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India vs South Africa World Cup 2023

‘देयर आर गोट्स, बट देयर इज़ ओनली अ किंग- किंग कोहली’। 5 नवंबर (November) की तारीख (Date) यूँ तो कोहली (Kohli) ने पैदा होकर वैसे भी अपने नाम कर ही ली थी। लेकिन, कल जो कारनामा (Feat)  कोहली ने किया, उसके बाद 5 नवम्बर 2023 पर भी सिर्फ़ कोहली का हक़ हो गया। अब से जब भी 2023 साल के नम्बर की 5 तारीख़ का नाम आएगा, तो उस पर कोहली का स्टाम्प (Stump) लगा होगा। वो स्टाम्प जिस पर कोहली के 101 रन की पारी का सेंटर (Center) पोर्शन (Portion) होगा, सचिन की 49वें शतक (Century)  की बराबरी की आउटलाइन (Outline) होगी और मुश्किल पिच (Pich) पर डटकर बर्थडे (Birthday) वाले दिन वनडे (ODI) में शतक (Century) बनाने वाले चुनिंदा (Selective) खिलाड़ियों का रंग चढ़ा होगा। लोग कोहली (Kohli) को ओवररेटेड (Overrated) कहें, मतलबी कहें या रिकॉर्ड (Record) का भूखा। मगर, सच ये है कि कोहली ने जो किया है, वो करना वैसे तो नामुमकिन (Impossible) है ही। लेकिन, जिस रफ़्तार (Pace)  से किया है, वो शायद रहती दुनिया तक क्रिकेट (Cricket) या किसी भी खेल (Game) में कोई नहीं कर पाए। सर डॉन (Don) ब्रैडमैन (Broadman) के जाने के कई सालों बाद सचिन (Sachin) तेंदुलकर (Tendulkar) नाम का सितारा दुनिया (World) को मिला। पेले के बाद नेमार (Neymar), माराडोना (Maradona) के बाद मेस्सी (Messi) मिलने में ज़माने लग गए थे। मिल्खा (Milkha), ध्यानचंद (Dhyan Chand) और कई ऐसे नाम हैं जो आज तक कभी झलक में भी दोबारा नहीं मिले। इसलिये, कोहली की इम्पोर्टेंस (Importants) समझना और उनके रुतबे की इज़्ज़त (Respect) करना बहुत ज़रूरी है। बात अगर सचिन से ही करें तो उन्हें अपने रुतबे (Status) तक पहुंचने में डेढ़ दशक (Decade), उस रुतबे को सही साबित करने में आधा दशक (Decade) और उस रुतबे पर कायम (To Last) रहने में अगला आधा दशक (Decade) लगा था। लेकिन, कोहली को तो सिर्फ़ खबरों (News) में आये ही डेढ़ दशक (Decade) हुए हैं और वो अब खबरो से 7 आसमानों पर आ चुके हैं। शायद कोई रिकॉर्ड (Record), कोई लम्हा ऐसा हो जो कोहली के डेब्यू (Debut) के बाद घटा हो और उसमें कोहली का ज़िक्र (Mention) ना हो। हालाँकि, कोहली के इस खेल या कहें इस सफ़र की कहानी (Story) की एक्सप्लेनेशन (Explanation) अक्सर उनके टैलेंट (Talent), उनके मेहनत (Hard Work) और उनके सैकरिफाइसेज़ (Sacrifice) के हवाले से दी जाती है। मगर, कल का मैच (Match) जिस तरह से घटा, उसने कोहली को लेकर तारीफ़ों (Compliments) की नींव (Base) तो रखी ही। लेकिन, बीते कुछ सालों (Years) में कैसे सिर्फ़ कोहली के लिए पूरी टीम (Team) खेली है या कहें टीम ने कोहली को कोहली बनने में जो मदद (Help) की है, उसका डेमो (Demo) भी दिया। बस फ़र्क इतना था कि कल कुछ खिलाड़ी (Players) थे और मुश्किल (Difficult) पिच (Pitch) थीं। लेकिन, इस सफ़र में कई खिलाड़ी (Player)  थे और कई मुश्किल लम्हे (Moments) थे। हो सकता है आपको हमारी कही बात इस वक़्त समझ नहीं आ रही हो। तो चलिये! ज़रा कल (Tomorrow)  के मैच की कहानी में कोहली को सेंटर पॉइंट (Point)  मानकर, उनके कैरियर (Career) को समझते हैं और इंडिया (India) की 243 रनो की जीत का रिव्यू (Review) थोड़े अपने निराले से अंदाज़ में करते हैं।

Virat Kohli

तो दोस्तों! रोहित (Rohit) ने कल ओस की प्रिडिक्शन (Prediction) जानते हुए भी जैसे टॉस (Toss) जीतकर बैटिंग (Batting) का फ़ैसला (Decision) लिया और टीम (Team) को चैलेंजिंग (Challenge) सिचुएशन (Situation) में रखते ह्यू बैटर्स (Batters) को चार्ज होने का मौका (Chance) दिया। वैसे ही कोहली के क्रिकेट कैरियर (Career) की शरुआत (Starting) में धोनी टॉस (Toss) जीतकर चेज़ चुनते थे। उसके बाद जैसे रोहित ने तेज़ 40 रन बनाकर मुश्किल (Difficult) पिच पर साउथ (South) अफ्रीका (Africa) वालों का दिमाग़ (Mind) ऐसा चोक किया कि कोहली को टाइम (Time) लेने का मौका मिल गया। वैसे ही कोहली को पहले सहवाग (Sehwag) -सचिन (Sachin)  की जोड़ी, फिर रोहित-धवन (Dhawan) और कल तो ये काम अकेले रोहित ने किया। उनके आउट (Out) होने के बाद गिल (Gill) ने जिस अंदाज़ में रोहित का लिबादा ओढ़ा और एकदम से तेज़ 23 रन बनाए। वो विकेट (Wicket) गिरने की टेंशन (Tension) कम करने वाला काम कोहली के पूरे कैरियर (Career) के दौरान गंभीर (Gambhir), रैना (Raina) और रायुडू (Rayudu) ने काफ़ी बार किया है। उसके बाद श्रेयस (Shreyas) अय्यर ने विकेट (Wicket) का सिलसिला रोकने के लिया खूँटा गाड़ दिया और एक समय 37 बॉल में 17 रन (Run) बनाकर स्लो (Slow) खेलने लगे। तो कोहली ने उस टाइम रंग पकड़ा।

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ये बिल्कुल, कोहली की गंभीर (Gambhir), रहाणे (Rahane) और केदार (Kedar) जाधव के साथ कि गई बहुत सी पार्टनरशिप (Partnerships) की झलक थी। उसके बाद एक बार अय्यर ने केशव (Keshav) महाराज का मुश्किल स्पैल निकलने के बाद जो चौतरफ़ा अटैक (Attack)  किया, उसने हॉफ (Half) सेंचुरी (Century)  बना चुके कोहली को सम्भलकर खेलना का वो स्पेस (Space) दिया। जो उनके करियर (Career) ने कई बार युवराज और रैना की मौजूदगी देती थी। जिस तरह आज रैना (Raina) और युवराज (Yuvraj)  से कोहली कई क़दम आगे रखा जाता है। वैसे ही कल की अय्यर की नॉक भी कोहली के 49वें शतक (Century) के आगे शायद ही दोहराई जाए। मगर, हक़ीक़त (Reality) ये है कि उस नॉक (Nock) की वजह से ही कोहली अपनी पेस पर शतक (Century) बना पाए। फिर, अय्यर के बाद आये विकेटकीपर (Wicketkeeper) राहुल और फिनिशर (Finisher) स्काई (SKY) प्लस जडेजा  (Jadeja)। जिसमे राहुल भले ही फिके रहे, मगर जडेजा और स्काई ने ख़ूब रन जमाया। बिल्कुल, वैसे ही जैसे कोहली के पूरे कैरियर (Career) में सिर्फ़ एक आदमी अकेले ये रोल (Role) अदा करता था, महेंद्र सिंह धोनी। कल जैसे स्काई और जडेजा ने कोहली के लिए शतक (Century) के रास्ते आसान किये, वैसे धोनी (Dhoni) ने पूरे टाइम (Time) कोहली ले कैरियर (Career) के लिए किए थे। इन सबके सक्रिफाइस (Sacrifices) और कंट्रीब्यूशन (Contribution)  को फिर कोहली ने वो रिवार्ड (Reward) दिया, जिसके बाद हर प्लेयर फिर अगले मैच में ख़ुद के इग्नोर (Ignore) होने वाली बात को बिना फ़ील (Feel) किये ये प्रोसेस (Process) दोबारा दोहराएगा। वो रिवॉर्ड जो कोहली के नाम है और हक़ जिसपर सिर्फ़ कोहली का है। मगर, उसमें योगदान हर शख्स का है।

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जैसे कोहली के शतको की इम्पोर्टेंस (Importance) ज़हीर, इरफान, भुवनेश्वर, अश्विन, ओझा, चहल, उमेश, इशांत से होते हुए शमी, बुमराह, सिराज, कुलदीप और जडेजा के स्पेल्स बढ़ा देते थे। कल भी बुमराह, शमी, सिराज, जडेजा और कुलदीप ने कोहली के हंड्रेड (Hundred)  की वैल्यू  (Value) 10 गुना बढ़ा दी। उन्होने अपनी शानदार बौलिंग (Bowling) से सबूत (Proof) दिया कि कोहली ने जो कल के मैच में किया, वो कोई बच्चों का खेल नहीं था। बिल्कुल, वैसे ही दूसरे बौलर्स (Bowlers)  ने पूरे कैरियर में ये बताया कि कोहली से स्टेट्स (Status) बनाना हर किसी के बस की बात नहीं है। बाक़ी, कोहली के कैरियर में टीम के कंट्रीब्यूशन की इम्पोर्टेंस ऐसे लगा लीजिये, कि मुहम्मद युसफ़ जो पाकिस्तान (Pakistan) के वन ऑफ द ग्रेट्स (Greats) हैं, उनके कई शतक (Century) हार में आये हैं। ऐसे ही कुछ एग्ज़ाम्पल लारा, सचिन एयर यहां तक कि पोंटिंग के भी है। लेकिन, कोहली के शतक को हर बार जीत (Victory) की गारंटी (Guarantee) इसलिए माना गया कि उनके आंकड़े ऐसे हैं। वो शतक के बाद जीत कब्जे में कर ही लेते हैं। जैसे कल जडेजा के 5, सिराज और शमी (Shami) के 2 के अलावा कुलदीप के 1 ने इंडिया को साउथ (South) अफ्रीका जैसी तगड़ी टीम पर 243 रनो की भारी भरकम जीत दिलवाई। हालाँकि, कल का मैच (Match) शायद इस जीत से ज़्यादा कोहली ले 49वे शतक (Century)  के लिए याद किया जाए। अगर ऐसा होता भी है। तो, ये बस एक ट्रिब्यूट (Tribute) होगा, क्रिकेट और देश को अपनी आधी ज़िंदगी देने वाले प्लेयर्स (Players) के कंट्रीब्यूशन (Contribution) पर।

बाक़ी, अब कोहली और इंडिया से थोड़ा आगे आकर मैच को वर्ल्डकप (World cup) के लिहाज़ से देखें। तो नॉक (Nock) आउट्स (Out) में बस ऑस्ट्रेलिया Australia)  ही एक मुश्किल मुकाबला लग रही है। वरना कोई खान भी रास्ते मे आयेंगे तो बिल्कुल अफ़्रीका, लंका और इंग्लैंड की तरहः कुचल दिए जायेंगे। वैसे जो वर्ल्डकप बड़ा उदासीन जा रहा था। बीते कुछ दिनों में इंटरेस्टिंग ज़रूर हो गया है। उसपर ऐसी रिकॉर्ड ब्रेकिंग जीतें और भी माहौल रोमांचक बना रही है। बाक़ी, इस माहौल में चार चांद लगाने के लिए क्रिक माइंड हाज़िर होता ही रहता है। बस आपन लोग अपना प्यार हमे देते रहें और आज की इस इमोशन से भरी वीडियो को ज़्यादा से ज़्यादा ज़रूर शेयर करें।

धन्यवाद!

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