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मनोज बाजपाई: एक्टर नहीं एक्टिंग स्कूल।

बीते दिनों बॉलीवुड को लेकर सबसे बड़ी चर्चा का विषय रहा बॉलीवुड में चल रहा भाई-भतीजावाद यानि नेपोटिज्म। हालांकि यह कोई आज के दौर की ही बात नहीं है बल्कि इसकी शुरुआत तब से हो गयी थी जबसे फिल्में बनना शुरू हुई थीं। न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि साउथ और विदेशी फ़िल्म इंडस्ट्रीज़ भी कभी इससे अछुती नहीं रहीं हैं। लेकिन देखा जाये तो नेपोटिज्म के बावज़ूद बॉलीवुड में हर दौर में नये-नये टैलेंट्स का आगमन होता ही रहा है।

धर्मेन्द्र, अमिताभ बच्चन, मिथुन चक्रवर्ती व शाहरुख़ ख़ान जैसे सैकड़ो ऐसे नाम हैं जिन्होंने बॉलीवुड में न सिर्फ़ अपनी जगह बनायी बल्कि आज भी ऐसे ढेरों ऐक्टर्स मेन रोल्स से लेकर सपोर्टिंग व कैरेक्टर रोल्स में छाये हुए हैं। इन्हीं नामों से एक नाम है मनोज बाजपेयी  का जो अपनी नेचुरल ऐक्टिंग से हर किरदार को यादगार बना देते हैं।

एक छोटे से गाँव से निकलकर अपनी काबिलियत के दम पर थियेटर, टीवी और बॉलीवुड में सबका दिल जीतने वाले मनोज बाजपेयी की गिनती आज बॉलीवुड के उन ऐक्टर्स में की जाती है जो नयी जेनरेशन के लिये महज एक ऐक्टर नहीं बल्कि अपने आप में एक ऐक्टिंग स्कूल की तरह हैं।

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मनोज बाजपेयी अपने माता पिता के साथ

 

मनोज बाजपेयी का जन्म-

23 अप्रैल 1969 को बिहार के पश्चिम चंपारण के एक छोटे से गांव बेलवा बहुअरी में जन्मे मनोज बाजपेयी के पिताजी का नाम राधाकांत बाजपेयी है, जो कि पेशे एक किसान थे और माता जी एक गृहणी हैं। कम लोगों को पता है कि मनोज के परिवार की जड़े उत्तर प्रदेश से भी जुड़ी हुई हैं।

दरअसल उनके पूर्वज उत्तर प्रदेश के रायबरेली के रहने वाले थे और अंग्रेजी राज के एक दमनकारी किसान नीति की वज़ह से निर्वासित होकर बिहार के चंपारण में जाकर बस गये थे।

मनोज के माता-पिता को मशहूर ऐक्टर मनोज कुमार जी बहुत पसंद थे, इसलिए उन्होंने मनोज के पैदा होने पर उनका नाम भी यही रख दिया।

पत्रकार पीयूष पांडे द्वारा लिखित व पेंगविन इंडियाद्वारा प्रकाशित बॉयोग्राफी ‘मनोज बाजपेयी, कुछ पाने की जिद’ के मुताबिक, मनोज बाजपेयी के पिता भी अपने ज़माने में एक्टर बनना चाहते थे और उन्होंने भी पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिले के लिए आवेदन दिया था लेकिन सफलता न मिलने पर किसानी में ही व्यस्त हो गये। मनोज कुल 6 भाई- बहन हैं जिनमें उनके अलावा 2 भाई व 3 बहने हैं।

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मनोज बाजपेयी

मनोज बाजपेयी की थिएटर में रूचि-

शुरुआती शिक्षा अपने गाँव के नज़दीक बेतिया शहर के क्रिस्ट राजा हाई स्कूल से करने के बाद 17 साल की उम्र में मनोज दिल्ली चले गए जहाँ उन्होंने सत्यवती कॉलेज व रामजस कॉलेज से अपनी आगे की पढ़ाई पूरी की।

कॉलेज के दिनों में मनोज का झुकाव नाटकों में ऐक्टिंग करने की तरफ हो गया था इसलिये उन्होंने इसे विधिवत सीखने के लिये एनएसडी में दाखिला लेने का मन बना लिया, लेकिन अफ़सोस कि तीन बार अप्लाई करने के बाद भी हर बार वे रिजेक्ट कर दिये गये।

एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि तब उनके मन में कई बार आत्महत्या तक करने का ख़्याल आया करता था, लेकिन बाद में उन्होंने दोस्तों की सलाह पर दिल्ली के मशहूर रंगकर्मी बैरी जॉन से ऐक्टिंग के गुर सीखना शुरू कर दिया।

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पूनम बाजपेयी-

दोस्तों जिस दौरान मनोज दिल्ली में थियेटर के लिए लगातार स्ट्रगल कर रहे थे, उस दौरान उनकी छोटी बहन पूनम भी उनके साथ ही रहा करतीं थीं जो तब वहाँ फ़ैशन डिजाईनिंग का कोर्स कर रहीं थीं।

पत्रिका प्लस को दिये एक इंटरव्यू में पूनम ने मनोज बाजपेयी के स्ट्रगल से जुड़ी बड़ी ही ख़ास बात बताई थी, जो मनोज बाजपेयी के सपोर्टिंग व केयरिंग नेचर को तो दर्शाता ही है साथ ही उनकी मेहनत को भी बयां करता है।

पूनम ने बताया था कि बिहार के चंपारन जिले के बाहर तब किसी भी लड़की ने पढ़ाई के लिए कदम नहीं रखा था, लेकिन इस सीमा रेखा को पार करके दिल्ली में फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई करने वाली मैं पहली लड़की थी और यह सब सिर्फ बड़े भाई मनोज वाजपेयी के कारण ही संभव हो पाया था।उस ख़ास बातचीत में पूनम ने स्ट्रगल के दिनों को याद करते हुए बताया था कि जब वे और मनोज सुबह घर से निकलते थे, तो मनोज उनके हाथ में दो रुपए का सिक्का देकर बस में बिठा देते और ख़ुद पैदल ही अपने थिएटर ग्रुप के लिये निकल लिया करते।

पूनम ने बताया कि, “भाई के ऐसे स्ट्रगल को देखकर मैं हमेशा रात को रोया करती थी और ईश्वर से प्रार्थना करती थी कि भाई को उनकी मंज़िल ज़ल्द मिल जाए।” पूनम ने यह भी बताया कि मनोज ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली में स्ट्रगल करने के दौरान घर से एक भी पैसा नहीं लिया।कम लोगों को ही पता होगा कि मनोज बाजपेयी कि छोटी बहन पूनम दूबे बतौर फैशन डिजाइनर लगभग 25 सालों से फैशन इंडस्ट्री में काम कर रही हैं।

साथ ही उनका दिल्ली में गोल्डन फीदर्सनाम का एक बूटीक भी है और उनकी डिजाइन की हुईं ड्रेसेस की इंडिया के अलावा फॉरेन के स्टोर्स में भी काफी डिमांड है।

बहरहाल बैरी जॉन के ग्रुप से जुड़ने के बाद मनोज ने उनके साथ काफी काम किया। मनोज से प्रभावित होकर बैरी जॉन ने जल्द ही मनोज को अपने ग्रुप में ऐक्टिंग टीचर नियुक्त कर दिया। जिस दौरान मनोज बैरी जॉन के ग्रुप में जुड़े थे उस दौरान शाहरुख़ ख़ान भी वहाँ उनके साथ नाटकों में ऐक्टिंग किया करते थे।

दोस्तों मज़े की बात कि बतौर ऐक्टिंग टीचर काम करने के दौरान ही मनोज ने एक बार फिर से ‘नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा’ में ऐडमिशन के लिये अप्लाई किया, हालांकि इस बार उन्हें वहाँ रिजेक्ट तो नहीं किया गया लेकिन उनकी ऐक्टिंग स्किल्स और थियेटर की नॉलेज को देखते हुये उन्हें वहाँ बतौर ऐक्टिंग टीचर जुड़ने के लिये ऑफर दिया गया।

इसी दौरान शेखर कपूर अपनी फ़िल्म बैंडिट क्वीन के लिये ऐक्टर्स की तलाश कर रहे थे जिसके लिये मनोज बाजपेयी उन्हें भा गये। उन्होंने मनोज से कहा कि “थियेटर काफी हो गया, कल को शादी करोगे तो बच्चों को खिलाने के लिए पैसे चाहिए होंगे। इसलिए मुंबई चले जाओ।” मनोज बाजपेयी ने बताया कि शेखर कपूर की बात सुनकर वो डर गए और मुंबई आ गए और काम की तलाश शुरू कर दी।

मनोज ने एक इंटरव्यू में बताया था कि ‘90 का जो दौर चल रहा था, उसमें हम खुद को फिट नहीं पा रहे थे। हमें लग ही नहीं रहा था कि हमारे लिए यहां कोई जगह है या कभी बनेगी भी।

DrohKaal Manoj Bajpayee
फिल्म: द्रोहकाल

फिल्म: द्रोहकाल

ख़ैर किसी तरह मनोज को गोविन्द निल्हानी की फिल्म द्रोहकाल में काम मिला जो वर्ष 1994 में रिलीज़ हुई थी हालांकि इस फिल्म में वे मात्र एक मिनट के लिए ही नज़र आये थे।

इधर शेखर कपूर ने मनोज को अपनी फिल्म बैंडिट क्वीन में डाकू मान सिंह की भूमिका के लिये फाइनल कर लिया। यह फ़िल्म भी उसी साल रिलीज़ हुई थी और इस फ़िल्म में मनोज की ऐक्टिंग की ख़ूब तारीफ़ हुई।

साल 1994 में ही मनोज ने एक टीवी सीरियल कलाकारमें भी काम किया लेकिन इन कामों से उनकी कोई पहचान नहीं बन सकी थी।

इसी बीच उनकी मुलाक़ात डायरेक्टर महेश भट्ट से हुई और उन्होंने मनोज को अपने सुपरहिट सीरियल स्वाभिमान में एक मौक़ा दिया जो साल 1995 में दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ था।

मनोज को इस सीरियल से टीवी पर काफी प्रसिद्धी मिली, साथ ही महेश भट्ट ने अपनी आगामी फ़िल्म तमन्ना में भी उन्हें एक ख़ास भूमिका दी। हालांकि मनोज बताते हैं कि उनके लुक को देखकर अन्य डायरेक्टर्स की तरह महेश भट्ट ने भी उनकी तरफ़ देखकर कहा था कि “यार तुम्हारा क्या करूंगा मैं?” तब मनोज को भी यही लगा था कि ये सच में उनके जैसे ऐक्टर का वे क्या करेंगे जो न तो किसी हीरो जैसे हैंडसम दिखता है और न ही उसे डांस करना ही आता है।

ख़ैर इसके बाद मनोज फ़िल्म दस्तक में भी नज़र आये लेकिन इससे भी उन्हें कोई फ़ायदा नहीं मिला। मनोज को उस वक़्त जो भी रोल मिल रहे थे उससे उनके भीतर के ऐक्टर को संतुष्टि नहीं मिल रही थी ऐसे में एक बार उनके मन में ये भी आया कि सब छोड़ छाड़ कर घर लौटने में ही भलाई है, लेकिन तब उन्हें महेश भट्ट ने समझा बुझाकर रोक लिया।

मनोज ने इसी दौरान डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा की फिल्म दौड़ में एक सपोर्ट‍िंग रोल के लिए भी ऑड‍िशन दिया जिसके लिये इरफान खान और विनीत कुमार जैसे ऐक्टर भी लाइन में लगे हुए थे। पता चला कि यह रोल परेश रावल के राइड-हैंड मैन का था जिसके लिये 35 हजार रुपये भी मिलने थे।

Bandit Queen NaaradTV
फ़िल्म: बैंड‍िट क्वीन

फ़िल्म: बैंड‍िट क्वीन

दोस्तों जब मनोज ने रामगोपाल वर्मा को बताया कि कि उन्होंने फ़िल्म बैंड‍िट क्वीन में डाकू मान सिंह की भूमिका निभाई थी तब राम गोपाल वर्मा को विश्वास ही नहीं हुआ क्योंकि मनोज तब क्लीन शेव में काफी यंग और गुड लुक‍िंग दिख रहे थे।

मनोज ने बताया कि “सर मैंने उस रोल के लिए दाढ़ी बढ़ाई थी ताकि अपनी उम्र को बड़ा दिख सकूँ।” मज़े की बात कि उन्होंने मनोज से फिर पूछा कि- तुम सच बोल रहे हो ना कि तुम ही मान सिंह थे? राम गोपाल वर्मा को शायद कई दिनों से मनोज की ही तलाश थी उन्होंने मनोज से कहा कि “दौड़ छोड़ो, ये तुम्हारे लिए नहीं है।

मैं तुम्हारे साथ अगली फिल्म बनाउंगा और इससे भी बढ़िया रोल दूँगा।” लेकिन मनोज को तब अपनी पेमेंट ज़्यादा इंपोर्टेंट लग रही थी इसलिए उन्होंने कहा कि “नहीं सर,मैं यही करूंगा, मुझे इस 35 हजार की ज़रूरत है।” इसके बाद मनोज को दौड़में तो काम मिला ही, रामगोपाल वर्मा की अगली बड़ी फ़िल्म सत्यामें भी दमदार रोल मिल गया।

Film Satya NaaradTV
Fim Satya

फिल्म: सत्या

दोस्तों बॉलीवुड में मनोज को असल पहचान भी फिल्म सत्या में उनके द्वारा निभाये गैंगस्टर भीखू म्हात्रे की भूमिका से ही मिली थी। इस भूमिका से मनोज न सिर्फ़ बॉलीवुड में मशहूर हुए बल्कि इस भूमिका के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया। इस फ़िल्म के बाद मनोज बाजपेयी ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

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Film: Road

फिल्म: रोड

साल 2002 में आयी फिल्म ‘रोड’ में उन्होंने एक निगेटिव रोल निभाया था जिसके लिये मनोज को ‘बेस्ट एक्टर इन नेगेटिव रोल’ के अवार्ड से सम्मानित भी किया गया था। हालांकि इससे पहले भी मनोज साल 2001 में आयी फिल्म ‘अक्स’ में एक नकारात्मक किरदार निभा चुके थे जिसके लिये उन्हें काफी सराहना मिली थी।

मनोज द्वारा अभिनीत फ़िल्मों में  शूल, घात, दिल पे मत ले यार, अक्स, फ़िज़ा, ज़ुबैदा, पिंजर, गैंग्स ऑफ वासेपुर, शूटआउट एट वडाला, एलओसी कारगिल, वीर-ज़ारा, राजनीति, आरक्षण, सत्याग्रह और अलीगढ़  जैसी तमाम बेहतरीन फ़िल्मों के नाम शामिल हैं जिनमें अपनी शानदार ऐक्टिंग से मनोज हर बार सरप्राइज़ करते नज़र आये। हिंदी फ़िल्मों के साथ-साथ मनोज साउथ की फिल्मों मे भी सक्रिय हैं।

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Film: Happy

डेब्यू तेलुगु फिल्म: हैप्पी

साल 2006 में मनोज ने अपना डेब्यू तेलुगु फिल्म ‘हैप्पी’ से करने के बाद कई तमिल फ़िल्मों में भी काम कर चुके हैं। इसके अलावा मनोज कई ऐड फ़िल्मों में भी नज़र आ चुके हैं।

मनोज बाजपेयी ने कई यादगार और बेहतरीन शॉर्ट फ़िल्मों में भी काम किया है, जिनमें कीर्ति, आउच और तांडव जैसी शॉर्ट फ़िल्में प्रमुख हैं। इसके अलावा मनोज बाजपेयी रवीना टंडन के साथ शॉर्ट फ़िल्म ‘जय हिन्द’ में भी अपनी ऐक्टिंग का जादू दिखा चुके हैं।

साल 2019 में मनोज ऐमज़ॉन प्राइम के सुपरहिट वेब सीरीज ‘द फॅमिली मैन’ में ऐक्टिंग करते हुए भी दिखाई दिये। इस सफल सीरीज़ में मनोज ने ‘श्रीकांत’ नाम का किरदार निभाया था। साल 2018 में मनोज बाजपेयी ने बतौर निर्माता फिल्म ‘मिसिंग’ बनायी थी, जिसमें ऐक्ट्रेस तब्बू के साथ वे ख़ुद मुख्य भूमिका में नज़र आये थे। 

Manoj BajPae Awards NaaradTV
मनोज बाजपेयी

मनोज बाजपेयी अवार्ड-

अवाॅर्ड्स की बात करें तो मनोज अपने एक्टिंग करियर में अब तक दो नेशनल फिल्म अवार्ड और चार फिल्म फेयर अवार्ड जीत चुके हैं। उन्हें पिंजर और सत्या जैसी फिल्मों के लिए नेशनल फिल्म अवाॅर्ड मिला था, साथ ही साल 2019 में उन्हें पद्म श्री अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।

Manoj Bajpae Wife
मनोज बाजपेयी

मनोज बाजपेयी का ब्यक्तिगत जीवन-

बात करें मनोज बाजपेयी के निजी जीवन की तो उनकी दो बार शादी हो चुकी है। पहली शादी उन्होंने दिल्ली में स्ट्रगल के दौरान की थी जो जल्दी ही टूट गयी। बताया जाता है कि मनोज और उनकी पहली पत्नी 2 महीने में ही अलग हो गए थे। बाद में फ़िल्मों में सफल होने के बाद मनोज ने ऐक्ट्रेस नेहा से विवाह कर लिया।

हम आपको याद दिला दें कि नेहा वही ऐक्ट्रेस हैं जिन्होंने साल 1998 में फिल्म ‘करीब’ से बॉलीवुड में में एंट्री की थी। ऐक्ट्रेस नेहा का असली नाम शबाना रज़ा है जिसे फिल्म ‘करीब’ के डायरेक्टर विधू विनोद चोपड़ा ने बदलकर नेहा कर दिया।

मनोज और नेहा की दोस्ती साल 1998 में हुई थी, उसके बाद कई सालों तक एक दूसरे को डेट करने के बाद दोनों ने अप्रैल 2006 में शादी कर ली। दोनों की एक बेटी हैं जिनका नाम हैअव नायला मनोज के छोटे भाई सुजीत कुमार बाजपेयी बतौर जॉइंट सेक्रेटरीमिनिस्ट्री ऑफ एनवॉयरमेंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमैट चेंजमें कार्यरत हैं। 

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