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Scam 2003:The Telgi Story_Abdul Karim

कुछ लोग पैसे कमाते (Earn) हैं तो कुछ लोग पैसे बनाते हैं | कुछ लोग फर्जीवाड़े (Fraud) के जाल में फँसते हैं तो कुछ लोग फर्जीवाड़े के जाल बुनते हैं | कुछ लोग सिस्टम (System) फॉलो करते हैं तो कुछ लोग सिस्टम (System) का ही मजाक बनाते हैं | वो हमेशा से ही दूसरी तरफ रहा | उसने अथाह पैसा बनाया, हजारों लाखों लोगों और तमाम संस्थाओं (Organisation) को अपने फर्जीवाड़े (Fraud) के खेल में फंसाया और सालों साल तक सिस्टम (System) का मजाक उड़ाया | आज हम आपको एक ऐसे घोटाले (Scams) के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी मिसाल दुनिया के किसी भी देश (Country) में मिलना नामुमकिन है | हम बात कर रहे हैं तीस (Thirty) हजार (Thousand) करोड़ रूपये के स्टाम्प (Stamp) पेपर (Paper) घोटाले और उसे अंजाम देने वाले शातिर दिमाग अब्दुल (Abdul) करीम तेलगी की | ये एक ऐसा अनूठा (Unique) घोटाला था जिसे घोटाला भले ही कहा गया हो लेकिन इसके बावजूद सरकार (Governments) को इसे लीगल (Legal) ठहराना पड़ा | आज के इस पोस्ट में हम जानने समझने की कोशिश करेंगे स्टाम्प (Stump) पेपर घोटाले और उसके मास्टर (Master) माइंड (Mind) अब्दुल करीम तेलगी को | तो बने रहिये हमारे साथ इस पोस्ट के आखिर तक |

abdul karim telgi

29 जुलाई 1961 | दिन शनिवार | 0 का छोटा सा शहर खानपुर | एक फोर्थ (Fourth) क्लास रेलवे (Railway) कर्मचारी (Employe)  के घर किलकारियाँ (Howls) गूँजी | हालाँकि ये कोई पहली बार नहीं था | इससे पहले भी इस घर में सात बार किलकारियाँ गूँज चुकी थीं | लेकिन इस बार इस घर में जिसने जन्म (Birth) लिया वो खास था | उसका नाम था अब्दुल करीम तेलगी | वो बड़ा होकर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज कराना चाहता था | लेकिन बचपन (Childhood) में ही उसके सिर से बाप का साया उठ गया | अब वो था और थे उसके सात भाई बहन और एक माँ | उसके नन्हे कंधों पर भारी जिम्मेदारी (Responsibility) आ पड़ी थी | तेलगी के पिता रेलवे में थे | पिता के जानने वालों ने उसकी मदद (Help) की और वो रेलवे (Railway) स्टेशन पर ही फल, सब्जी और मूंगफली बेचने का काम करने लगा | इससे जो आमदनी (Income) होती उससे वो अपना और अपने परिवार (Family) का पेट भरता साथ ही अपने स्कूल की फीस (Fees) भी भरता | फल सब्जी (Vegetable) बेच बेच कर ही उसने बेलगाम के गोगेट कॉलेज (College) ऑफ़ कॉमर्स (Commerce) से अपना ग्रेजुएशन (Graduation) भी कम्प्लीट (Completed) कर लिया |

एक बार एक सेठ की नजर तेलगी पर पड़ी तो वो उसे अपने साथ मुंबई (Mumbai) ले गये | लेकिन तेलगी को कुछ जमा नहीं | उसकी मंजिल तो कहीं और थी | वो फल सब्जी बेचने या किसी सेठ के यहाँ काम करने के लिए नहीं पैदा हुआ था बल्कि उसकी मंजिल थी दुनिया भर के ऐशो आराम, बेमिसाल शोहरत और बेहिसाब पैसा | उसने देखा कि बहुत सारे लोग नौकरी (Job) के लिए खाड़ी देश जाते हैं | जहाँ वो खूब पैसा कमाते हैं | बस उसका दिमाग ठनका और वो भी खाड़ी देश (Country) चला गया | यहाँ उसने लगभग सात सालों तक काम किया | साल 1990 में जब वो वापस भारत (India) लौटा तो उसकी जेब (Pocket) में था ठीक ठाक पैसा और दिमाग (Mind) में रईस बनने का फ़ॉर्मूला (Formula) | उसने देखा कि तमाम लोग जो नौकरी के लिए खाड़ी देशों में जाते हैं उन्हें अपने दस्तावेज (Document)  बनवाने के लिए ढेरों दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं | उसने इसका तोड़ ढूंढ लिया था | वो लोगों को फर्जी दस्तावेजों और स्टाम्प (Stumps) पेपर्स के जरिये लोगों को खाड़ी देशों में भेजने लगा | उसका ये काम चल निकला | उसने तमाम लोगों को फर्जी तरीके से गल्फ भेजा | लेकिन उसका ये काम ज्यादा समय तक नहीं चल सका | साल 1993 में ही वो एजेंसियों (Agency) की नजर में चढ़ गया | जल्दी ही उसे पुलिस (Police) ने अरेस्ट भी कर लिया और ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में तेलगी जेल (Jail) की सलाखों के पीछे पहुँच गया |

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हो सकता है लोगों की नजर में जेल (Jail) जाना बुरा हो गलत हो लेकिन तेलगी (Telgi) के लिए यही उसकी जिन्दगी का सबसे बड़ा टर्निंग (Turning) पॉइंट (Point) साबित हुआ | असल में जेल में तेलगी की मुलाकात (Meet) एक ऐसे शख्स (Person) से हुई जिसने उसे अमीर होने का मन्त्र दे दिया | इस शख्स का नाम था रतन (Ratan) सोनी (Soni) | सोनी ने तेलगी को एक ऐसी चीज के बारे में बताया जो पैसा कमाने की चाभी थी | वो चाभी थी स्टाम्प (Stump) पेपर | उसने तेलगी को समझाया कि फर्जी (Fke) स्टाम्प पेपर तैयार करके कैसे पैसे छापे जा सकते हैं | जेल से बाहर निकलते ही तेलगी (Telgi) अपने मिशन (Mission) में जुट गया | साल 1994 में तेलगी ने बकायदे लाइसेंस (License) लिया और लीगल स्टाम्प (Stump) वेंडर बन बैठा | उसने एक प्रिंटिंग (Printing) प्रेस से पुरानी मशीन (Machine) नीलामी में खरीद ली | उन मशीनों को रिपेयर (Repare) करवाया और फिर यहीं से नींव (Base) रखी गई इस महाघोटाले (Mega Scam) की | मजे की बात तो ये है कि जिस प्रेस (Press) से उसने ये मशीन खरीदी (Purchase) थी वो प्रेस भी उसी रेलवे (Railways) स्टेशन के पास था जहाँ कभी वो फल और सब्जी (Vegetable) बेचा करता था | हालाँकि साल भर तक तो रतन (Ratan) सोनी और तेलगी ने मिलकर काम किया फिर दोनों ने अपने अपने रास्ते अलग कर लिए |

स्टाम्प पेपर तो छप ही रहे थे | कमाई भी जमके हो रही थी | लेकिन एक बार तेलगी फर्जी स्टाम्प (Stump) के चक्कर में धर भी लिए गये | लाइसेंस भी कैंसिल हो गया | लेकिन अब तक फर्जी स्टाम्प छापने के मामले में तेलगी मास्टर (Mster) हो चुका था | उसने नई मशीनें खरीदीं और मिंट (Mint) रोड पर अपना नया प्रेस (Press) भी खोल लिया | लेकिन अब भी एक समस्या थी | आखिर छपे स्टाम्प (Stump) को मार्केट में बल्क (Bulk) में कैसे बेचा जाये | इसका तोड़ भी तेलगी के शातिर दिमाग (Mind) ने ढूंढ लिया | उसने MBA कर चुके लगभग 300 लड़कों को नौकरी (Job) पर रख लिया | जिनका काम होता था क्लाइंट (Client) तलाशना | इन MBA डिग्री (Degree) धारियों की बदौलत तेलगी ने जल्द ही मार्केट (Market) पर कब्जा कर लिया | उसके छपे फर्जी स्टाम्प कॉर्पोरेट (Corporates) ओफिसेस, तहसीलों (Tehsils), बैंकों और शेयर मार्किट (Market) तक में धडल्ले से बिकने लगे | इन स्टाम्प के बिकने के पीछे एक बहुत बड़ी वजह थी | और वो वजह थी इन स्टाम्प (Stump) पर दिया जाने वाला तगड़ा डिस्काउंट (Discount) और कमीशन | जिसके चलते तेलगी के क्लाइंट (Client) दिन दूनी रात चौगुनी रफ़्तार से बढ़ते गये | देखते ही देखते उसने देश (Country) के सत्तर शहरों (City) में अपना नेटवर्क फैला लिया | फर्जी (Bogus) स्टाम्प उसका वो सपना (Dream) पूरा कर रहे थे जो उसने कभी देखा था | दस साल तक लगातार बेरोकटोक (Unrestricted) वो एजेंसियों की नाक के नीचे फर्जीवाड़ा (Fraud) करता रहा | उसने बीते दस सालों में ही करोड़ों अरबों कमा लिए थे | उस समय उसके पास कितनी दौलत थी इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है | हाँ अगर अंदाजा लगाना चाहें तो ऐसे समझिये कि एक बार में एक बार डांसर के ऊपर एक रात में एक ही घंटे में 93 लाख रूपये उड़ा दिए थे |

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आइये अब बात करते हैं उस बार डांसर (Dancer) की | तमाम मीडिया रिपोर्ट्स (Reports) और पुलिस जाँच में खुलासा हुआ कि अब्दुल (Abdul) करीम तेलगी अक्सर ही मुंबई के मशहूर टोपाज बार जाया करता था | ये बार अपनी डांसर्स की वजह से मशहूर था | इसकी वजह ये थी कि यहाँ की डांसर्स उस ज़माने की हीरोइनों जैसी दिखा करती थीं | उन्ही में से एक डांसर (Dancer) थी तरन्नुम (Tarrum) खान | जो माधुरी (Madhuri) दीक्षित (Dikshit) के जैसी दिखती थी | तेलगी का दिल इसी तरन्नुम पर फ़िदा था | वो तरन्नुम पर इस कदर लट्टू था कि 31 दिसम्बर 2000 को इसी बार में हुई न्यू इयर पार्टी में उसने तरन्नुम पर 93 लाख रूपये उड़ा दिए थे | जिसके बाद वो रातों रात भारत के इतिहास (History) की सबसे महंगी बार डांसर बन गई थी | खबरों की मानें तो तेलगी तरन्नुम तो बहुत मोहब्बत करता था | वो केवल उसे देखने के लिए ही टोपाज बार जाया करता था |

साल 2000 | बेंगलुरु (Bengaluru) पुलिस को ख़ुफ़िया जानकारी मिली कि एक ट्रक (Truck)  में कुछ अवैध माल भरकर कहीं ले जाया जा रहा है | बस पुलिस सतर्क हो गई | उसने चारों तरफ नाकेबंदी कर दी | पुलिस को ट्रक (Truck) पकड में भी आ गया और जब ट्रक खुला तो पुलिस दंग रह गई | क्योंकि असल में ये केवल ट्रक नहीं खुला था बल्कि ट्रक (Truck) के साथ ही खुला था देश की व्यवस्था को हिला कर रख देने वाला सबसे बड़ा घोटाला | पुलिस ने ट्रक (Truck) भर कर जाली स्टाम्प (Stump) पेपर बरामद किये | जांच शुरू हुई तो तेलगी का नाम सामने आया | लेकिन इससे पहले की पुलिस ते (Police) लगी को पकड पाती वो फरार हो गया | कभी आलीशान महल नुमा घरों में रहने वाला आज तेलगी पुलिस से छुपता घूम रहा था | एक बार वो अजमेर शरीफ गया जहाँ पहले से मौजूद पुलिस ने उसे दबोच लिया | पुलिस ने उसे जेल में डाल दिया लेकिन जेल उसके लिए दूसरा घर साबित हुआ | विडम्बना देखिये कि सिस्टम (System) उसके सामने इस कदर नतमस्तक था कि वो जेल के अंदर से ही अपना धंधा चलाने लगा | पूर्व डीआईजी (कारावास) डी रूपा ने खुद आरोप (Blame) लगाया था कि उसे जेल के अंदर ही सारी सुविधाएँ मिला करती थीं |

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तेलगी का नार्को (Narco) टेस्ट भी हुआ जिसमें उसने कई चौंकाने वाले नामों का खुलासा किया | इस लिस्ट में पुलिस अधिकारियों (Officer) से लेकर कई बड़े नेताओं के नाम शामिल थे | घोटाले के विस्तार को देखते हुए केस SIT से लेकर सीबीआई (CBI) को सौंप दिया गया | लेकिन कार्यवाई हुई तो सिर्फ तेलगी और उसके कुछ साथियों पर | जाँच में कोई भी पुलिस कर्मी या नेता (Minister) दोषी नहीं पाया गया | जबकि जाँच के दौरान एक पुलिस इंस्पेक्टर की 100 करोड़ की प्रॉपर्टी का भी खुलासा हुआ था | वहीं एक अन्य पुलिस कर्मी की प्रॉपर्टी तो 200 करोड़ निकली थी | अब इतनी प्रॉपर्टी (Property) नौकरी से होने वाली इनकम से नहीं ही बनाई जा सकती | लेकिन ये सब बेदाग छूट गये | तेलगी वो इन्सान था जो लोगों को रिश्वत (Relations) देने में नहीं बल्कि सैलरी (Salary) देने में यकीन रखता था | और उससे जुड़े तमाम पुलिस (Police) कर्मियों और नेताओं (Ministers) को उसने सैलरी (Salary) पर ही रखा हुआ था |

तेलगी का नार्को टेस्ट भले ही हुआ हो लेकिन आज तक ये नहीं पता चल सका कि उसका वो प्रिंटिंग (Printing) प्रेस (Press) कहाँ था जिसमें वो जाली स्टाम्प पेपर छापे गये जिनके जरिये इतना बड़ा घोटाला अंजाम दिया गया | साल 2007 में कोर्ट (Court) ने इस मामले को लेकर सजा सुनाई | तेलगी के कई साथियों (Friends) को 6-6 साल की सजा हुई | इसमें से ज्यादातर वो थे जिन्हें तेलगी ने स्टाम्प बेचने के लिए हायर (Hire) कर रखा था | लेकिन तेलगी को जो सजा मिली वो एक नजीर बनी | तेलगी को न केवल 30 साल की सजा (Punishment) हुई बल्कि 202 करोड़ का भारी भरकम जुर्माना भी ठोंका गया | कोर्ट (Court) ने पहली बार किसी अपराधी पर इतना बड़ा जुर्माना लगाया था |

साल 2017 में उसके शरीर के तमाम अंगों ने उसका साथ छोड़ दिया और जेल में ही उसकी मौत (death) हो गई | हालाँकि उसके विवादित (Controversial) जीवन की तरह उसकी मौत पर भी विवाद (Controversy) खड़ा हो गया | बताया जाता है कि जब उसे अरेस्ट (Arrest) किया गया था तब उसका मेडिकल (Medical) टेस्ट हुआ था | जिसमें उसे diabetes और एड्स जैसी बीमारियाँ (Diseases) होने का खुलासा हुआ था | लेकिन तेलगी के वकीलों (advocated) ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया कि उसे एड्स संक्रमित इंजेक्शन (Injection) लगाया गया था |

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अब इस घोटाले (Scams) से जुडी सबसे खास बात | भले ही इसे घोटाले (Scams) का नाम दिया गया हो लेकिन हैरान कर देने वाला एक सच ये भी है कि जिन फर्जी स्टाम्प पेपर्स के जरिये तेलगी (Telgi) ने इतने बड़े घोटाले को अंजाम दिया सरकार (Government) को उन्ही स्टाम्प पेपर्स (Papers) को लीगल ठहराना पड़ा | सोचिये आखिर सरकार की ऐसी भी क्या मजबूरी (Compulsion) रही होगी कि उसने तेलगी को तो गलत माना लेकिन उसके तैयार किये गये फर्जी स्टाम्प को नहीं | असल में तमाम कानूनी (Legal) कामों में स्टाम्प पेपर का यूज़ (Use) होता है | अगर वो स्टाम्प पेपर गैर कानूनी ठहरा दिए जाते तो वो सारे काम भी अपने आप ही गैर (Non) कानूनी हो जाते जिनमें ये फर्जी स्टाम्प लगाये गये थे | तेलगी के साम्राज्य का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि साल 1992 से लेकर 2002 तक उसने धडल्ले (Indescribably) से स्टाम्प छापे थे | और घोटाले की भयावहता (Horror) का अंदाजा इससे लगाइये कि इन दस सालों में ज्यादातर स्टाम्प तेलगी ने ही छापे थे | यानी इस दौरान प्रयोग में लाये गये ज्यादातर स्टाम्प फर्जी (Fraud) ही थे | ऐसे में अगर इन फर्जी स्टाम्प को लीगल करार न दिया जाता तो इन दस सालों के दौरान हुई तमाम शादियाँ, जमीन (Land) जायदाद का एग्रीमेंट (Agreement), कॉन्ट्रैक्ट (Contract) सब कुछ एक झटके में गैर कानूनी हो जाता | इसलिए सरकार को मजबूरन उन फर्जी स्टाम्प को लीगल करना पड़ा |

स्टाम्प पेपर घोटाला ये साबित करता है हमारे सिस्टम (System) में कितने लूप होल्स (Hols) हैं | तेलगी ने इन्ही लूप होल्स का फायदा उठाया और देश के सबसे बड़ा घोटाला (Scam) कर डाला | आखिर कैसे एक आदमी इतना बड़ा घोटाला कर गया | वो दस साल (Year) तक फर्जी स्टाम्प Stump) पेपर छापता रहा और जिम्मेदारों (Responsibility) को कानों कान खबर (News) तक नहीं हुई | ये घोटाला एक करारा तमाचा है हमारी व्यवस्था पर | ये घोटाला साबित करता है कि केवल एक आदमी चाह ले तो वो हमारी चाक चौबंद कही जाने वाली व्यवस्था की धज्जियां उड़ा सकता है | इसमें कोई दोराय नहीं कि व्यवस्था में खामियां तब भी थीं और आज भी होंगी | जरूरत है हमें इन खामियों को पकडकर उन्हें दुरुस्त करने की ताकि भविष्य में कोई और अब्दुल करीम तेलगी पैदा न हो सके |


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