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Hit Innings By Flop Cricketers : एक मैच के हीरो

Hit Innings By Flop CricketersCricketers hit innings  –

“हम उम्र भर क्रिकेट भले ही नही खेलते हैं। मगर, ज़िंदगी का एक बड़ा हिस्सा क्रिकेट खेलते हुए ही गुज़रता है। वो हिस्सा जिसमें हम उम्मीद करते हैं कि कम से कम एक लम्हा ऐसा आये, जो मरते दम तक सबको याद रहे”। ये लफ़्ज़ हैं अक्सर कॉमेंट्री बॉक्स में मज़ाक करने वाले वीरेंद्र सहवाग के। सहवाग की ये बात पहली नज़र में भले ही एक क्रिकेटर के जज़्बात लगते हैं। लेकिन, ग़ौर देने पर मालूम होता है कि ये तो ज़िन्दगी का सच है। वो सच जिसे हर शख़्स एक ना एक बार ज़रूर जीना चाहता है। एक ना एक इतिहासिक लम्हे का हिस्सा बनना चाहता है। वो आइकोनिक लम्हें जिनकी क्रिकेट में तो भरमार है। मगर, उन 90% आइकोनिक मोमेंट्स वाले क्रिकेटर आज सुपरस्टार हैं। उनके चर्चे क्रिकेट रिकॉर्ड बुक से लेकर फ़ैन्स की यादों में मिलते हैं। फिर चाहे वो 1983 विश्व कप फ़ाइनल वाले कपिल देव हों, 1992 विश्व कप वाले वसीम अकरम हों या 2011 विश्व कप वाले महेंद्र सिंह धोनी। लेकिन, कुछ आइकॉनिक मोमेंट्स ऐसे भी हैं। जो हर क्रिकेट फ़ैन को याद तो हैं, पर उससे जुड़े ख़ास खिलाड़ी की ख़बर आज शायद ही किसी को हो। क्योंकि, वो खिलाड़ी अपने छोटे से फ्लॉप क्रिकेट कैरियर में एक ऐसे यादगार लम्हे का हिस्सा बन गए हैं। जिसे क्रिकेट फ़ैन्स चाह कर भी नहीं भुला सकते। इसलिये, नारद टी.वी. लेकर आया है एक ऐसी ख़ास पेशकश, जिसमें हम क्रिकेट इतिहास के टॉप-5 आइकॉनिक मोमेंट्स का हिस्सा रहे उन खिलाड़ियों की बात करेंगे। जो हमारी यादों के किसी कोने में धुँधली हो रही तस्वीरों में गुमनाम पड़े हैं। तो चलिये! वक़्त की नब्ज़ (रग, दौड़ती नस) पर हाथ रखकर कुछ देर के लिए हमारे साथ जुड़ जाइये और दोबारा उन यादगार लम्हों को एक्सपीरियंस कीजिये जिनके एक अहम खिलाड़ी को फ्लॉप क्रिकेटर मानकर आप भुला चुके हैं।

हमारे इस काउंटडाउन में नम्बर पाँच पर हैं ;

John Mooney
John Mooney

#5: जॉन मूनी (आयरलैंड बनाम इंग्लैंड, 2011 वर्ल्ड कप) :-
दोस्तों! हर भारतीय फ़ैन के लिए 2011 वर्ल्ड कप एक सपने के पूरे होने जैसा था। आज भी उस विश्व कप से जुड़े लगभग हर मैच की कहानी भारतीय क्रिकेट फ़ैन्स को याद है। इस दौरान ही एक ऐसा मैच भी हुआ था। जिसमें भारतीय टीम किसी तरह से शामिल नहीं थी। लेकिन, हर क्रिकेट फ़ैन के ज़हन में वो मैच आज भी शीशे की तरह साफ़ है। वो मैच जिसमें आयरलैंड ने इंग्लैंड के ऊपर 3 विकेटों की ऐतिहासिक जीत हासिल की थी और विश्व क्रिकेट को कभी ना भूलने वाले यादगार पल दिये थे। वो मैच जिसमें केविन ओ ब्रायन के शतक को आज भी वनडे में खेली गई बेस्ट पारियों में कॉउंट किया जाता है। लेकिन, उस मैच के ख़त्म होने वाले आइकोनिक मोमेंट पर जिस खिलाड़ी ने बेहद ज़रूरी चौक्का लगाया था। वो शायद ही आज किसी को याद हों। दोस्तों! अगर वो यादगार लम्हा देने वाले क्रिकेटर का नाम आप भी भूल गये हैं। तो चलिए हम उस प्लेयर का नाम आपको बताते हैं। उस मैच के आख़िरी ओवर में तनाव भरे माहौल में कॉन्फ़िडेंस के साथ जेम्स एंडरसन की हाफ वॉली को मिड विकेट की तरफ़ चौक्के के लिए भेजने वाले खिलाड़ी का नाम है, जॉन मूनी। आज से क़रीब चालीस साल पहले 1982 में डबलिन में जन्में जॉन मूनी 64 वनडे और 27 टी-ट्वेंटी मैचों में आयरलैंड टीम का अहम हिस्सा रह चुके हैं। मगर, 11 साल लम्बा इंटरनेशनल कैरियर होने के बावजूद गुमनाम जॉन मूनी के कैरियर का सबसे यादगार लम्हा वो ही है जब उन्होंने 2011 विश्व कप में इंग्लैंड के विरुद्ध आयरलैंड को इतिहासिक जीत दिलाई थी।

Top 5 Indian Cricketers Who Not Played International Cricket

इस लिस्ट में अगला नाम है ;

Eric Hollies
Eric Hollies

#4: एरिक होलीज़ (इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया, 1948) :-
दोस्तों! आज क्रिकेट को चाहने वाला हर शख्स जनता है कि महान ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन का क्रिकेट इतिहास में क्या महत्व हैं। ब्रैडमैन को आज भी क्रिकेट इतिहास में हुए बेस्ट प्लेयर के तौर पर याद किया जाता है। क्योंकि, ब्रैडमैन ने ऐसे कई हज़ार रन बनाए थे जिन्होंने रिकॉर्ड लिस्ट में ब्रैडमैन का स्थान सबसे ऊपर कर दिया था। मगर, इतने करिश्माई रिकॉर्ड होने के बावजूद ब्रैडमैन को एक ऐसे बैटर के तौर पर याद किया जाता है। जो अपनी टेस्ट एवरेज को 100 के जादुई आँकड़े की शक्ल देने से बस 4 रन से चूक गए थे। वो चार रन जो ब्रैडमैन को अपनी आख़िरी पारी में बनाने थे। वो पारी जिसकी शुरुआत करने जब ब्रैडमैन आये तो क्राउड ने खड़े होकर ग्राउंड तालियों की गूँज से भर दिया था।सबको लग रहा था कि ब्रैडमैन आसानी से चौक्का लगाकर 100 की औसत के जादुई आँकड़ें को जल्दी हासिल कर लेंगे। मगर, 36 साल के गुमनाम इंग्लिश लैग स्पिनर एरिक होलीज़ को कुछ और ही मंज़ूर था। उन्होंने ब्रैडमैन को फ्लाइटेड बॉल से चकमा देते हुए बोल्ड कर दिया और इतिहास को वो आइकॉनिक लम्हा दिया। जिस वक्त ऑस्ट्रेलियाई फ़ैन्स समेत इंग्लिश प्लेयर्स भी अफ़सोस में थे। क्योंकि, 100 की औसत हासिल करना आज तक किसी चमत्कार से कम नहीं है। मगर, होलीज़ ने अकेले दमपर ये चमत्कार नहीं होने दिया और अपने टेस्ट कैरियर में 13 मैच खेलकर सिर्फ़ 44 विकेट लेने वाले इस गुमनाम खिलाड़ी ने विश्व क्रिकेट को वो यादगार मोमेंट दिया। जब सिर्फ़ 4 रन नहीं बनाने के अफ़सोस से बिखरे हुए विकेटों को देखते हुए निराश ब्रैडमैन की आइकोनिक तस्वीर क़ैद हो गयी थी। वो तस्वीर जो आज सबको याद है, वो तस्वीर जिसमें दिख रहे ब्रैडमैन सबको याद हैं। मगर, ब्रैडमैन को बोल्ड करने वाले एरिक होलीज़ बहुत कम लोगों को याद हैं। क्योंकि, इसके बाद होलीज़ सिर्फ़ 2 साल क्रिकेट खेलकर फ्लॉप कैरियर के बाद रिटायर हो गये और दुनिया की भीड़ में कहीं गुम हो गये।

आइकॉनिक मोमेंट देने वाले गुमनाम प्लेयर्स की लिस्ट में तीसरे नम्बर पर हैं ;

Nuwan Kulasekara
नुवान कुलशेखरा

#3 : नुवान कुलासेखरा (श्रीलंका बनाम भारत, 2011 वर्ल्ड कप फाइनल) :-
“एम.एस. धोनी फिनिशेज़ ऑफ इन स्टाइल” (कॉमेंट्री) रवि शास्त्री की आवाज़ में कही गयी ये बात आज भी अगर फ़ाइनल में लगाये गए धोनी के वीडियो के साथ कानो में पड़ती है। तो, शरीर मे एक अलग-सी सिहरन पैदा होती है और दिल फिर से गर्व महसूस करता है। क्योंकि, वो लम्हा था ही इतना शानदार कि उससे जुड़ी हर एक बात आज भी सबको याद है। धोनी के जश्न मनाने से लेकर संगकारा के मुस्कुराने तक कि तस्वीरें फ़ैन्स के दिमाग़ में आज भी ताज़ा हैं। मगर, इस मोमेंट से जुड़े जिस एक खिलाड़ी को आज काफ़ी लोग भूल गये हैं, उस प्लेयर का नाम हैं नुवान कुलासेखरा। श्रीलंका के लिए क़रीब 263 मैच खेलने वाले नुवान कुलसेखरा ने यूँ तो लंका के लिए कई यादगार प्रदर्शन किए हैं। यहाँ तक कि सिर्फ़ बॉल ही नहीं, कुलासेखरा ने मौका पड़ने पर बैट से भी कमाल दिखाया है। मगर, विश्व क्रिकेट कभी उन्हें जिस एक आइकोनिक लम्हे के लिए याद करता है। वो 2011 विश्व कप फाइनल का वो पल है जब धोनी ने कुलासेखरा की गुड लेंथ गेंद को छक्के के लिए मिड विकेट के ऊपर से क्राउड में कोसों दूर फेंक दिया था। आज हर बार 2011 वर्ल्ड कप जीत के उस लम्हे को याद करते वक़्त फ़ैन्स गुमनाम कुलासेखरा को भी अक्सर याद करते हैं। जिन्होंने, आपने इंटरनेशनल कैरियर में एक ऐसा आइकोनिक लम्हा जिया। जो शायद ही कोई गेंदबाज़ एक्सपीरियंस करना चाहेगा।

इस लिस्ट में दूसरे नम्बर वाला खिलाड़ी भारत से ही है और उस क्रिकेटर का नाम है;

जोगिंदर शर्मा
जोगिंदर शर्मा

#2: जोगिंदर शर्मा (भारत बनाम पाकिस्तान, 2007 टी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप फ़ाइनल) :-
जी दोस्तों! आपने सही सुना। हमारी आइकॉनिक मोमेंट देने वाले फ़्लॉप प्लेयर्स की इस लिस्ट में उस शख़्स का भी नाम है, जो भारतीय क्रिकेट को दूसरा जन्म देने वाले लम्हे का अहम हिस्सा था। क्योंकि, 2007 वनडे विश्व कप के पहले राउंड में भारत के बाहर होने के बाद से क्रिकेट का स्तर हमारे देश मे गिरने लगा था। ऐसे में जब 2007 टी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप फ़ाइनल में धोनी ने 13 रन बचाने के लिए जोगिंदर शर्मा को ओवर दिया। तो, उस वक़्त एक ग़लती जोगिंदर शर्मा को कई दशकों तक भारत और भारतीय क्रिकेट के लिए विलन बना देती। लेकिन, ये जोगिंदर शर्मा की किस्मत और हर फ़ैन की दुआ ही थी। जिसने पहली दो गेंदो में 7 रन बना चुके मिस्बाह-उल-हक़ को स्कूप शॉट पर श्रीसंथ के हाथों कैच आउट कराकर भारतीय क्रिकेट फ़ैन्स को 1983 और नेटवेस्ट फ़ाइनल जीत के बाद तीसरा आइकोनिक लम्हा दिया। मगर, ये अजीब व्यथा रही कि इतने बड़े लम्हे का हिस्सा होने के बाद भी जोगिंदर शर्मा आगे कभी इंटरनेशनल क्रिकेट नही खेल पाये। शर्मा के साथ ऐसा होने की वजह क्या रही ? हम कुछ कह नहीं सकते। लेकिन, इतना ज़रूर है कि सिर्फ़ 8 इंटरनेशनल मैच खेलने वाले जोगिंदर शर्मा एक फ्लॉप कैरियर होने के बावजूद, आज भी हर भारतीय फ़ैन्स की आँखों मे 15 साल पहले की तरह बसे हुए हैं।

अपने छोटे से क्रिकेट कैरियर में आइकोनिक मोमेंट का हिस्सा बनने वाले फ़्लॉप खिलाड़ियो की लिस्ट में सबसे पहले नम्बर पर हैं ;

Carlos Brathwaite
कार्लोस ब्रेथवेट

#1: कार्लोस ब्रेथवेट (वेस्टइंडीज बनाम इंग्लैंड, 2016 टी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप फ़ाइनल) :
दोस्तों! 2016 टी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप फ़ाइनल के आख़िरी ओवर में वेस्टइंडीज को जीत के लिए जब 19 रन चाहिए थे और बेन स्टोक्स जैसे गेंदबाज़ के सामने स्ट्राइक पर नए-नवेले कार्लोस ब्रेथवेट थे। तो 90% क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने वेस्टइंडीज की हार तय मान ली थी। लेकिन, तभी युवा कार्लोस ब्रेथवेट ने रौद्र रूप धारण किया और बेरहमी से बेन स्टोक्स की धुलाई करते हुए अगली 4 गेंदो पर 4 छक्के लगाकर विश्व क्रिकेट को एक ऐसा आइकोनिक मोमेंट दिया जिसके रिपीट होने के आसार लगभग ना के बराबर हैं। इस लम्हे के बाद ब्रेथवेट रातों रात स्टार बने गये और वेस्टइंडीज की इंटरनेशनल टीम से लेकर लीग क्रिकेट तक, उन्हें हर जगह प्रमोट किया गया। लेकिन, उस मैच के बाद इक्का-दुक्का अच्छी पारियों को अगर छोड़ दें, तो ब्रेथवेट ने क्रिकेट फ़ैन्स को सिर्फ़ निराश किया और धीरे-धीरे वो भी दुनिया की चमक दमक में कही गुमनाम हो गए। मगर, क्रिकेट इतिहास उन्हें चार गेंदो पर चार छक्के लगाने वाले उस आइकॉनिक मोमेंट के लिए हमेशा याद करता रहेगा।

तो दोस्तों! ये थे वो ख़ास पाँच खिलाड़ी। जो अपने फ़्लॉप कैरियर के बावजूद सदियों तक याद रहने वाले आइकॉनिक मोमेंट्स का हिस्सा बन गए। यादों से भरी इस ख़ास पेशकश में इतना ही।

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