।

अपने इस शानदार प्रदर्शन के बावजूद भी ब्रावो को 2015 में आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में हुए विश्व कप में टीम से बाहर रहना पड़ा था जिसका असर इस विश्वकप में वेस्टइंडीज के प्रदर्शन पर भी देखने को मिला था, जहां यह टीम अपने हर मैच में एक आलराउंडर की कमी से जूझती नजर आई थी।

यही कारण रहा कि जब साल 2016 में टी20 विश्व कप का आयोजन हुआ तो ब्रावो को टीम में शामिल किया गया और इनकी डेथ ओवरों में शानदार गेंदबाजी प्रदर्शन वेस्टइंडीज के विश्व चैंपियन बनने में मददगार साबित हुई थी।

31 जनवरी साल 2015 के दिन ब्रावो ने शोर्ट फोर्मेट्स में अपने प्रदर्शन को लगातार बेहतरीन करने के लिए टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था जिसके बाद साल 2018 वह समय रहा जब इस खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के बाकि फोर्मेट्स से भी संन्यास की घोषणा कर दी थी लेकिन ब्रावो जैसा खिलाड़ी अपनी टीम की जरूरत को नजरंदाज नहीं कर सकता था और यही वजह रही कि अगले साल ब्रावो अपने रिटायरमेंट से वापस आए जिसकी मुख्य वजह आगे आने वाला टी20 वर्ल्ड कप था।

2021 टी 20 वर्ल्ड कप में ब्रावो ने अपनी टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन किया और फिर उसी साल नवम्बर के महीने में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट को हमेशा के लिए छोड़ दिया और फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलना जारी रखने का फैसला कर लिया।

बात करें इस खिलाड़ी के आईपीएल करियर की तो ब्रावो ने अपनी शुरुआत मुम्बई की तरफ से खेलते हुए की थी और शुरुआती तीन सालों में यह खिलाड़ी इसी टीम के साथ जुड़ा रहा था।

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अंबानी प्राईवेट जैट

मुकेश अंबानी प्राईवेट जैट-

आईपीएल का पहला सीजन जब शुरु हुआ तो उसके बीच वेस्टइंडीज को अपनी धरती पर एक मैच आस्ट्रेलिया से खेलना था लेकिन आईपीएल शेड्यूल को देखते हुए ब्रावो का उस मैच के लिए पहुंच पाना मुश्किल था ऐसे में मुकेश अंबानी ने ब्रावो की मदद की और उस मैच से पहले ब्रावो को मैदान तक पहुंचाने और वापस आईपीएल के लिए भारत लाने के लिए अपना प्राईवेट जैट कुछ समय के इस्तेमाल के लिए दे दिया था और इस तरह ब्रावो को कोई भी मैच इस क्लैश की वजह से छोड़ना नहीं पड़ा था।

मुम्बई के लिए खेलते समय ब्रावो ने साल 2010 में कोलकाता के खिलाफ अपनी टीम को लीड भी किया था जिसके बाद चौथे सीजन में इन्हें चेन्नई सुपरकिंग्स ने अपनी टीम में शामिल कर लिया था और इस टीम में रहते हुए ब्रावो दो बार पर्पल कैप विनर भी रहे। साल 2022 आईपीएल सीजन के लिए ब्रावो को एक बार फिर चेन्नई ने अपने स्क्वायड में शामिल कर लिया है।

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ब्रावो के गीत चैम्पियन-

ब्रावो विश्व क्रिकेट के उन गिने-चुने क्रिकेट खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्हें भारत में अपने देश जितना ही प्यार मिलता है और इसका सबूत ब्रावो के गीत चैम्पियन की भारत में पोपुलारिटी है जो रिलीज होते ही विश्व भर में चार्ट डस्टर बन गया था। इसके अलावा कहा यह भी जा रहा है कि ब्रावो उला नाम की एक तमिल फिल्म में भी कैमियो भूमिका निभाने वाले है।

ब्रावो अपने क्रिकेट करियर के दौरान कुछ कोन्टरवर्सीज का हिस्सा भी रहे हैं जिसमें शाल 2015 में वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड से अपनी फीस को लेकर हुए विवाद के चलते इन्हें वर्ल्डकप टीम से अपना स्थान भी गंवाना पड़ा था।

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ब्रावो का अंतराष्ट्रीय करियर में प्रदर्शन-

बात करें ब्रावो के अंतराष्ट्रीय करियर की तो ब्रावो ने 40 टेस्ट, 164 वनडे और 91 टी20 मैच खेले हैं जिनमें इनके रनों का आंकड़ा क्रमश 2200, 2968 और 1255 है। वनडे में इनके नाम 199 विकेट, टेस्ट में 76 और टी20 में 78 है।

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