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क्यों कराई गयी इन खिलाड़ियों से जबरदस्ती विकेटकीपिंग

 खिलाड़ियों से जबरदस्ती विकेटकीपिंग
खिलाड़ियों से जबरदस्ती विकेटकीपिंग

विकेटकीपिंग, क्रिकेट फ़ील्ड की एक ऐसी ज़िम्मेदारी जिसपर मैच का रिज़ल्ट काफ़ी हद तक डिपेंड करता है। क्योंकि, विकेटकीपर अगर तेज़ और चालाक हो तो अपनी टीम को हारा हुआ मैच जितवा सकता है। इसके उलट विकेटकीपर के सुस्त होने पर हमने टीमों को जीता हुआ मैच भी हारते हुए देखा है। इसलिये, विकेटकीपर का अच्छा और फ़िट दोनों रहना बहुत ज़रूरी है। इसलिये, टीमो को विकेटकीपर की फ़िटनेस की काफ़ी चिंता रहती है। हालांकि, 2018 के बाद से आईसीसी ने अपने नियमो में बदलाव करते हुए मैच के दौरान विकेटकीपर के चोटिल होने पर फ़ील्डिंग टीम को सब्स्टीट्यूट के रूप में विकेटकीपर खिलाने की इजाज़त दे दी है। मगर, उससे पहले ऐसा नहीं था। जी दोस्तों! अपने बिल्कुल सही सुना। क्रिकेट के शुरू होने से लेकर साल 2018 तक इंटरनेशनल मैचों में सब्स्टीट्यूट प्लेयर सिर्फ़ एक फ़ील्डर ही हो सकता था। अब आप अंदाज़ा लगा लीजिये कि चलते मैच के दौरान विकेटकीपर के चोटिल होने पर टीमों को कितनी परेशानी होती होगी। यही वजह है कि पुराने क्रिकेट फ़ैन्स ने कुछ ऐसे खिलाड़ियों को भी विकेटकीपिंग करते हुए देखा है। जिनको विकेटकीपर के रूप में इमेजन करना भी अटपटा लगता है। हालांकि, ऐसे दुर्लभ नज़ारे बहुत कम देखने को मिले थे। लेकिन, जितनी बार भी एक अनएक्सपेक्टेड प्लेयर ने विकेटकीपिंग की थी। वो लम्हा बेहद ही यादगार और कमाल का था। इसलिये सोचा कि क्यों ना क्रिकेट इतिहास में घटे ऐसे ही टॉप-5 मौकों से अपने दर्शकों को भी रू-ब-रू करवाया जाए। जब टीम की ज़रूरत के लिए बड़े मशहूर खिलाड़ियों ने कीपिंग की। और! ख़ासकर जो खिलाड़ी हमारी आज की लिस्ट में नम्बर 1 पर है। रिसर्च के दौरान उन्हें विकेटकीपिंग करते हुए देख हम भी चौक गये थे। तो चलिये! दौड़ती दुनिया से नाता तोड़कर कुछ देर हमारे साथ जुड़ जाइये और एन्जॉय कीजिये ऐसे पाँच लम्हे जब ऐसे प्लेयर्स ने ग्लव्स पहने जिनकी किसी को उम्मीद नहीं थी।

phillip hughes wicket keeper
फिलिप ह्यूज

हमारे इस काउंट डाउन में नम्बर 5 पर हैं;
#5: फिलिप ह्यूज्स (ऑस्ट्रेलिया बनाम श्रीलंका 2012) :-
फिलिप जोएल ह्यूज्स, एक छोटे क़द का बायें हाथ से खेलने वाला आकर्षक मगर क्लासिकल खिलाड़ी। जिसने साल 2009 में साउथ अफ़्रीका के विरुद्ध डेब्यू सीरीज़ के एक टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाने का यादगार प्रदर्शन किया और ऑस्ट्रेलियाई फ़ैन्स के दिलों मे जगह बनाते हुए आने वाले सुनहरे भविष्य की आस जगा दी। मगर, क़ुदरत ने फिलिप ह्यूज्स के नसीब में सिर्फ़ 25 साल की ज़िंदगी ही लिखी थी। वो ज़िंदगी जिसका अंत 2014 के दिसम्बर महीने में ग्राउंड पर ही हुआ। ह्यूज्स की एकदम से हुई डैथ ने पूरे विश्व क्रिकेट को हिलाकर रख दिया था। आज भी फ़ैन्स को ग्राउंड पर गिरते ह्यूज्स की वो तस्वीरे याद हैं। लेकिन, ऐसे क्रिकेट लवर बहुत कम होंगे। जिन्हें हाथों में ग्लव्स पहने हुए ह्यूज्स याद हों। जी दोस्तों! अपने छोटे से कैरियर में फिलिप ह्यूज्स भी टीम को ज़रूरत पड़ने पर ग्लव्स संभाल चुके हैं। बात 2012 में श्रीलंका के विरुद्ध हुई टेस्ट सीरिज़ के होरबार्ट टेस्ट की है। तब चौथी पारी में 393 रनो के लक्ष्य के सामने श्रीलंका की ओर से समरवीरा क्रीज़ पर जम गये थे और सभी गेंदबाज़ों को आराम से खेल रहे थे। तभी कप्तान माइकल क्लार्क ने अपनी पेस बैटरी को दोबारा चार्ज होने के लिए वक़्त देते हुए विकेटकीपर मैथ्यू वेड को गेंद थमाई। मगर, सवाल ये था कि अगर वेड बौलिंग करेंगे तो विकेट के पीछे की ज़िम्मेदारी कौन लेगा। तब इस सवाल का जवाब बने फिलिप ह्यूज्स। जिन्होंने कुछ ओवरों तक इस ज़िम्मेदारी को अच्छे से निभाया और उन खिलाड़ियो का हिस्सा बन गए जिन्होंने आश्चर्यजनक रूप से दस्ताने संभाले।

#4: बिल एथे (इंग्लैंड बनाम न्यूज़ीलैंड, 1986) :-
दोस्तों! हो सकता है कि नये दर्शकों ने ये नाम और इस टेस्ट का ज़िक्र पहली बार सुना हो। लेकिन, टेस्ट क्रिकेट पसंद करने वाले दर्शक जानते हैं कि हम यहाँ उस इतिहासिक टेस्ट की बात कर रहे हैं। जिसमें इंग्लैंड के लिए एक या दो नहीं बल्कि चार प्लेयर्स ने विकेटकीपिंग की थी। बात है साल 1986 की जब न्यूज़ीलैंड के विरुद्ध एक टेस्ट में इंग्लैंड के रेगुलर विकेटकीपर ब्रूस फ्रेंच को चोट लगी थी और उन्हें ग्राउंड छोड़ना पड़ा था। ऐसे में लोअर ऑर्डर बल्लेबाज़ और इंग्लैंड के लिए कुल 23 टेस्ट मैचों के अलावा 31 वनडे खेलने वाले बिल एथे को विकेटकीपिंग की ज़िम्मेदारी दी गयी। यहाँ ख़ास बात ये है कि एथे ने इससे पहले कभी ग्लव्स नहीं पहने थे। इसलिये, एथे को दो ओवर्स के बाद कीपर की पोज़िशन से हटा लिया गया और बारी-बारी से बॉब टेलर एवं बॉबी पार्क्स को दो-दो ओवर के लिये ग्लव्स दिए गए। हालांकि, ब्रेक के बाद ब्रूस फ्रेंच फ़िट होकर कीपिंग के लिये वापस आ-गए थे। मगर, तब तक बिल एथे विकेकीपिंग करने वाले सबसे अजीबोगरीब प्लेयर्स में से एक बन चुके थे।

David Warner wicket keeper
डेविड वॉर्नर

इस लिस्ट का अगला चौकाने वाला नाम है;
#3 डेविड वॉर्नर (ऑस्ट्रेलिया बनाम पाकिस्तान, 2014) :-
जी हाँ! आपने सही सुना डेविड वॉर्नर। अपने बल्ले से बौलर्स की बक्खियाँ उधेड़ने वाले डेविड वॉर्नर भी बिना किसी कीपिंग एक्सपीरिएंस के इंटरनेशनल क्रिकेट में ग्लव्स संभाल चुके हैं। हालाँकि, डेविड वॉर्नर ने जब ग्लव्स संभाले तो वो टीम की ज़रूरत और उनकी मजबूरी दोनों थीं। दअरसल बात 2014 में ऑस्ट्रेलिया के यूएई दौरे की है। तब एक टेस्ट के दौरान हैडिन पाकिस्तानी लीजेंड यूनिस खान का कैच पकड़ते हुए अपने कंधे के बल ज़मीन पर गिरे। जिसके चलते उन्हें ग्राउंड छोड़ना पड़ा। हैडिन के ग्राउंड छोड़ने के बाद सबने विकेटकीपिंग के लिए एक-दूसरे की तरफ़ देखा और आख़िर में तय हुआ कि वॉर्नर को ग्लव्स दिए जायें। क्योंकि, वो अमूमन विकेट के काफ़ी पास यानी स्लिप में ही फ़ील्डिंग करते हैं और अच्छे फ़ील्डर तो वो हैं हीं। इस तरह टीम के कहने पर वॉर्नर लोअर के अंदर ही पैड पहने हुए विकेट कीपिंग के लिये तैयार हो गए। हालाँकि, कुछ देर बाद ही वॉर्नर को समझ आ-गया कि विकेटकीपिंग इतनी आसान नहीं है। जब उनसे नाथन ल्योन की घूमती हुई गेंद मिस हुई और सीधे चार रनो के लिए चली गई। मगर, वॉर्नर तब तक विकेटों के पीछे ही रहे। जब तक हैडिन वापस ग्राउंड पर नहीं आ गए। इस दौरान ही वॉर्नर ने 109 पर खेल रहे अज़हर का वो शानदार कैच भी पकड़ा जिसकी तारीफ़ मैच ख़त्म होने के बाद बहुत से क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने की। सीधे-सीधे कहें तो वॉर्नर ने आश्चर्यजनक विकेटकीपर होने के बावजूद विकेटों के पीछे अच्छा काम किया था।

Virat Kohli wicket keeper
विराट कोहली

इस लिस्ट में नम्बर 2 पर हैं सबके चहेते;
#2: विराट कोहली (भारत बनाम बांग्लादेश, 2015) :-
दोस्तों! आपने कोहली को बैटिंग करते हुए देखा है, बौलिंग पर विकेट लेते हुए भी देखा होगा। मगर, शायद ही आपने कोहली को कीपिंग करते हुए देखा हो और वो भी बिना पैड्स के। तो चलिए! हम आपको कोहली के कीपिंग करने की पूरी कहानी बताते हैं। बात दअरसल 2015 की है। बांग्लादेश के विरुद्ध एक वनडे मैच में पारी की आख़िर में धोनी ने पहले कोहली से कुछ बात की और उसके बाद एकदम से ग्लव्स कोहली के हवाले करके ग्राउंड से बाहर चले गए। धोनी के जाने के बाद कोहली ने विकेट के पीछे ग्लव्स भी संभाले और धोनी के अंदाज़ में फ़ील्डिंग भी सैट की। कोहली को विकेटकीपिंग करते हुए देखकर साफ़ पता चल रहा था कि वो इस ज़िम्मेदारी को कितना इंजॉय कर रहे हैं। हालाँकि, 6 गेंदों के बाद धोनी मैदान पर लौट आये और वापस ग्लव्स संभाले। मगर, तब तक विकेट कीपिंग करने वाले अनएक्सपेक्टेड प्लेयर्स की लिस्ट में कोहली एक बार फिर शामिल हो गए थे। जी! आपने सही सुना एक बार फिर। क्योंकि, कोहली इससे पहले 2013 में भी इंटरनेशनल लेवल पर विकेटकीपिंग कर चुके थे। तब न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट में धोनी ने बौलिंग की थी। तो, कोहली ने ग्लव्स संभाले थे। वैसे एक बात तो माननी पड़ेगी कि ये कोहली ही हैं जो बिना किसी कीपिंग के एक्सपीरियंस के विकेटकीपिंग करने को तैयार हो जाते हैं। वरना कीपिंग करने में जो ख़तरा है वो किसी से छुपा नहीं है।

और! अब चलते हैं इस लिस्ट के नम्बर 1 और सबसे ज़्यादा चौंकाने वाले अनएक्सपेक्टेड विकेटकीपर के नाम की तरफ़;
#1: प्रवीण कुमार (किंग्स इलेवन पंजाब बनाम मुम्बई इंडियंस, 2013):-
जी दोस्तों! हम बिल्कुल ऐसे ही सोच में पड़ गए थे। जैसे अभी आप सोच रहे हैं कि स्विंग के जादूगर प्रवीण कुमार विकेटकीपिंग कैसे कर सकते हैं। मगर, कल्पना जैसी लगने वाली ये घटना एकदम सच है और प्रवीण के कीपर बनने के पीछे की कहानी इससे भी ज़्यादा चौंकाने वाली है। बात दअरसल 2013 आईपीएल के उस मैच की है। जिसमें महान क्रिकेटर ऐडम गिलक्रिस्ट ने संन्यास लेने का ऐलान कर दिया था। वो मैच जब अपने आख़िरी लम्हों में पहुंचा और पंजाब की जीत तय लग रही थी। तब ग्राउंड गिलक्रिस्ट को ज़बरदस्त ढंग से चीयर कर रहा था। क्राउड का दिल रखने के लिए गिलक्रिस्ट ने बौलिंग करने का मन बनाया। क्योंकि, गीली के अलावा दूसरा कोई विकेटकीपर टीम में नहीं था। इसलिये, प्रवीण कुमार अनुभवी खिलाड़ी होने के नाते और कुछ नया करने के इरादे से पैड पहनकर विकेट के पीछे खड़े हुए। हालांकि, गिलक्रिस्ट ने अपनी पहली ही गेंद पर हरभजन का विकेट लेकर मैच ख़त्म कर दिया और पूरे क्रिकेट कैरियर में अपनी पहली जोकि आख़िरी गेंद भी थी उस (इकलौती गेंद) पर विकेट लेने का अद्भुत रिकॉर्ड बना दिया। इस तरह गिलक्रिस्ट के रिकॉर्ड और चाहत के बोनस के तौर पर फ़ैन्स को वो यादगार लम्हा मिला जब प्रवीण कुमार ने विकेटकीपिंग की थी।
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तो दोस्तों! ये थे वो टॉप-5 खिलाड़ी जिनके विकेटकीपर बनने की उम्मीद किसी को नहीं थी। मगर, जब उन्होंने ग्लव्स संभाले तो सबने वो लम्हा इंजॉय किया।

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